रोहतक वाली सेक्सी मामी की चुदाई का मजा-1

(Rohtak Vali Mami Ki Chudai Ka Maja- Part 1)

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अन्तर्वासना के समस्त चुदक्कड़ पाठकों को मेरा नमस्कार.. मैं दिग्विजय आप लोगों के समक्ष अपनी पहली सेक्स स्टोरी प्रस्तुत कर रहा हूँ। आशा है आप लोगों को पसन्द आएगी.. और साथियों यदि मुझसे लिखने में कोई गलती हो जाए तो प्लीज़ उसे नजरंदाज कर दीजिएगा।

मेरी चार मामियाँ हैं, चारों मस्त माल हैं। परन्तु यह कहानी मेरी एक मामी जो सुंदर, सुडौल शरीर वाली अप्सरा जैसी हैं, उनका एक-एक अंग इतना चिकना और मस्त है कि मैं शब्दों में ब्यान नहीं कर सकता और सौभाग्य से वो मेरी सबसे बड़ी मामी मधु (बदला हुआ नाम) हैं।

मैं एक 23 साल का एक नौजवान युवक हूँ, जिसे हर आयु की महिलाओं से मिलना, बोलना और उनके साथ सेक्स में अलग-अलग प्रयोग करके मौज-मस्ती करना बेहद पसंद है।

मैंने अपनी बी.टेक. की पढ़ाई के लिए सन 2010 में रोहतक के एक कॉलेज में दाखिला लिया था, वहाँ पर मुझे हॉस्टल में रहना था। वैसे मेरे मामा भी रोहतक में रहते हैं, पर मेरी मौज-मस्ती में कोई कमी ना आए, इसलिए मैंने हॉस्टल में रहना पसंद किया।

पर मुझे क्या पता था कि जो मस्ती मैं चाहता हूँ, वो मुझे मामा घर बड़ी मामी से मिलेगी।

मैं हर महीने सप्ताहांत में दो मर्तबा अपने घर और दो मर्तबा मामा के घर चला जाता था। मेरे नाना ने 300 गज की 4 कोठियाँ बना रखी थीं। मेरा मन मामा घर खूब लगता था.. क्योंकि मेरी बड़ी मामी का लड़का मेरी ही उम्र का है।

हालांकि मैं दो वर्ष पहले अपनी छोटी मामी की तरफ आकर्षित हुआ था क्योंकि मामी के चूतड़ बहुत मोटे थे और कमर एकदम पतली थी, यूं समझिए कि 25 इंच की कमर होगी और गांड 39 इंच की एकदम भरी हुई थी। मेरा मन करता था कि उनके चूतड़ों को दबाता रहूँ और उन्हें दिन-रात हचक कर चोदता रहूँ।

मैं उनके साथ मजाक कर लेता था और गाहे-बगाहे उनके बदन को भी छू भी लेता था। वो भी मेरी तरफ आकर्षित थीं, उनकी बातों से लगता था कि वो भी मुझसे चुदना चाहती थीं, पर फिर भी मैं अभी तक उन्हें चोद ना पाया।

अब मुझे क्या पता था कि मेरी बड़ी मामी की चिकनी चुत मेरे उस लौड़े से चुदने का इंतजार कर रही है, जो कि औसत से काफी लम्बा और मोटा है।

मैं अक्सर मामा के यहाँ अपने भाई के पास जाता रहता था.. लेकिन मधु मामी के बारे में मेरे मन में कभी भी उनसे अन्तरंग होने का अवसर नहीं आया, ना ही उनके मन में ऐसा कुछ था, ऐसा मुझे उनके व्यवहार से लगता था।

वो शुरू से ही व्यवहार में नरम व सरल थीं और वे सरकारी स्कूल की नौकरी में भी हैं। मैं उन्हें चोदने की कभी सोच भी नहीं सकता था, एक तो उनकी और मेरी उम्र में काफी अन्तर था। वो हालांकि अभी 50 साल की हैं, पर दिखने में 30 साल की लगती हैं। उनकी फिगर 34-24-36 की है।

वो मस्त इतनी अधिक हैं कि कोई भी आदमी उन्हें देखकर मचल जाए और उसका लंड पैंट फाड़ कर बस चोदने को आतुर हो जाए। उनका गदराया और सुगठित बदन तो इतना चिकना और गोरा है.. मानो मलाई का थाल हो.. और उनकी गांड.. अय हय.. बेइंतहा गोरी, भरी ही एकदम गदराई, ऐसा लगता था कि बस उसे चाटता रहूँ और चुप्पे लगाता रहूँ।

