जुदाई चार दिन की फिर लम्बी चुदाई-1

(Judai Char Din Ki Fir Lambi Chudai- Part 1)

नमस्ते दोस्तो, मैं प्रतिभा अपनी एक नई रियल सेक्स कहानी लेकर आई हूँ. यह कहानी नहीं बल्कि मेरी चुदाई की सत्य घटना है. मैं अपनी इस घटना को आप लोगों के सामने कहानी के रूप में पेश कर रही हूँ. मैं आशा करती हूँ कि ये कहानी आप लोगों को पसंद आयेगी.

सबसे पहले मैं आपको बता दूं कि मैं एक शादीशुदा औरत हूँ. मेरे पति भी बहुत ही चोदू किस्म के इन्सान हैं और वो मेरी चूत को जमकर चोदते हैं. उनकी चुदाई की खास बात ये है कि वो सिर्फ अपने मजे का ख्याल ही नहीं रखते बल्कि मुझे भी पूरी तरह से संतुष्ट करने की कोशिश करते हैं. उनका लंड बहुत मोटा-तगड़ा है और वो मेरी चूत में पूरा फंस जाता है. उनके लंड से चुद कर मैं वास्तव में ही बहुत संतुष्ट हो जाती हूँ.

इसलिए जब भी मेरे पति का मूड होता है तो मैं उनसे चुदाई करवाने के लिए हमेशा तैयार रहती हूँ.

जो लोग मुझसे मेरी चूत को चोदने की भीख मांगते रहते हैं उनसे मैं कहना चाहूंगी कि मैं अपने पति के साथ बहुत खुश हूँ. इसलिए जो लोग भी मेरी कहानियाँ
चुत चुदवाते हुए साड़ी प्रेस करवा ली
पति से गांड चुदवाकर मदमस्त हो गयी
पढ़ कर गंदे कमेंट्स करते हैं तो उनको कहना चाहती हूँ कि मैं इस तरह के कमेंट्स बिल्कुल भी पसंद नहीं करती हूं.
अच्छे कमेंट्स का मैं हमेशा स्वागत करती हूँ. इसलिए आपसे कहना चाहती हूँ कि मेरी कहानियों पर ‘मुझे भी एक मौका दो’ वाले कमेंट्स करने का कोई फायदा नहीं है. ऐसे लोगों से मुझे नफरत है.

अब मैं अपनी कहानी शुरू कर रही हूँ. तो मेरे प्यारे दोस्तो, ये बात पिछले साल अप्रैल की है. मेरी बहन के घर में फंक्शन था और मैं मेरी बेटी के साथ मुंबई गई हुई थी. आप तो जानते ही हो कि मुंबई जाने में बहुत टाइम लग जाता है इसलिए फंक्शन से वापस आने में मुझे पांच दिन का वक्त लग गया. जब मैं घर पहुंची तो मेरे पति मेरी चूत को चोदने के लिए तड़प रहे थे.

घर आते ही मैंने भी जल्दी से अपने कपड़े बदल लिये. वैसे तो मैं सफर के कारण काफी थकी हुई थी. लेकिन पति का चेहरा देख कर मुझे पता चल गया था कि वो मेरी चूत के दर्शन के लिए मचल रहे हैं. इसलिए पति को खुश करना मेरा पहला काम है.
जब मैं उनको खुश रखती हूं तभी तो वो मुझे भी खुश रखते हैं.

इसलिए मैंने जल्दी से कपड़े बदल लिये और फिर एक मैक्सी पहन ली. फिर मैं फटाक से नहाकर आ गई. मेरी बेटी जैसे ही बाथरूम में नहाने के लिए गई तो मेरे पति ने आकर मुझे पकड़ लिया और मेरे चूचे दबाने लगे.

