डिल्डो और जिगोलो-2

जूजाजी 2013-02-02 Comments

मैं अपनी सहेली की उत्तेजना पर मुस्कुरा पड़ी- ठीक है रानी, पहले एक एक पेग और हो जाए ! पहले पेग पीएँगे फिर मैं तुझे चोदूँगी। देख तेरी चूत कैसे फड़फडा रही है चुदने से पहले !

मैंने उसकी टाँगों की अपने कंधों पर रखा और डिल्डो को चूत के मुहाने पर। उसकी मस्त चूची को मुँह में लेकर मैंने एक ज़ोरदार धक्का मारा। कम से कम 4 इंच लंड निक्की की चूत में घुसता चला गया।

मेरा डिल्डो उसकी चूत रस से भीग चुका था और मेरी गांड ऊपर नीचे हो कर निक्की को चोद रही थी। निक्की की कमर अब धीरे धीरे शांत होने लगी थी और मेरा रबर का लंड अभी उसकी चूत में समाया हुआ था कि अचानक दरवाज़ा खुला।

राहुल, मेरा भाई सामने खड़ा था और हम दोनों को आँखें फाड़ कर देख रहा था। हम दोनों को नंगा बिस्तर पर चुदाई में मशगूल देख कर उसकी आँखें फटी की फटी रह गई थी। कुछ देर तक कोई भी कुछ भी ना बोल सका।

फिर राहुल कुछ संभाल कर बोला- दीदी, सॉरी मैं अचानक चला आया। मुझे नहीं मालूम था कि आप इस तरह… आई एम सॉरी दीदी… जीजू कहाँ हैं? ये सब क्यों? आई एम सॉरी !

उसकी आवाज़ लड़खड़ा रही थी, मुझे कुछ नहीं सूझ रहा था कि क्या कहूँ।

तभी निक्की मेरे नीचे से निकल कर बोल पड़ी- संजू, तू तो जानता ही है कि तेरे जीजू विदेश गये हुए हैं। मेरे पति भी यहाँ नहीं हैं और मैं और तेरी बहना कितनी गर्म औरत हैं? इस गर्मी के मौसम में हम से रहा नहीं गया। शीना और मैं वासना की आग में जल रही थी। मुझे और तेरी बहन को चुदाई की आग जला रही थी। पहले हम क़िसी जिगोलो को बुलाना चाहती थी। लेकिन बाद में तेरी प्यारी दीदी के इस लंड से हम अपनी हवस को शांत करने लगी लेकिन अब तो तुम आ गये हो। अब हमारे पास डिल्डो भी है और जिगोलो भी, तुम आ गये हो तो हमको असली लंड और नकली लंड से चुदवाने का मौका मिल जाएगा। क्यों क्या ख्याल है, संजू?”

“मैं….निक्की दीदी… कैसे? …शीना दीदी मेरी सग़ी बहन है… नहीं ऐसा नहीं हो सकता… मैं तो बस यूँ ही… उफ्फ़ नहीं कर सकता… प्लीज़!!” वो बुदबुदाने लगा।

निक्की उठी और संजू के पास जाकर उसके गले में बाहें डाल कर बोली- संजू मेरे छोटे भैया, क्या मैं तुझे सेक्सी नहीं लगती? और शीना तो साली चुड़ाकड़ औरत है जिसको देख कर बड़े बड़े मर्द पिघल जाते हैं।

निक्की अपने होंठ संजू के कान के पास ले जाकर बोल रही थी- और तुझे मुफ़्त में दो दो रंडियाँ मिल रही हैं चोदने के लिए, बहनचोद मज़ा ले ले… जी भर के ! ऐसी ऑफर क़िसी नामर्द को भी मिलती तो अपने आपको खुश नसीब समझता। तू नहीं जानता कि तेरी शीना दीदी, कितनी बड़ी चुदक्कड़ रांड है।

