बॉस की कामुकता वासना का शिकार बनी-1

(Boss Ki Kamukta Vasna Ki Shikar Bani- Part 1)

This story is part of a series:

साथियो.. मैं मेघा मुक्ता एक बार फिर आप सभी के सामने हूँ.. आज भी मेरी चुदाई की कहानी को मेरे पापा ही आप सभी को सुना रहे हैं। उनकी जुबानी ही आनन्द लीजिएगा।

हैलो मैं संजय, मेघा का सौतेला बाप हूँ। ऑफिस के काम के चक्कर में मैं बहुत परेशान रहने लगा था। बॉस मेरे काम से खुश नहीं था। मैं अक्सर इस तनाव से निकलने के लिए मेघा को डायरेक्ट हॉस्टल से नाईट पार्टी या किसी होटल में लिए जाता था।

कामुकता की मूर्ति मेरी सेक्सी बेटी

ऐसी ही एक रात एक डांस पार्टी में मैं नशे में धुत्त था, मेरी बेटी लोगों के साथ डांस कर रही थी कि एक पचास साल के बेहद अमीर दिख रहे बिज़नेसमैन ने उसको अपनी तरफ आने का इशारा किया।

मैं उस व्यक्ति से दूर था इसलिए उसका चेहरा नहीं देख पाया था। मेघा ने मुस्कुराकर मेरी तरफ देखा और उसके साथ चली गई, मैं उन दोनों के पीछे आ गया था, थोड़ी दूर से वाशरूम के पास उनकी बातें सुन रहा था।

‘मैं एक मेडिकल कंपनी का मालिक हूँ.. मुझे नहीं पता कि तुम किसके साथ आई हो.. लेकिन तुम चाहो तो एक रात में कुछ कमा सकती हो?’

वह नशे में धुत्त था.. जेंट्स वाशरूम में मेघा को पकड़े हुए खड़ा था। मेघा बिंदास उसके साथ खड़ी थी। आने-जाने वाले लोग उसको कच्ची उम्र की हाई प्रोफाइल रंडी ही समझ रहे थे। कई लोग तो उसको मूतने के बहाने से अपना लंड भी दिखा देते थे।
कोई ‘कितना लेगी?’ बोलते हुए हाथ से इशारा भी कर देते थे।

‘नहीं.. आप जो समझ रहे हैं मैं वो नहीं हूँ..’ मेघा ने एक चोर नज़र से मुझे देखा और असहज होते हुए कहा।
‘अरे यार.. तुम हाई प्रोफाइल कॉल गर्ल्स के नखरे बहुत रहते हैं.. चलो मैं तुमको एक लाख दे सकता हूँ.. अब न मत करना.. तुम्हारी ख़ूबसूरती जांघों के अन्दर तक देखना चाहता हूँ।’

यह कहते हुए उसने मेघा को अपनी तरफ खींच लिया और उसकी लाल मिडी को ऊपर सरका कर उसकी चड्डी में हाथ डालकर मेघा की गोरी गांड को सहलाने लगा।

मेघा असहज हो कर मेरी तरफ देखने लगी- देखिए.. वे मेरे पापा हैं.. देख रहे हैं वो..
‘ओह आई एम सॉरी.. मैंने आपकी बेटी को कुछ और ही समझ लिया.. वैसे आपकी बेटी बहुत हॉट और सेक्सी है।’ वह मेघा को छोड़ कर मेरी तरफ आकर बोला।

‘अरे सर आप..?’ मैं उस बूढ़े को देखकर चौंक गया.. वाशरूम में ऊपर की तरफ अँधेरे में होने के कारण मैंने उसका चेहरा नहीं देखा था।
‘अरे संजय, तुम यहाँ?’
‘सर यह मेरी बेटी मेघा है.. हम लोग नाईट पार्टी में आए थे। मेघा, ये मेरे बॉस रहेजा सर हैं।’

‘हाय..’ के साथ मेरी बेटी ने उससे हाथ मिलाया। उसने उसका हाथ अपने हाथ में ले लिया और दूसरे हाथ से उसको मसलने लगा। मेघा फिर असहज हो रही थी.. लेकिन खामोश थी।

‘सर हमको बहुत देर हो चुकी है अब हमको निकलना चाहए।’
‘संजय आपकी बेटी से मिलकर अच्छा लगा.. अगर आप बुरा न मानो तो आप को अपनी कार से छोड़ दूँ।’
‘ठीक है..’

