मस्त राधा रानी-5

This story is part of a series:

लेखक : राज शर्मा

मामा के मुँह से ये सारी बातें सुनते सुनते मेरी तो चूत गंगा जमुना हो चुकी थी, चूत का रस नीचे टपकने लगा था।

मैंने नीलम से कहा- मेरी चूत भी लण्ड लेने को बेताब है ! कुछ करो !

तो वो बोली- अभी कुछ देर में हम लोग डॉक्टर के पास जायेंगे, तब तुम बाबूजी के लण्ड से जितना चाहो मज़ा लेना। मैं कोशिश करुँगी कि हमें वहाँ ज्यादा से ज्यादा वक्त लगे।

करीब आधे घंटे के बाद मामा को और मुझे छोड़ कर सभी डॉक्टर के यहाँ चले गए।

उनके घर से निकलते ही मैं मामा से लिपट गई। मामा ने भी बिना देर करे मेरे कपड़े उतार दिए और मेरे मस्त चूचे चूसने लगा। अभी मामा शुरू ही हुआ था कि दोबारा मस्ती पर वज्रपात हो गया। मैं जल्दी जल्दी में दरवाज़ा बंद करना भूल गई थी जब नज़र उठाकर देखा तो मोहित खड़ा हमें देख रहा था। मेरे तो चूत, दिल दिमाग सब कुछ उबल पड़े। मुझे मोहित पर बहुत गुस्सा आ रहा था ।

मैं कुछ बोलती, इससे पहले ही मोहित आगे आया और मेरी चूची को पकड़ कर मसलने लगा।

मुझे बहुत हैरानी हुई पर बाद में पता लगा कि नीलम और मामा के रिश्ते के बारे में मोहित को भी पता है। बस फिर तो दोनों बाप बेटा मुझ पर टूट पड़े। आज मुझे जिंदगी में पहली बार दो लण्ड एक साथ मिलने की उम्मीद जगी थी।

मैं डर गई। पर मैं मन ही मन उतेजित भी थी।

कुछ ही देर बाद मेरे शरीर पर एक भी कपड़ा नहीं था। मैं बिलकुल नंगी मामा और मोहित की बाहों में झूल रही थी। मामा मेरी चूत चाट रहा था और मोहित मेरी एक चूची को मसल रहा था और एक को अपने मुँह में लेकर चूस रहा था।

मेरे अंदर तो जैसे आग सी भरती जा रही थी। मेरा एक हाथ मोहित के लण्ड को सहला रहा था तो दूसरा मामा का। दोनों के लण्ड खूब लंबे और मोटे थे। अब उन्होंने मुझे बिस्तर पर लिटा दिया और मोहित ने अपना मोटा लण्ड मेरे मुँह से लगा दिया जिसे मैंने बिना देर किये अपने होंठों में दबा लिया और चूसने लगी। मेरा पूरा बदन मस्ती से भर गया था। इतनी मस्ती मुझे पहले कभी नहीं चढ़ी थी। अभी मैं मोहित का लण्ड चूस ही रही थी कि मामा ने अपना लण्ड मेरी चूत पर रगड़ना शुरू कर दिया। मेरी चूत तो पहले ही पानी पानी हो रही थी, मैंने थोड़ी सी गांड उचकाई तो मामा का सुपारा मेरी चूत की पुत्तियों में घुस गया और फिर मामा ने भी एक करारा धक्का लगा दिया और आधे से ज्यादा लण्ड चूत में घुस गया। मैं तो मस्ती के मारे चिहुंक उठी। अगर मोहित का लण्ड मेरे मुँह में ना होता तो मैं मस्ती के मारे चीख उठती। अगले ही धक्के में पूरा लण्ड चूत में समा गया।

मेरे दो छेदों में लण्ड घुसा हुआ था। मामा मस्त हो कर चोद रहा था और मोहित का लण्ड भी मुँह में ठुनक रहा था। चूत में लण्ड की रगड़ से मस्ती की चींटियाँ दौड़ रही थी।

मैं आहह्ह अह्ह्ह्ह आःह्ह्ह म्म्म्मूऊह्ह्ह्ह् आःह्ह्ह्ह्हह कर रही थी।

फिर मामा और मोहित ने आँखों ही आँखों में कुछ इशारा किया और मोहित ने अपना लण्ड मेरे मुँह से बाहर निकाल लिया। अब मामा मेरे ऊपर पसर गया और मुझे बाहों में भर कर पलटी मारते हुए मुझे अपने ऊपर कर लिया।

मेरे कुछ समझ नहीं आया, मैं अपने घुटने थोड़े से मोड कर उसके लण्ड पर बैठ गई। अब मामा ने मेरी कमर पकड़ कर मुझे अपने ऊपर झुका लिया, ऐसा करने से मेरे नितंब कुछ ऊपर से उठ गए। उसने मेरे चूचों को अपने मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया। मैंने भी अपनी नितंब उछाल कर हौले-हौले धक्के लगाने चालू कर दिए।

अब मोहित ने मेज़ पर रखी तेल की शीशी उठाई और ढेर सारा तेल अपने मोटे लण्ड पर लगा लिया और वो मेरे पीछे आ गया। उसने पहले तो मेरे नितंबों को चूमा फिर उन पर थपकी लगाई जैसे घोड़ी की सवारी करने से पहले लगाई जाती है। उसने अपनी एक अंगुली पर थूक लगाया और मेरी कोरी और चिकनी गांड के खुलते बंद होते छेद में डाल दी।