मैं जानती थी कि वो पांच दिन मेरी चूत के बिना रहे हैं इसलिए उनका लंड मेरी चूत में जाने के लिए बेताब होगा. लेकिन मेरे पति ने मेरी बेटी के अंदर जाते ही मुझे दबोच लिया. शायद उन्होंने अपने लंड की मुठ नहीं मारी थी. इसलिए हफ्ते भर का माल उनके मोटे लौड़े में इकट्ठा हो गया था जो उनको इंतजार नहीं करने दे रहा था.

बेटी ने जैसे ही बाथरूम का दरवाजा बंद किया तो मेरे पति मेरे चूचों पर टूट पड़े वो मैक्सी के ऊपर से ही मेरे मोटे चूचों को भींचने लगे. मैंने भी एकदम से उनके लंड को हाथ से टटोल कर उनकी पैंट के ऊपर से ही लंड को पकड़ लिया. उनका लंड पहले से ही तनाव में आना शुरू हो गया था.

मुझे मेरे पति का लंड हाथ में लेने में बहुत मजा आता था. उनका लंड काफी मोटा है इसलिए मेरे हाथ में पूरा भर जाता है. ऐसा मोटा लंड लेने के लिए मैं भी कई दिन से तरस रही थी. मैंने अपने पति के लंड को अपने हाथ में लेकर सहलाना शुरू कर दिया.

मेरे हाथ मेरे पति के लंड पर पहुंचा तो उन्होंने मेरे होंठों को अपने होंठों के अंदर दबा लिया. उसके बाद वो जोर से मेरे होंठों को काटने लगे. इतनी जोर से काटा कि उनके दांत मेरे होंठ पर लग गये. मुझे दर्द होने लगा तो मैंने कहा- आराम से करो.

लेकिन उनको आज चुदाई की ज्यादा ही जल्दी लगी हुई थी. इससे पहले मैं इतने दिनों तक कभी अपने पति से दूर नहीं रही थी इसलिए मैं उनकी प्यास को समझते हुए उनका साथ देने की पूरी कोशिश कर रही थी.

मेरे मोटे चूचों को दबाते हुए मेरे पति मेरे होंठों को काट रहे थे. फिर उऩ्होंने अपना लंड मेरी मैक्सी पर मेरी चूत के पास सटा दिया और फिर मेरी गांड के पीछे हाथ ले जाकर उसको पकड़ लिया. अब वो मेरे बदन से चिपक गये थे और मेरे होंठों को चूसते हुए मेरी गांड को दबाने लगे.

उनका लंड पूरा तन गया था और मुझे मेरी टांगों पर महसूस हो रहा था. मैंने भी उनकी गांड को अपने हाथ में दबा दिया. मेरे पति की गांड भी मुझे बहुत अच्छी लगती है. मैं भी अपने पति के साथ खुल कर मजे लेने लगी. वो मेरी गांड को भींच रहे थे और मैं उनकी गांड को दबा रही थी. मैं बिल्कुल चुदासी हो गई थी पांच मिनट के अंदर ही.

फिर मेरे पति ने मेरी मैक्सी को ऊपर उठा दिया. मैंने नीचे से कुछ नहीं पहना हुआ था. मेरे चूतड़ नीचे से बिल्कुल ही नंगे थे. मेरे पति के हाथ मेरे नंगे चूतड़ों को दबाने लगे.

वो मेरे चूतड़ों को दबा रहे थे और उनका लंड पूरा का पूरा मेरे हाथ में था. उन्होंने भी शायद पैंट के अंदर चड्डी नहीं हुई थी. इसलिए लंड आराम से मेरे हाथ में आ रहा था.

फिर मैंने उनकी पैंट की चैन को खोल कर उनके मोटे लंड को बाहर निकाल लिया. उनका लंड पूरा सख्त हो चुका था. मैंने उनके लंड को अपने हाथ में लेकर उसके मोटे से टोपे को आगे-पीछे करना शुरू कर दिया.

पति के मुंह से सिसकारियां निकल गईं. उन्होंने मेरे चूतड़ों को और जोर से दबाना शुरू कर दिया. मैं भी पूरी तरह से गर्म हो चुकी थी. मेरी चूत से पानी बाहर आने लगा था. मेरी चूत अब पति का लंड लेने के लिए मचलने लगी थी. वैसे तो मैं सफर के कारण थकी हुई थी लेकिन पति का मोटा लंड हाथ में लेकर उन्होंने मेरी चूत की आग को जगा दिया था.