मेरी ज़ुबान रुक गई, निक्की साली क्या बक रही थी। लेकिन मैंने देखा की संजू मुँह से कुछ बोले या ना बोले पर उसका लंड कुछ और ही कह रहा था। उसकी पैंट में लंड महाराज तंबू बना रहे थे। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं।

मादरचोद मेरा भाई मेरे नंगे जिस्म को घूर रहा था और मुझे उसका देखना अच्छा लग रहा था। आज पहली बार मैं अपने भाई को एक मर्द के रूप में देख रही थी और मेरा प्यारा भाई मुझे एक राण्ड की तरह देख रहा था। मेरा दिल चाहता था कि संजू मेरी सहेली की बात मान ले। आख़िर जब संजू ने मेरी तरफ देखा तो मैंने भी बड़े अश्लील भाव से अपनी टाँगें फैला कर अपनी चूत में अपनी एक उंगली डाल कर उसको आँख मार कर मुस्कुरा कर बोली- संजू, शायद निक्की ठीक कह रही है। तुम एक मर्द हो और हम चुदासी औरतें। भाई बहन का रिश्ता बाद में है। अगर ऐसा ना होता तो तेरा लंड इस तरह खड़ा नहीं होता अपनी शीना दीदी को नंगा देख कर। तेरा इस चूत पर उतना ही हक है जितना अमित का। अब तुम हमारे तीसरे पार्टनर बन जाओ, बस मेरी यही इच्छा है।

मेरे शब्दों ने मेरे भाई के मन से एक बोझ उठा दिया और उसने मन ही मन हमारी चुदाई में शामिल होने का फ़ैसला कर लिया। वो मेरी तरफ बढ़ा और मुझे गले से लगाते हुए बोला- दीदी, सच कह रही हो तुम ! मैंने तुम जैसी सेक्स लड़की नहीं देखी। कब से तेरे नंगे जिस्म की याद में मूठ मारता रहा हूँ। तेरी सुहागरात वाले दिन मैंने तेरी सेक्सी आवाज़ें सुनी थी और अमित जीजू से मुझे बहुत जलन हुई थी। दीदी मैं उस दिन अमित की जगह लेना चाहता था। खैर देर आए दुरुस्त आए, और आपकी सहेली भी क़िसी से कम नहीं है, बिल्कुल परवीन बॉबी जैसी है। तुम दोनों को पाकर मेरी ज़िंदगी बन जाएगी। दीदी, तुम निक्की को इस डिल्डो से चोद चुकी हो, मुझे लगता है पहले मुझे तुमको ही चोदना चाहिए, क्यों निक्की दीदी?

सारे पर्दे हट चुके थे। निक्की उठी और संजू के लिए एक पेग बना कर ले आई और उसकी गोद में बैठ कर मेरे भाई के चुचूक चूमने लगी। मैं भी उठ कर संजू की शर्ट उतारने लगी। मेरे भाई का जिस्म बहुत बलिष्ठ था। उसकी छाती पर काले बाल थे और बाकी जिस्म गोरा चिट्टा। संजू अब निक्की को चूम रहा था और उसकी चूचियों को मसल रहा था।

मैंने भी अपना पेग बनाया और एक सिगरेट सुलगा ली और दारु पीने लगी। नशा मुझ पर हावी हो रहा था, मैंने अपने से निक्की को भी पिलाना शुरू कर दिया और संजू को अपनी सिगरेट पिलाने लगी। मुझे अपने भाई को नशे में लाकर खूब बेशर्म कर देना था।

मैंने संजू की नंगी पीठ पर अपनी चूचियाँ रगड़नी शुरू कर दी। मेरे भाई का लंड पैंट फाड़ कर बाहर आने को तड़प रहा था। जब निक्की संजू के लिए दूसरा पेग भरने गई तो मैंने उसको डबल पेग बनाने को कहा और खुद अपने भाई की पेंट की बेल्ट खोलने लगी।

