भईया भाभी का साथ -2

(Bhaiya Bhabhi Ka Sath-2)

This story is part of a series:

भाभी कहने लगी- रोमा, तुम्हारे भईया का लंड बहुत बड़ा और मोटा है, मुझे उससे चुदने में बहुत मजा आता है। वो 8-10 दिन से बाहर हैं तो मैं चुदाई की प्यासी हो गई हूँ, अब तो ऐसे लग रहा है कि वो जल्दी से आ जायें और मुझे चोदें ! और वो भी मुझे चोदने के लिए उतने ही बेताब होंगे जितना कि मैं उनसे चुदने के लिए बेताब हूँ ! देखना आते ही सबसे पहले वो मेरी चुदाई करेंगे !

अगली सुबह भईया का फ़ोन आया कि वो आज रात में घर आ रहे हैं तो भाभी की ख़ुशी का तो ठिकाना ही नहीं था।

फिर मैंने भैया के उस बैग से एक दूसरी सीडी निकाली और उसे लेपटोप पर लगा कर देखने लगी और अपनी चूत में उंगली डाल कर हिलाने लगी।

भाभी ने कहा- रोमा, अब तुम्हें फिंगरिंग की नहीं किसी लंड की जरूरत है।
मैंने कहा- भाभी, अब वो मुझे कहाँ मिलेगा, इसलिए मैं ये कर रही हूँ।
तो भाभी ने कहा- रोमा, अगर तुम चाहो तो मैं तुम्हारी कुछ मदद कर सकता हूँ।

मैंने पूचा- वो कैसे भाभी?
तो उन्होंने कहा- मैं तुम्हें अपने पति से चुदवा सकती हूँ !

मैंने चौंकते हुए कहा- यह क्या बोल रही हो भाभी आप? मैं ऐसा नहीं कर सकती ! वो आप के पति हैं, मैं उन्हें भइया बोलती हूँ।

तो भाभी ने कहा- तो क्या हुआ रोमा? मैं तुमको उनसे चुदने की परमिशन दे रही हूँ और वैसे भी काफी दिनों से वो बोल रहे थे कि उन्हें किसी और चूत का स्वाद चखना है। तो तुम ही उनको अपनी चूत का स्वाद चखा दो !

मैंने कुछ भी नहीं कहा, मैं चुप ही रही तो फिर भाभी ने कहा- अच्छा तुम आज रात हमारी चुदाई देख लो, फिर अच्छा लगे तो तुम भी अपनी चुदाई करवा लेना।

और कहने लगी- रोमा, जब तुम उनका लंड एक बार देख लोगी तो तुम खुद को रोक नहीं आओगी और उनसे चुदाई करवा ही लोगी।

फिर भाभी औरमैं रात के खाने की तैयारी करने लगे। रात के 8 बज चुके था पर भईया अभी तक नहीं आये थे तो भाभी ने उन्हें फोन लगाया और पूछा कि वो कहाँ पर हैं, घर कब तक पहुँचेंगे।

तो उन्होंने कहा- 10 बज जायेंगे घर आते तक !
फिर मैंने कहा- चलो भाभी, हम खाना खा लेते हैं।
भाभी ने कहा- ठीक है !

और हम खाना खाने बैठ गए। खाना खाकर कमरे में जा कर हम दोनों टी वी देखने लगे। थोड़ी देर बाद दरवाजे की घंटी तो भाभी झट से उठी और दरवाजा खोलने गई। मैं भी उठ कर कमरे से बाहर आई तो मैंने देखा, भाभी ने जैसे ही दरवाजा खोला, भैया उन पर टूट पड़े, उन्होंने भाभी को अपने गले से लगा लिया और उन्हें चूमने लगे। कभी वो भाभी के गाल और गर्दन को चूमते तो कभी उनके होठों को !

भाभी भैया को कहने लगी- रुक जाओ, इतनी जल्दी क्या है, मैं कहीं भागी थोड़े ही जा रही हूँ !
तो भईया ने कहा- नहीं, मुझसे नहीं रुका जायेगा !

फिर भईया ने अचानक मेरी तरफ देखा कि मैं उन्हें देख रही हूँ तो वो भाभी से अलग हो गए। वो अन्दर आये और अपना

सामान रख कर मुझे कहा- अरे रोमा, तुम अभी तक सोई नहीं !

तो भाभी ने झट से कहा- नहीं, वो मेरे साथ आप के आने का इन्तजार कर रही थी।

फिर भाभी ने भैया को कहा- जाओ, आप जाकर फ्रेश हो जाओ, मैं खाना लगाती हूँ !

मैं भी कमरे में आकार टीवी देखने लगी तब भईया भी उसी कमरे में आए और फ्रेश होने के लिए बाथरूम में चले गए।

तभी भईया ने आवाज लगाई- अरे, जरा मेरा तौलिया तो देना !
तब भाभी आई और मुझे कहा- रोमा, जरा उन्हें तौलिया दे देना, मेरे हाथ गन्दे हैं।
मैं तौलिया लेकर बाथरूम की तरफ गई और दरवाजा खटखटाया तो भईया ने कहा- दरवाजा खुला है !

