चाची की वासना जगा कर चूत चुदाई

(Chachi Ki Vasna Jagakar Chut Chudai)

मेरा नाम गिरीश है. मैं एक इंजीनियर हूँ. मेरे परिवार में दादी, एक भाई, चाची चाचा और उनकी दो बेटियां हैं.
यह कहानी मेरी चाची और मेरे बीच हुई एक हसीन चुदाई की है. मेरी चाची 36 साल की हैं, पर उनका 36-28-36 का फिगर बहुत ही सेक्सी है.

मैंने अपनी चाची के साथ किस तरह से शारीरिक सम्बन्ध बनाए, मैं आपको ये बता रहा हूँ.

मैं एक सीधा साधा सा लड़का हूँ, जिसने कभी किसी लड़की को छुआ भी नहीं था. हालांकि मेरे मन में सेक्स के प्रति काफी रूचि है … या ये भी कह सकते हैं कि मेरे बदन में हवस की आग जल रही थी.

मैं अपनी चाची के साथ फ्रेंकली रहता हूँ. इसलिए मैंने कई बार चाची के नाम की मुठ मारी है. मैंने चुपके से चाची की एक नंगी वीडियो भी बना ली है, जिसमें उनकी नहाते हुए की वीडियो है. पर मुझे अब उस वीडियो में वो मज़ा नहीं आता है. इसलिए मैंने सोचा कि कुछ ऐसा किया जाए कि वो मुझे नंगा देख लें और मेरा लंड देख कर उनके बदन में भी हवस की आग लग जाए.

इसलिए मैं अबसे अपने बाथरूम का दरवाज़ा खुला रख कर नहाने लगा और मेरा निशाना सही लगा.

एक दिन में घर पर अकेला था, बाथरूम में नंगा नहा रहा था. बाथरूम के दरवाजे यूं ही खुले थे. तभी चाची मेरे कमरे में आ गईं. मुझे उनके आने आहट से पता लग गया था कि वो कमरे में आ गई हैं. तो मैंने जल्दी से अपने मुँह पर साबुन लगा लिया ताकि उनको लगे कि मुझे कुछ पता नहीं चला है.

मैं लंड सहलाता हुआ नहाता रहा. मेरा लंड भी चाची के आने कारण उत्तेजना में खड़ा हो गया था. चाची वहां आ गईं और मुझे देखती रहीं. मुझे पता था कि वो मुझे देख रही हैं. इससे मेरा 7 इंच का लंड एकदम तन्नाया हुआ खड़ा होकर फुंफकारने लगा. मैं अपने खड़े लंड पर साबुन लगा कर मसल रहा था. ये सब चाची देख रही थीं. मैं एक फ़िल्मी गाना गा रहा था- तुम अगर मिल जाओ तो जमाना छोड़ देंगे हम.

थोड़ी देर बाद उन्होंने मुझे आवाज़ दी, तो मैंने हड़ाबड़ाने का ड्रामा करते हुए जल्दी से बाथरूम का गेट बंद कर दिया. मैंने उनसे ऊंची आवाज में पूछा- क्या हुआ चाची?
उनके मोबाइल में कुछ समस्या आ गई थी, जिसे वो मुझे दिखाना चाहती थीं.
मैंने उनसे तौलिया मांगा, जो मैं हमेशा बाहर पलंग पर ही रखता हूँ. चाची ने मुझे तौलिया दिया. मैं वो लपेट कर बाहर आ गया.

मैंने चाची की नजरों का पीछा किया और उनका ध्यान मेरे लंड के उभार पर ही था. अपने लंड को एक तुनकी मार के उनका ध्यान अपने लंड पर ही टिकाए रखा.
कुछ ही देर में मैंने चाची का मोबाइल सही कर दिया और वो चली गईं.

फिर एक दिन मैं और वो घर में अकेले थे. मैं उनके पास बैठा था. उन्होंने मुझसे पूछा- तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है?
मैंने मना कर दिया, तो वो बोलीं- तभी.
मैं कुछ समझा नहीं … तो मैंने पूछा कि तभी का मतलब?
तो चाची बोलीं- तुम कभी बाल नहीं काटते क्या?
मैंने कहा- एक सप्ताह पहले ही तो कटवाए थे.

