प्यासी चूत और भूखे लंड की कहानी-1
यह कहानी गर्म जिस्मों के खेल की है, कामवासना की है. सेक्स पाने के लिए बस एक अच्छा इंसान होना ही काफी नहीं है, उसका चालाक, घाघ वाकपटु होना भी जरूरी है.
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यह कहानी गर्म जिस्मों के खेल की है, कामवासना की है. सेक्स पाने के लिए बस एक अच्छा इंसान होना ही काफी नहीं है, उसका चालाक, घाघ वाकपटु होना भी जरूरी है.
मेरे पड़ोस में एक भाभी रहती थी. उसका पति दुबला-पतला था. वह उसकी चुदाई से खुश नहीं थी. एक दिन उसने मुझे कुछ ऐसा करते हुए देख लिया कि उसके बाद वह अपने पति को ही भूल गई.
मेरे रूम के पास एक बड़ी कोठी में पंजाबन भाभी को देखा तो मेरी नजर उसके सेक्सी बदन पर रुक गयी. मैं रोज उसे ताड़ने लगा. एक दिन वो मुस्कुरायी तो ...
लचकते स्तनों पर उसके चूचुक हिल रहे थे। अभी तक मैंने उनका स्वाद चखा नहीं था। मैं उन पर झुक गया। तब तक इसकी योनि को लिंग पर फैलने का अवकाश मिल जाएगा।
नौकरी की इंटरव्यू देने जयपुर जाते हुए बस में एक शादीशुदा महिला से मेरा टांका फिट हो गया. मैं उसको चोदने की फिराक में था, पर उसके दिल में भी कुछ ऐसा ही चल रहा था. कहानी में पढ़ें.
मैंने उसके कंधे खींचकर लिटा दिया। कमर में उंगली घुसाकर साये की गाँठ की डोर निकाली और खींच दी। साया ढीला पड़ गया। कमर में डोर धँसने का दाग पड़ गया था, उसे मैंने सहलाया।
काफी दिन हो गए थे गर्लफ्रेंड की चुदाई किये ... वो भी चुदाई के लिए मचल रही थी और मैं भी ... मैं उसके घर चला जाता था. एक दिन मैं उसके घर गया तो क्या हुआ?
एक पाठिका ने बीवी की अदला बदली वाली मेरी कहानी पढ़कर मुझे मेल किया. उसने मुझसे क्या क्या बातें की, अपनी मनोकामना को छिपाते हुए भी उसने अपनी इच्छा कैसे जाहिर की.
लेडी डॉक्टर की चुदाई के बाद मेरी बीवी ने हम दोनों को नयी चुदाई की बधाई दी. उसने बताया कि उसने हम दोनों की पूरी चुदाई देखी. वो बहुत खुश थी. इसके बाद हमने क्या किया?
मेरे पड़ोस में एक भैया हैं. वे मुझे हवस भरी नजरों से देखते थे. मैं अपने बॉयफ्रेंड से चुद कर बोर हो चुकी थी तो मैंने बदलाव के लिए उन भैया से ही चुदाई का मन बना लिया.
सेक्सी बीवी की गांड चुदाई के बाद मेरे लंड के साथ पता नहीं क्या हो गया कि वह हर वक्त खड़ा ही रहने लगा. लेडी डॉक्टर से सलाह ली तो वो मेरी स्कूल की क्लासमेट निकली.
पति से कुछ होता नहीं था तो मैं एक पड़ोसी से चुदाई का मजा लेती थी. एक बार वो भी बाहर चला गया तो मेरी चूत में लंड की कमी पड़ गयी. मैएँ अपनी गर्म चूत के लिए लंड का जुगाड़ कैसे किया?
वसुन्धरा के नंगे, गर्म जवान जिस्म को पीछे से रगड़ कर मेरा नंगा जिस्म आग पैदा कर रहा था. मेरा गर्म लिंग उसकी पैंटी के ऊपर से ही उसके नितम्बों की दरार पर रगड़ खा रहा था.
जवान कुंवारी लड़की ... प्रथम सहवास की प्रबल इच्छा लिए रात को बिस्तर पर आ गयी थी सोने के लिये ... तभी उसके फोन पर एक मेसेज आया. किसका मेसेज था और क्या था उसमें!
मैंने आगे झुक कर वसुन्धरा के दाएं निप्पल को मुंह में लिया और उसे होंठों और जीभ से चुमलाने लगा. वो तत्काल मेरा सर अपने हाथों में ले अपने उरोजों पर दबाने लगी.
मेरी मंगेतर पहले मेरी असिस्टेंट थी. मैंने उसे पटाया. विवाह से पहले हम चोरी छुपे खूब मिला कर मस्तियाँ मारा करते थे. इनमें से एक किस्सा कुछ ऐसा हुआ जो बताने लायक है.
"ओ राज! मुद्दतों तड़पी ... बरसों सुलगी, मैं इस पल के लिए." कह कर वसुन्धरा ने अपने दोनों हाथों से मेरा सर नीचे कर के मेरा चेहरा चुंबनों से भर दिया.
मेरे दोस्त के पापा नहीं थे. उसकी मम्मी घर में दूकान चलाती थी. जब मैं दोस्त के घर जाता तो आंटी मुझे देखती रहती थी. एक दिन मुझे उनके बूब्ज़ ब्लाउज में से दिख रहे थे तो ...
ऊँचा कद, कमान सा तना सुडौल गोरा बदन, माथे पर उड़ती ज़ुल्फ़ें, तीखा सुतवां नाक, गुलाब सी कलियों से होंठ, नाभि से ज़रा नीचे बंधी शिफ़ौन की मरून साड़ी में से पारे की तरह थिरकती लम्बी पुष्ट जाँघें.
मैंने कांपते हाथों को स्थिर किया और वसुन्धरा की के पैरों के बीच जमीन पर पड़ा लहंगा ऊपर उठाना शुरू किया, उसकी जांघों के में पेंटी कुछ-कुछ गीली हो गयी दिख रही थी.