लंड चुत गांड चुदाई का रसिया परिवार- 3

(Sister Sexx Story)

This story is part of a series:

सिस्टर सेक्स्क्स स्टोरी में पढ़ें कि कमसिन जवान लड़की में मन में सेक्स को लाकर क्या क्या विचार उभरते हैं. वो अपनी बहन और जीजा की चुदाई देखना चाहती है.

मैं सोनिया वर्मा. आपको एक मदमस्त सेक्स कहानी सुना रही थी जिसमें परिवार के सदस्यों के बीच सेक्स भरा पड़ा है.

अब तक आपने मेरी इस सेक्स कहानी के पिछले भाग
कॉलेज गर्ल की अन्तर्वासना
में पढ़ा था कि मनीष ने अपनी बीवी की चूचियां दबा कर उसे बाय बोला और ऑफिस निकल गया.

अब आगे सिस्टर सेक्स्क्स स्टोरी:

मनीष के ऑफिस निकलते ही घर के अन्दर नेहा और स्नेहा दोनों बहनें सोफे पर आ गईं.

नेहा- अब बता मॉम, पापा और वो अपना भाई चिराग कैसे हैं?
स्नेहा- दीदू सब मजे में हैं.

नेहा- और तुम लोगों की पढ़ाई कैसी चल रही है?
स्नेहा- दीदू पढ़ाई को हम दोनों ने नम्बर वन पर रखी है, बाकी मौज उड़ा रहे हैं.

फिर स्नेहा मुस्कुराते हुए नेहा की बढ़ती चूचियों की तरफ़ इशारा करके बोली- लगता है आज कर जीजू अच्छी खासी मेहनत कर रहे हैं.

नेहा हंसते हुए- तू ये बात कैसे कह सकती है!

स्नेहा- देखो न 34 से 36 ऐसे ही नहीं हो गए मेरी प्यारी दीदू.
नेहा शरमाते हुए- चल तू थोड़ी देर आराम कर ले … बाद में बात करते हैं.

स्नेहा भी थकावट के कारण ज्यादा नहीं बोली और अपने रूम में आराम करने के इरादे से आ गई.

नेहा स्नेहा के जाते ही मन में सोचने लगी कि इसकी नजर भी ना … बाज की नजर है.

स्नेहा सोचते हुए कब सो गई और जब नींद खुली, तो नेहा उसको जगा रही थी.

नेहा- उठ यार कितना सोयेगी, लंच नहीं करना क्या.
स्नेहा- ओह मेरी प्यारी दीदू कितनी अच्छी नींद लगी थी, कितने बज गए?

नेहा- एक बज गए … चल जल्दी हाथ मुँह धो ले, साथ में लंच करते हैं. आज मेड भी नहीं है.
स्नेहा- दीदू, एक बार और नहाने का मन है. आप खाना लगाओ, मैं बस एक शॉवर लेकर आती हूँ.

इतना बोल कर स्नेहा बाथरूम में चली गई और नेहा नीचे किचन में.

स्नेहा नहा कर नीचे गई और दोनों बहनों ने खाना खाया और इधर उधर की बात करते हुए कब शाम हो गई, पता ही नहीं चला.

उसके बाद मनीष ऑफिस से घर आया और आते ही उसने हुक्म सुना दिया- चलो दोनों बहन जल्दी तैयार हो जाओ … सब घूमने चलते हैं और हां, डिनर भी बाहर ही कर लेंगे.
नेहा- वाओ ये हुई ना बात.

फिर उसने स्नेहा की तरफ देखते हुए कहा- चल जल्दी, इनका मूड बदले, उसके पहले तैयार हो जाते हैं.

स्नेहा भी अपने रूम में आकर फटाफट हल्के मेकअप के साथ ओपन शोल्डर वाला टाईट शॉर्ट टॉप विद आउट स्ट्रेप वाली ब्रा, जिसमें उसकी चूचियां और कहर ढा रही थीं.
उसने नीचे एक छोटा सा जींस का शॉर्ट्स पहना, खुले बाल. तैयार होकर एक बार खुद को आईने में देख कर खुद ही शरमा गई.
फिर नीचे आई, तो उसके जीजू पहले से तैयार बैठे थे.

मनीष सीटी बजाते हुए- क्या बात है साली जी … मुझे नहीं पता था हमारी आधी घरवाली इतनी ब्यूटीफुल है.
स्नेहा- क्या जीजू अपनी साली पर ही लाईन मार रहे हो … और दीदू कहां है?

मनीष- वो अभी तक तैयार ही हो रही है. जाओ देखो … और उसे बोलो कि जल्दी करे देर हो रही है.
स्नेहा- ओके जीजू.

