मेरे जन्मदिन पर मेरे यार ने दिया दर्द-2

(Mere Janamdin Pe Mere Yaar Ne Diya Dard- Part 2)

This story is part of a series:

अगले दिन हम दोनों आराम से उठी, तन्वी ने उठ के मुझे एक बार फिर हैप्पी बर्थडे बोला। मेरे हॉस्टल की सहेलियों ने भी मुझे हैप्पी बर्थडे बोला और हॉस्टल से भी कुछ लड़कों ने गिफ्ट भिजवाए थे गार्ड के हाथों … अब अगर कोई कॉलेज की फ़ेमस लड़की हो तो उसके लिए इतना तो बनता ही है।

ज़्यादातर लोग कॉलेज में चले गए थे क्लास करने … पर मैं और तन्वी ने बंक यानि छुट्टी मार ली थी।
दोपहर बाद मैंने और तन्वी ने कैब बुलाई और साधारण कपड़ों में ही हॉस्टल से निकल गई पार्टी के लिए पार्टी वाले कपड़े साथ में लेकर।

रास्ते में हम दोनों पार्लर पर रुकी और कपड़े बदले. मैंने पहली बार साड़ी स्कूल की फैयरवेल पार्टी में ही पहनी थी वो भी मम्मी की।
मैंने बाथरूम में जाकर एक सेक्सी सी रेड कलर की ही पुश-अप ब्रा और पैंटी पहनी और फिर ब्लाउज़ और पेटीकोट पहन के बाहर आ गयी, तन्वी ने ब्लाउज़ भी ऐसा लिया था जो पीछे हुक की बजाए डोरी से बांधता हो।

बाहर आई तो तन्वी ने साड़ी पहनने में मेरी मदद की।
तन्वी बोली- यार सुहानी, तेरे पर तो सारे कपड़े जँचते हैं, देख फिटिंग बिल्कुल सही आई है। बहुत खूबसूरत लग रही है, आज पक्का करन का दिल निकल के बाहर गिर जाएगा तेरे चरणों में।
मैं उसके कंधे पर हल्का सा मारती हुई मुस्कुरा कर बोली- चल पागल कुछ भी बोलती है। चल अब बाहर चल!
और हम दोनों पार्लर वाली के पास पहुँच गए।

उसने हमारा बड़ा प्यारा पर हल्का सा सेक्सी सा मेकअप भी कर दिया। हमने पैसे दिये और बर्थडे पार्टी के लिए जाने को कैब में आकर बैठ गयी।
कैब ड्राईवर भी मुझे शीशे में बार बार देख रहा था तो तन्वी बोली- भाई साहब, सड़क पर देख लो!
तो घबरा के सड़क पर देख के गाड़ी चलाने लगा।

हम दोनों करन के बताए पते पर पहुँच गई और गाड़ी से उतर के कैब के पैसे दिये और घर में चली गई। करन हमारा ही इंतज़ार कर रहा था, जैसे ही उसने मुझे देखा उसका मुंह खुला रह गया, आँखें फाड़ के मुझे घूरे जा रहा था। मुझे उसका इस तरह बच्चों की तरह ललचाई नजरों से देखना बहुत प्यारा लग रहा था।

तन्वी ने चुप्पी तोड़ते हुए कहा- कोई कुछ बोलेगा या ऐसे ही देखते रहेंगे सब?
तब हम दोनों हंसने लगे, करन ने हमारा स्वागत किया, हम गले मिले और आकर सोफ़े पर बैठ गयी।

करन सामने बैठा हुआ था और उसकी नज़र बार बार आकर मुझ पर रुके जा रही थी।
मैंने कहा- क्या हुआ, अच्छी नहीं लग रही न मैं इन कपड़ों में?
तो बोला- यार सुहानी, तुम इस साड़ी में इतनी खूबसूरत लग रही हो कि मेरी नज़र ही नहीं हट रही तुम पर से, ऐसा लग रहा है जैसे कोई परी उतार आई हो। लाल रंग तुम पर बहुत प्यारा और सेक्सी लगता है।

मैं बोली- तुम्हारा गिफ्ट बहुत खूबसूरत है, थैंक यू।
करन बोला- तुम्हारे पहनने के बाद और खूबसूरत हो गया है।
मैं शर्मा के नीचे देखने लगी।

तन्वी बोली- वैसे कोई मेरी तारीफ करेगा तो मैं बुरा नहीं मानूँगी।
इस बात पर करन हंसने लगा और बोला- हाँ तन्वी जी, आप भी बहुत सुंदर लग रही हो।
करन ने पूछा- बस तुम दोनों ही आई हो पार्टी में?
मैंने कहा- बस हम दोनों ही हैं, कुछ खिलाओगे नहीं?

