सेक्सी पड़ोसन भाभी को चुदाई के लिये राजी किया -2

(Sexy Padosan Bhabhi Ko Chudai Ke Liye Raji Kiya-2)

करण चौहान 2016-06-02 Comments

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अब तक आपने पढ़ा..

वो मुझसे कहने लगी- मुझे तो डर लग रहा है.. तुम्हारे लौड़े से.. मेरी चूत को बहुत दर्द होगा.. लगता है आज फिर मेरी मेरी चूत सुहागरात की तरह दोबारा फट जाएगी।

मुझे भाभी की चूत चोदने की जल्दी पड़ी थी और भाभी नखरे दिखा रही थी।

अब आगे..

मेरा लौड़ा उसको चोदने के लिए दोबारा तैयार हो गया, मैंने उसको अपना लौड़ा चूसने के लिए बोला.. तो वो लौड़े पर झुक गई और मुँह में लेकर ऊपर-नीचे करना शुरू कर दिया।
कुछ मिनट चुसवाने के बाद उसको मैंने घोड़ी बनाया और उसकी चूत को अपने थूक से गीला किया और अपने लण्ड की टोपी उसकी चूत पर फेरने लगा।
वो बोली- मेरी जान अब पेल भी दो अन्दर… अब मुझ से इंतज़ार नहीं हो रहा है।

उसकी बात सुनने के बाद मैंने अपने लण्ड को उसकी चूत के सुराख पर रखा और दोनों हाथों से उसकी कमर को पकड़ कर थोड़ा जोर लाया तो टोपी अन्दर चली गई।
वो चीखने लगी- ऊऊऊऊईईईई.. मर गई मैं तो.. ऊऊआअहह..

मैंने और ज़ोर लगाया तो आधा लण्ड उसकी चूत में घुस गया था।
वो एकदम ज़ोर से चीखी- बाहर निकालो.. जल्दी से.. मैं मर गई.. बाहर निकालो.. ऊऊफ्फ.. दर्द हो रहा है उईईईए… बहुत दर्द हो रहा है.. आज तो मेरी चूत फट ही जाएगी.. मुझे नहीं चुदाना।

मैंने उसकी एक ना सुनी और एक ज़ोरदार धक्का मारा तो मेरा पूरा लण्ड उसकी चूत में घुस गया.. जो बड़ी मुश्किल से फँसता हुआ उसकी चूत में गया था।
अब उसकी आँखों में आँसू आ गए थे और वो चिल्ला भी रही थी- छोड़ दो.. मुझको नहीं चुदवाना है.. मेरे को बड़ा दर्द हो रहा है.. लौड़े को बाहर निकालो.. ओइईई.. मैं मर गई.. आआईईई.. ऊऊऊणन्.. बस करो.. मुझ पर रहम करो.. निकालो..

वो यह सब बोले जा रही थी और मैंने आधा लण्ड बाहर निकाला और उसको बोला- मेरी जान दर्द तो अभी थोड़ी देर में ख़त्म हो ज़ाएगा..
मैंने एक झटके से फिर पूरा अन्दर पेल दिया।

अब उसको दर्द कम हो रहा था.. मैंने आहिस्ता-आहिस्ता हिलना शुरू कर दिया।
कुछ देर बाद उसको भी मज़ा आने लगा और उसने भी आगे-पीछे हिलना शुरू कर दिया.. जिससे हम दोनों को ही मज़ा आने लगा।

अब वो कहने लगी- और जोर से चोदो मेरी जान.. फाड़ दो मेरी चूत को.. और तेज़-तेज़ चोदो..
मेरी स्पीड अब और बढ़ गई.. बस 5 मिनट बाद वो झड़ गई, उसकी चूत में से पानी बाहर आने लगा.. लेकिन मैं अभी झड़ने वाला नहीं था।

मैंने उसको अब सीधा लिटा दिया और उसकी गाण्ड के नीचे तकिया रखा और उसकी चूत में लण्ड पेल दिया। मेरा लण्ड अब आसानी से उसकी चूत में चला गया, उसको भी दर्द नहीं हुआ।

अब मैंने झुक कर उसके होंठों पर किस करनी शुरू कर दी और एक हाथ से उसके मम्मे को दबाना चालू कर दिया।
साथ मैं अपने लण्ड को अन्दर-बाहर भी कर रहा था.. जिससे उसको मज़ा आ रहा था।
मैंने उसकी चूचियों को चूसना शुरू कर दिया, उसकी आवाजें निकलना शुरू हो गईं- उईईईईईए.. आआआईईए.. मेरी जान ज़रा तेज़-तेज़ चोदो बड़ा मज़ा आ रहा है.. मुझको आज पहली बार इतना मज़ा आया है.. आह्ह.. मुझको और तेज़ पेलो..

