सहेली के पापा का लंड और मेरी प्यासी चुत

(Saheli Ke Papa Ka Lund Aur Meri Pyasi Chut)

सपना जैन 2020-03-16 Comments

हवस जब सर पर हो, तो कैसा भी लंड हो . … लड़की की चूत मचल उठती है. ये महावाक्य जिस हरामी ने भी कहा था, सच ही कहा था. मेरी चुत भी लंड लंड कर रही थी और इस चक्कर में मेरी चुत का किस तरह से भोसड़ा बन गया, अपनी इस सेक्स कहानी में मैं आपको यही सुना रही हूँ.

दोस्तो, काफी दिनों बाद मैं फिर से एक नई सेक्स कहानी लेकर हाज़िर हूँ.

मैं जानती हूं कि काफी दिन से मेरी कोई सेक्स कहानी नहीं आई है जिस वजह से आप सभी के लंड तने हुए हैं.
मेरी पिछली सेक्स की कहानी थी विदेशी लंड से लहंगा उठाकर चुदी
पर क्या करूं यार … मैं अभी तक किसी नए लंड को नहीं ढूंढ पायी थी. फिर काफी प्रशंसकों की रिक्वेस्ट पर मैं अपनी ये पुरानी चुदाई की कहानी पोस्ट कर रही हूँ.

यह बात मेरी शादी से पहले की है. उस समय मुझमें नई नई जवानी भर रही थी और मेरी कामुकता अपने चरम सीमा पर थी. मैं और मेरी सहेलियां रोज़ पोर्न देखतीं और अपनी चुदाई के किस्से कहानी आपस में शेयर करतीं. इस तरह से काफी सहेलियों की चुदाई की बातें सुन कर मैं बहुत गरम हो जाती, पर मेरी चुत की प्यास बुझाने वाला कोई लंड नहीं था.

मेरी जवानी की प्यास इतनी बढ़ गयी थी कि मैं बस चुदना चाहती थी, किसी का भी लंड मुझे चुदने के लिए माफिक लगने लगा था.

इसी के चलते एक दिन मेरी नजर मेरी स्कूल के चपरासी पर भी रुक गयी. वो 60 साल का था और पतला सा दिखता था. हम सब स्कूल की लड़कियां उस चपड़ासी से खूब बातें कर लेती हैं तो वो सबसे बहुत खुला हुआ था.

छुट्टी होने पर मैं उससे मिली और उसे बताया कि मुझे आपके साथ आपके घर चलना है.
उसने पूछा- क्यों?
मैंने कहा- कुछ बात करनी है.
उसने कहा- तो यहीं कर लो.
मैंने कहा- आप चलो तो … कुछ प्राइवेट बात है.

वो मुझे लेकर अपने घर चला गया. वो घर में अकेला ही था. मैंने बिना रुके उसे बिठाया और उसकी पैंट खोल कर उसका लंड बाहर निकाल दिया. उसका लंड बहुत छोटा सा पड़ा हुआ था.

उसने मेरी चुदास समझ ली और वो मेरे साथ सेक्स करने के लिए राजी हो गया. भला कौन चूतिया एक जवान लौंडिया को चोदने से मना कर सकता था.

मैंने उसके मुर्दा से पड़े लंड को देख कर उसकी तरफ देखा.
तो वो बोला- काफी टाइम से कुछ हलचल हुई नहीं है इसीलिए ये मुरझा गया है … पर तुम सहलाओ और चूसो तो ये अभी खड़ा हो जाएगा.

उसकी बात से मुझे भी हिम्मत बंधी कि इसका लंड अभी काम करता है. उस वक्त चूंकि मेरे सर पर तो हवस सवार थी, मैं उसका लंड चूसने लगी. उसका लंड धीरे धीरे बढ़ने लगा.

इसी बीच उसने मेरे कपड़े उतार दिए और खुद भी कपड़े उतार मेरे ऊपर चढ़ गया. उसने मेरी चुत पर उंगली फेरी और अपना लंड सटा दिया. लंड के स्पर्श से मेरी फुद्दी मचल उठी. उसी समय बुड्डे ने एक करारे धक्के में लंड चुत के अन्दर घुसा दिया. मैं दर्द से ‘अऊच..’ करने लगी.

उधर वो लंड अन्दर पेल कर शुरू हो गया. उसका काम कुछ 2-3 मिनटों में ही हो गया और वो मादरचोद गिर गया. मैं फिर उसके लंड को मसलने लगी. कुछ देर में वो फिर से मेरे ऊपर चढ़ गया और मुझे उल्टा करके मेरी गांड मारने लगा. मैं आऊच करके उसका हौसला बढ़ा रही थी. मगर कुछ ही देर में वो साला फिर से गिर गया.

मैं थोड़ी देर गुस्सा से अपनी चुत में उंगली करती रही और अपने पर्स से सिगरेट निकाल कर खुद को शांत करती रही. फिर मैं फ्रेश होकर घर चली गई.