मैं जल्दी से अपने पति का लंड अपनी चूत में लेना चाह रही थी. इसलिए मैंने नीचे बैठकर उनके लंड को अपने मुंह में भर लिया और तेजी से चूसने लगी. मेरे पति के लंड को चूस-चूस कर मैंने बिल्कुल गीला कर दिया. जब उनका लंड पूरा गीला हो गया तो मैंने उनकी गोलियां भी चूस डालीं. वो जोर से सिसकारने लगे.

अब मुझे डर था कि कहीं हमारी कामुक आवाजें अंदर बाथरूम में बेटी तक न पहुंच जायें. इसलिए मैंने अपने पति को दूसरे रूम में चलने के लिए कहा.

पति बोले- तुम खुद ही ले चलो मेरी रानी.
मैं उनकी शरारत को समझ गई थी. मैंने उठकर उनके होंठों को चूसा और फिर उनके लंड को हाथ में पकड़ लिया. उनके लंड को हाथ में पकड़ कर मैं आगे चलने लगी और पति पीछे-पीछे चलने लगे. मैं पति के लंड से खींच कर ही उनको दूसरे रूम में ले गई.

हमने दरवाजा बंद कर लिया और दरवाजा बंद होते ही मेरे पति ने मेरी मैक्सी उतार फेंकी. मैंने नीचे कुछ भी नहीं पहना हुआ था. मैं अपने पति के सामने पूरी की पूरी नंगी हो गई.

मेरे पति मेरे चूचों पर टूट पड़े. वो मेरे मोटे चूचों को चूसने काटने लगे. मैंने उनके लंड की मुठ मारने लगी. पति का मुंह मेरे चूचों के बीच में घुसा हुआ था. उन्होंने मेरे चूचों को काट-काटकर लाल कर दिया.

फिर उन्होंने मुझे बेड पर धेकल दिया और मेरी टांग उठाकर अपना मुंह मेरी चूत में लगा दिया. मेरी चूत से पानी निकल रहा था. उस पानी को वो अपनी जीभ से चाटने लगे तो मैं तड़प उठी. पति की जीभ मेरी चूत में घुस गई और मैंने उनका सिर पकड़ कर अपनी चूत में दबा दिया.
वो जोर-जोर से मेरी चूत में जीभ को अंदर और बाहर करने लगे. अब मुझसे भी रुका नहीं जा रहा था. मैं तेजी से सिसकारियां लेने लगी.

फिर मेरे पति ने जल्दी से उठ कर अपनी शर्ट निकाल दी. फिर उन्होंने पैंट भी निकाल दी. उनका मोटा-तगड़ा लौड़ा मेरे सामने हवा में लहरा गया. मैं उसको देख कर मुस्करा दी. मैंने पति को अपने पास आने का इशारा किया तो वो बेड पर कूद गये.
उन्होंने एक बार मेरे होंठों को जोर से चूसा और फिर मेरे चूचों को दबाते हुए मेरे पूरे बदन को चाटने लगे. चाटते हुए वो मेरी चूत तक चले गये. उनकी गर्म जीभ मेरे पूरे बदन पर मजा दे रही थी.

फिर एक-दो मिनट तक चूत को चुसवाने के बाद मैंने पति अपने ऊपर खींच लिया और मैं उनके होंठों को चूसने लगी.
पति ने नीचे से अपना लंड मेरी चूत पर लगा दिया और एक धक्का दे मारा. कई दिनों के बाद पति का मोटा लंड ले रही थी इसलिए एक बार मुझे काफी दर्द हुआ लेकिन मेरे पति मेरी बहुत चुदाई कर चुके हैं इसलिए मुझे उनका लंड लेने में ज्यादा परेशानी नहीं होती.