तो करन रसोई में से कोल्ड ड्रिंक और स्नैक्स ले आया और मेज पर रख दिये।
मैंने करन को छेड़ने के लिए जानबूझ कर मुस्कुरा के ज्यादा आगे झुक कर अपना ग्लास उठाया तो साड़ी का पल्लू नीचे गिर गया और मेरे बूब्स ब्लाउज़ के बड़े गले से दिखने लगे।

करन एकदम से चौंक गया और मैंने उसकी पैंट में लन्ड़ में हलचल देखी तो वो अपनी टांग को क्रॉस कर के बैठ गया और मैं खिलखिला के हंसने लगी।

तन्वी भी ये सब देख रही थी तो नीचे देख के मुस्कुराने लगी। तन्वी बोली- चलो केक काटते हैं।
करन जाकर फ्रिज में से केक ले आया और मेज पर रख दिया। तन्वी ने उसमें मोमबत्ती लगा कर जला दी। फिर हमने केक काटा और एक दूसरे को जी भर के खिलाया।

करन बोला- सुहानी, तुम्हारे होंठों पर केक लगा रह गया है।
मैंने साफ करने के कोशिश की, हुआ नहीं।
करन बोला- लाओ, मैं हटा देता हूँ.
और मेरे पास आकर मेरे होंठों को अपने होंठों से चूम कर, चाट कर लगा हुआ केक खा लिया।

मैं उसकी ऐसी हरकत की उम्मीद नहीं कर रही थी तो आश्चर्य से आँखें खुली रह गयी। तन्वी मामले की गर्माहट को देख के बोली- चलो खाना खाते हैं, फिर मुझे हॉस्टल जाना है वरना वार्डन को पता चल जाएगा. सुहानी तू कल आ जइयो मैं संभाल लूँगी सब।
मैं खुश हो गयी कि कितनी समझदार है तन्वी इन मामलों में।

मैंने और करन ने तन्वी को डिनर कराया पर क्यूँकि मुझे अभी भूख नहीं थी तो मैंने और करन ने नहीं खाया, बस हल्का फुल्का खाया। खाना खाकर तन्वी ने कैब बुला ली। रात हो चुकी थी, मैं और करन उसे गाड़ी तक छोड़ने गये और बोले- थैंक्स यार।
तन्वी बोली- तू अपना बर्थडे अच्छे से माना के आ जइयो कल!
और फुसफुसा के मेरे कान में बोली- अच्छे से चुदवाइयो, और गांड भी मरवा लियो चाहे तो, करन पक्का खुश हो जाएगा।

मैं उसके कंधे पर मारते हुए बोली- तू बिल्कुल ही बेशर्म है, चल जा … मैं देख लूँगी क्या करना है।
बाय बाय बोल के हम अंदर आ गए और तन्वी हॉस्टल चली गयी।

मैं और करन अंदर आ गए और दरवाजे बंद कर दिये।
मैं बोली- तुम्हारे रिश्तेदार कहाँ हैं?
तो उसने बताया- वो लोग चाचा के गृहप्रवेश के लिए आगरा गए हैं, कल शाम तक आएंगे।

करन ने जाकर रोमांटिक म्यूजिक लगा दिया और मेरे पास आया, घुटनों पर बैठ कर अपना दायाँ हाथ मेरी ओर बढ़ा कर पूछा- सुहानी चौधरी, क्या तुम मेरे साथ डांस करोगी?
मैंने मुस्कुरा के अपना हाथ उसके हाथ में दे दिया और हम धीरे धीरे डांस करने लगे।

वह अपना एक हाथ मेरी गोरी मखमली पीठ पर ले गया और दूसरा हाथ से मेरा हाथ पकड़ के डांस करने लगे। ऐसे ही थोड़ी देर डांस करने के बाद मैंने अपना सर उसकी छाती पर रख के बांहों में भर लिया और हम धीरे धीरे डांस करते हुए हिलते रहे।

करन ने मुझे गोदी में उठाया और अपने कमरे में ले जाने लगा। उसने कमरे ले जाकर मुझे बेड पर लिटा दिया और खुद मेरे बगल में आकर बैठ गया।

करन इतना रोमांटिक था कि उसने बेड पर फूल ही फूल बिछा रखे थे। अब इसमें कोई शक नहीं था कि आगे क्या होने वाला है।
मैंने कहा- तुमने तो दूसरी सुहागरात की पूरी तैयारी कर रखी है।
करन बोला- आपके लिए कुछ भी डियर!