उस चपरासी ने मेरी प्यास बुझाने की जगह और बढ़ा दी थी. मुझे अब कोई लोहे जैसा लंड चाहिए था. जो देर तक अन्दर रह कर मेरी चुत की धज्जियां उड़ा सके.

दूसरे दिन मैं स्कूल पहुंची, तो मेरी एक सहेली बहुत उदास थी. मेरी उससे हमेशा हाल चाल जितनी ही बात हुई थी … मगर न जाने क्यों मुझे लगा कि मुझे इससे बात करनी चाहिए.
तो मैंने उससे पूछा- तुझे क्या हुआ … इतना मुँह लटकाए क्यों बैठी है … क्या बॉयफ्रेंड की याद आ रही है?
इस पर वो बोली- कुछ नहीं यार … बस परेशान हूँ.

मैं उसके पास बैठ गयी. पूरा दिन वो वैसे ही बैठी रही, पर हमारी अच्छी बात होना शुरू हो गई. फिर छुट्टी हो गई, हम अपने अपने घर चले गए.

अगले दिन उसका फिर वही हाल था, तो मैंने उससे पूछा- यार कोई प्रॉब्लम है तो बता … मिल कर सॉल्व करते हैं.

उसने बताया कि उसकी माँ 4 महीने पहले उसे और उसके पापा को छोड़ कर अपने मायके चली गईं क्योंकि उसके पापा को उसे सिर्फ बिस्तर तक का ही मतलब होता था … तो उसके जाने के बाद से वो अपने पापा के पास ही सोती है, पर उसके पापा शराब पीकर उसे छेड़ते हैं. वो मुझे चुत देने की कहते हैं और धमकी भी देते हैं कि या तो तू अपनी चुत दे या किसी और की दिलवा दे.

उसकी बात से मुझे मालूम हुआ कि उसके पापा एक बड़े पहलवान जैसे शरीर के आदमी हैं … और उसकी मम्मी अपने मर्द को झेल नहीं पाती थीं.

मेरी सहेली अपने पापा की बात मुझे सुनाए जा रही थी. मेरा ध्यान उसकी तरफ ही था. उसकी बातों से मुझे समझ आ गया कि वो पापा की बातें सुनकर परेशान रहती है.

मगर उसकी बातें सुन कर मैं सोचने लगी कि ऐसा मजबूत मर्द तो मेरी चुत को बड़ा सुख देगा. उसी समय मेरे दिमाग में ये आईडिया आ गया था कि मुझे भी तो लंड चाहिए है … और उसके पापा को चूत … क्यों न हम दोनों एक दूसरे की कमी पूरी कर दें.

मैंने अपनी सहेली को बोला कि तू टेंशन मत ले … मैं तेरी हेल्प करूंगी. आज रात तेरे पापा की ख्वाहिश पूरी करने मैं आ जाऊँगी.
इतना सुन कर उसने मुझे अपने गले से लगा लिया.

घर पर मैंने बहाना बना दिया कि मैं सहेली घर पढ़ने जा रही हूँ. मैंने अपनी मम्मी से उस सहेली की बात करवा दी.

फिर रात में मैं उसके घर पहुंच गई. उसने मुझे फिर से सब बताया कि मेरे पापा एक वहशी चोदू किस्म के मर्द हैं.
मैं बोली- तू टेंशन मत ले, आज तेरे पापा को मैं इतना खुश करूंगी कि वो तेरी तरफ नहीं देखेंगे.

इतना कह कर मैंने उसके मम्मी की नाइटी पहन ली और उसके पापा के बेडरूम में चली गई. पहले तो मुझे उनको देख डर लगने लगा कि ये तो मेरी चूत का कीमा बना देगा. सहेली के पापा एक बहुत ही जल्लाद किस्म के आदमी लग रहे थे.

वो हाथ में सिगरेट लिए हुए दारू पी रहे थे.
उन्होंने मुझे देखा और बोले कि तू कौन है?
मैं बोली- उससे आपको क्या करना है … मैं आपकी जरूरत पूरी करने आई हूं.
इतना सुन वो खड़े हो गए और बोले- फिर तो मेरी रानी तू आज गयी.

इतना बोल कर वो मुझ पर झपट पड़े और मेरी नाइटी देखते ही अलग करके मुझे नीचे बिठा दिया.

वो पहले से ही अंडरवियर में बैठे थे. मैंने जैसे ही उनके लंड को आज़ाद किया … उन्होंने झटके से मेरे मुँह में लौड़ा घुसा दिया. आंह इतना बड़ा फौलाद लंड अन्दर घुसा, तो मेरा पूरा मुँह भर गया. मैं किसी तरह से सहेली के पापा के लंड को लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी. सहेली के पापा का लंड बहुत टेस्टी था. मैं सोच रही थी कि मेरी सहेली के पास इतना अच्छा मौका था, उसने अपने पापा का लंड क्यों नहीं लिया. मैं और ज़ोर से लंड चूसने लगी. उनका लंड बहुत टेस्टी लग रहा था, मैं बस चूसे जा रही थी.