तो मैंने दरवाजे को थोड़ा से खोला और कहा- यह आपका तौलिया !
तो भईया ने हाथ बड़ा कर तौलिया लिया और मेरा हाथ पकड़ कर अन्दर खींचने लगे।

मैंने कहा- भईया, यह आपका तौलिया !

तो उन्होंने मेरा हाथ छोड़ दिया और दरवाजा बंद कर लिया। यह बात मैंने भाभी को आकर बताई तो भाभी हँसी और कहने लगी- रोमा, शायद उन्होंने समझा होगा कि मैं हूँ इसलिए उन्होंने तुम्हारा हाथ पकड़ कर अन्दर खींचा होगा। वो अक्सर ऐसा ही करते हैं, तौलिया लेकर बाथरूम नहीं जाते और फिर मुझे कहते हैं कि तौलिया दो और जब मैं उन्हें तौलिया देने जाती हूँ तो मेरा हाथ पकड़ कर अन्दर खींच लेते हैं।

फिर भईया जब फ्रेश होकर बाहर आये वो मुझे देख कर मुस्कुराने लगे। मैं भी मुस्कुराने लगी तो भाभी ने उनसे कहा- मेरे लिए क्या ले कर आये हो?

तो भईया ने कहा- वही जो हमेशा लाता हूँ ! बैग में है।

भाभी ने भईया को खाना परोसा और कहा- मैं जाकर देखती हूँ !

भाभी ने कहा- चलो रोमा !

मैं उनके साथ चली गई। भाभी ने बैग खोली तो उसमें एक बॉक्स था, भाभी ने भईया को आवाज देकर पूछा- बॉक्स में ही है क्या?

तो भईया ने कहा- हाँ बॉक्स में ही है !

भाभी ने जल्दी से उस बॉक्स को खोला तो उसमें से गुलाबी ब्रा पेंटी का सेट था। भाभी ने वो मुझे भी दिखाया तो मैंने कहा- भाभी, ये तो उसी ब्रा और पेंटी के जैसे हैं जो आपने मुझे दी थी, और जो मैंने अभी पहन भी रखी हैं।

भाभी ने कहा- मुझे दिखाओ रोमा !

और उन्होंने मेरी कुर्ती को ऊपर कर दी और देखने लगी, कहने लगी- हाँ रोमा, ये तो एक जैसी ही हैं।

भाभी ने कहा- कोई बात नहीं !

और फिर भाभी ने भईया से पूछा- आपका खाना हो गया क्या?

तो उन्होंने कहा- हो ही गया है।

फिर भाभी ने कहा- मैं इसे पहन कर देख लूँ क्या?
भईया ने कहा- हाँ पहन लो, ये भी कोई पूछने की बात है?
फिर भईया कमरे में आये और भाभी से पूछा- पसंद तो आई ना?
तो भाभी ने कहा- हाँ बहुत अच्छी है !

फिर भईया ने अपनी बेटी को उठा कर कमरे से बाहर चले गए और उसके साथ खेलने लगे।

भाभी ने अपनी साड़ी उतार दी और मुझसे भी कहा- रोमा अब तुम भी कपड़े बदल लो !

मैं कपड़े बदलने बाथरूम में जाने लगी तो भाभी ने टोका- कहाँ जा रही हो?
तो मैंने कहा- कपड़े बदलने बाथरूम में जा रही हूँ !
तो भाभी ने कहा- तुम यहीं बदल लो, मुझे जाना है बाथरूम !

और फिर भाभी ने जल्दी से अपना पेटीकोट, ब्लाउज, ब्रा-पेंटी को उतार उस नई ब्रा पेंटी को पहना और बाथरूम में चली गई।

मैंने अपने कपड़े उतारे और अपने बैग से नाईटी निकालने लगी, तभी अचानक भईया ने आकर पीछे से मेरे बूब्स पकड़ लिए और उन्हें दबाने लगे और मेरी गर्दन पर चुम्बनों की बौछार कर दी। अचानक हुए इस हमले से मैं घबरा गई, मैंने कहा- भईया, ये क्या कर रहे हो आप?

तो भईया ने मेरा मुँह घुमाया और मुझे देख कर दूर हट गये और कहा- रोमा तुम? पलक कहाँ है?
मैं वैसे ही खड़ी थी ब्रा और पेंटी में, मैंने कहा- भाभी बाथरूम में हैं !
तो भईया ने कहा- मुझे माफ़ कर देना रोमा, मैंने सोचा पलक है।

और कहा- मैंने जो पलक के लिए लाया था वो तुमने कैसे पहन लिया? इसलिए मुझे गलतफहमी हो गई और मुझे लगा कि तुम ही पलक हो।

उधर भाभी बाथरूम से निकल कर आई और कहा- मैं यहाँ हूँ !