इसके बाद हम अपने बॉस रहेजा की कार में थे। मुझे बार-बार एक लाख रुपये याद आ रहे थे जो रहेजा सर ने मेरी बेटी को बोला था। जिसमें से अगर हम 35 हज़ार अपने फ़्लैट की क़िश्त भर देते.. तब भी 65 हज़ार बच रहे थे।

हम दोनों पीछे बैठे थे, रहेजा आगे बैठा था और ड्राईवर कार चल रहा था।
‘संजय मैं सोच रहा था कि तुमको कंपनी का GM बना दिया जाए.. तुम्हारा क्या ख़याल है?’
‘जी सर मुझे बहुत ख़ुशी होगी।’
‘लेकिन मैंने तुमको कुछ करने का मौका दिया है.. अब अगर तुम चाहो तो मुझे इम्प्रेस करके कंपनी के GM बन सकते हो।’

मैंने अपनी बेटी मेघा की तरफ देखा ‘क्या इरादा है तुम्हारा बेबी? पापा को GM बनने में हेल्प करोगी?’ मैं धीरे से फुसफुसाया।
‘लेकिन पापा..’
‘एक लाख कम नहीं होता है हनी.. तुम राज़ी हो तो बस सुबह तक की ही तो बात है..’ मेघा से मैंने उसको अपने सीना से लगाते हुए कहा।
‘डैडी आप पागल तो नहीं हो गए हो.. मुझे किसी गैर मर्द से चुदवाओगे?’

‘डार्लिंग पार्टी में तुम छोटे-छोटे कपड़े डालकर जाती हो न.. लोग तुमको ललचाई नजरों से देखते हैं.. तुम्हारी बम्प को किसी न किसी बहाने से दबाते हैं.. किस भी कर देते हैं.. मैंने कभी कुछ नहीं कहा।’

‘वो सब लड़कों को लुभाना मुझे अच्छा लगता है.. मैं तुम्हारी ख़ुशी के लिए करती हूँ.. डार्लिंग।’
‘लेकिन यह बहुत रिच है.. तुम इसको भी मेरी ख़ुशी समझ कर करो न..’ मैंने उसके चेहरे को अपने सीने से लगाते हुए कहा।
‘लेकिन डैड वह बूढ़ा है.. मैं बच्ची हूँ अभी।’

‘अरे यार पिछले महीने कानपुर में तुम दो लड़कों से मैरिज हाल की छत पर चुदवा रही थीं.. मैं पहरेदार की तरह सीढ़ियों पर खड़ा था.. ताकि कोई देख न ले। मैं चाहता तो तुम्हें रोक सकता था.. लेकिन हम दोनों ने वादा किया है कि एक-दूसरे की ख़ुशी के लिए कुछ भी करेंगे।’

यह सुन कर उसने नज़रें झुका लीं। वो खामोश रही.. लेकिन अब मन ही मन राज़ी तो थी.. पर वो कह नहीं पा रही थी।

‘गिल्ट होने की जरूरत नहीं है मेरी बच्ची.. मुझे बुरा लगा होता तो उस दिन ही बोल देता..’ मैं उसके गालों को चूमते हुए फुसफुसाया।
वह ‘ठीक है..’ बोलकर अलग हो गई।

‘सर अगर आप मेरी बेटी को चाहने लगे हैं.. तो कार में पीछे आकर उसके साथ कुछ वक़्त गुजार लीजिए..’ मैंने मेघा के जवाब का इंतज़ार किए बिना ही कह दिया।

मेरे इतना कहते ही ड्राईवर ने कार हाईवे पर रोक दी। रहेजा पीछे की सीट पर आ गया.. कार फिर चलने लगी।

मेरे बॉस मेरी सेक्सी बेटी के साथ

अब मेरी बेटी बीच में थी.. उसके हाथ मेरी बेटी की लाल मिडी को ऊपर सरका कर सफ़ेद मुलायम पतली-पतली जांघों को सहला रहे थे। मेघा टांगों को खोलकर सहयोग कर रही थी।

मुझे बहुत अजीब सा लग रहा था, मेरी नन्ही सी मासूम बेटी के जिस्म को मेरे ही सामने मेरा बॉस छू रहा था।

कुछ ही देर में वह मेघा को स्मूच करने लगा.. अब कार बहुत धीरे चल रही थी।

‘योर डॉटर इज टू हॉट संजय.. अगर बुरा न मानो तो एक बात कहूँ?’ ये कहते हुए उसने मेघा की मिडी हिप से ऊपर कमर तक सरका दी और हाथ जालीदार छोटी सी चड्डी में डालकर उसकी मुलायम चूत को सहलाने लगा।
‘जी सर कहिए?’
‘तुमने अपनी बेटी को बहुत ही अल्ट्रा सेक्सी ड्रेस डलवाया है.. लाल मिडी.. लाल शू पर दो चोटियां.. कोई भी इसको देखेगा तो तुम्हारी बेटी नहीं.. प्रोस्टीट्यूट ही बोलेगा।’

‘जी सर, हम बाप बेटी में दोस्तों वाला ही रिश्ता है।’
‘बेबी, थोड़ा टांगें खोलना।’
‘जी सर..’ मेघा में भी टांगें खोलते हुए पूरा सहयोग किया।