इतना बोल कर स्नेहा अपनी दीदू के रूम में वापस ऊपर गई.

रूम के बाहर से ही- दीदू दीदू कितना टाईम लगेगा?
नेहा- अन्दर आजा, अच्छा हुआ तू आ गई मेरी ब्रा का हुक लगा दे यार, लगता है दूसरी लेना पड़ेगी, ये भी छोटी हो गई.

स्नेह जैसे ही अन्दर गई, नेहा सिर्फ जींस पहन कर ब्रा का हुक लगा रही थी.

वो अपनी दीदू की ब्रा का हुक लगाते हुए बोली- लाओ मैं बंद करती हूं, अब बाबूलाल को जीजू इतना प्यार करेंगे, तो साईज दिन ब दिन तो बढ़ेगा ही.

नेहा ने जल्दी से एक ढीला ढाला टॉप पहना और बोली- चल जल्दी तेरे जीजू वेट कर रहे होंगे.
स्नेहा- आज तो आप पटाखा लग रही हो.

हंसी मजाक करते हुए दोनों बहनें नीचे आ गईं, जिसे देख कर मनीष बोला- कौन ज्यादा ब्यूटीफुल लग रही है, कह नहीं सकता. एक से बढ़ कर एक. काश साली जी तुम पहले मिली होती, तो मैं तुमसे हो शादी कर लेता.
नेहा मुँह बनाते हुए- हुंह, अब देर नहीं हो रही?

तीनों कार में बैठ कर मुम्बई दर्शन के लिए चल पड़े.
गेट वे ऑफ इंडिया, मरीन ड्राइव, जूहू बीच चौपाटी होते हुए एक मॉल में आ पहुंचे, जहां मनीष के एक मित्र भावेश भाई का शोरूम था.

भावेश- आओ आओ मनीष, आज बहुत दिन के बाद मेरी याद आई? नमस्ते भाभी … कैसी हो?

नेहा- नमस्ते भावेश भाई नमस्ते. मैं ठीक हूँ, आप कैसे हो और भाभी कैसी हैं?
भावेश- सब मजा मा … ये कौन है?
उसने स्नेहा की तरफ देख कर कहा.

मनीष- ये हमारी प्यारी सी साली जी हैं. आज ही आई हैं, तो घुमाने लाया था … तो सोचा थोड़ी शॉपिंग भी करवा दूं.
भावेश ने एक सेल्स गर्ल को इशारे से पास बुलाया और धीरे से कुछ कहा.

उसके बाद उसने नेहा की तरफ देखते हुए कहा- भाभी, आप इसके साथ जाओ जो चाहिए सब मिलेगा.

फिर वो मनीष से बात करने लगा.

भावेश- चल यार मनीष, हम ऑफिस में बैठते हैं, कुछ ठंडा गर्म पिएंगे.

इधर सेल्स गर्ल- मेम आप मेरे साथ आइये.

इतना कह कर वो दोनों को एक केबिन में ले गई, जहां एक दीवान लगा था. उस पर बैठाते हुए बोली- अब बोलिए मेम क्या दिखाऊं?
नेहा- मुस्कुराते हुए, क्या क्या दिखा सकती हो?

नेहा ये बात उस लड़की की बेल जैसी बड़ी बड़ी लटकी हुई चूचियां की तरफ देखते हुए बोली थी.

सेल्स गर्ल गहरी मुस्कान के साथ अपनी शर्ट के बटन खोलते हुए बोली- मेम, सब कुछ दिखा सकती हूँ.
नेहा मुस्कुराते हुए- ये फिर कभी देखूंगी, शी इज माय टीन सिस्टर.

नेहा ने स्नेहा की तरफ इशारा करते हुए कहा- इनके लिए बढ़िया से बढ़िया ड्रेसेस दिखाओ … जिसमें जींस, स्कर्ट, टॉप, लेगिंग और शॉर्ट्स ब्रांडेड लेटेस्ट डिजाइन में और मेरे लिए भी.

सेल्स गर्ल- हैलो मेम.
उसने ये बात स्नेहा की तरफ देख कर कही और उठ कर बाहर निकल गई.

स्नेहा- क्या दीदू उसको खोलने देना था ना?
नेहा- मुझे पता है इसकी चूचियां पिलपिली होकर लटक चुकी हैं, पता नहीं कितनों ने इसके चूसे ओर दबाये होंगे.

ये दोनों बात कर ही रही थीं कि सेल्स गर्ल अन्दर आ गई. उसके पीछे पीछे दो लड़कियां, जिनके हाथों में ढेर सारे हेंगर थे, जिन्होंने स्पोर्ट ब्रा और शॉर्ट स्कर्ट पहना था.

