शायरा मेरा प्यार

बारहवीं कक्षा के बाद मैंने दिल्ली के एक कॉलेज में एडमिशन लिया और किराये पर कमरा लेकर रहने लगा. दिल्ली में मेरी जिन्दगी की शुरुआत कैसे हुई? उसके बाद मेरी कॉलेज लाइफ कैसे बीती? मेरी कहानी पढ़ कर मजा लें.

शायरा मेरा प्यार- 23

इस तरह प्यार करना शायरा के लिए नया था ... पर मेरे साथ वो खुलकर प्यार करना चाहती थी. इसलिए मेरे लंड पर बैठकर वो पूरी मस्ती करते हुए लंड पर उछलने लगी.

शायरा मेरा प्यार- 22

शायरा कुंवारी नहीं थी मगर फिर भी उसकी चुत चाटने में इतना मजा आ रहा था. जब इसकी चुदी चुत इतना मजा दे रही है, तो वो अगर कुंवारी होती तो कितना मजा देती?

शायरा मेरा प्यार- 21

हमारे जिस्म जल रहे थे. कुछ देर हम एक दूसरे के बदन की गर्मी को फील करते रहे, फिर शायरा के रक्तिम होंठों से मेरे होंठ मिले तो हमारे हमारे जिस्म की प्यास भी बढ़ गयी.

शायरा मेरा प्यार- 20

मैं सच बोल कर तुम्हें अपनी बांहों में रखना चाहता हूँ, बिस्तर में नहीं. बिस्तर पर तो बस हवश पूरी होती है ... मगर बांहों में रखने से प्यार बढ़ता है.

शायरा मेरा प्यार- 19

शायरा को अपने नंगेपन का अहसास हुआ तो वो तुरन्त उठकर बैठ गयी. उसने हाथ पैरों से अपना नंगा बदन छुपाया और अपने कपड़ों को ढूँढने लगी जो इधर उधर बिखरे पड़े थे.

शायरा मेरा प्यार- 18

उसकी चुत चाटते चाटते मैं खुद‌ ही होश खोने लगा. जैसे जैसे मेरी जीभ शायरा की चुत पर चल रही थी ... वैसे वैसे मेरी उसकी चुत के प्रति दीवानगी‌ बढ़ती जा रही थी.

शायरा मेरा प्यार- 17

शायरा मेरे सामने सिर्फ़ गुलाबी पैंटी में थी. जो आगे से पूरी भीगी हुई थी. भीगी पैंटी देख उसकी चुत की महक लेने को अपने आप ही मेरा सिर उसकी जांघों के बीच झुक गया.

शायरा मेरा प्यार- 16

शायरा ने भी अब मेरे होंठों को चूसना शुरू कर दिया था, जिससे हम दोनों ही इस दुनिया को पीछे छोड़ कर अब अपनी एक नयी ही दुनिया में खो गए थे.

शायरा मेरा प्यार- 15

दिखा दी ना अपनी औकात ... आज साबित कर ही दिया कि सब मर्द एक जैसे होते हैं. उनको बस एक ही काम से मतलब होता है. सबके सब बस फायदा उठाने की सोचते हो.

शायरा मेरा प्यार- 14

मैंने पहले अपनी जीभ निकाल कर उसके रसीले होंठों को चाटकर देखा, फिर धीरे से उसके नीचे के एक होंठ को अपने मुँह में भर कर हल्का हल्का चूसना शुरू कर दिया.

शायरा मेरा प्यार- 13

मैं महेश आपको बता रहा था दोस्तो कि शायरा मेरे प्रेम में रंग लगी थी. मैं उसको स्कूटी पर बिठा कर उसके बैंक छोड़ने गया फिर अपने कॉलेज आ गया. अब आगे: उस दिन भी शायरा को लेने जब मैं उसके बैंक गया, तो उसकी सहेलियों ने मुझे उसका पति समझकर काफी हंसी मजाक किया. […]

शायरा मेरा प्यार- 12

दोस्तो, मैं महेश एक बार फिर से शायरा के प्यार की सेक्स कहानी का अगला भाग लेकर हाजिर हूँ. अब तक आपने जाना था कि मैं और शायरा खाने की टेबल पर बैठे थे. अब आगे: मैं- पता है पनीर की हर सब्जी मेरी फेवरेट है. वो- मैंने बनाया तो अब पनीर तुम्हारा फेवरेट बन […]

शायरा मेरा प्यार- 11

साथियो, मैं महेश शायरा की प्रेम और सेक्स कहानी में आपको बता रहा था कि शायरा का पेट खराब था और मैं उससे पूछ रहा था कि कहीं उसे मासिक धर्म की वजह से तो पेट दर्द नहीं होने लगा था. अब आगे: वो- तुम्हें शर्म नहीं आती? मैं- लो अब इसमें क्या शर्माना, हम […]

शायरा मेरा प्यार- 10

दोस्तो, मैं महेश फिर से आपके सामने हाजिर हूँ. मेरी सेक्स कहानी में अब तक आपने पढ़ा था कि एकदम से स्कूटी के ब्रेक लगाते ही शायरा मेरी पीठ के ऊपर लग गई, जिससे उसके मम्मे मुझे मस्ती दे गए. अब आगे: “आह … क्या कर रहा है? आराम से नहीं चला सकता क्या?” शायरा […]

शायरा मेरा प्यार- 9

शायरा तो उसकी धक्का लगवाने की बात से शर्म पानी‌ पानी ही हो गयी थी ... मगर इन सब बातों में मैं पक्का बेशर्म हूँ इसलिए मैं मजा लेता रहा.

शायरा मेरा प्यार- 8

नमस्कार साथियो, मैं महेश अपनी शायरा के साथ की प्रेम और सेक्स कहानी सुना रहा था. अब तक मैंने आपको बताया था कि मैं शायरा के घर में खाना खा रहा था. मुझे राजमा और लेना था मगर और राजमा नहीं थे, तो मैं शायरा की झूठी प्लेट को अपनी तरफ खींच कर उसी की […]

शायरा मेरा प्यार- 7

जिस चम्मच को शायरा के होंठों और जीभ ने छुआ था, उसको मुँह में लेने से एक बार तो ऐसा लगा जैसे मेरे होंठों ने शायरा के नर्म होंठों और उसकी जीभ को ही छूआ हो.

शायरा मेरा प्यार- 6

ममता जी का मुँह खिड़की की ओर होने से उनकी चुत भी अब खिड़की की तरफ हो गयी थी. ऐसा मैंने जानबूझकर किया था ताकि शायरा अच्छे से हमारी चुदाई देख सके.

शायरा मेरा प्यार- 5

मेरे धक्के लगाने से ममता को मज़ा आ‌ रहा था, मेरे धक्कों की ताल से ताल मिलाकर वो भी नीचे से अपने कूल्हों को उचका रही थीं. यह नजारा शायरा देख रही थी.

शायरा मेरा प्यार- 4

मेरी भाभी की कजिन‌ बहन मेरे कॉलेज में टीचर है. मैं उनके साथ चुदाई कर चुका हूँ. मैं अब फिर उसकी चुदाई करना चाहता था. वो भी तैयार थी मगर ...

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