मैं मुस्कुराने लगी और उठकर घुटने मोड़ कर बैठ गयी। मैं बोली- आज तो कोई जल्दी नहीं है न उस दिन की तरह?
करन बोला- नहीं बाबू, आज कोई नहीं है हमें डिस्टर्ब करने वाला, आराम आराम से प्यार कर सकते हैं।
मैंने कहा- हम्म … मैं बाथरूम हो आऊँ एक बार।
उसने कहा- ठीक है।

अब मैं उठकर बाथरूम में आ गयी और बाथरूम कर के शीशे के सामने खुद को ठीक करने लगी, बाल सही करे दुबारा, लाल लिपस्टिक लगाई, साड़ी को सेट किया और ब्लाउज़ को नीचे सेट किया ताकि बूब्स के उभार दिखने लगे और ज्यादा।
फिर मैं अंदर बेडरूम में आ गयी।

करन बाथरूम के दरवाजे को देखते हुए मेरा ही इंतज़ार कर रहा था। उसने मुझे नोटिस किया और बोला- आज तो मार ही डालोगी तुम।
मैं उसके पास जाकर खड़ी हो गयी तो उसने बैठे बैठे ही मेरी कमर पर हाथ रख दिये.

मैंने उसका चेहरा अपने हाथों में भर के ऊपर उठाया और उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिये और प्यार भरा चुम्बन करने लगे। शुरू में तो हम प्यार से किस कर रहे थे पर उसका मेरी कमर और पेट हाथ फिराना मुझे बहुत उत्तेजित कर रहा था। अब हमारी किस प्यार भरी ना रह के वासना से भर गयी थी, कभी मैं उसके होंठों को चूस रही थी तो कभी वो मेरे होंठों को, हमारी जीभ तक भी एक दूसरे के मुंह में जाकर वापस आ रही थी और कमरे में उम्म… उम्म… उम्म… उम्म… की मादक आवाजें आ रही थी।

कुछ देर बाद मैं किस कर के हटी तो मेरी साड़ी का पल्लू फिसल के गिर गया और मैं उसके सामने गोरे मोटे बूब्स झाँकते हुए ब्लाउज़ और नीचे साड़ी में खड़ी थी और बीच में मेरी बिना ढकी कमर थी।
मैंने कहा- देखते ही रहोगे या कुछ करोगे भी?

करन मेरे पास आया और पीछे जाकर ब्लाउज़ की डोरियाँ खोल दी और आगे को उतार दिया। अब उसके सामने मेरी लाल ब्रा में फंसे बूब्स थे जो अपने वजन के और मेरे सांस लेने के कारण ऊपर नीचे हो रहे थे।
करन की आँखें फटी रह गयी मेरा ऐसा रूप देख के … वो बोला- यार, तुम शक्ल तो ऐसी लगती हो जैसे कोई मासूम लड़की हो, जिसे कुछ पता ना ही इन सब चीज़ों का … पर असल में काफी शैतान हो। यकीन नहीं होता. पता है उस दिन शादी में मेरे दोस्त तुम्हें देख कर कह रहे थे कि ये नहीं पटेगी तेरे से, शक्ल से ही शरीफ लग रही है, बात भी नहीं करेगी शर्म के मारे।

मैंने कहा- अब शरीफ लड़कियों की भी तो कामुक भावनाएं होती हैं बेबी … और वो वाली इमेज तो दुनिया को दिखाने के लिए है, और अब तुमसे क्या शर्माना!
उसने कहा- हाँ ये तो है, अब आपस में क्या शर्माना।

मैं चुदवाने के पूरे मूड में थी तो मैंने कहा- आज बात करने का ही मूड है क्या?
तो उसने कहा- नहीं यार, ऐसा नहीं है।
मैंने कहा- अगर ऐसा नहीं है तो ये पकड़ो!
और जमीन से उठाकर साड़ी का पल्लू उसके हाथ में दे दिया और कहा- पता है न कि क्या करना है?
वो बोला- क्या करना है? आप ही बता दो।
मैंने कहा- वही जो दुर्योधन ने किया था द्रौपदी के साथ … बस मेरी साड़ी थोड़ी देर में खत्म हो जाएगी।

धन्यवाद।
[email protected]
कहानी जारी रहेगी.

What did you think of this story??

Comments

Scroll To Top