मैंने अपनी स्पीड और बढ़ा दी और वो फिर छूट गई। उसकी चूत ने ढेर सारा पानी बाहर निकाल दिया.. जिससे कमरे में ‘छप्प छप्प’ की आवाजें आ रही थीं।
चुदाई करते हुए मैंने उससे पूछा- मज़ा आया मेरी जान?

वो बोली- हाँ.. इतना मज़ा तो मेरे पति से भी कभी नहीं आया.. क्योंकि तुम्हारे लौड़े से उनका लौड़ा बहुत छोटा है.. वो मुझे 5 मिनट से ज्यादा चोद भी नहीं पाते हैं.. और झड़ जाते हैं.. आज तो तुमने कमाल ही कर दिया.. मैं दो मर्तबा झड़ गई.. और तुम्हारा तो झड़ने का अभी कोई इरादा भी नहीं लगता है।

मैं बोला- हाँ.. अभी तो मैं तुमको और जम कर चोदना चाहता हूँ.. मेरी जान..
वो बोली- चोद लो.. जितना जी चाहे.. तुमको किसने मना किया है..

मैंने फिर से उसको घोड़ी बना कर चोदना शुरू कर दिया। करीबन 10 मिनट तक मैं उसको ज़ोर-ज़ोर से चोदता रहा और वो भी मज़े से चुदवाती रही।

अब मैंने उससे कहा- मेरी जान.. अब मैं लेटता हूँ.. और अब तुम मुझको चोदो।
वो बोली- मैं तुमको कैसे चोदूं?
मैंने कहा- क्यों.. तुम्हारे पति को कभी तुमने नहीं चोदा क्या?
तो वो बोली- नहीं.. वो ही मेरे को सीधा लिटा कर चोदते हैं। कभी मेरी टांगों को अपने कंधों पर रख कर.. या कभी-कभार घोड़ी बना कर चोदते हैं।

मैंने कहा- आओ.. मैं तुमको सिख़ाऊँ..
वो बोली- हाँ बताओ.. मैं कैसे चोदूं तुमको?
मैं बोला- मैं सीधा लेटता हूँ.. और तुम मुझ पर आकर अपने घुटनों को नीचे करके मेरे लौड़े पर अपनी चूत लगा दो.. मेरे लौड़े को अपनी चूत में पूरा ले लो और फिर ऊपर-नीचे होकर मुझे चोदती जाओ।

फिर उसने ऐसा ही किया।
शुरू में तो वो जरा कसमसाई.. लेकिन बाद में उसने अपनी ग्रिप बना ली और लौड़े को अपनी चूत में लेने के बाद उसने ज़ोरदार शॉट लगाने शुरू कर दिए।
शॉट लगाते हुए उसके मम्मे इतनी ज़ोर से हिल रहे थे कि पकड़ने में नहीं आ रहे थे। मेरे को भी अब और मज़ा आ रहा था।

थोड़ी देर बाद उसने मेरे को बोला- मैं छूटने वाली हूँ.. अब रुकना नहीं हो रहा मेरे से।
तो मैंने भी अपनी ऊपर नीचे होने की स्पीड बढ़ा दी, बस कुछ ही झटकों में वो ‘ओइईई ईईईई.. आआऊऊ’ करते हुए झड़ गई और थक कर मेरे ऊपर ही लेट गई।

मैं उससे बोला- मैं भी अब छूटने वाला हूँ।
मैंने उसको घोड़ी बनने के लिए बोला तो वो घोड़ी बन गई, मैंने अपना लण्ड उसकी चूत में डाला और ज़ोरदार शॉट मारना शुरू कर दिए। मैं अपने दोनों हाथ उसके चूतड़ों पर फेरने लगा। उसकी गाण्ड का छोटा सा सुराख देख कर मेरा दिल उसकी गाण्ड मारने को करने लगा.. लेकिन मैं अभी झड़ने वाला ही था.. तो मैंने उससे पूछा- पानी किधर निकालूँ?
तो उसने बोला- मेरी चूत में ही निकाल दो।