यह बात गर्मियों की है.. शायद जुलाई का महीना रहा होगा, मधु मामी अपने काम से जल्दी आ गई थीं। उस दिन मैं भी अपने कालेज से सीधा मामा के घर आया हुआ था।

मामी आईं.. मैंने उन्हें नमस्ते बोला.. उन्होंने मेरा हाल पूछा और कपड़े बदलने चली गईं।

मेरे मन में अभी भी उनके प्रति कोई कामावेश जैसी भावना नहीं थी। फिर वो कमरे में ही अपने बिस्तर पर लेट गईं, शायद उस दिन उनके सर में दर्द था। उन्होंने अपने पुत्र को सर को दबाने को बोला.. तो उसने बुझे मन से मामी का सर दबाया और कुछ ही देर में कम्प्यूटर पर जा बैठा।

मामी बड़बड़ाने लगीं तो मैं बोला- मैं दबा देता हूँ मामी जी!
वो बोलीं- नहीं रहने दे!
पर मेरे दोबारा आग्रह करने पर बोलीं- ठीक है, दबा दे।

शायद उनके सर में ज्यादा दर्द था.. इसलिए उन्होंने सहमति दे दी। इस वक्त तक भी मेरे मन में भी उनके लिए कोई वासना नहीं थी, मैं तो बस सेवा भाव से मामी का सर दबाना चाहता था। वो पलंग पर लेटी रहीं और मैं उनका माथा अपने अंगूठे और उंगलियों की मदद से दबाने लगा।

मैं उनको इतने करीब से पहली बार निहार रहा था.. वो दिखने में बालीवुड एक्ट्रेस तब्बू जैसी लगती थीं।

मैं धीरे-धीरे हल्के हाथों से उनकी आँखों को भी दबा रहा था। मैं आप लोगों को बतलाना चाँहूगा कि मुझे मालिश करने में महारत हासिल है। मैं गजब की मालिश करता हूँ। ये बात ‘अपने मुँह मियाँ मिठ्ठू..’ वाली नहीं है, मैंने जिस किसी की भी मालिश की है.. वो मेरा मुरीद हो गया है।

आज से पहले मैंने जितनी भी महिलाएं चोदी हैं पहले उनकी मालिश की है। पूरी नंगी करके.. चूतड़ से लेकर चुत तक और चूची से लेकर जांघों तक खूब मालिश करके उनको मस्त किया है।

खैर.. अभी मधु मामी की मालिश कर रहा था, मैं बीच-बीच में उनके चेहरे पर हाथ फेरता हुआ उनके गालों को खींचता हुआ, होंठों के ऊपर से अपनी उंगलियाँ फिराता हुआ उनकी मसाज कर रहा था। इस सबसे मामी को शायद आनन्द आ रहा था।

फिर मैंने मामी से बोला- उल्टे होकर लेट जाइए ताकि मैं आपकी गर्दन और सर को पीछे से दबा सकूँ।

वो धीरे से पलटीं, मैं अपनी मामी जान का सर पीछे से दबाने लगा और उनकी गर्दन की पीछे से मालिश करने लगा। मामी को मजे आ रहे थे, इसलिए मैं अपने हाथों को धीरे-धीरे फेरता हुआ जोर-जोर से चलाने लगा।

मैं शायद अपनी मालिश की प्रक्रिया को शब्दों में बयान ना कर पाऊँ.. कृपया मुझे माफ करें।

मैंने मामी का सर अपने गोद में रखा और उनकी मालिश करता रहा.. वो एकदम निढाल सी पड़ी थीं मानो जिन्दगी का मजा ले रही हों।

तभी मैं उनकी गर्दन से कंधों की तरफ आया और उनके कन्धों को अपने हाथों से उंगलियों एवं अंगूठे से दबाने लगा। इससे मामी जान के शरीर में कंरट सा दौड़ पड़ा.. उन्होंने अपनी गर्दन थोड़ी सी हिलाई.. मानो बोलना चाह रही हों कि बस ऐसे ही करता रह, मजा आ रहा है।
वो अपनी आँखें जोर से बंद किए हुए मजा ले रही थीं.. मेरे मन में अब भी उनके प्रति कोई काम वासना नहीं जागी थी।

अब मैं जोर-जोर से बड़े ही पेशेवराना ढंग से अपने हाथ चला रहा और वो इससे काफी सुखद महसूस कर रही थीं। मैं आदत से मजबूर अपने हाथों को कमर की ओर धीरे-धीरे ला रहा था, मामी के सूट के ऊपर से ही उनके शरीर से गुलाब की मदमस्त कर देने वाली खुशबू आ रही थी, जो माहौल को हल्का-हल्का मादक बना रही थी।

मैं अपने हाथों से उनकी मखमली कमर को सूट के ऊपर से ही सहलाते हुए दबा रहा था।
क्या नर्म कमर थी.. एकदम मस्त..

