साली की चुदाई करके बीवी को पड़ोसी से चुदवाया-1

(Sali Ki Chudai Karke Bivi Ki Padosi Se Chudwaya- Part 1)

सनी वर्मा 2017-03-09 Comments

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दोस्तो… कैसी लग रही हैं आपको मेरी कहानियां…

आज की कहानी एकदम अलग परिस्थितियों की कहानी है… माधुरी और पंखुड़ी दोनों बहनें हैं, पंखुड़ी बड़ी और माधुरी उससे एक साल छोटी… दोनों की शादी हो चुकी है।
पंखुड़ी के पति मनस्वी का व्यापार है और अच्छा पैसा कमाता है… इसके साथ ही वो बहुत रंगीला भी है। पंखुड़ी के कपड़ों और अन्य चीजों के लिए उसकी ओर से कोई मनाही नहीं है।
पर पंखुड़ी का स्वभाव उसके उलट बिल्कुल शांत और गम्भीर है, वो बेड पर मनस्वी को मना तो नहीं करती, मजा भी पूरा देती है पर पहल नहीं करती, उसे उकसाना पड़ता है।

उधर माधुरी बहुत नटखट और शौक़ीन है, वो हर नई चीज़ का आनन्द लेना चाहती है, चाहे वो सही हो या गलत!
उसका पति मोहित एम्बेसी में है और अक्सर एक एक महीने के लिए विदेश चला जाता है। पैसे की उन्हें भी कमी नहीं है पर माधुरी बहुत खर्चीली है अतः मोहित ने उसका पॉकेट मनी बाँध रखा है कि उसे उतने में ही अपनी निजी शौक पूरे करने हैं।

अब माधुरी के शौक तो असीमित हैं, वो फिक्स रकम से कैसे पूरे हों… तो माधुरी को मदद पंखुड़ी करती रहती है।
दोनों बहनों में बहुत गाढ़ा प्यार और अंडरस्टैंडिंग है।

माधुरी को नाइट सूट का बहुत शौक है, मोहित उसके लिए विदेश से बहुत सेक्सी सूट लाता है और वो उनमें से आधे पंखुड़ी के बहुत मना करने पर भी उसे दे देती है। हालाँकि पंखुड़ी बहुत मन से उन्हें नहीं पहनती पर मनस्वी जबरदस्ती उसे पहनवा देता है।

मनस्वी और माधुरी की भी बहुत छनती है और दोनों के बीच अश्लील मजाक होते रहते हैं जिसका बुरा पंखुड़ी नहीं मानती। मनस्वी को माधुरी के बड़े बड़े मम्मे बहुत भाते हैं और बेड पर उसने पंखुड़ी को कई बार यह कह भी दिया है।

एक दो बार तो हंसी में पंखुड़ी ने भी उससे कह दिया कि तुम माधुरी को रख लो मैं मोहित के साथ रह लेती हूँ.. बात हंसी में खत्म हो जाती।
एक बार पंखुड़ी और माधुरी एक हफ्ते के लिए मायके गईं थीं, मोहित तो विदेश गया हुआ था, पंखुड़ी को वापिस लाने मनस्वी पहुंचा। रात में वो वहीं रुका। कमरे में वो पंखुड़ी का इन्तजार कर रहा था, पर पंखुड़ी और माधुरी अपनी माँ के साथ ही सोने के मूड में थीं…
अब इधर मनस्वी बोर हो रहा था तो पंखुड़ी ने माधुरी से कहा कि मैं तो मम्मी पापा के पास ही सोऊँगी, तू आज जीजू के पास चली जा, गप्पें मार, थोड़ी देर में वो सो जायेंगे तो तू भी यहीं आ जाना या वहीं सो जाना!

माधुरी मनस्वी के रूम में पहुंची तो मनस्वी मुँह फुलाए बैठा था, माधुरी ने जब उसे बताया कि वो उसे कंपनी देगी तो मनस्वी का मूड बढ़िया हो गया। माधुरी मनस्वी के बगल में बैठ गई और रूम का दरवाजा ढुका लिया।

मनस्वी का मोबाइल चालू था, माधुरी ने उठाया तो मनस्वी ने वापिस लेने की कोशिश की, माधुरी समझ गई कि कुछ बदमाशी हो रही थी तो उसने मोबाइल नहीं दिया और देखा तो मनस्वी उसमें ब्लू फिल्म देख रहा था।

माधुरी हंस पड़ी और मनस्वी से चिपट कर बैठ गई और मूवी देखने लगी। दोनों हॉट फील कर रहे थे, इससे पहले कभी ऐसी सिचुएशन बनी भी नहीं थी।
माधुरी ने नाइट सूट पहना था पर ब्रा नहीं थी, उसके निप्पल कड़े हो गए थे और साफ़ नजर आ रहे थे।

मनस्वी का तम्बू भी झंडा ऊंचा किये ही था, उसकी ओर इशारा करके माधुरी हंस पड़ी। मनस्वी झेंप गया, बोला- मुझे नींद आ रही है, मैं सो रहा हूँ।
उसे नहीं मालूम था कि माधुरी भी यहीं लेटेगी।

माधुरी ने लाइट बंद की और बेड में घुस गई मनस्वी के साथ!
दोनों बहुत संभल कर अलग अलग लेटे थे। माधुरी ने करवट बदली और एक हाथ मनस्वी के सीने पर रख दिया। दोनों सोने की कोशिश कर रहे थे।
मनस्वी थका हुआ था तो जल्दी ही सो गया।

