Sex Stories Archive for October, 2007

मेरी गांड फ़ट गई

On 2007-10-02 Category: गे सेक्स स्टोरी Tags:

प्रेषक : हरीश महरा “उसकी खुद की फ़ट गई” का दूसरा भाग यह मेरी अन्तर्वासना पर दूसरी कहानी है। सनी भाई की राह पकड़ कर मैं खुश हूँ और उनके जैसे हथकंडे जैसे ही मैंने अपनाए, मेरे ऊपर तो लौड़ों की बरसात हो गई। जैसे मैंने अन्तर्वासना में अपनी पहली कहानी में लिखा था कि […]

उसकी खुद की फट गई !

हरीश महरा सभी अन्तर्वासना पढ़ने वालों को मेरा यानि हरीश का प्रणाम, गुरु जी को भी मेरा नमस्कार ! यह मेरी अन्तर्वासना पर पहली पहली कहानी है और सनी भाई का बहुत बहुत सारा शुक्रिया जिनकी बदौलत मेरी गांड की प्यास बुझ गई। सनी भाई आपकी मैंने अब तक की सभी कहानियाँ पढ़ी हैं, पहले […]

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