राज वीर मिड्ढा

स्त्री-मन… एक पहेली-4

मेरी साली की जवान बेटी के साथ सेक्स की कामुकता भरी कहानी में पढ़ें कि मेरी भानजी मेरे घर में मेरे साथ अकेली है, रात हो चुकी है, वो मेरे बेडरूम में मेरे बेड पर है. हम दोनों की कामवासना अपने चरम पर है और दोनों एक दूसरे के गर्म जिस्म का मजा लेते हुए को वस्त्र विहीन कर रहे हैं.

पूरी कहानी पढ़ें »

स्त्री-मन… एक पहेली-3

मेरी साली की युवा बेटी के कुंवारे बदन को मैं एक बार भोग चुका था. अब डेढ़ साल बाद आज फिर वो अपने जिस्म को मुझे समर्पित कर रही है. आप भी इस रोमांटिक हिन्दी कहानी का मजा लें!

पूरी कहानी पढ़ें »

स्त्री-मन… एक पहेली-2

मेरी साली की युवा बेटी मेरे यहाँ रहने आ रही है. इस समय वो मेरे साथ कार में है. वो नज़र झुकाये, अपने दोनों हाथों में मेरा हाथ थामे ग्रीक की कोई देवी सी लग रही थी- आप मेरे जीवन के प्रथम-पुरुष हैं, मैं मन ही मन आप को पूजती हूँ और मेरे दिल में हमेशा आप की एक ऊंची और ख़ास जगह है और हमेशा रहेगी। इस के साथ ही यह भी सच है कि आप का और मेरा साथ किसी भी सूरत संभव नहीं. मेरी आप से विनती है कि जिसे मैंने अपने मन-मंदिर का देवता माना है वो देवता ही रहे.

पूरी कहानी पढ़ें »

स्त्री-मन… एक पहेली-1

मेरी पिछली कहानी ‘हसीन गुनाह की लज़्ज़त’ में आपने पढ़ा था कि कैसे मेरी साली की युवा बेटी हमारे साथ रहने आई और कैसे मेरे और उसके बीच सेक्स सम्बन्ध पल्लवित हुए! अब पढ़ें उससे आगे की कहानी!

पूरी कहानी पढ़ें »

हसीन गुनाह की लज़्ज़त-4

प्रिया पूर्णतः कँवारी थी और मेरे पास ज्यादा टाइम नहीं था, जिंदगी में दोबारा ऐसी रात नहीं आनी थी। मैंने उंगली को प्रिया की योनि में गोल गोल घुमाना शुरू किया।

पूरी कहानी पढ़ें »

हसीन गुनाह की लज़्ज़त-1

मेरी साली की बेटी की तो कच्ची उम्र थी पर मैं जो कर रहा था वो सामाजिक और नैतिक दृष्टि से गलत था लेकिन कहते हैं कि गुनाह की लज़्ज़त मेरा पीछा नहीं छोड़ रही थी।

पूरी कहानी पढ़ें »

अन्तर्वासना इमेल क्लब के सदस्य बनें

हर सप्ताह अपने मेल बॉक्स में मुफ्त में कहानी प्राप्त करें! निम्न बॉक्स में अपना इमेल आईडी लिखें, सहमति बॉक्स को टिक करें, फिर ‘सदस्य बनें’ बटन पर क्लिक करें !

* आपके द्वारा दी गयी जानकारी गोपनीय रहेगी, किसी से कभी साझा नहीं की जायेगी।

Scroll To Top