मेरी बहन और जीजू की अदला-बदली की फैंटेसी-16

(Meri Bahan aur Jiju Ki Adla Badli Ki Fantasy-16)

राजा रानी 2020-03-02 Comments

This story is part of a series:

अब तक की मेरी इस मस्त सेक्स कहानी में आपने पढ़ा था कि हम चारों मर्दों ने अपनी अपनी बहनों की चुदाई का मजा लिया था. चुदाई के बाद सब थक गए थे, इसलिए सब अपने साथी के साथ कमरों में जा कर नंगे ही सो गए.

मगर मेरा लंड अभी भी चुदाई के लिए मचल रहा था इसलिए मैंने अपनी बहन को चोदने का मन बना लिया था.

मैं दीदी जीजा जी के कमरे में गया. उधर दीदी जीजा जी से लिपट कर नंगी सो रही थीं. मैं बहन के पास लेट गया.

अब आगे..

मैंने दीदी को धीमे से उनके मम्मों को सहलाकर उठाया. दीदी की आंख खुल गई.
दीदी- राज तुम इतनी रात को इधर.. क्या हुआ?
मैं- वो दीदी अभी चुदाई का मन कर रहा है.
दीदी- हां तो.
मैं- वो आलिया की थोड़ी तबियत ठीक नहीं है इसलिए सोचा आप मेरे साथ दोगी.
चित्रा- अभी तुम्हारे जीजा जी भी सो रहे हैं और मैं भी थोड़ी थकी हुई हूँ.. इसलिए एक काम करो, तुम जिया के पास चले जाओ.
मैं- दीदी आप ही हो, जो मेरी आग शान्त कर सकती हो.
दीदी- मतलब तुम्हें मेरी ही चुत मारनी है.
मैं- हां प्लीज़ दीदी सिर्फ एक बार.
दीदी- ठीक है चल बाहर.. वरना तुम्हारे जीजा जी जाग जाएंगे.
मैं- जीजा जी उठ गए, तो भी कुछ नहीं बोलेंगे.
दीदी- लेकिन राज!

दीदी आगे कुछ बोलें, उससे पहले मैं उनके होंठों को चूमने लगा, जिससे वो कुछ नहीं बोल पाईं. फिर दीदी भी मेरा साथ देने लगीं. दो मिनट बाद मेरा लंड तन गया और दीदी बेड पर पैर लंबे करके हो गईं. मैंने दीदी के बाल पकड़कर अपने लंड की ओर इशारा किया. दीदी ने पहले मेरे लंड को सहलाया, बाद में लंड को मुँह में लेकर चूसने लगीं. दीदी मेरा लंड चूस रही थीं और जीजा जी बाजू में सो रहे थे. मैं दीदी के बाल पकड़कर धीमे स्वर में सीत्कार कर रहा था.

कोई पांच मिनट तक मेरी बहन ने मेरा लंड चूसा. अब मुझसे कन्ट्रोल नहीं हो रहा था, इसलिए दीदी को लेटा दिया.

दीदी- राज धीमे करना, तुम्हारे जीजा जी सो रहे हैं.. वे जाग जाएंगे.
मैं- ओके.

मैंने दीदी के ऊपर चढ़कर उनकी चुत पर अपना लंड सैट किया और धीमे से धक्का लगा दिया. लंड चुत के अन्दर दाखिल हो गया. मैं धीमे धीमे लंड को अन्दर बाहर करने लगा. दीदी भी अपनी कामुक आवाजें को कन्ट्रोल कर रही थीं. हम दोनों चुदाई में मशगूल थे. चुदाई करते समय मैं दीदी को किस भी कर रहा था.. ताकि दीदी की कामुक आवाजें से जीजा जी जाग न जाएं.

जब हम दोनों चुदाई में मशगूल थे, तभी हमें अहसास हुआ कि जीजा जी हम दोनों को देख रहे थे. जीजा जी को जागा हुआ देखकर मैं रुक गया.

अविनाश- तुम दोनों जारी रखो.
चित्रा- यह सब राज का काम है.
अविनाश- डोन्ट वरी चित्रा जितना हक मेरा है.. उतना हक राज का भी है.

फिर मैंने जीजा जी की बात सुनकर ताबड़तोड़ चुदाई शुरू कर दी और दीदी जीजा जी की ओर देखकर सेक्सी स्माइल करने लगीं.

जीजा जी- राज तुम्हारे कमरे में भी एक चुत है.. फिर भी तुम्हें यहां आना पड़ा?
मैं- आलिया की तबियत थोड़ी ठीक नहीं है.
अविनाश- ओह ऐसा है वैसे आप दोनों को कोई तकलीफ हो, तो मैं बाहर चला जाता हूँ.
मैं- नो जीजा जी.. आप सो सकते हैं. यह आपका ही कमरा है.. मैं अपना काम करके चला जाऊंगा.
अविनाश- ओके चुदाई जारी रखो.. गुड नाइट.
चित्रा- गुड नाइट हनी.

