दो सगी बहनों को एक साथ चोदा-2

(Do Sagi Bahanon Ko Ek Sath Choda- Part 2)

दो सगी बहनों को एक साथ चोदा-1
22 दिसंबर की रात, कड़ाके की ठंड थी, हमारे मिलन की रात थी।
मेरे मन में बड़े विचार आ रहे थे, सोच रहा था कैसे रानी और राजू दोनों बहनों को चोदूँ।

जब मैं चुपके से रानी के घर में घुसा, तो उसके रूम का दरवाजा खोल कर अंदर गया, अंदर दोनों बहनें बेड पे लेटी थी, दोनों ने ऊपर तक रज़ाई ले रखी थी।
मैंने दोनों को ‘हाय’ कहा और अपनी आदत अनुसार मैंने पहले अपने कपड़े उतारे, नंगा होकर मैं रानी की रज़ाई में घुस गया, वो भी पहले से ही नंगी हो कर लेटी थी।
मेरे अंदर घुसते ही उसने मेरा लंड पकड़ लिया, अब हम 5-6 बार सेक्स कर चुके थे, तो हम दोनों में कोई औपचारिकता नहीं रही थी, रानी को भी पता था कि अगर आया है, तो चोदेगा ही।

मगर अभी तक हम सिर्फ चोदा चोदी ही करते थे, मेरी इच्छा थी कि इस से आगे बढ़ कर अब हम लंड चूसना, चूत चाटना और गांड मारने जैसे काम भी शुरू करें, इसलिए मैंने कहा- रानी सुन, मेरा लंड चूसेगी?
मुझे ये था कि शायद मना कर देगी, मगर वो तो रज़ाई में नीचे को घुस गई, मेरा चेहरा रज़ाई से बाहर था, और वो अंदर थी, उसने मेरा लंड पकड़ा, पहले उस से खेलती रही, हिला डुला कर देखती रही, जिस से मेरा लंड एक दम से तन गया, फिर मुझे अपने लंड के आस पास नर्म और ठंडा गीला सा एहसास हुआ, ये उसके गुलाबी होंठ थे, जिनमे मेरा लंड अब कैद हो चुका था।
बहुत ही प्यारा और मुलायम सा एहसास था, बहुत मज़ा आया मुझे अपना लंड चुसवा कर।

राजू को मैंने देखा, वो मुझे देख रही थी, उसकी आँखों में अजीब से कशिश थी, जैसे कह रही हो मुझे भी छू कर देखो।
उसने इशारे से अपने भवें उठा कर पूछा- क्या कर रहे हो?
मैंने बोल कर कहा- मेरा लंड चूस रही है।
राजू अपने चेहरे पे हैरानी की भाव लाई तो मैंने धीरे से अपनी रज़ाई उठा दी, अंदर रानी गांठ बनी बैठी थी और मेरा आधा लंड उसके मुँह में था।
राजू उसे देखने लगी, मगर रानी ने चूसना ना छोड़ा, मैंने फिर से रानी को रज़ाई से ढक दिया, और वो अंदर ही अंदर मेरे लंड को चूसती रही।

मैंने इशारे से राजू को पूछा- तू चूसेगी?
उसने हाँ में सर हिलाया, अब रानी तो रज़ाई के अंदर थी, मैंने मौका देख कर अपना हाथ आगे बढ़ाया और राजू की रज़ाई के अंदर डाला, और फिर उसकी कमीज़ के ऊपर से उसका बोबा पकड़ कर दबा दिया।
राजू के चेहरे पे मुस्कान आ गई, मैंने उसको खुश देख कर अपना हाथ उसकी कमीज़ के गले से अंदर डाला, उसने ब्रा नहीं पहनी थी, अंडर शर्ट पहनी थी, मैंने उसका बोबा, अंदर हाथ डाल कर पकड़ा, नर्म, मुलायम बोबा… मज़ा आ गया!
एक बहन मेरा लंड चूस रही है, दूसरी के मैं बोबे दबा रहा हूँ।

मैंने एक फ्लाइंग किस राजू को किया, तो उसने भी जवाबी फ्लाइंग किस मुझे दिया। हम दोनों चुदाई करना चाहते थे, मगर डर था कि कहीं रानी बुरा न मान जाए, इसलिए मैंने रानी को बाहर निकाला- अब मैं तुम्हारी चूत चाटूँगा।
मैंने जान बूझ कर रानी को इस तरह लेटाया कि मेरी कमर राजू की तरफ हो।

रानी अपनी टाँगें चौड़ी कर के लेट गई, तो मैंने अपना मुँह रानी की चूत से लगाया और जब मैंने अपनी जीभ उसकी चूत में घुमाई, तो रानी को उछल पड़ी- अरे यार, ये तो बहुत गुदगुदी होती है। मैंने कहा- और इसी गुदगुदी में तो मज़ा है।