“दीदी, तुम तो विम्मी से कई गुना अधिक सेक्सी हो ! मुझ पर तेरी जवानी का नशा चढ़ चुका है। अब तो तेरे भाई का लंड चाहे भी तो तुझे चोदे बिना ना रहेगा और तेरे साथ निक्की जैसी औरत तो नसीब वालों को मिलती है। निक्की अपनी सहेली की कमर से ये डिल्डो तो अलग कर दो।

संजू की पैंट मैं खोल चुकी थी, उसने सफेद अंडरवियर पहना हुआ था। मुझे अपनी कमर से बेल्ट खुलती हुई महसूस हुई। निक्की ने मेरी कमर से डिल्डो अलग कर दिया और उस पर हाथ फेरने लगी- निक्की, नकली लंड से चुदवा चुकी हो तुम, अगर दिल करता है तो असली को स्पर्श कर के देखो। यह मेरा लंड आज दुनिया के सभी रीति रिवाज़ों को छोड़ कर अपनी ही बहन की चूत में घुसने जा रहा है और यही सोच कर मेरी उत्तेजना भी बढ़ रही है। मेरा लंड अपनो दीदी को नंगा देख कर पागल हो रहा है !

मैंने जब संजू का अंडरवियर नीचे सरका दिया तो उसका लंड एक नाग की तरह फुफकार उठा। गर्म था मेरे भाई का लंड, जिसका सुपारा गुलाबी था और उसके मुख से रस की बूँद निकल रही थी।

मैंने अपना मुँह संजू के सुपारे पर रख दिया और चूम लिया- भैया, आज अपनी बहन को अपने लंड को चूम लेने दो, जैसे तुम इसको विम्मी से चुसवाते हो। आज अपनी बहन को पेल कर खुश कर दो।

मैं उसके सुपारे को अपने मुँह में ले कर चचोरने लगी। संजू शराब पी रहा था और लंड चुसवा रहा था। निक्की भी उसके पास आकर बैठ गई और वो उसकी चूची को चूमने लगा।

“दीदी अब बस करो, मैं जल्दी झड़ना नहीं चाहता। मैं तुझे अच्छी तरह से चोदना चाहता हूँ। मैं कल तक यहीं रहने वाला हूँ। तब तक हम तीनों चुदाई का आनन्द लेंगे। निक्की दीदी, तुमने कभी अपने पति की गांड चाटी है? मैं चाहता हूँ जब मैं शीना दीदी को चोदूँ तो तुम मेरी गांड चाटो । मेरी बीवी ने एक बार मेरी गांड चाटी थी तो मुझे बहुत मज़ा आया था।” संजू बोला और मेरे साथ बगल में लेट गया।

और निक्की उसकी पीठ की तरफ उसके साथ साथ लेट गई और संजू की गर्दन से चुम्बन करती हुई अपनी ज़ुबान को नीचे की तरफ बढ़ने लगी।

मैंने अपनी टाँगें खोल दीं और एक टांग उठा कर भैया के ऊपर रख दी और उसका लंड पकड़ कर अपनी चूत पर रगड़ने लगी। भाई के लंड के स्पर्श से बहन की चूत रो रही थी। मेरे भाई का लंड उठक बैठक कर रहा था।

मैं संजू से चिपक रही थी- संजू, मेरे भाई, अब पेल दो अपना लंड मेरी चूत में। नहीं रहा जाता, मेरे भाई ! इस नगोड़ी चूत को पेलो ज़ोर से। जिस बहन से राखी बँधवाते हो, उसी को चोद डालो आज और बन जाओ पक्के बहनचोद, मेरे संजू भैया !