मैं थोड़ी कसमसाई पर मामा ने मुझे जोर से पकड़े रखा। अब मोहित ने कुछ तेल मेरी फूल कुमारी के छेद पर लगा दिया। मुझे लगा अब मेरे इस छेद का भी कल्याण होने ही वाला है।

फिर उसने अपना लण्ड मेरी गांड के छेद पर सेट किया और मेरी कमर पकड़ कर एक जोर का धक्का लगाया, आधा लण्ड एक ही झटके में गांड में चला गया। मेरी तो चीख ही निकल गई।

“ओई..माँ … मर गई रे…. अबे हरामजादे निकाल बाहर मेरी तो लगता है फट गई … अबे ओ….”

मैं गालियाँ निकालने लगी पर वो कहाँ मानने वाला था ! उसने दो तीन धक्के और लगाए तो पूरा का पूरा लण्ड अंदर चला गया।

नीचे मामा अब तक चुप था पर अब उसने भी कमर उचकानी शुरू कर दी। मैं तो उन दोनों के बीच सेंडविच ही बनी थी।

सच कहूँ तो थोड़ी देर बाद मुझे भी मज़ा आने लगा था। पहले तो मुझे थोड़ा दर्द हुआ पर अब तो जैसे ही उसका लण्ड मेरी गांड में जाता मेरा रोमांच दुगना हो जाता। अब मेरे तो दोनों हाथों में लड्डू थे।

अब दोनों ने धक्के लगाने शुरू कर दिए। मैंने अपने नितंब कुछ ऊपर उठा लिए तो मामा को सुविधा हो गई, वो मस्ती में मेरे होंठ चूसे जा रहा था।

मामा का लण्ड मेरी चूत में था और मोहित का लण्ड मेरी गांड में घुसा जा रहा था। दोनों बाप बेटों ने मुझे उधेड़ने का पूरा प्रोग्राम बना रखा था। मेरी हालत खराब हो चुकी थी, दर्द के मारे मेरी आँखें उबल पड़ी थी और मैं हलाल होते बकरे की तरह दर्दनाक ढंग से तड़प रही थी पर बाप बेटे ने मुझे इस कदर जकड़ रखा था कि मैं हिल भी नहीं पा रही थी।

मोहित और मामा दोनों ही पसीना पसीना हो रहे थे, मेरी चूत और गांड दोनों में लण्ड फंसा था, मैं दोनों बाप-बेटा के बीच में फंसी थी, मुझ पर अब मस्ती छाने लगी थी।

अब तो लण्ड आराम से अंदर-बाहर होने लगा था और गांड में भी गुदगुदाने वाली मस्ती आने लगी थी। मोहित का लण्ड मेरी गांड में अपने हिसाब से सेट हो गया था और अब मामा का तो पहले से ही फिट था।

फिर तो जैसे बाप-बेटे में मुकाबला शुरू हो गया और दोनों एक-दूसरे से बढ़ कर धक्के लगाने लगे। मेरे मुँह से कभी मस्ती भरी सीत्कार तो कभी दर्द भरी आह निकल जाती। उन बाप-बेटे को तो कोई मतलब नहीं था, वो दोनों तो मस्त हुए धक्के पे धक्के लगा रहे थे।

अब मुझे भी बहुत मज़ा आने लगा था और मैं भी उनका पूरा साथ दे रही थी। मेरी चूत दो तीन बार झड़ चुकी थी। अब वो दोनों भी झड़ने के कगार पर थे।

एकाएक मुझे अपनी चूत में मामा के वीर्य की गर्मी महसूस हुई और मैं उस पल का आनंद लेने लगी। मस्ती के मारे मेरी आँखें बंद हो गई थी। तभी मुझे मेरी गांड में भी गर्म गर्म लावा गिरता महसूस हुआ। मोहित भी झड़ चुका था।

कुछ देर ऐसे ही रहने के बाद दोनों ने अपने अपने लण्ड निकाल लिए और मेरे अगल बगल लेट गए। मेरी गांड और चूत में जैसे वीर्य का झरना चल रहा था। मामा ने पास पड़े मेरे अंडरवियर से मेरी गांड और चूत दोनों साफ़ किये।

मेरी गांड अब दर्द कर रही थी पर मैं खुश थी एक साथ दो लण्ड लेकर !

यह वाकई बेहद मजेदार था !

इस तरह मेरी मस्ती का दूसरा किस्सा पूरा हुआ क्योंकि उसके बाद मामा और मोहित कुछ नहीं कर पाए सब लोग वापिस जो आ गए थे। नीलम मुझे देख देख कर मुस्कुरा रही थी। मुझे बहुत शर्म सी आई और मैं जाकर नीलम के गले से लग गई और अपना मुँह उसकी गद्देदार चूचियों में छुपा लिया….

अच्छा दोस्तों आज के लिए इतना ही… आगे क्या हुआ आपके साथ जल्द ही आपसे कहूँगी।

आपकी राधा रानी…

What did you think of this story??

Click the links to read more stories from the category रिश्तों में चुदाई or similar stories about

You may also like these sex stories

Download a PDF Copy of this Story

मस्त राधा रानी-5

Comments

Scroll To Top