चुद गई गुड़िया पंजाबन -2

(Chud gai Gudiya Panjaban-2)

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अब तक आपने पढ़ा..
रात को मैंने उसको फोन पर पूछा- क्या यार.. तू कुछ करने तो देती नहीं.. ऐंवें ही आई लव यू बोलती है..

तो उसने बोला- ओए सब्र कर मेरे शेर.. तैनू जन्नत दी सैर करावान्गी।
मैंने बोला- कब.. कराएगी सोणिए..??
गुड़िया- अच्छा चल.. कल मुझे सुबह 8 बजे कॉलेज से पिक कर..
मैं खुश हो गया और बोला- ठीक है.. मेरी जान..

दूसरे दिन मैं तैयार हो कर 8 बजे उसके कॉलेज के गेट पर पहुँच गया।
थोड़ी देर इन्तजार करने के बाद मुझे वो आती हुई दिखाई दी।
अब आगे..

उसके साथ एक लड़की और थी.. जिससे उसने कुछ लिया और फ़िर मेरी बाइक पर आकर बैठ गई और बोली- चलो..
मैंने पूछा- कहाँ??
तो उसने बोला- भाड़ में..
और खिलखिला कर हँसने लगी।
मैं भी हँस दिया।

फ़िर बोली- मेरी सहेली के कमरे पर चल..
फ़िर हम दोनों चल पड़े.. रास्ते में हम दोनों बातें करने लगे।
उसने पूछा- तू मुझे कब से लाइक करता है?
मैंने बोला- जब से तुमको देखा है.. तब से तेरा दीवाना हो गया हूँ.. और तू कब से लाइक करती है मुझको?
तो उसने बोला- मैंने भी जब से तुमको देखा है.. तब से.. उसके बाद तो तेरी फैन हो गई हूँ मैं।

ऐसे ही बातें करते-करते उसकी सहेली का कमरा आ गया।
मैंने बाइक साइड में लगाई और उसने कमरे को खोला.. और हम दोनों अन्दर चले गए।

दरवाज़ा बंद करके हम दोनों एक-दूसरे से चिपक गए और किस करने लगे।
मैं उसके मम्मों को भरपूर दबाने लगा और उसको ले जाकर बिस्तर पर लिटा दिया, अब मैं उसके ऊपर चढ़ कर उसको चूमने लगा।

हम दोनों पागल हो गए थे.. एक-दूसरे को बेइंतेहा चूम रहे थे.. फ़िर मैंने उसके कपड़े निकालने शुरू कर दिए।
मैंने उसको खड़ा किया और उसकी कमीज़ निकाल दी.. उसने अपने हाथ ऊपर करके मेरी मदद की और कमीज़ निकालते ही मैं तो जैसे पागल ही हो गया। उसने नीले रंग की ब्रा पहनी हुई थी।

फ़िर उसने मेरा टी-शर्ट निकाल दिया और मुझे बिस्तर पर बिठा दिया। वो मेरे ऊपर बैठ कर अपने मम्मों मेरे मुँह में दे दिए। मैं उसके मम्मों को ब्रा के ऊपर से ही चूसने लगा।

फिर मैंने उसकी ब्रा निकाल दी और उसके कैद परिन्दों को आज़ाद कर दिया.. दोनों कबूतर हवा में लहरा रहे थे।
मैंने एक मम्मे को मुँह में भर लिया और दूसरे को अपने हाथों से सहलाने लगा.. दबाने लगा।
उसके निप्पल को अपने जीभ से चाटने लगा.. जिससे उसके मुँह से ‘सी..सी..’ की आवाजें आने लगी थीं।
मैं समझ गया कि अब वह गर्म होने लगी है।

फ़िर मैंने उसकी सलवार निकाल दी.. अब वो मेरे सामने सिर्फ पैन्टी में खड़ी थी।
मैं उसकी पैन्टी के ऊपर से ही उसकी चूत को सहलाने लगा और बिस्तर पर लेटा कर उसकी पैंटी को उतार दिया, उसके बिना बाल वाले चिकने छेद को देखकर मैं बेकाबू हो गया।
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मैंने लपक कर उसकी चूत पर मुँह रख दिया और अपने हाथों से उसकी चूत को फैला कर उसके छेद में अपनी जीभ डाल कर उसकी चूत जीभ से चोदने लगा।
वो सिसक रही थी- ऊऊ.. ऊऊओह्ह.. अह्हह्ह.. उह्हह.. इहीईई.. और अन्दर.. आह्ह.. फ़ाड़ डालो.. अहहहह..

इस तरह करीब 15 मिनट तक यह चुसाई का काम चलता रहा, उसके मुँह से अब भी लगातार सिसकरियाँ निकल रही थीं।

मैंने उसकी बुर पर हाथ फेरते हुए एक ऊँगली बुर में डाल दी। जिससे उसके सिसकारियाँ निकल पड़ीं। धीरे-धीरे उसकी बुर से पानी निकलना शुरू हो गया था- आ..ह्ह्ह.. क्या मज़ा आ रहा था दोस्तों..!