मुझे लगा कि चाची मेरे सर के बाल के बारे में पूछ रही हैं.
चाची फिर से बोलीं- सर के नहीं, नीचे जो जंगल उगा रखा है … उसकी बात कर रही हूँ.
उनके मुँह से ये बिंदास बात सुन कर तो मैं एक पल के लिए दंग रह गया. शायद मुझे नंगा देख कर उनके मन में भी आग लग चुकी थी.

मैंने पूछा- आपको कैसे पता कि उधर जंगल उगा है?
उन्होंने बताया कि जब मैं मोबाइल लेकर आयी थी, तब मैंने तुम्हें नहाते हुए देख लिया था.
मैंने कहा- आपको शर्म नहीं आयी?
वो बोलीं- नंगे तुम थे, मुझे क्यों शर्म आएगी?
उनकी इस बात पर मैं चुप हो गया.

फिर उन्होंने पूछा- मेरे सवाल का जवाब तो दो.
मैंने कहा- मुझे बाल बनाने में डर लगता है … कहीं अगर चोट लग गई और कहीं कुछ कट गया तो?
फिर उन्होंने बोला- तुम चाहो, तो मैं काट सकती हूँ.
मुझे अपना सपना सच होते हुए दिखाई दिया, मैंने बोला- मैं आपके सामने नंगा कैसे होऊंगा?
वो बोलीं- सब कुछ तो मैं देख चुकी हूँ … अब और क्या बचा है देखने को.
फिर सर झुकाते हुए मैंने हां कर दी.

उन्होंने मुझे कल सबके जाने के बाद अपने कमरे में आने को कहा. मैं रात भर कल के बारे में सोचता रहा और मुठ मार कर सो गया.

जब सुबह मैं उठा, तब भी मेरा लंड खड़ा ही था. मैं फिर सबके जाने का इन्तजार करने लगा. मेरे भाई बहन स्कूल चले गए और चाचा ऑफिस चले गए और दादी अपने कमरे में ही रहती हैं तो उनकी कोई चिंता ही न थी.
फिर मैं चाची के कमरे में गया. वो नहाने ही जा रही थीं. मुझे देख कर उन्होंने मुझे बाथरूम में बुलाया. मैंने अपने कपड़े उतारे और चड्डी में अन्दर चला गया.

चाची ने भी एक स्लीबलैस मैक्सी पहनी हुई थी, जो पानी से थोड़ी भीग गई थी. इसमें से उनकी ब्रा साफ़ दिख रही थी. कसी हुई ब्रा से चाची के 36 साइज़ के गोल बोबे बाहर आने को बेताब लग रहे थे.

चाची ने मुझसे चड्डी उतारने को कहा.
मैंने कहा- मुझे शर्म आ रही है, आप खुद उतार दो.
मैंने अपनी आंखों पर हाथ रख लिया.
तो वो हंसती हुई बोलीं- ठीक है.

उनके चड्डी उतारते ही मेरा 7 इंच का लंड तन के उनके आंखों सामने आ गया. ऐसा लग रहा था, जैसे उनके मोटे बोबों को सलामी दे रहा हो.
वो बोलीं- हथियार तो बहुत अच्छा है तेरा.
मैंने शर्माने का नाटक किया.

फिर उन्होंने मुझे बाथटब की साइड पर बिठाया और कहा कि अपने पैर चौड़े कर लो.
मैंने पैर चौड़े कर दिए.

फिर उन्होंने मेरा लंड पकड़ कर उसके चारों तरफ शेविंग क्रीम लगाई. फिर चाची रेजर से मेरे लंड के बालों को साफ़ करने लगीं. जब वो ऊपर से साफ़ करती तो लंड को नीचे कर देतीं … और जब नीचे से साफ़ करतीं, तो लंड को ऊपर कर देतीं. उनके लंड पकड़ने से मेरा लंड अब लोहे की रॉड की तरह सख्त हो गया था. उसकी हरी नसें फूल कर साफ़ दिखने लगी थीं.

फिर वो पानी डाल कर लंड को साफ़ करने लगीं. लंड को रगड़ रगड़ के सहलाते हुए लंड की सफाई होने से मुझे ये लग रहा था कि कहीं मेरा पानी उनके मुँह पर न फिक जाए.

फिर उन्होंने जब मेरी सुपारे को बाहर निकालने के लिए खाल नीचे की, तो मुझसे बर्दाश्त नहीं हुआ और मेरे लंड ने अपना लावा उगल दिया … जो उनके पूरे चेहरे पर जा लगा और थोड़ा सा उनके मुँह में भी चला गया.
मैंने सॉरी बोला तो वो बोलीं- कोई बात नहीं … इसका टेस्ट भी अच्छा है.