रात को लगभग एक बजे मनस्वी की आँख खुली तो माधुरी का हाथ उसकी शॉर्ट्स पर लंड के ऊपर था। वो समझ नहीं पाया कि यह कैसे हो गया, उसने बिना हिले डुले आँख खोली तो देखा माधुरी सोई पड़ी है और उसकी शर्ट का ऊपर के दोनों बटन खुले हैं।

मनस्वी ने हल्के से करवट ली और सोने का नाटक करते हुए अपना हाथ माधुरी के मम्मों पर रख दिया। मनस्वी को 440 वोल्ट का करेंट लगा।जिन मम्मों को वो हमेश छूना चाहता था, आज उसका हाथ उनके इतने पास था। मनस्वी ने महसूस किया कि माधुरी ने उसका लंड ऊपर से पकड़ा हुआ है। अब यह या तो उसका भ्रम था या हकीकत… क्योंकि करवट लेने से माधुरी का हाथ नीचे हो गया था और उसके लंड से दबा हुआ था।

मनस्वी ने अब हिम्मत की और अपने एक हाथ को माधुरी के टॉप के अंदर डालने की कोशश की पर वो कामयाब नहीं हुआ उसके मम्मों तक पहुँचने में!
वो सोच रहा था कि क्या करे, तभी माधुरी ने कसमसा कर करवट बदली और सीधी होकर लेट गई। अब वो बिल्कुल सीधी लेटी थी और उसके मम्मे तने हुए थे।

मनस्वी दो मिनट तो शांत पड़ा रहा, फिर उसने एक हाथ धीरे से उसके मम्मों पर रख दिया। जब माधुरी ने कोई हरकत नहीं की तो मनस्वी ने उसके टॉप के अंदर नीचे से हाथ डालना शुरू किया और धीरे धीरे टॉप को ऊपर करके आखिर में उसके हाथों में माधुरी के मम्मे आ ही गए।
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मनस्वी की तो सांस चलने लग गई थी, आज उसका एक सपना साकार हो गया था, पर वो डर भी रहा था, उसने अपना हाथ निकाल लिया और करवट बदल कर आँख बंद कर के लेट गया।
तभी माधुरी का हाथ उसकी कमर से हटा हुआ उसके बरमूडा तक पहुंचा और सीधे अंदर चला गया।
माधुरी ने उसका लंड पकड़ लिया था और वो उसे दबा रही थी।

मनस्वी पलटा.. माधुरी आँख खोल कर उसे देख मुस्कुरा रही थी।
अब माधुरी ने अपना हाथ उसके बरमूडा से निकाल लिया और अपने होंठ मनस्वी के होंठों से चिपका लिए। मनस्वी भी सारी मर्यादा तोड़ अब माधुरी से चिपट गया।
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तभी बाहर कुछ आहट हुई, दोनों अलग होकर चुपचाप लेटे रहे, कमरे का दरवाजा खुला और पंखुड़ी ने आकर लाइट खोली, देखा दोनों सो रहे हैं तो वो लाइट बंद करके मनस्वी के पास आकर लेट गई और अब मनस्वी और माधुरी के सामने की सोने की मजबूरी थी पर माधुरी की चूत ज्यादा ही खुजला रही थी, उसने फिर मनस्वी का लंड पकड़ लिया और फिर धीरे से नीचे खिसक गई और 69 पोजीशन में आकर उसने मनस्वी का लंड मुंह में ले लिया।

मनस्वी ने भी धीरे से अपनी उंगली उसकी चूत में कर दी… वहां तो पहले से ही नदियाँ बह रह रही थी। मनस्वी अब हर हालत में माधुरी को चोदना चाहता था, पर पंखुड़ी का डर था, अगर वो जग जाती तो बहुत कुछ ख़राब हो जाता।

माधुरी फिर सीधे होकर लेट गई और एक बार फिर उसने मनस्वी को चूमा। मनस्वी ने पंखुड़ी को दूसरी तरफ धकेला तो पंखुड़ी नींद में ही करवट दूसरी ओर करके लेट गई।

इधर माधुरी ने अपना लोअर उतार दिया था और टॉप भी ऊंचा कर लिया था। मनस्वी ने उसके मम्मे अपने मुँह में लिए और अपना बरमूडा नीचे करके लंड बाहर निकाल लिया।

माधुरी ने सीधे धावा उसके लंड पर बोला और उसे पकड़ कर अपनी चूत में कर लिया। अब मनस्वी ने सारी शर्म छोड़ दी, सोचा जो होगा देखा जायेगा और वो पूरे जोर से माधुरी की चूत में घुस गया।

दोनों की सांसें तेज होने लगी, मनस्वी माधुरी के ऊपर चढ़ गया और बिना शोर किये धक्के लगाने लगा। माधुरी के मुँह से आह उम्म्ह… अहह… हय… याह… उह निकालनी शुरू हो गई जिसे मनस्वी ने उसके होठों से अपने होंठ मिला कर दबाया।

मनस्वी ने जल्दी ही माधुरी की चूत अपने वीर्य से भर दी और धीरे से नीचे उतर आया, माधुरी वाशरूम में भागी, मनस्वी ने अपने बरमूडा से ही अपना लंड पौंछा और चुपचाप पहन कर सो गया।

माधुरी वाशरूम से अपनी मम्मी के कमरे में चली गई और सो गई। सुबह पंखुड़ी उठकर नहाने चली गई, तभी रूम में माधुरी आई और मनस्वी को चूमकर थैंक्स बोल कर हंस कर चली गई।

मनस्वी और पंखुड़ी भी 9 बजे तक वापस चले गए।
जीजा साली की चूत चुदाई की कहानी जारी रहेगी।
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