कामुक अन्तर्वासना पाठिका का चोदन

(Kamuk Antarvasna Reader Ka Chodan)

नमस्कार दोस्तो, मैं टोनी सोनीपत हरयाणा से एक बार फिर से हाजिर हूँ एक नई और सच्ची कहानी लेकर।
सबसे पहले मेरी पिछली कहानी
दोस्त की बहन की जबरदस्त चुदाई
को इतना प्यार देने के लिए आप लोगों का दिल से धन्यवाद।

कुछ लोग जो बोलते हैं कि कहानी कल्पना है, झूठी है तो उनको कहना चाहूंगा कि यकीन करना है तो करो, नहीं तो रहने दो।

खैर आज मैं आप लोगों के सामने एक और नई कहानी लेकर आया हूँ। ये कहानी मेरी और अन्तर्वासना पर मिली मेरी एक पाठिका की है। ये कहानी मैं अपनी पाठिका की सहमति से ही लिख रहा हूँ और प्राइवेसी के लिए मैं अपनी पाठिका का नाम बदल रहा हूँ।

तो चलिए शुरू करते हैं:

मेरी कहानी ‘दोस्त की बहन की जबरदस्त चुदाई’ को पढ़कर बहुत सारे लोगों के मेल मुझे आये. और यहीं से मेरी एक पाठिका अर्शिया से बात शुरू हुई।
2-3 दिन तक हमारी मेल से ही बात होने के बाद मैंने अर्शिया जी से उनका नम्बर मांगा और हमारी फोन पर बातें शुरू हो गयी।

सबसे पहले आपको अर्शिया जी (बदला हुआ नाम) के बारे में बता दूं, अर्शिया पानीपत की रहने वाली 28 वर्षीय भाभी है। उसके पति नेवी में जॉब करते है और करीब 5-6 महीने में एक बार घर आते हैं। अर्शिया को एक 4 साल का लड़का है। अर्शिया अपने सास ससुर के साथ पानीपत घर में रहती है।

क्योंकि हमारी बातें फोन पर होने लगी थी तो हम एक दूसरे से बिल्कुल खुलकर बात करते थे। बातें करते करते मैं अर्शिया को अक्सर सेक्स करने के लिए कहता था और मन ही मन उसे चोदने की प्लानिंग कर रहा था।

फोन पर बात करते करते एक दिन अर्शिया ने मुझे बताया कि उसका सेक्स करने का बहुत मन करता है और उसका पति घर पर 5-6 महीने में ही घर आता है।
इसी बात का फायदा उठाकर मैं अर्शिया को मेरे साथ सेक्स करने की कहने लगा।

चाहती तो वो भी थी मुझसे चुदाई करवाना लेकिन उसको लोक लाज और प्राइवेसी का डर था। आखिर एक डेढ़ घण्टा उसको समझने के बाद वो मुझसे मिलने को तैयार हो गयी लेकिन उसने कहा कि जगह उसकी मर्जी की होगी और अगर उसे मैं पसन्द नहीं आया तो मैं उसके साथ कोई जबरदस्ती नहीं करूँगा।
मैंने उसकी दोनों बातें मान ली।

फिर उसने कहा कि जैसे ही उसको टाइम मिलेगा वो मुझे बता देगी।

3-4 दिन ऐसे ही बातें करते करते निकल गए लेकिन उसने मिलने के बारे में कुछ बताया नहीं। पूछा मैंने भी नहीं क्योंकि मुझे लगता था कि कहीं उसे ऐसा न लगे कि मैं मिलने के लिए कुछ ज्यादा ही उतावला हूँ।

24 मार्च की रात को जब हमारी बातें हो रही थी तो उसने मुझे बताया कि वो कल यानि 25 मार्च को मिलने के लिए तैयार है। उसने मुझे बताया कि उसकी कहीं रिश्तेदारी में किसी की मौत हो गयी है तो उसके सास ससुर कल वहाँ जाएंगे और वो अपने लड़के को भी उनके साथ भेज देगी।

यह सुनकर बस मैं उसे चोदने के सपने देखने लगा। फिर जब मैंने उससे मिलने की जगह के बारे में पूछा तो उसने उसके घर पर ही मिलने के लिए बोला।