फिर जीजा जी दूसरी ओर घूमकर सो गए और मैंने अपनी स्पीड को बढ़ा दिया. दीदी धीमे से कामुक आवाजें कर रही थीं.

चित्रा- आहह उहह उम्मह ओह.. ओह यस

करीब दस मिनट बाद मैं झड़ने वाला था. उधर दीदी भी झड़ गई थीं.

मैं- दीदी में झड़ने वाला हूँ.
दीदी- अन्दर मत झड़ना.

ये सुनकर मैंने अपने लंड को बाहर निकाल लिया और दीदी की चुत ऊपर बदन में झड़ गया. झड़ने के बाद दीदी को बैठाकर अपने लंड को दीदी के मुँह में डाल दिया, वो बिना कुछ बोले ब्लो जॉब करने लगीं.

मैं- थैंक्स दीदी.
चित्रा- मोस्ट वेलकम.

अब मैं दीदी के कमरे से बाहर आ गया. उधर दीदी ने खड़े होकर टिश्यू पेपर से चुत से बहते रस को साफ किया और वापस सो गईं.

हम सभी सुबह को नाश्ता करने के लिए डाइनिंग टेबल पर मिले. हम सभी नाश्ता कर रहे थे.

अविनाश- आप सभी आज घूमने के लिए तैयार हो न!
मैं- जरूर.
आकाश- इस बार हम अपने न्यू पार्टनर बनाकर घूमेंगे.
अविनाश- गुड आईडिया.
मैं- क्यों ना हम अपनी-अपनी बहन को अपना पार्टनर बना लें!
अविनाश- आजकल तुझे अपनी दीदी पर बहुत प्यार आ रहा है.

इस बात पर हम जीजा-साले मुस्कराने लगे, जिससे दीदी को भी रात हुई चुदाई की वजह से हमारी बात समझ आ गई.

मैं- दीदी क्या ख्याल है.. क्या आप आज मेरी गर्लफ्रेंड बनना चाहोगी?
दीदी- जरूर.
नताशा- ओके तो हम तैयार हो कर आते हैं.

हम सभी अपना नाश्ता खत्म करके खड़े हुए और तैयार होने लगे. सबसे पहले हम जैन्टस तैयार हो गए और बाद में वो चारों रेडी हो गईं.

करीब आधे घंटे बाद जब वो चारों तैयार होकर बाहर आईं, तब हमारी आंखें खुली की खुली रह गईं. उन चारों ने अलग-अलग डिजाइन के ड्रेस पहने थे, जिसमें वो बहुत ज्यादा हॉट लग रही थीं. जैसे बॉलीवुड की हीरोइन अक्सर लगती हैं. हमारे सामने चार अप्सराएं मॉडर्न अंदाज में खड़ी थीं. इस हॉट ड्रेस में चारों की क्लीवेज साफ़ दिख रही थीं.

अविनाश- सच में तुम चारों बहुत सेक्सी लग रही हो.
मैं- मुझे तो अभी मन कर रहा है कि..
आलिया- आगे बोलने की जरूरत नहीं है.
आकाश- तो चलो चलें.

हम सभी बाहर आ गए, जहां दो कार खड़ी थीं, इसलिए हमें कोई प्रॉब्लम नहीं थी.

अविनाश- आकाश तुम जीजा-साले इस कार में आ जाओ, हम उस कार में आ जाते हैं.
आकाश- ओके डन.

जीजा जी कार ड्राइव करने लगे. उनके पास आलिया बैठ गई और हम भाई-बहन पीछे बैठ गए.

चित्रा- आलिया कल रात को तुम्हें क्या हुआ था?
आलिया- कुछ भी तो नहीं.
मैं- वो तुम्हें सर में दर्द नहीं हो रहा था.
आलिया- ओ हां.. वो कल थोड़ा सर दर्द कर रहा था.. वैसे क्या हुआ?
अविनाश- वो आलिया कल रात राज चित्रा को चोदने के लिए आया था.
आलिया- ओहह वैसे भी अब राज को लत लग गई है. उसका बिना सेक्स के एक दिन का भी नहीं बीत सकता है.
मैं- मन तो अभी कर रहा है कि तुम्हें चोद दूं.
अविनाश- ओ मिस्टर वो आज मेरी गर्लफ्रेंड है.. इसलिए आज सिर्फ उस पर मेरा हक है.
आलिया- क्या भाई आप भी हमेशा मजाक ही करते हो.
चित्रा मजाक में- राज आज मैं सिर्फ तुम्हारी हूँ, जब चाहो, जहां चाहो.. तुम मेरे साथ कुछ भी कर सकते हो.
मैं- थैंक्यू.
आलिया- भाई आपको भी आज पूरी छूट है.
अविनाश- आलिया आज मैं तुम्हारा ब्वॉयफ्रेंड हूँ इसलिए तुम मुझे अविनाश कहकर बुला सकती हो.
आलिया- ओके अवि.