मैंने अपनी पैन्ट निकाल दी और अपनी अंडरवियर भी निकाल दिया और मेरा 7″ का चमकता हुआ लंड बाहर आ गया.. जिसको देख कर उसकी आँखों में चमक आने लगी।
वो बिस्तर से नीचे उतर कर घुटनों के बल बैठ गई और मेरे लंड को हाथों में लेकर सहलाने लगी।
फ़िर वह मेरे लंड के ऊपर की चमड़ी हटा कर मेरे सुपारे को अपनी जीभ से चाटने लगी और मुँह में भर कर चूसने लगी।

कुछ ही पलों में मैं उस पर 69 की स्थिति में आ गया। उसने मेरा लण्ड मुँह में ले लिया और वो उसे प्यार से चाटने लगी और मैं उसकी चूत चाट रहा था।
अब तक उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया था.. जो मैं चाट गया।
आह्ह.. क्या मस्त नमकीन पानी था..

अब मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा था.. मैं उसकी चूत पर सुपारा रख कर रगड़ने लगा और वो जोर-जोर से चिल्लाने लगी और कहने लगी- अब बस.. मुझसे और बर्दाश्त नहीं हो रहा..
मैंने उसको बिस्तर पर सीधा लेटा दिया.. और लण्ड को बुर के पास ले जाकर अन्दर डालने की कोशिश की.. पर नाकाम रहा।

अगली बार फिर से कोशिश की तो थोड़ा सा लण्ड बुर में जा सका.. जिससे उसकी चीख निकल गई- नहीं.. नहीं.. प्लीज़.. बाहर.. निकालो..
वो मना करने लगी और गालियाँ देने लगी- साले कुत्ते.. खसमानू खानिए.. भैनचोद.. निकाल अपना लंड मेरी चूत से..
पर मैंने उसकी एक ना सुनी और झटके मारने लगा। वो दर्द सहन नहीं पाई और रोते हुए बेहोश हो गई।

उसकी चूत से खून की लकीर फूट पड़ी.. जो चादर को गीला करके लाल कर रही थी।
मैंने उसकी बेहोशी का फ़ायदा उठा कर लम्बे-लम्बे शॉट मारने लगा ताकि उसकी चूत चौड़ी हो जाए।
फ़िर थोड़ी देर ऐसे ही चोदने के बाद मैंने अपना लंड बाहर निकाला.. वो अभी तक बेहोश पड़ी थी।

मैं रसोई में से पानी भर के ले आया और फ्रिज में से कुछ बरफ़ के टुकड़े ले आया। फ़िर उसकी गाण्ड के नीचे तकिया रख कर उसकी चूत पर लंड सैट किया और जोरदार स्ट्रोक मारा।

मेरा पूरा लंड एक ही बार में अन्दर चला गया और उसको होश आ गया।

मैंने उसको पानी पिलाया और बरफ़ का टुकड़ा लेकर ऐसे ही उसकी चूत पर घिसने लगा। जिससे उसको आराम महसूस होने लगा।

अब मैं उसको फ़िर से गरम करने के लिए उसके मम्मों को दबाने लगा.. उसको किस करने लगा। उसके बदन पर अपने हाथ चलाने लगा।
थोड़ी देर में वो गरम हो गई और मुझसे चिपकने लगी और अपनी गाण्ड उठाने लगी।
मैं यक जान कर उसकी चूत में धीरे-धीरे धक्के लगाने लगा।

अब उसके मुँह से आनन्द की किलकारियाँ निकलने लगीं। फिर मैंने झटके तेज़ कर दिए और फुल स्पीड में उसे चोदने लगा।

थोड़ी देर में उसका बदन अकड़ने लगा वो मुझको चिपकने लगी और ‘सीसीईई.. उईईईई.. माँ.. उफ्फ्फ.. मजा आ गया..’ की आवाज़ के साथ झड़ गई।

मैं थोड़ी देर रुक गया और उसको चूमने लगा और जब तक वो फ़िर से गरम ना हो गई.. तब तक उसको प्यार करता रहा।
फिर मैंने दोबारा धक्के लगाना शुरू कर दिए।
कुछ देर यूँ ही चोदने के बाद उसको कुतिया बना कर पीछे से उसकी चूत में लंड डाल दिया और जोरदार झटके लगाने लगा।

थोड़ी देर में वो दोबारा अकड़ने लगी और अब तो मैं भी झड़ने वाला था.. तो तेज धक्के देने लगा और 20-25 धक्कों के बाद हम दोनों साथ में ही झड़ गए। मैं ऐसे ही निढाल हो कर उस पर गिर गया।
कसम से कह रहा हूँ दोस्तो.. कुंवारी चूत को चोदने में बहुत ताक़त की ज़रूरत पड़ती है।

हमने करीब 3 घंटे तक चुदाई की.. इसमें मैं 2 बार और वो 5 बार झड़ चुकी थी।

फिर हम साथ नहाए.. वो चल नहीं पा रही थी.. तो मैंने उसको नहलाया और उसकी चूत पर बरफ़ घिसा.. और थोड़ा सा उसको मालिश से सहलाया.. साथ ही उसको एक पेनकिलर गोली दी और उसको सुला दिया।

थोड़ी देर और मैं उसको बाहों में लेकर सो गया और उसके करीब 5 घंटे के बाद हम दोनों जागे। फिर मैंने चादर धोई और और हम दोनों ने कपड़े पहने और और फ़िर वहाँ से निकल आए।
अब वो मेरी पक्की जुगाड़ बन चुकी है उसकी चूत की आग गाहे बगाहे मेरे लौड़े की आग से बुझती रहती है।

तो दोस्तो, कैसी लगी आपको मेरी कहानी? आप जो भी कहें.. लेकिन ये कहानी बिल्कुल सच्ची है। आप अपने विचार मुझको जरूर मेल करें लेकिन मेरी हिदायत को न भूलें। अब आप मुझसे फेसबुक पर भी जुड़ सकते हैं।
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