एक बार तो मुझे थोड़ा रिस्क लगा लेकिन यकीन मानो दोस्तो … जब चुत चुदाई का मौका मिलता है तो हर रिस्क छोटा लगता है। उसने मुझे अपने घर का पता बताया और अगले दिन सुबह 9 बजे आने के लिए बोला।

सच बताऊं दोस्तो, उस पूरी रात मुझे नींद नहीं आयी, पूरी रात मैं बस उसे चोदने के सपने देखता रहा और सोच सोचकर ही उसके नाम की 2 बार मुठ मार दी।

अगले दिन मैं सुबह जल्दी उठा और नहा धोकर तैयार हो गया। सोनीपत रेलवे स्टेशन पहुँचकर मैंने अर्शिया को कॉल किया तो उसने बताया कि उसके सास ससुर थोड़ी देर में निकलने वाले हैं।

वहाँ से मैं ट्रैन पकड़कर करीब 8.30 बजे पानीपत रेलवे स्टेशन पहुँच गया।
पानीपत में मेरी मौसी भी रहती है तो पानीपत पहुँचकर मैंने मेरी मौसी के लड़के को फोन किया और उसे बाइक लेकर रेलवे स्टेशन बुलाया।

थोड़ी देर में मेरा भाई वह आ गया। मेरी मौसी का लड़का मुझसे 2 साल छोटा है और हम आपस में सारी बाते शेयर करते हैं। उसके आने के बाद मैंने उसको सारी बात बताई और उससे उस जगह का रास्ता मालूम किया।

फिर मैंने अर्शिया को फोन किया तो उसने बताया कि उसके सास ससुर जा चुके हैं तो मैं मेरे छोटे भाई के साथ वहां से चल पड़ा।

अर्शिया के बताए हुए पते पर पहुँचकर मैंने उसको फोन किया तो वो एक बार घर से बाहर आई और फिर अंदर चली गयी। उसने फोन पर ही मुझे बताया कि उसने गेट खुला छोड़ दिया है और मुझे इस तरह अंदर आने को कहा कि मुझे कोई देख न ले।

वहाँ से मैंने मेरे भाई को वापस जाने के बोल दिया और उसको कहा- जब कॉल करूँ तो मुझे लेने आ जाना।
मुझे वह छोड़कर मेरा भाई वहा से चला गया और 5-7 मिनट बाद मौका पाकर मैं उसके घर के अंदर घुस गया।

अंदर घुसते ही अर्शिया सामने खड़ी थी, उसने आकर पहले गेट बंद किया और फिर हम दोनों अंदर आ गए।
अंदर आकर उसने मुझे बैठने के लिए बोला।

मैं वहां रखे सोफे पर बैठ गया। अर्शिया मेरे लिए पानी लेकर आई और सामने रखे बड़े सोफे पर बैठ गयी।

फिर हम थोड़ी देर बैठकर ऐसे ही नार्मल बातें करते रहे। ना तो मुझमें ही पहल करने की हिम्मत हो रही थी और न ही अर्शिया में।
मैं तो बस बार-बार अर्शिया को नीचे से ऊपर निहार रहा था और वो भी इस बात को अच्छे से समझ रही थी।

आप लोगों को मैं बता दूं, उससे पहले मैंने अर्शिया की बस फ़ोटो ही देखी थी लेकिन सच में तो वह बहुत ज्यादा खूबसूरत लग रही थी। उसने लाल रंग की ट-शर्ट और लाल ही रंग की लोअर डाल रखी थी। नहाने के बाद खुले हुए उसके बाल कयामत ढा रहे थे। बिल्कुल गोरा रंग, 5.2 की हाइट और बाहर निकले हुए उसके ऊपर और नीचे के उभार बूढ़े लण्ड को भी खड़ा करने की हिम्मत रखते थे।

उसको देखते देखते कब मेरा लण्ड जीन्स में खड़ा हो गया मुझे पता ही नहीं चला और अर्शिया भी मेरे जीन्स के अंदर का उभार देख हँसते हुए बोली- अपने औजार को थोड़ा काबू में रखो।
फिर मैंने भी हँसते हुए कहा- आपको देखकर काबू खो दिया है इसने अपना!