फिर उन्होंने मुझे उठा कर बेड पर पटक दिया और नंगा करके मेरे ऊपर चढ़ गए.

सहेली के पापा बोले- आज तो मैं तेरी चुत के पूरे मज़े लूँगा रंडी.
मैं बोली- हाँ मेरे राजा … आज तू मेरा पूरा मज़ा ले ले … मैं तेरे बिस्तर की रानी हूँ.

इतना सुनकर उन्होंने मेरी चूत पर थूक लगाया और लंड घुसा दिया. मैं बहुत जोर से चिल्ला उठी, तो उन्होंने मेरा मुँह बन्द कर दिया.

उन्होंने गुर्रा कर बोला- रंडी साली अभी तो आधा लंड घुसा है … अभी से तेरी चीख़ें निकल रही हैं … ले भैन की लौड़ी पूरा लंड ले.

ये कह कर उन्होंने तेज धक्का लगा दिया. उनके मोटे लंड से मेरी चुत फटी जा रही थी. मैं घायल हो चुकी थी, पर मुझे बहुत मज़े आ रहे थे. मैं चुदने को बेताब हुए जा रही थी. वो धक्के लगाए जा रहे थे. फिर मैंने सहेली के पापा को पकड़ कर अपने ऊपर खींच लिया.

वो बोले- तेरा नाम क्या है रे रंडी … बड़ा मस्त चुदवा रही है.
मैं बोली- सपना नाम है मेरे राजा.
वो बोले- अच्छा धंधा करती है?

तो मैंने उन्हें बताया कि मैं आपकी बेटी की सहेली हूँ … और आज आपकी हवस मिटा रही हूँ अंकल.
वो बोला- हां तेरी चुत देख कर पता चल रहा है कि तू रंडी तो नहीं है. मगर तू मेरा लंड लेने के लिए कैसे राज़ी हो गई?
मैंने बताया कि मेरी जवानी लंड मांग रही थी.

ये सुन कर सहेली के पापा ने धक्कों की स्पीड बढ़ा दी और मैं मादक सिसकारियां भरने लगी.

फिर सहेली के पापा ने बोला- तुझे अब तक कितनों ने भी चोदा हो, कोई बात नहीं … पर अब तुझे मैं ही चोदूंगा.
मैं गांड उठाते हुए बोली- हाँ मेरे राजा तेरे लंड के बाद अब मुझे और कोई लंड भाएगा भी नहीं.

इतना सुन कर सहेली के पापा ने अपनी स्पीड और बढा दी.

मैं बोली- धीरे चोदो मेरे राजा … मैं सिर्फ तेरी रंडी हूँ … पर अभी चुत कच्ची है.
वो बोले कि चुप कर साली … रंडी तो तुझे मैं बना कर रहूंगा … अब तू चुद बस.

इतना बोल कर सहेली के पापा मेरी चुत में झड़ गए और बगल में गिर गए. मैं भी झड़ चुकी थी, तो हम दोनों चिपक कर लेट गए थे.

फिर मैंने उनका लंड चूसना शुरू किया और इस बार सहेली के पापा मुझे उल्टा कर दिया और मेरे ऊपर चढ़ गए. फिर उन्होंने मेरी गांड मारना शुरू कर दिया. मैं बहुत दर्द महसूस कर रही थी और वो बार बार अपनी स्पीड घटाए बढ़ाए जा रहे थे.

मैं भी रंडी की तरह उनका साथ दे रही थी. इतने में उन्होंने मुझे फिर सीधा किया और मेरे मुँह में लंड देकर रस झड़ा दिया. मैं भी सहेली के पापा के लंड का पूरा रस पी गई.

इसके बाद सहेली के पापा ने दारू के पैग बनाए और हम दोनों ने तीन तीन पैग खींचे. एक एक सिगरेट भी खींची. फिर से मूड बन गया. चुदाई शुरू हो गई.

सुबह तक मैं 2 बार और चुद गई. इसके बाद सहेली के पापा सो गए और मैं कपड़े पहन कर बाहर गई.

मेरी सहेली ने मुझे थैंक्स बोला और मैं सुबह होते ही अपने घर वापस आ गई. अगली बार से मैं दिन में ही कई बार चुदने चली जाने लगी. कई बार रात रात भर पढ़ाई के बहाने से मैं सहेली के पापा से चुदने चली जाती थी. मुझे वो रंडी बना चुके थे. उनकी चुदाई के बाद से ही मुझे रंडी सुनना बहुत पसंद आने लगा था.

आपको मेरी ये चुदाई की कहानी कैसी लगी, प्लीज़ मुझे मेल करें.
[email protected]

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