उन्होंने एक धक्का और मारा जिससे पूरा लंड मेरी चूत में घुस गया. मैंने पति को अपने बांहों में जकड़ लिया और वो मेरी चूत को चोदने लगे. कई मिनट तक उन्होंने मेरी चूत को इसी तरह से चोदा और फिर मुझे पोजीशन बदलने के लिए कहा. मैं उठ गई और नीचे आकर मैंने अपने दोनों हाथ बेड पर रख लिये. मैं नीचे झुक गई और दायां पैर मोड़ कर बेड पर रख लिया. लेकिन इतने में ही फिर बाथरूम का दरवाजा खुलने की आवाज हुई.

शायद मेरी बेटी नहाकर बाहर आ गई थी. लेकिन पति को मेरी चूत चोदने की ललक थी इसलिए उन्होंने बाथरूम खुलने की आवाज नहीं सुनी. उन्होंने अपना लंड पीछे से मेरी चूत में डाल दिया. वो मेरी चूत को चोदने लगे लेकिन तभी बेटी मुझे आवाज लगाने लगी.

न चाहते हुए भी हमें चुदाई रोकनी पड़ी. पति ने मेरी चूत से अपना चिकना हो चुका लौड़ा निकाल लिया. फिर मेरी गांड पर लंड को रगड़ते हुए झुक कर मेरे कान में बोले- रात को जमकर चोदूंगा मेरी जान!

मैं मुस्कराती हुई उठी और जल्दी से अपनी मैक्सी पहन ली. पति ने भी जल्दी से अपनी पैंट और शर्ट डाल ली. दरवाजा खोला तो बेटी नहाकर बाहर आ गई थी.

फिर मैं किचन में चाय बनाने के लिए चली गई. दिन में मैंने थोड़ा सा आराम किया. पति भी यहां-वहां छोटे मोटे काम में लगे रहे.

फिर रात को बिटिया के सोने के बाद हम दूसरे रूम में चले गये और जाते ही नंगे होकर एक दूसरे को चूसने लगे. पति का लौड़ा तो जैसे मेरी चूत के हमेशा ही खड़ा रहता था.

अपने पति को बेड पर नीचे गिराकर मैं उनके लंड पर बैठ गई. उम्म्ह… अहह… हय… याह… अपने चूचे मसलते हुए चुदने लगी. पति भी मेरी गांड को उठा-उठा कर अपने लंड पर पटक रहे थे. लंड मेरी चूत में गचागच उतर रहा था. उनका मोटा लौड़ा जब अंदर जाता था तो पूरी चूत फैल जाती थी. फिर मैंने अपने मोटे चूचों को अपने पति के मुंह के सामने कर दिया तो वो मेरे निप्पलों से मेरे दूधों को पीने लगे.

चूत में उनका मोटा लंड और उनके मुंह में मेरे निप्पल. ऐसा लग रहा था कि दुनिया में यही एक सुख है. मैं तेजी से पति के लंड पर कूदने लगी. मन कर रहा था कि आज चूत को फड़वा ही लूं. लेकिन अगर ज्यादा फैल गई तो पति को रस आना बंद हो जायेगा इसलिए फिर मैंने गति धीमी कर ली.

अब स्थिति ऐसी थी कि कोई अगर दूर से देखे तो जान पड़े कि मैं ही अपने पति को चोद रही थी. मुझे इस पोज में बहुत ज्यादा मजा आता था इसलिए अब मेरा झड़ना पक्का था. दो मिनट के बाद ही मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया.

उसके बाद मैं कुतिया की पोज में आ गई. मेरे पति अपने घुटनों पर खड़े हो गये. दोनों हाथों से मेरे कूल्हे फैलाकर अपना लंड चूत में घुसा दिया. मेरी चूत में गुदगुदी होने लगी. फिर तेजी से मेरे पति का लंड मेरी चूत में अंदर-बाहर होने लगा.

