डेटिंग: शादी से पहले के सम्बन्ध

(Dating: Shadi Se Pahle Ke Sambandh)

Antarvasna 2014-05-10 Comments

आम तौर पर भारत में डेटिंग का मतलब विपरीत लिंग के साथी के साथ सेक्स ले लिये कहीं जाने से लिया जाता है।

लेकिन वास्तव में शादी से पहले विपरीत लिंग के दो युवाओं के बीच उपजे सम्बन्धों को डेटिंग के रूप में जाना जाता है और दो व्यक्तियों की इच्छा से प्यार और अपनी सम्भावनाओं का पता लगाने के लिए वैवाहिक प्रतिबद्धता की जगह रखे गये सम्बन्ध के रूप में परिभाषित किया जा सकता है।

यह आमतौर पर विभिन्न सुसंगत मुद्दे जैसे एक दूसरे से आशाएँ और प्रेम, विश्वास, और समझौते के सवालों के साथ होता है।

शादी से पहले के सम्बन्ध जरूरी नहीं कि शादी में बदलेंगे या उसमें माता पिता का अनुमोदन रहेगा।

जानें कि शादी से पहले का रिश्ता क्या होता है।

जोड़े सही मायने में स्वतन्त्र होते हैं और एक दूसरे के हित ध्यान में रख कर अपने निर्णय लेते हैं, उनके निर्णयों में समाज को महत्व नहीं दिया जाता है।

इससे उनको, वो एक दूसरे के लिए अनुरूप हैं या नहीं, इसका पता लगाने में मदद मिलती है लेकिन कहीं ना कहीं वो समाज से दूर हो जाते हैं।

इस तरह के रिश्तों में शारीरिक सम्बन्ध भी हो सकते हैं। इसका मतलब यह है कि वो यकीन करना चाहते हैं, कि वे न केवल भावनात्मक रुप से अनुरूप है, बल्कि शारीरिक रूप से भी अनुरूप हैं।

आज अधिकतर जोड़े सेक्स को एक मौलिक सिद्धान्त मानते हैं, जो यह मानते हैं कि यह वास्तव में उनकी अनुरूपता को परिभाषित कर सकता है।

वास्तव में बन्धन में बन्धने से पहले जोखिम कारकों और अपेक्षाओं का आकलन करने के लिए शादी से पहले रिश्ता रखना यह एक अच्छा तरीका है।

शादी से पहले सम्बन्ध को माता पिता के द्वारा नियोजित नहीं किया जा सकता है फ़िर भी लड़का-लड़की अपने माता पिता को अपने सम्बन्धों के बारे में सूचित कर सकते हैं।

डेटिंग में आम तौर पर लड़का-लड़की अपने दम पर अपना साथी चुनते हैं। साथी चुनने के सम्भव तरीके हैं: सामाजिक नेटवर्किंग साइट, या अन्य स्थान जहाँ दो व्यक्ति लगातार मिलने की सम्भावना होती है या किसी दोस्त के दोस्त को डेट कर सकते हैं।

लिव-इन

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एक साथ रहने का निर्णय लेना शादी से पहले सम्बन्ध की ओर बढ़ने का एक कदम है। डेटिंग के इस उन्नत चरण में वो एक दूसरे के साथ रहने के इस प्रयोग से कितने सहज़ है यह मुख्य प्रश्न होता है।

वे एक दूसरे के साथ रह सकते है, लेकिन अभी तक सामाजिक रिश्ते में नहीं जा सकते हैं। यह कदम एक उन्नत स्तर पर आता है, जब जोड़े जानना चाहते हैं कि उनके नये रिश्ते की प्रतिबद्धता कहाँ तक है।

आमतौर पर उनको एक दूसरे से क्या अपेक्षाएँ हैं और उनके भविष्य की योजनाओं के बारे में उनको पता होता है, उन्होंने सामाजिक बन्धन में बन्धने के लिए एक समय सीमा तय किया होता है यह मान कर ही सम्बन्ध बनाए जाते हैं।

शादी से पहले सम्बन्ध रख कर अक्सर जोड़े अपने निर्णय लेने की प्रक्रिया को धीमा कर सकते हैं और सम्भावित दर्दनाक और सम्पूर्ण तलाक़ की प्रक्रियाओं से बच सकते हैं।

दूसरे शब्दों में शादी से पहले डेटिंग से दम्पतियों में तलाक़ कम हो सकता है।

कई जोड़े सम्बन्धों को मजबूत बनाने और रिश्ते की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए शादी से पहले डेटिंग को चुनते हैं।



कहीं आप इस्तेमाल तो नहीं हो रहे/रहीं?

अक्सर जब हम प्यार में होते हैं तो यह समझ ही नहीं पाते कि हमारा साथी हमारे साथ सिर्फ मतलब के लिए जुड़ा हुआ है। वह केवल हमें इस्तेमाल कर रहा/रही है। वहीं, किसी तीसरे इन्सान की नजर से अपने जैसे ही किसी दूसरे रिश्ते को देखते ही हमें गड़बड़ का पता तुरन्त चल जाता है।
तो अपने रिश्ते को भी एक बार तीसरे व्यक्ति की नज़र से देखें और फिर फैसला करें कि आपको क्या करना है? रिश्ते में रहना है या फिर उससे बाहर निकलना है? ये कुछ बातें आपको यह समझने में मदद करेंगी कि क्या वह केवल आपको केवल इस्तेमाल कर रहा/रही है.

डेट पर कहीं बाहर जाने पर होना यह चाहिये कि आप दोनों बिल आधा-आधा बांट लें, या फिर एक बार वह भुगतान कर दे, तो एक बार आप भुगतान कर दो। लेकिन इसके विपरीत अगर ऐसा होता है कि हर बार बिल भुगतान के समय पर आपको ही अपना पर्स खाली करना पड़ता है, तो सम्भल जाइए, यह सही संकेत नहीं है।

प्यार में ज्यादातर बिना मतलब की ही मुलाकातें और बातें होती हैं। इन मुलाकातों के पीछे बस एक ही कारण होता है, और वह है प्यार। लेकिन अगर आप दोनों की मुलाकात अक्सर तभी होती है, जब उसे सेक्स, पैसा, या फिर किसी भी और चीज की आवश्यकता हो, तो फिर आपको अपने रिश्ते पर दोबारा सोचने की आवश्यकता है। और अगर ऐसा भी होता है कि जब आपको आवश्यकता हो, तब वह न मिलने आये, न बात करे, तब तो आपको जरूर अपने रिश्ते पर सोचने की आवश्यकता है।

न केवल अपनी डेट का, बल्कि उसके अन्य खर्चों का भार भी आप ही उठाते / उठाती हैं, तो फिर इसकी सम्भावना कहीं अधिक है कि वह आपको सिर्फ पैसे के लिए ही यूज कर रहा/रही है। ज़रा सोचिये, अगर आप न हों, तो क्या वह भीख मांग कर अपना गुज़ारा करता/करती?

प्यार में उपहार लेने देने का सिलसिला तो चलता रहता है, लेकिन अगर यह सिलसिला उसके लिए केवल उपहार लेने और आपके लिये केवल उपहार देने तक सिमट कर रह जाये तो फिर तीसरे इन्सान की नजर अपने रिश्ते पर डाल ही लीजिए।

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