तभी मैं दीदी का मुँह पकड़कर उनके होंठों को चूमने लगा. दीदी भी मेरा पूरा साथ दे रही थीं और मैं दीदी को किस करते हुए उनके एक चूचे को सहला रहा था. दीदी मेरे लंड को सहला रही थीं. जिससे मैं और उत्साहित हो रहा था.

अविनाश- इससे अच्छा तो तुम दोनों उधर ही रहते.
मैं- जीजा जी आप आगे देखकर कार चलाओ.. वरना एक्सीडेंट हो जाएगा.

अविनाश हंस दिए.

हम दोनों वापस अपने रोमांस में लग गए और आलिया फोन का इस्तेमाल कर रही थी. जीजा जी कार ड्राइव करते हुए बीच में आलिया की जांघ को सहला रहे थे. मैं दीदी के मम्मों को सहलाते हुए उनकी गर्दन को चूम रहा था. तभी इस दौरान आलिया ने हमारी तस्वीरे ले ली थीं.

चित्रा- बस राज अभी के लिए इतना काफी है.

करीब आधे घंटे बाद हम अपनी जगह पर पहुंच गए, जहां से हमें फेरी पर जाना था. वहां पर हमने पार्किंग में कार पार्क कर दी और हम अपने सामान के साथ आगे बढ़ गए. मैं दीदी की कमर पर हाथ रखे हुए था और वो भी मुझे अपने ब्वॉयफ्रेंड के जैसे पकड़े हुए थीं. हम दोनों मस्ती से ऐसे चल रहे थे, जिससे लोगों को यही लगा कि हम दोनों पति-पत्नी हैं. लेकिन लोगों को क्या पता था कि हम दोनों भाई-बहन हैं. जीजा जी ने आलिया का हाथ पकड़ रखा था.

हम करीब दो दिन तक माले सिटी से बाहर रहने वाले थे.

हम जिस फेरी पर सफर करने वाले थे, वो एकदम हाइफाई थी. हमारे साथ फेरी पर आने वाले और कई कपल थे, लेकिन लेकिन हम चार ही कपल इंडियन थे. हम सभी अपना लगेज रखकर अपनी जगह पर बैठ गए.

उधर एक कपल था, जिसमें एक लेडीज को देखकर मेरा मन डोलने लगा था. वो दिखने में एकदम तमन्ना भाटिया जैसी थी. मेरा मन कर रहा था कि अभी उसे पकड़कर चोद डालूं, लेकिन वो किसी और की वाइफ थी.

फेरी में बैठने के लिए चार लोगों का अलग अपार्टमेंट था, इसलिए हम जीजा-साले एक अपार्टमेंट में बैठ गए और वो चारों हमारे पास वाले अपार्टमेंट में बैठ गए थे. हम दोनों के सामने जीजा जी और आलिया बैठे थे. आलिया बाहर का नजारा देख रही थी और जीजा जी फोन में म्यूजिक सुन रहे थे. दीदी फोन इस्तेमाल कर रही थीं. तभी मुझे मस्ती करने की सूझी. इसलिए मैंने दीदी को एक मैसेज किया.. ताकि उन दोनों को पता न चले.

मैसेज-

मैं- दीदी क्यों ना हम दोनों उन दोनों से मस्ती करें?
दीदी मेरी ओर देखकर लिखने लगीं- कैसी मस्ती?
मैं- हम उन दोनों के सामने रोमांस करते हैं.. ताकि वो दोनों भी हमसे जलकर ऐसा करेंगे.
दीदी- इससे क्या होगा?
मैं- वो दोनों भी हमारी कॉपी करेंगे.
दीदी- ठीक है लेकिन संभाल कर, ज्यादा आवाज न हो.. आसपास और भी लोग हैं.

मैंने अपना फोन जेब में रख लिया और दीदी मुझे सेक्सी स्माइल देने लगीं. दीदी का इशारा समझकर मैं दीदी की जांघ को सहलाने लगा. फेरी का अपार्टमेंट इस तरह बना था, जिससे हमें बाहर से कोई भी नहीं देख सकता था.

मैं- दीदी आज आप बहुत सेक्सी लग रही हो.