मेरा जवाब सुनकर वो भी हँसने लगी और मैं समझ गया कि रास्ता साफ है। मैं अपनी जगह से उठकर उसके पास जाकर बैठ गया और उसका हाथ अपने हाथ में लेकर सहलाने लगा।

कुछ देर ऐसे ही बैठने के बाद मैं अपना हाथ उसके बालों में सहलाने लगा। फिर थोड़ी सी हिम्मत करके मैंने उसको गाल पर किस किया। उसके बदन की भीनी भीनी खुशबू मुझे मदहोश कर रही थी और मैं अपना आपा खो रहा था।

जब उसने मेरे चुम्बन का कोई विरोध नहीं किया तो मैंने उसका चेहरा अपने हाथ में पकड़ा औऱ अपने होंठ उसके होठों पर रख दिये और आराम आराम से उन्हें चूमने लगा।

कुछ ही सेकंड बाद अर्शिया भी मेरा साथ देने लगी। मेरा एक हाथ अपने आप ही उसकी टीशर्ट के ऊपर से उसके चुचों पर चल गया और उन्हें दबाने लगा।

अब अर्शिया की सांसें तेज होने लगी थी और वो भी मेरा साथ दे रही थी। मैंने अर्शिया को वहीं सोफे पर लेटा दिया और खुद उसके ऊपर आ गया। अब मेरा दूसरा हाथ उसकी लोअर के ऊपर से उसकी चुत के ऊपर चला गया और मैं ऊपर से ही उसकी चुत को सहलाने लगा।

थोड़ी देर ऐसे ही चलने के बाद उसकी लोअर का वो हिस्सा मुझे कुछ गीला गीला से लगा तो मैं समझ गया।
फिर मैं उठा और अर्शिया की टी-शर्ट और लोअर निकालने लगा. अर्शिया ने मेरा साथ देते हुए अपनी टी-शर्ट और लोअर निकाल दी।
अर्शिया ने लोअर और टी शर्ट के नीचे कुछ भी नहीं पहना था।

उसकी मखमली चुत देखकर लग रहा था जैसे उसने नहाते वक्त ही शेविंग की हो। उसकी एकदम दूध जैसी गोरी चूची देख मैं उन पर टूट पड़ा और चूसने लगा. मेरा दूसरा हाथ एकदम उसकी चुत की फांकों पर पहुँच गया और मेरी उंगलियाँ उसकी गीली चुत के अंदर जाने के लिए रास्ता ढूंढने लगी.

कुछ ही पल बाद मैंने अपनी 2 उंगलियां उसकी चुत में घुसा दी।
मेरी उंगली घुसते ही अर्शिया जोर जोर से सिसकारी भरने लगी और मैं जोर जोर से उंगली अंदर बाहर करने लगा।

मेरे होंठ उसकी चुचियों पर थे और मेरी उंगलियां उसकी चुत के अंदर … अर्शिया के मुँह से निकलने वाली आहें समां को और भी रंगीन बना रही थी।

कुछ देर ऐसे ही चलने के बाद मैंने अपनी उंगलियाँ बाहर निकली और अपना मुँह उसकी दोनों टांगों के बीच ले गया। उसकी चुत से रस की भीनी गन्ध मुझे पागल किये जा रही थी और मैंने तुरन्त अपनी जीभ उसकी साफ चुत पर रख दी।

मेरी जीभ का स्पर्श होते ही अर्शिया ने दोनों हाथों से मेरा सिर अपनी चुत पर दबा दिया और जोर जोर से हाँफने लगी। कुछ देर बाद ही उसकी चुत ने बहुत सारा गाढ़ा पानी छोड़ दिया और मैं वो सारा अमृत रस पी गया।
अर्शिया एकदम ढीली पड़ गई और उसने मेरा सिर छिड़ दिया। उसकी चुत का रस मेरे चेहरे पर लगा था।

मैं खड़ा हुआ तो वो मुझे देखकर मुस्कुराने लगी। मैं खड़ा होकर अपना लण्ड उसके चेहरे के पास लेकर गया तो वो मेरा हाव भाव समझ गयी और लण्ड चूसने के लिए मना करने लगी।

Kamuk Antarvasna Reader
Kamuk Antarvasna Reader

मेरे कुछ देर कहने के बाद उसने अपना मुंह खोला और मैंने अपना लण्ड उसके मुँह में डाल दिया। कुछ ही देर बाद वो पकड़ पकड़ कर मेरा लण्ड चूसने लगी। कुछ ही पल बाद मेरे लण्ड ने उसके मुँह में पानी छोड़ दिया। लण्ड का कुछ रस उसके अंदर चला गया और कुछ उसने बाहर निकाल दिया।

फिर हम दोनों खड़े होकर बाथरूम गए औऱ अपने चेहरे साफ किये और वापस आकर बेड पर लेट गए।

थोड़ी देर बाद अर्शिया दूध गर्म करके ले आई और हमने दूध पिया। दूध पीकर हम थोड़ी देर लेटे रहे।

कुछ देर के बाद मेरा फिर से मूड बनने लगा और मैं धीरे धीरे अपना हाथ अर्शिया के नंगे बदन पर फिराने लगा। अर्शिया ने भी अपने हाथ से मेरा लण्ड जकड़ा और हिलाने लगी.