कुतिया के पोज में मेरे प्यारे पति ने मुझे दस मिनट तक चोदा. फिर उन्होंने मुझे बेड पर सीधी लिटाकर अपने पैर मेरी कमर की बाजू में रख लिये और चूत में लंड को पेलने लगे. जब उनको मुझे सताने का मन करता है तो वो इसी पोज में मेरी चुदाई करते हैं.

इस पोज में उनका लंड मेरी चूत में बिल्कुल अंदर तक चला जाता है. मैं उनको ऐसी पोजीशन में ज्यादा देर तक झेल नहीं पाती.
पांच मिनट की चुदाई के बाद दर्द मेरी बर्दाश्त के बाहर हो गया. मैंने उनको लंड वापस बाहर निकालने के लिए कहा. मेरे कहने पर उन्होंने लंड बाहर निकाल लिया. मुझे उनकी यही अदा बहुत पसंद आती थी. मैं जैसे बोलती हूँ वो तुरंत मान जाते हैं. इसलिए मैं भी उनको खुश रखने की पूरी कोशिश करती रहती हूँ.

वो लंड को बाहर निकाल कर मेरे ऊपर आ गये. मैंने अपने पैर घुटनों से मोड़कर फैला दिये तो मेरी नाजुक गुलाबी चूत ने अपना मुंह खोल दिया.
पति का मोटा लंड हाथ में लेकर मैंने उसको चूत के मुंह पर रख लिया. पति को इशारा करते ही उन्होंने उन्होंने आधा लंड मेरी चूत में उतार दिया.

जैसे ही मैंने अपना हाथ बाहर निकाला तो उन्होंने दूसरा धक्का मार दिया. पूरा का पूरा लंड मेरी चूत में उतार दिया उन्होंने। मेरे दोनों निप्पलों को बारी-बारी से चूसते हुए वो मुझे चोदने लगे. मेरे मुंह से हल्की-हल्की सिसकारियां निकल रही थीं.
अब वो मेरे ऊपर ही झुक आये थे, अपने होंठों से मेरे निचले होंठ को चूसने लगे. मैं भी उनके होंठों को अपने होंठों में लेकर चूसने की पूरी कोशिश कर रही थी.

लेकिन उनकी रफ्तार ज्यादा थी. उनका लंड अब जोर से मेरी चूत में अंदर-बाहर हो रहा था. आठ-दस धक्के मार कर पति ने अपना लंड चूत में पूरा घुसा दिया. मुझे उनके लंड से निकलने वाले लावा का पहला शॉट महसूस हो गया. एक-दो-तीन-चार … शॉट पर शॉट लगने लगे उनके वीर्य के … मेरी चूत को उन्होंने अपने गर्म माल से भर दिया.

फिर वो मेरी चूत के अंदर ही अपना लंड डाल कर सो गये. मैंने अपने दोनों हाथ उनके पीछे डाल कर उनको कसकर पकड़ लिया. कुछ ही देर में उनका लंड सिकुड़ने के बाद चूत से बाहर निकल आया. लंड के निकलते ही पति का वीर्य भी चूत से बहकर बाहर गिरने लगा. मैंने उस माल को अपनी चूत से पौंछा नहीं और उनको ऐसे ही बांहों में लेकर सो गयी. हम दोनों को नींद आ गयी थी.

कहानी अगले भाग में जारी रहेगी जिसमें मैं आपको बताऊंगी कि मेरे पति ने कैसे मेरी गांड को पूरे मजे लेकर चोदा. हम दोनों को दिन में आराम से मजे लेकर चुदाई करना बहुत पसंद है. जल्दी ही अगली कहानी में आपको मजा दूंगी.

मेरी कहानी पर आप लोग अपनी राय जरूर देना और मुझे बताना कि आपको मेरी कहानी में कौन सी पोज सबसे ज्यादा अच्छी लगी. मैसेज करने के लिए मैंने अपनी मेल आई-डी नीचे दी हुई है. आप कहानी पर अच्छे-अच्छे कमेंट भी कर सकते हैं.
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कहानी का अगला भाग: जुदाई चार दिन की फिर लम्बी चुदाई-2

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