सेल्स गर्ल- ये लीजिए मेम.
उसने सभी ड्रेसेस वहां रख दीं.

दोनों ने अपनी अपनी पसंद से कई सारी ड्रेस सिलेक्ट की और फिर लड़की की ओर देख कर बोलीं- लायेंज़री में नया कुछ मिल सकता है?
सेल्स गर्ल- कहा ना मेम, सब कुछ.

नेहा- बट लेटेस्ट डिजाइन में.
‘ओके मेम.’

इतना बोल कर वो एक बार फिर बाहर चली गई, थोड़ी देर बाद उसके साथ इस बार तीन लड़कियां अन्दर आईं. एक के हाथ में ट्रे थी, जिसमें दो कोल्डड्रिंक की बॉटल, बाकी दोनों ने लायेंज़री के बहुत से हेंगर लिए हुए थीं.

एक तरफ इशारा करते हुए लड़कियों से कहा- यहां रख दो और बाहर जाओ.
नेहा- कुछ नाईट वियर भी ले आओ.

नेहा ने उनके बाहर जाते ही स्नेहा को देखा. दोनों ने एक दूसरे के लिए ब्रा पैंटी सिलेक्ट की, जिसमें थोंग पैंटी, पुश अप ब्रा और कुछ रेग्युलर ब्रा पैंटी भी, जो बस पीरियड के समय में ही काम आती हैं.

उसके बाद नाईट वियर लेने के बाद.
नेहा- ये सब भावेश भाई के ऑफिस में किसी के हाथ भिजवा दो प्लीज.

वो दोनों उठ कर भावेश के ऑफिस में गईं.

फिर उसके बाद डिनर के लिए एक रेस्तरां में गए. डिनर करके आईसक्रीम खाते हुए घर की तरफ चल पड़े.

रात 11 बजे सब अपने अपने बेडरूम में थक कर जल्दी सो गए.

स्नेहा सुबह उठ के सीधा बाथरूम चली गई और नित्य कर्म से फ्री होकर, एक छोटा सा टॉवल लपेट कर बाहर आई.
उसने जल्दी जल्दी ब्रा के साथ एक टी-शर्ट और नीचे पजामा पहन लिया बिना चड्डी के … और नीचे डाईनिंग टेबल पर आ गई.

स्नेहा- गुड मॉर्निंग जीजू.
मनीष- गुड मॉर्निंग स्नेहा. कल मजा आया मुम्बई दर्शन करके?
स्नेहा- जीजू, कल बहुत मजा आया. दीदू कहां हो आप?

फिर उसने आवाज लगाते हुए नेहा से पूछा.
नेहा- आ रही हूं यार.

नेहा किचन से चाय लेकर आते हुए- बोल क्यों चिल्ला रही है?

स्नेहा की नजर जैसे ही नेहा पर पड़ी, उसे देखती रह गई. उसने आज भी ब्रा नहीं पहनी थी. उसके हिलते दूध देख कर उसकी चूत कुलबुलाने लगी.

नेहा- ऐसे क्या देख रही है?
स्नेहा नेहा की चूची की तरफ देखते हुए- इस गरीब के पेट का भी कुछ ख्याल कर लो या नाश्ते के लिए आपसे शादी करना पड़ेगी मुझे … जीजू की तरह?
नेहा ने हंसते हुए- नौटंकी, थोड़ी देर रुक जा.
स्नेहा- ओके दीदू.

फिर सब साथ में नाश्ता करने लगे.

वो अपने जीजू से बोली- आज भी कहीं जाना है क्या?
मनीष- नहीं साली साहिबा, आज इम्पोर्टेन्ट मीटिंग है मेरी, शायद लेट भी हो सकता हूँ. फिर भी तुम्हें अगर कहीं जाना हो, तो अपनी दीदी के साथ चली जाना.

स्नेहा- नहीं जीजू आप परेशान न हो, हम हमारा देख लेंगे.
नेहा ने मुँह बनाते हुए- क्या मनीष आप भी ना … स्नेहा हमारे यहां रोज रोज नहीं आती.

मनीष- अरे डार्लिंग, ये विदेशी लोग हैं. अगर ये ऑर्डर मिल गया, तो डॉलर में पैसा आएगा … और अमेरिका, लंदन तक हमारा बिजनेस फैलेगा.
नेहा- ठीक है, पर जल्दी आने की कोशिश करना.

मनीष नेहा को किस करते हुए- थैंक्यू डार्लिंग, बाय बाय साली जी.
स्नेहा- बाय जीजू एण्ड, बेस्ट ऑफ लक

उसके बाद मनीष निकल गया.

नेहा- तू बैठ, मैं हमारे लिए नाश्ता लगाती हूँ.