मेरी बेटी की नाजुक चूत

अंगूठियों से भरे हुए उसके हाथ मेघा की नन्ही सी चूत को टटोलने लगे।
‘आह्ह्ह.. पापा आप मुझे गोद में लिटा लो..’
मेरी बेटी ने अपनी दोनों टांगों को और खोलते हुए इशारा किया।

‘प्रसाद.. कार साइड में रोक लो।’
कार रुक गई।

रहेजा सर मेरी बेटी पर ऊपर तक चढ़ गए थे। मैंने उसका सिर अपनी गोद में लिया हुआ था। ड्राईवर प्रसाद बाहर सिगरेट पीते हुए फ्री में मेरी बेटी का लाइव पोर्न देख रहा था।

मैंने सही समय जानकर मेघा की सामने से मम्मों पर से मिडी की ज़िप खोलने लगा। रहेजा ने बाकी की ज़िप खोलकर मेघा को सामने से पूरी नंगी कर दिया था।

रहेजा ने जैसे ही मेरी बेटी को पूरी नंगी देखा, उसके गोरे बदन और भरे-पूरे जिस्म को.. वो देखता ही रह गया।

‘बहुत सेक्सी और हॉट है तुम्हारी बेटी संजय.. एकदम छोटी सी सेक्स डॉल!’
उसका लंड एकदम से तन गया।

मैंने बेटी को बाकी के पूरे कपड़े खोलने का इशारा किया।

‘मेघा डार्लिंग, मुँह में लो इसको!’ मेघा मेरी गोद में थी.. रहेजा ने उसके कंधे पकड़ कर अपनी तरफ खींचा और मुँह में अपना लंड डाल दिया था।
वह कार की पिछली सीट पर मेरी गोद में लेटी रहेजा का लंड चूस रही थी, मैं उसकी बुर को सहला रहा था।
अपनी बेटी को गोद में लेकर किसी ग़ैर मर्द से चुदवाने का अलग ही मज़ा है।

एक सामाजिक दायरे से परे सुख की ऐसी अनुभूति.. जिसकी कल्पना मात्र से ही मन रोमांचित हो उठता है। मैं अपनी बेटी को हर रूप में देखना चाहता था। मैं उसकी बुर को सहला रहा था।

‘आआह्ह्ह्ह.. सर मेरी बुर को भी चूसिये न..’ कामुकता में डूबी मेघा इस सबसे अनभिज्ञ होते हुए बुर चूसने को कह रही थी।

मैंने धीरे-धीरे बेटी से अलग होते हुए रहेजा सर को बुर चूसने का इशारा किया।

रहेजा तो जैसे पागल हुए जा रहा था, उसने धीरे से मेघा की दोनों जांघों के बीच में आकर अपनी लंबी लिसलिसी जीभ को उसकी नन्ही सी गुलाबी बुर में घुसा दिया।

मेघा ने ‘आ..ह.आ..’ की एक लंबी सीत्कार ली।

रहेजा उसकी बुर को चूस, चाट और खाए जा रहा था, मेघा अपने पूरा जिस्म को ऐंठते हुए जन्नत में गोते लगा रही थी, मैंने कभी सोचा नहीं था कि मेरी नाज़ुक मासूम बेटी एक दिन मेरे ही सामने इस तरह से मेरे बॉस से ही चुदेगी।

रहेजा एक पागल की तरह उसकी बुर को चूसे जा रहा था और मेघा ‘आ.. हन.. अया.. और ज़ोर से..’ किए जा रही थी।

‘संजय तेरी बेटी बहुत ही मस्त है. इतनी कम उम्र में भी इतनी सेक्स की भूख.. वाह मज़ा आ गया।’

उसकी बुर से पानी पूरा निकल रहा था, वो बोली- क्या बात है आप बहुत अच्छी तरह से मेरी बुर को चूस रहे हैं.. बहुत ज़्यादा मज़ा आ रहा है.. आह..हा.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… ईई..

मैं इसका जवाब देने के लिए उसके पास मुँह ले जाकर बोला- तू रोज़ एक ही लंड से चुदवा चुदवा कर बोर हो गई थी न.. मेरी बच्ची.. मैं आज कुछ नहीं बोलूँगा.. सिर्फ़ तुझे जन्नत का मज़ा दिलवाऊँगा।

वो कुछ नहीं बोली.. रहेजा ने कुछ ही मिनट में उसकी छोटी सी गोरी बुर को चाट-चाट कर लाल कर दिया।
मेघा अब बोली- सर प्लीज़ सर, अब लंड से चोदिए ना!

बहुत ही कामोत्तेजक पल थे मैं अपने लंड को किस तरह से रोके हुए था, ये मैं ही जानता हूँ।

आपको यह कहानी कैसी लग रही है.. प्लीज़ मुझे जरूर लिखिएगा।
[email protected]
कहानी जारी है।

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