भईया ने भाभी की तरफ देख और कहा- तुम दोनों ने एक सी ब्रा-पेंटी कैसे पहनी हैं। मैं तो इस ब्रा-पेंटी का एक ही सेट लाया था तो ये दो जोड़ी कैसे हो गई। तुम दोनों ने एक सी ब्रा-पेंटी पहनी है।

तो भाभी ने कहा- आप एक बार पहले भी यही ब्रा पेंटी का सेट लाए थे मेरे लिए, जब हमारी शादी हुई थी, जो अब मुझे छोटी हो गई है तो मैंने रोमा को दे दी है और इत्तेफाक से रोमा वही पहने है।

भईया मुझे देख कर मुस्कुराने लगे, मैं भी मुस्कुराई और अपनी नाईटी पहन कर कमरे के बाहर जाने लगी तो भैया ने भाभी का हाथ पकड़ कर उन्हें अपने सीने से लगा लिया और उन्हें चूमने लगे।

तब भाभी ने कहा- अभी रुको, बेटी को सुला तो लेने दो !

फिर भाभी भईया से छुट कर बाहर आई तो मैंने भाभी से कहा- भाभी, आज मैं कहाँ सोऊँ?
तो भाभी ने कहा- हमारे ही कमरे में सो जाओ !
तो मैंने कहा- नहीं भाभी, भईया बहुत दिन बाद आये हैं।

और मैंने भाभी से इसे ही मजाक करते हुए कहा- आज तो भैया आप को छोड़ने वाले नहीं हैं, कैसे उतावले हो रहे हैं, मेरे सामने ही चूमा चाटी कर रहे हैं।

तो फिर भाभी ने कहा- हाँ, ये तो आज मुझे चोदे बिना छोड़ेंगे नहीं, तुम बगल वाले कमरे में सो जाओ !

और फिर भाभी ने भी मुझसे कहा- वैसे भी तुम्हें भी आज नींद कहाँ आयेगी !

मैं मुस्कुराने लगी तो भाभी ने कहा- सच सच बताना रोमा, तुम्हारा भी मन कर रहा है ना चुदने का?

तो मैंने कहा- हाँ भाभी, जिस तरह भैया आपके साथ चूमा चाटी कर रहे थे और मुझे भी उन्होंने जिस तरह पीछे से आकर पकड़ कर मेरे चूचों को मसल दिया, मुझे बहुत अच्छा लगा !

तो भाभी कहने लगी- तो कर लो ना इनके साथ सेक्स ! बहुत अच्छी चुदाई करते हैं तुम्हारे भईया ! इनसे चुदते हुए मुझे तो ऐसा लगता है कि मैं स्वर्ग में हूँ !
तो मैंने कहा- नहीं भाभी, आप जाइये, भईया आपकी राह देख रहे हैं, वो बहुत उताबले हो रहे हैं !

फिर भाभी बोली- मैं अपनी बेटी को सुला देती हूँ ! रोमा प्लीज, तुम इसे आज इसे अपने पास सुलाए रखना, क्योंकि जब ये मेरे साथ सेक्स करते है तो बहुत बुरी तरीके से करते हैं और उस हड़बड़ी में यह उठ जाती है, फिर इसे सुलाने में सारा मज़ा खराब हो जाता है।

फ़िर आगे बोली- मैं इसे सुलाती हूँ, जब सो जाएगी तो मैं तुम्हें आवाज दे दूंगी, तुम इसे ले जाना !
मैंने कहा- ठीक है भाभी, मैं ले जाऊँगी !

भाभी अपने कमरे में चली गई, मुझे नींद तो आ नहीं रही थी तो मैं उत्तेजनावश उनके कमरे के पास आ गई।

मुझे कुछ सुनाई दिया, भाभी भईया से कह रही थी- तुम रोमा की चुदाई करना चाहते हो? तुम उसे जिस तरह पीछे से आकर पकड़ कर उसके बूब्स दबा रहे थे, उसे बहुत अच्छा लग रहा था, जब उसने मुझे बताया, तो मैंने उससे पूछ लिया कि क्या वो सेक्स करना चाहती है तो उसने चुदने की इच्छा जताई !

भैया ने कहा- हाँ पलक, मैं भी रोमा को चोदना चाहता हूँ, मुझे उसकी चूत का स्वाद चखना है।
यह सुन कर जब मैं उनके कमरे में झांकने लगी तो भाभी सिर्फ पेंटी में थी, उन्होंने ब्रा उतार दी थी और बेटी को दूध पिला रही थी।

और भैया को भी ! भाभी का एक निप्पल उनकी बेटी के मुँह में था और दूसरा भैया के मुँह में ! वो दोनों को दूध पिला रही थी और कह रही थी- छोड़ो, बेटी के हिस्से का दूध भी तुम पी लोगे क्या?

भईया ने भाभी से कहा- अब यह सो गई है, तुम इसे रोमा को दे दो, अब तो मुझ से रहा नहीं जा रहा है।

भाभी ने मुझे आवाज दी और कहा- रोमा इसे ले जाओ।
मैं उनके कमरे में गई, भैया अभी भी भाभी के निप्पल को मुँह में लिए चूस रहे थे !
मुझे भाभी ने कहा- देख रही हो रोमा, इन्हें बिलकुल सब्र नहीं हो रहा है !

कहानी जारी रहेगी।
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