तभी उन दोनों की नजर हम पर पड़ गई. चूंकि दीदी भी मस्ती करने के फुल मूड में थीं.. इसलिए उन्होंने भी मजा लेने के अलावा कुछ नहीं देखा.

दीदी- राज आज मैं तुम्हारी गर्लफ्रेंड हूँ इसलिए तुम मुझे सिर्फ चित्रा कहकर बुलाना.
मैं- ओके जानू.
दीदी- राज तुम भी आज बहुत हैंडसम लग रहे हो.
आलिया- आप दोनों थोड़ा तो कन्ट्रोल कर लो.. कोई देख सुन लेगा.
मैं- देखते सुनते हैं.. तो देखने सुनने दो, इसमें क्या है?
अविनाश- आलिया रहने दो, यह अभी तुम्हारी बात नहीं मानेंगे.
चित्रा- कहीं से जलने की बू आ रही है. मैं- सच में!

हमारी बातों से वो दोनों समझ गए कि हम उन दोनों से मस्ती कर रहे हैं. इसलिए वो दोनों भी शुरू हो गए.

अविनाश- आलिया आज मैं बहुत खुश हूं.
आलिया- किस लिए जान?
अविनाश- मुझे तुम्हारा ब्वॉयफ्रेंड बनने का मौका जो मिला.
आलिया- लक्की तो मैं हूँ.. जो आपकी गर्लफ्रेंड बनने का मौका मिला वरना कुछ लोग तो किसी और से चुदवाने का मजा लेने में लगे हैं.

आलिया दीदी की बात कर रही थीं और ये सुनकर मैं दीदी के मम्मों को सहलाने लगा.

मैं- चित्रा तुम्हारे बूब्स तो जोरदार हैं.. मन करता है कि पूरे दिन बस इनसे ही खेलता रहूँ.

तभी जीजा जी भी आलिया के मम्मों को सहलाते हुए मजाक करने लगे.

अविनाश- आलिया तुम्हारे बूब्स तो दूध की फैक्ट्री लग रहे हैं.
मैं- जिसे चार लोगों ने इस्तेमाल कर लिया है.
चित्रा ने हंसते हुए कहा- इसलिए दूध की फैक्ट्री बन गई है.
अविनाश- आलिया तुम्हें कहानी सुननी है?
आलिया- हां क्यों नहीं.
अविनाश- कल रात एक कमरे में कपल सो रहे थे. जब पति की आंख खुलती है, तब वो देखता है कि उनकी बीवी अपने पति के पास एक ही बेड पर किसी और से चुदवा रही है और उसको चोदने वाला उसका भाई था.
आलिया- हम्म.. आजकल ऐसा बहुत होता है.

तभी चित्रा ने मेरे लंड पर हाथ रखा और मेरी ओर देखकर सेक्सी स्माइल करने लगी.

चित्रा- राज अभी ऐसा मन कर रहा है कि तुम्हारे हथियार को मुँह में लेकर लॉलीपॉप की तरह चूस लूं.. लेकिन अभी यहां इस लोकेशन पर ऐसा करना ठीक नहीं रहेगा. कुछ लोगों की सुलगने लगेंगी.
मैं- तुम चाहो तो मेरे होंठों को चूस सकती हो.

दीदी बिना देर किए मेरे होंठों पर किस करने लगीं और मैंने उनकी जांघ पर हाथ रखकर दीदी को अपने ऊपर गोद में बैठा लिया. उन दोनों को दिखे, इसलिए दीदी की गांड को सहलाने लगा.

अविनाश- आलिया ब्लो जॉब करना चाहोगी.

आलिया बिना कुछ बोले जीजा जी के सामने घुटने के बल बैठकर जीजा जी के पेन्ट की चैन खोलकर लंड हाथ में लेकर चूसने लगी. जब हम दोनों की नजर पड़ी, तब आलिया घुटने के बल बैठकर जीजा जी का लंड चूस रही थी और जीजा जी आलिया के बाल पकड़कर अपनी आंखें बंद करके सीत्कार कर रहे थे.

यह सब सीन हम दोनों को जलन कराने के लिए हो रहा था.

तभी दीदी भी नीचे उतर गईं और मैं अपना फोन निकालकर वीडियो रिकॉर्ड करने लगा. वो दोनों अपने काम में मशगूल थे. दीदी मेरे कान में हल्के से बात करने लगीं.

दोस्तों चुदाई का मजा अभी और भी आना बाकी है. इस मस्त सेक्स कहानी को अगले भाग में आगे पूरे विस्तार से लिख कर आपके लंड चुत गरम करूंगा. तब तक आप मुझे मेल कीजिएगा.

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कहानी जारी है.

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