मैं रानी की चूत चाट रहा था, और अपनी कमर धीरे धीरे खिसका कर मैंने राजू के मुँह के पास कर दी, मेरा तना हुआ लंड बिल्कुल उसके मुँह के पास था, और तभी मुझे एक बार और अपने लंड के आस पास ठंडा, गीला और नर्म एहसास हुआ।
बिना मेरे कहे राजू ने खुद मेरा लंडन अपने मुँह में ले लिया था। वो चूस नहीं रही थी, सिर्फ लंड को मुँह में लिए थी, तो मैंने खुद अपनी कमर हिला कर उसके मुँह में अपना लंड चलाना शुरू कर दिया।

मेरी चटाई से रानी बेहाल हो रही थी, वो मुझ से बोली- बस यार अब करो, और जल्दी जल्दी करो।
मैंने कहा- अभी नहीं, अभी राजू चूस रही है, उसको चूस लेने दो, उसके बाद करूंगा।

रानी ने एकदम से उठ कर देखा, राजू अपने मुँह में मेरा आधे के करीब लंड लेकर लेटी थी।
रानी बोली- राजू, तुझ से सब्र नहीं हुआ क्या?
उसने मेरा लंड अपने मुँह से निकाला और बोली- नहीं दीदी, अब सब्र नहीं होता।

मेरे लिए इतना ही बहुत था, मैंने कहा- ऐसा करते हैं, रानी राजू को अभी अपने में शामिल कर लेते हैं, हम दोनों मज़े करते हैं, ये बेचारी देख कर तरसती है, क्यों तरसाना इसे!

रानी कुछ नहीं बोली, तो मैंने राजू की रज़ाई हटाई, उसकी सलवार में से उसका हाथ निकाला और उसकी गीली उँगलियों को चाट गया और राजू ने उल्टे हाथ से ही अपनी सलवार का नाड़ा खोल कर अपनी सलवार उतार दी।
अभी शायद उसकी झांट भी नहीं उगी थी, गोरी, चिकनी चूत… देख कर मेरे मुँह में पानी आ गया।

मैंने रानी को छोड़ उसकी टाँगें खोली और उसकी चूत पर मुँह लगा कर चाटने लगा। राजू को मज़ा आया तो वो भी तड़पने लगी और उसने अपनी कमीज़ और अंडरशर्ट उतार दी।
दो मिनट दबा कर उसकी चूत चाटी मैंने, खूब कमर उठा उठा कर मारी उसने!
जब वो पूरी गर्म हो गई, तो मैंने उसे सीधा किया और अपना लंड उसकी चूत पे रखा और पूछा- डालूँ क्या?
राजू के शांत चेहरे पर भी स्वीकृति थी।

मैंने हल्के से दबाव से अपने लंड का टोपा उसकी चूत में घुसाया। कमसिन उम्र, नाज़ुक बदन, कुँवारी चूत, मेरे लंड की ताब सह नहीं पाई, और तड़प उठी- नहीं जीजू, बहुत दर्द हो रहा है।
मगर जीजू अब पीछे हटने वाले नहीं थे।
मैंने कहा- पहली बार तो दर्द होना ही है, जानेमन, बस चुप चाप सह जाओ, आवाज़ मत निकालो!
तभी रानी बोल उठी- चुप कर पगली, मरवाएगी क्या? कैसे रो रही है, मम्मी पापा में से कोई जाग गया तो? क्यों शोर मचा रही है, मुँह बंद रख!

रानी ने कहा तो राजू ने अपना मुँह अपने हाथों से भींच लिया, उसके दर्द ने उसके रोने ने मेरे अंदर के मर्द को शैतान बना दिया।
इस बार जब मैंने ज़ोर लगाया तो ज़्यादा ज़ोर लगा कर अपना लंड उसकी चूत में धकेला। लड़की की आँखों से टप टप आँसू बह रहे थे, मगर मुझे उसे दर्द में तड़पा कर मज़ा आ रहा था। बिना उसके रोने की परवाह किए, मैंने अपना सारा लंड उसकी चूत में डाल दिया।

मैंने रानी से कहा- पहली बार किया है न, शायद इस लिए दर्द ज़्यादा हो रहा है।
रानी बोली- इसको भी तो बहुत जवानी चढ़ी थी, अब ले मज़ा!