मैंने अपनी स्पीड बढ़ाई तो उसने भी अपनी स्पीड बढ़ा दी और मेरे लौड़े ने एकदम उसकी चूत में धार छोड़ना शुरू कर दी, मेरे पानी की गर्मी ने उसको भी डिसचार्ज कर दिया।
अब मेरा बुरा हाल था और वो भी अब 4 बार छूट चुकी थी, हम दोनों वहीं पर लेट गए।

आधे घंट बाद हम उठे बाथरूम में जाकर नहाया और अपने कपड़े पहने और बिस्तर पर आकर बैठ गए और बातें करने लगे।
उसने मेरे को बोला- आज जैसा मज़ा मेरे को पहले कभी अपने पति से नहीं आया।
मैं बोला- मैं तुमको और भी मज़ा देना चाहता हूँ।
उसने कहा- आज नहीं.. बाक़ी कल..
मैंने बोला- ठीक है.. कल मैं किस वक़्त आऊँ?
वो बोली- आज के ही टाइम पर आना।

मैं वापस अपने घर आ गया और कल होने का इंतज़ार करने लगा।

दूसरे दिन सुबह जब मैं सो कर उठा तो 10 बज रहे थे। मम्मी ने नाश्ता दिया और नाश्ते के बाद जब मैं अपने कमरे में से बाहर निकला और ऊपर गैलरी की तरफ देखा.. तो वो मेरे इंतज़ार में पहले से ही मौजूद थी।

मुझे देख कर मेरी प्यारी भाभी मुस्कुरा दी और ऊपर आने का इशारा भी दिया।
मैं थोड़ी देर बाद उसके घर चला गया।

उसने बिल्कुल झीनी नाईटी पहनी हुई थी और अन्दर ब्रा भी नहीं थी.. नीचे ब्लैक पैंटी थी।
उसको देखते ही मेरा लण्ड खड़ा होने लगा और मेरी पैंट का उभार उसने भी देख लिया।

मैंने फ़ौरन उसको अपनी बाँहों में ले लिया और प्यार किया और एक हाथ उसकी गाण्ड पर फेरने लगा।
वो कहने लगी- ज़रा सबर से काम लो.. यह कहीं भाग कर नहीं जा रही है।
मैंने कहा- मेरे से ज्यादा मेरा लौड़ा बेचैन हो रहा है।
वो बोली- हाँ.. मुझे नज़र आ रहा है।

उसने पैंट के ऊपर से ही हाथ फेरना शुरू कर दिया.. तो मेरा लौड़ा और सख़्त हो गया।

हम बिस्तर पर आकर बैठ गए और एक-दूसरे को चूमा चाटी करनी शुरू कर दी।
मैंने उसकी नाईटी में हाथ डाल कर उसके चूचों को दबाना शुरू किया.. तो वो बेचैन सी होने लगी। फिर मैंने उसको नाईटी उतारने के लिए कहा.. तो उसने नाईटी उतार दी। फिर मैंने उसकी पैंटी में हाथ डाल कर उसकी चूत में हाथ फेरा तो उसकी चूत गीली हो रही थी।

मैंने अपनी उंगली उसकी चूत में डाल दी तो उसके मुँह से एक आवाज़ निकली ‘हाईई..’
मैंने दो उंगलियाँ डाल दीं.. तो वो और बेचैन हो गई। मैंने उसकी पैंटी भी उतार दी और अब 3 फिंगर उसकी चूत में पेल कर अन्दर-बाहर करना शुरू कर दीं।

थोड़ी देर बाद ही उसने अपनी दोनों टाँगों के बीच मेरे हाथ को जोर से दबाया तो मैं समझ गया कि इसका काम हो गया है।

आज मुझे भाभी की चूत के साथ गाण्ड चोदने की भी जल्दी पड़ी थी पर भाभी के हाव भाव से लगता था कि वो गांड मरवाने को मुश्किल से ही तैयार होगी।
बने रहिये मेरे साथ देखते हैं कि कब तक गाण्ड सिकोड़ती है।

कहानी जारी है।
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