सारा काम हो गया था, तो मैं इस मौके को अपने हाथ से जाने नहीं देना चाहता था, मैंने उनसे पूछा- क्या मैं भी आपको बिना कपड़ों के देख सकता हूँ.
चाची ने अपनी मैक्सी उतार दी और मैं तो जैसे पागल सा हो गया. क्या मस्त बॉडी थी. ब्रा में दबी गोल गेंदें, जो बाहर आने तो तड़प रही थीं. उनकी वो मस्त गांड जो बोल रही थी कि आओ और मुझे अपने लंड से रगड़ दे.

फिर मैंने बोला- ये इनर वियर भी उतार दो चाची.
तो उन्होंने बोला- तुम खुद उतार लो.

पहले मैंने उनकी ब्रा से दूध के गुब्बारों को आजाद किया, फिर उनकी पैंटी को पकड़ कर नीचे किया. वो नजारा देख कर मेरा लंड फिर से अपने असली रूप में आ गया. अब लंड एकदम साफ़ था, क्योंकि अभी ही तो उसकी सफाई की गई थी.
मैंने उनसे चूत की तरफ इशारा करके पूछा- क्या मैं आपकी इसको छू सकता हूँ.
तो उन्होंने हंस कर हां बोल दी.

मैंने उनको फर्श पर लिटा कर अपनी जीभ चाची की चूत में लगा दी और जैसे कोई बच्चा कुल्फी खाता है, वैसे चाटने लगा. मेरी जीभ लगते ही उन्होंने अपनी आंखें बंद कर लीं और मादक सिसकारियां लेने लगीं. फिर मैंने अपनी एक उंगली भी चूत में डाल दी और आगे पीछे करने लगा. दूसरे हाथ से मैं उनके बोबे दबाने लगा, जिससे उनके तन बदन में आग लग गई. वो भी कुछ देर बाद झड़ गईं.

मुझे पता था कि एक बार अगर किसी औरत के बदन में आग लग जाए, तो लंड लिए बिना नहीं बुझती.

मैंने उन्हें बेडरूम में चलने के लिए कहा और वो मान गईं. फिर मैंने बिस्तर पर चाची के नंगे बदन के साथ खेल शुरू किया. उनके बोबों को अच्छे से दोनों हाथ से मसल मसल कर लाल कर दिया. उनके सफ़ेद बोबों पे भूरे निप्पलों को चूसा, काटा, जिससे वो मदहोश होने लगीं.

फिर मैं उल्टा हो गया, जिससे हम 69 की पोजीशन में आ गए. मैंने उनकी चूत चूसना शुरू किया और उन्होंने मेरा लंड चूसना चालू कर दिया. मेरी चाची लंड चूसने में एकदम माहिर थीं, पर मैं भी कम नहीं था. मैंने चूत चूसने के साथ साथ अपनी उंगली भी उनकी गर्म चूत में डाल दी. पहले एक उंगली पेली, फिर दो डाल दीं, इसके बाद तीन उंगलियां पेल दीं, जिससे उनके अन्दर की आग भड़क गई, वो बोलने लगीं- अब बस कर और मत तड़पा … जल्दी से डाल दे अपना ये मूसल मेरी प्यासी चूत में.

तो मैंने देर न करते हुए लंड को पोजीशन में किया और धक्का दे दिया. उनकी पहले से गीली हो चुकी चूत में मेरा लंड अन्दर तक घुसता चला गया. मैं आगे पीछे होने लगा. उनकी ‘ओह्ह उम्म्ह… अहह… हय… याह… आह्ह उहुहुहू …’ की आवाज मुझे और जोश दिला रही थी.

फिर मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी, जिससे उन्हें भी जोश चढ़ गया और हम दोनों में चुदाई का घमासान होने लगा. कुछ ही देर बाद हम दोनों साथ में झड़ गए.

फिर हम साथ में नहाए. इसके बाद से मैं चाची को मौका मिलते ही चोद लेता हूँ. जब चाची का दिल करता हिया, वो मुझे बुला कर नंगी होकर लेट जाती हैं और मैं उनकी सवारी करता हूँ.

आशा है आपको मेरी चाची की चुदाई स्टोरी पसंद आयी होगी. मुझे मेल करें.
गिरीश कुमार
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