मैंने हाथ लगा कर देखा, मगर खून नहीं था, सिर्फ उसकी चूत का पानी ही था। दो चार बार और अपना लंड उसकी चूत में आगे पीछे करके मैंने अपना लंड बाहर निकाल लिया और राजू के ऊपर से उतर गया।
लंड मेरा अब भी तना हुआ था।

मैंने रानी को अपनी और खींचा, वो तो शायद खुश थी कि उसकी बहन ने उसकाबॉय फ्रेंड छीनना चाहा तो अच्छा हुआ कि उसको दर्द हुआ।
मैं बेड पे लेट गया और रानी को अपने ऊपर लेटा लिया, मैंने फिर से रानी की चूत चाटनी शुरू की, तो उसने भी मेरा लंड चूसना शुरू कर दिया। दोनों सेक्स के दीवाने फिर से अपनी काम क्रीड़ा में मस्त हो गए और राजू अपनी चूत को अपने हाथों से दबाए हमारे पास लेटी हमें देख रही थी।

बस थोड़ी से देर की चटाई और चुसाई के बाद मैंने रानी को अपने ऊपर ही बुला लिया। रानी ने खुद मेरे ऊपर बैठ कर मेरा लंड अपनी चूत पे सेट किया और जैसे जैसे वो बैठती गई, वैसे वैसे मेरा लंड उसकी चूत में समाता गया, और जब पूरा लंड उसकी चूत में चला गया, फिर वो खुद ही अपनी कमर ऊपर नीचे हिला हिला कर चुदवाने लगी।

पतली सी कमर, सपाट पेट, पतली पतली टाँगे, मगर 6 इंच का पूरा लंड ऐसे अपनी चूत में ले रही थी कि पता ही नहीं लग पा रहा था के लंड इसके अंदर घुस कर जा कहाँ रहा है।
मैं नीचे ही रहा, रानी खुद मुझे चोदती रही।

सर्दी का मौसम था, मगर हम दोनों के बदन इतने गर्म थे कि हमें ज़रा भी सर्दी नहीं लग रही थी। 6 या 7 मिनट की चुदाई के बाद मेरा माल गिरने लगा।
मैंने रानी को उतारने को कहा, मगर शायद उसका भी झड़ रहा था, वो नहीं उतरी और मेरे लंड ने उसकी चूत के अंदर ही पिचकारी मार दी।

मैं तो नीचे ही लेटा था, मगर रानी भी निढाल होकर मेरे ऊपर ही लेट गई।
मेरा लंड झड़ने के बाद अभी भी अकड़ा हुआ था, जो करीब 2 मिनट बाद ढीला हो कर अपने आप उसकी चूत से बाहर फिसल गया।

उसके बाद मैं और रानी कस कर जफ़्फ़ी डाल कर लेट गए।
रानी बोली- आज बहुत मज़ा आया यार, जब तुम्हारा माल गिरा न, और उसके छींटे मेरे अंदर गिरे, अंदर अजीब से संतुष्टि हुई।
मैंने कहा- पता है, इसी माल की वजह से तू प्रेग्नेंट हो सकती है!
वो बोली- वो तो मुझे पता है।

मैंने कहा- चल झूठी, सेक्स करने का पता नहीं, पर अंदर माल गिरने से बच्चा होता है ये पता है।
वो बोली- एक बार माँ और मौसी बातें कर रही, तब माँ ने बताया था कि जब पुरुष के लिंग का वीर्य स्त्री की योनि के अंदर गिरता है तब बच्चा होता है। पर तब मुझे ये नहीं पता था कि पुरुष का लिंग स्त्री की योनि के अंदर जाता कैसे है।

मैंने राजू की और इशारा करके कहा- ऐसे जाता है, जैसे इसके गया।
हम दोनों मुस्कुरा दिये तो वो भी मुस्कुरा दी।
मैंने राजू से पूछा- राजू, एक बार और लेगी?
वो बोली- न बाबा न, तुम तो मार दोगे मुझे!

मैंने कहा- इस से कोई नहीं मरती, बल्कि इस से तो ज़िंदगी मिलती है।

उसके बाद बातें करते करते हम एक घंटा और लेटे रहे।
सुबह 3 बजे के करीब जब मैंने जाने को कहा तो रानी बोली- चले जाना, इतनी भी क्या जल्दी है?
कह कर उसने बड़े मादक अंदाज़ में अपने सीने से रज़ाई हटा कर अपने बोबे मुझे दिखाये, मैं समझ गया कि ये एक बार और चुदाई करना चाहती है।

मैंने राजू को अपनी ओर खींचा, और दूसरी तरफ से रानी को अपने साथ चिपकाया- पहले दोनों बहनें मारा लौड़ा खड़ा करो।

मैंने दोनों की रज़ाई हटा दी, दोनों की एक एक जांघ मैंने अपनी जांघों पर रखी, दोनों बहनें मेरा लंड पकड़ कर सहलाने लगी, मेरे एक हाथ में रानी का बोबा था, तो दूसरे हाथ में राजू का छोटा सा बोबा।
मैंने कहा- आज राजू की नथ उतराई हो गई, थोड़ा ठीक हो जाए, उसके बाद हम तीनों एक साथ एंजॉय किया करेंगे।
रानी बोली- ठीक है।

मैंने दोनों बहनों के होंठों पर एक एक किस किया और ऊपर देख कर भगवान को धन्यवाद किया, जो मुझे इतनी अच्छी किस्मत दी।
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