मैंने इतनी महिलाओं को चोदा, पर ऐसी कमर किसी की भी नहीं देखी थी, वो भी सूट के ऊपर से ही।

मैं और नीचे आया.. मामी जी मेरी मसाज का जी भर के आनन्द ले रही थीं।
मेरे और दबाव देने से उनके मुँह से निकला- ओहो.. बहुत मजा आ रहा है दीपू!
दीपू मेरा प्यार का नाम है।

मामी ने अपनी टांगें दो बार ऊपर-नीचे की, शायद वो हल्की सी उत्तेजित सी हो गई थीं, पर मेरा उन्हें उत्तेजित करने जैसा कोई विचार नहीं था.. पर शायद रब को यही मंजूर था।

मैं अपने हाथ चला रहा था, वो मजे ले रही थीं। मैं मामी की कमर के बिल्कुल नीचे चूतड़ के बिल्कुल ऊपर आ गया था, वो सिहर उठीं और बड़ी धीमी आवाज में बोलीं- अरे.. नीचे तक करंट सा दौड़ गया बेटा.. बहुत अच्छे..!

मैं हल्का सा और नीचे आया.. मेरी मामी जान ने आँखों को अदा में जोर से बंद किया, तो मैं एकदम सकपाया और अपने हाथों को हटाकर ऊपर गर्दन पर ले आया और मालिश करने लगा।

फिर यकायक मैं अपने हाथों को उनके कान के पास ले गया.. और मामी के कान हल्के हाथ से मसलने लगा। मामी को शायद गुदगुदी हो रही थी.. क्योंकि वो मंद-मंद मुस्कुरा रही थीं और अपनी गर्दन को इधर-उधर झटक रही थीं।

फिर एकदम से मामी बोलीं- रहने दे.. यहाँ मत, कर बस बस.. नहीं कर..!
मैं समझ गया कि ये मामी की कमजोर जगह है और इससे ही वो अत्यधिक उत्तेजित होती हैं।
मैं वहीं रूक गया और इतने में आवाज आई- मम्मी..

वो मेरी मामी की लड़की थी, जो ट्यूशन पढ़ कर आई थी। मैं वहाँ से थोड़ा हटा, तो मामी भी मन मार कर बैठ गईं।
मेरी बहन ने कमरे में आते हुए बोला- मम्मी आज जल्दी आ गईं?
मामी बोलीं- हाँ आज सर जरा भारी था।
फिर बहन मुझसे बोली- आप कब आए?
मैं बोला- आज सुबह..

इतने में मामी मेरी तारीफ करने लगीं- तेरे भाई ने आज दिलखुश कर दिया मालिश करके मेरे पूरे बदन की थकान उतार दी.. भई मजा आ गया, मेरा तो मन है कि रोज मालिश करवाऊँ!
मैं बोला- मामी जी कोई नहीं.. ये तो मेरा फर्ज है, आपके लिए कभी भी सेवा करने को तैयार हूँ।

फिर हम सबने शिकंजी पी.. तब तक भाई भी कंप्यूटर से फ्री होकर आ गया था।
तब मैं बोला- अब मैं चलता हूँ।
मामी बोलीं- आज तो रूक जा!
मैं- नहीं आज मुझे पार्टी में जाना है।
मैं इतना कह कर वहां से निकल गया।

दोस्तो, अभी कहानी बाकी है.. खेल तो अभी शुरू हुआ है। इब्तदा ए इश्क है रोता है क्या.. आगे-आगे देखो होता है क्या.. अजी मामी की चुदाई होगी धमाकेदार… और क्या होना है।
ये इस सेक्स स्टोरी पहला भाग था, आप लोगों को कैसा लगा.. अपना अनुभव मेरी ईमेल पर साझा करें।
[email protected]
कहानी जारी है।

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