थोड़ी देर ऐसा करने के बाद अर्शिया मेरे ऊपर आकर बैठ गयी और मेरी बॉडी को किस करने लगी, मैं भी उसके चुचों को दोनों हाथों से दबाने लगा। मेरा लण्ड एक बार फिर से तैयार हो चुका था।

मैंने अर्शिया को लण्ड चूसने के लिए बोला तो इस बार उसने झट से मेरा लण्ड अपने मुँह में ले लिया और जोर जोर से चूसने लगी।

फिर अर्शिया मेरे लण्ड को चूसते चूसते ही 69 की पोजीशन में आ गयी और हम दोनों एक दूसरे के यौनांग को चाटने लगे।

कुछ देर ऐसे चाटने के बाद अर्शिया मेरे ऊपर से हटी और चोदन के लिए बोलने लगी। मैंने अर्शिया को सीधा लेटाया, उसकी दोनों टांगें खोली और अपने लण्ड का सुपारा उसकी चुत के होंठों पर रखा और जोर का धक्का मारा।
एक ही झटके में मेरा लण्ड आधे से ज्यादा उसकी चुत में समा गया। अर्शिया आंखें बंद करके लेट गयी।

फिर मैंने एक और झटका मारा और पूरा लण्ड उसकी चुत की गहराई में समा गया। फिर मैंने जोर जोर से झटके मारने चालू किये। कुछ देर तक ऐसे ही ठुकाई करने के बाद मैंने अर्शिया को घोड़ी बनाया और एक ही झटके ने पूरा लण्ड उसकी चुत के अंदर उतार दिया।

अर्शिया हर झटके के साथ जोर जोर से आहें भरने लगी। ऐसे अर्शिया को चोदते चोदते मैंने उसकी गांड के छेद पर थूका और अपना अंगूठा उसकी गांड में डाल दिया।

तब अर्शिया ने बताया कि उसका पति उसकी गांड भी चोदता था। फिर मैंने अपना लण्ड उसकी चुत से निकाला और उसकी गांड के छेद पर रखा और जोर से झटका मारा। एक झटके में आधे से ज्यादा लण्ड उसकी गांड में घुस गया और अर्शिया की आह निकल गयी।
उसकी गांड खुली हुई थी तो उसे ज्यादा दर्द नहीं हुआ।

फिर 5 मिनट तक मैंने जमकर उसकी गांड चुदाई की। अर्शिया इस पोज में थक चुकी थी तो उसने मुझे नीचे लेटाया और आकर उपर मेरे लण्ड पर बैठ गयी औऱ ऊपर नीचे उछलने लगी। 2-3 मिनट की इस चुदाई के बाद मेरा सारा माल उसके अंदर ही झड़ गया।

इस बीच करीब 12 बज चुके थे तो फिर अर्शिया ने हम दोनों के लिए खाना बनाया और हमने खाना खाया। फिर अर्शिया ने अपने ससुर को फोन करके आने के बारे में पूछा तो उसने बताया कि वो 4 बजे तक घर आएंगे।

उसके बाद मैंने अर्शिया की 2 बार और जमकर चुदाई की। हमारी चुदाई से अर्शिया बहुत खुश थी।

3 बजे मैंने अपने भाई को फोन करके मुझे लेने के लिए बुलाया। निकलते वक्त अर्शिया ने फिर से मिलने का वादा किया।

मेरी और अर्शिया की अब भी बातें होती हैं लेकिन अभी तक दोबारा मिलने का मौका नहीं मिला है।

तो दोस्तो, यह थी मेरी और मेरी अन्तर्वासना पाठिका की चुदाई की कहानी। कैसी लगी आप लोगों को। मेल करके जरूर बताएगा। धन्यवाद।
टोनी, हरयाणा
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