संजू ने अपने होंठों से मेरे मुँह को बंद कर दिया और किस करते हुए अपने लंड को मेरी चूत में पेल दिया।

मेरी चूत में भाई के लंड के दाखिल होते ही मैं गनगना उठी। मेरे भाई का लंड मेरे पति के लंड से काफ़ी अधिक बड़ा और मोटा था जो की मेरी चूत को भर रहा था। मेरे हाथ निक्की के बालों पर थे जो मेरे भाई की गांड पर ज़ुबान फेर कर चाट रही थी। संजू भाई हम दोनों के बीच सैंडविच बना हुआ था। मेरे बहनचोद भाई का लंड लोहे की तरह कड़ा था और मेरी चूत को मस्त मज़ा दे रहा था।

संजू ने अपने धक्कों की स्पीड बढ़ा दी, लंड मेरी चूत में तूफ़ानी गति से धकाधक अंदर बाहर हो रहा था और मेरी चूत फुदक रही थी- पेलो मेरे राजा भैया, पेलो अपनी बहन की चूत को ! तेरी रांड बहन तेरे लंड की भूखी है, पेल इसको मेरे भाई ! संजू अपनी बहन की चूत पेलते हुए बोला कैसे लग रहा है मेरी रंडी ? मेरे बहनचोद भाई? मेरी चूत तो तेरा लंड खा कर धन्य हो गई ! तेरे जैसा लंड आज तक नहीं चखा था मेरी रंडी चूत ने। मेरे भाई कितना मस्त है तेरा लंड !!!

संजू की ताक़त मेरे शब्द सुन कर दोगुनी हो गई और वो मुझे पागलों की तरह चोदने लगा।

निक्की भी उठ कर सामने आ गई और मेरी चूचियों को चूसने लगी। कभी कभी वो संजू के अंडकोष सहला देती और कभी उसको चूमने लगती। फिर अचानक निक्की ने अपनी चूत को संजू के मुँह पर रख दिया और चुसवाने को बोली- संजू मादरचोद, कैसा लग रहा है अपनी बहन को चोद कर? साले खूब मज़े ले रहा है तू अपनी शीना दीदी की चूत में लंड पेल कर? ले अब निक्की दीदी की चूत चाट, इसका रस पी बहनचोद ! एक बहन की चूत का स्वाद अपने लंड से और दूसरी का अपनी ज़ुबान से चख मादरचोद संजू !!

निक्की ने अपनी चूत के होंठों को अलग करते हुए चूत चुसवाना शुरू कर दिया और मेरा भाई मज़े से एक को चोदने और दूसरी को चूसने लगा।

मेरी चूत से रस की धार छूटने लगी थी। इतनी उत्तेजना मैंने पहले कभी महसूस ना की थी। मेरे भाई का लंड फ़च फ़च करता हुआ मेरी चूत को स्वर्ग दिखा रहा था। मैंने संजू के अंडकोष पकड़ कर सहला दिए और वो पागल हो उठा। वो निक्की की चूत से मुँह अलग करते हुए बोला- उफफ्फ़.. ऊऊओह… आआरररघ्ज्ग… दीदी, मैं झर रहा हूँ… ऊऊहह बहनचोद बन गया हूँ.. बहुत मस्त हो तुम मेरी बहना… ऐसी चुदक्कड़ औरत मैंने पहले नहीं देखी…आ अहह… निक्की मेरी बहन अब मेरी बीवी बन गई है… तू मेरी बीवी है शीना दीदी… ऊऊहह… निक्की तुम मेरी हो… और मैं बहनचोद..मैं झरा आ !!

मुझे अपनी चूत की गहराई में अपने भाई के लंड के रस की बरसात होती हुई महसूस हुई, उधर मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया। संजू के अंडकोष मेरे चूतड़ से टकरा रहे थे। निक्की हमारे सामने अपनी चूत में उंगली डाल कर अपने आप को चोद रही थी। हम हाँफ रहे थे। चूत में लंड खलबली मचा रहा था। चुदाई अंतिम चरण पर थी। चूत और लंड रस मेरी चूत में मिल रहे थे। हाँफते हुए मेरा भाई मुझे पर गिर पड़ा और मैं नीचे पड़ी रही। हम तीनों बिस्तर पर ढेर हो गये।

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