नेहा पलट कर जाने लगी, तो स्नेहा को पता चला कि नेहा ने आज चड्डी भी नहीं पहनी थी. क्योंकि उसके चूतड़ उसकी नाईटी में थिरकते से लगे.

स्नेहा मन में सोचने लगी- हम्म … तो ये बात है, दीदू थकान का नाटक करके रात भर गपागप लंड पेलवाती रही अपनी भोसड़ी में, अभी बताती हूँ.

नेहा नाश्ता टेबल पर लगाने के बाद- आज कहां चलें घूमने?
स्नेहा- दीदू मैं क्या कहती हूँ, घर में रह कर नाश्ता करते हुए. कोई मूवी देखते हैं ना.

नेहा- ओके जानेमन, जैसा तू कहे. पर कौन सी मूवी देखे?
स्नेहा- दीदू वो सब छोड़ो और पहले ये बताओ कि कल रात कितने राउंड फायरिंग हुई?

नेहा- एक राउंड भी फायरिंग नहीं हुई.
स्नेहा- मुझसे झूठ मत बोलो, ये क्या है?
उसने नेहा की चूची मींजते हुए कहा.

नेहा समझ कर मुस्कुराते हुए- क्यों तुझे नहीं पता ये क्या हैं, तेरे पास भी तो हैं. ये तेरी दीदू के हापुस आम हैं. जो तूने पहले भी मजे ले लेकर चूसे थे.
स्नेहा चिढ़ते हुए- मैं ये नहीं कह रही.
नेहा- कमाल है यार, मेरी चूची मसल रही है और कहती है कि मैं ये नहीं कह रही.

स्नेहा समझ गई कि ये नाटक कर रही है- ब्रा किसको गिफ्ट में दे दी … और ब्रा ही नहीं पैंटी भी अपने किसी यार के पास छोड़ कर आई हो क्या?
उसने जोर से नेहा का निप्पल चुटकी में मसल दिया.

नेहा- सीईईई, देख छोटी मुझे नंगी होकर सोने की आदत है. इसलिए सुबह मैंने बस नाईट गाउन पहन लिया. और वैसे भी रात को ब्रा पैंटी पहन कर सोने से बॉडी में रेड मार्क्स पड़ जाते हैं.
स्नेहा चटखारा लेकर- तो क्या जीजू भी ऐसे ही नंगे सोते हैं?

नेहा- यस … और तूने भी तो पैंटी नहीं पहनी.
स्नेहा- वो जल्दी-जल्दी में भूल गई, वो छोड़ो. आप विनीता दीदी वाली बात बताओ ना?

नेहा- जाने दे ना यार, फालतू में सुबह सुबह गर्म कर रही, कल रात से आग लगी हुई है … तू और भड़काने पर तुली है.
स्नेहा अपनी जगह से उठ कर नेहा के पास आते हुए- मैं हूँ ना आपकी चूत चाट कर ठंडी कर दूंगी, पहले की तरह.

नेहा झूठे बरतन उठाते हुए- साली, तुझे और कोई काम नहीं है. आज साली मेड को नहीं आना है.

स्नेहा भी उठ कर सोफे पर चली गई और मन में कुछ सोचने लगी.

नेहा किचन से निकलते हुए- बता कौन सी मूवी देखनी है?
वो आकर स्नेहा के बगल में बैठ गई.

स्नेहा हंसते हुए- लगा दो कोई चूत से लंड के मिलन समारोह की.
‘हम्म ..’

स्नेहा- विनीता दी वाली स्टोरी सुनाओ ना दीदू?
नेहा- फिर कभी, क्योंकि वो कहानी एक घंटे या एक दिन में खत्म होने वाली नहीं है. शॉर्ट में बस इतना सुन ले विनीता भाभी की चूत एक लंड से ठंडी होने वाली चूत नहीं है. उसकी चूत अपने पति और भाई सहित पता नहीं कितनों के लंड निगल चुकी है.

स्नेहा- बाप रे, भाई का भी लंड ले लिया, ये तो बहुत बड़ी वाली रांड है साली?
नेहा- हां, ये एक लंबी कहानी है, जिसे सुनाने में ही चार पांच दिन लग जाएंगे.

स्नेहा- ओके दीदू, छोड़ो उस रंडी की बात … आप एक काम करोगी मेरा?
नेहा स्नेहा की चूत पजामे के ऊपर से मसलते हुए- कौन सा काम?

स्नेहा- पहले कसम खाओ गुस्सा नहीं करोगी?
नेहा कुछ सोचते हुए- चल ठीक है.

स्नेहा- वो … वो … मैंने अआज तक … किसी की रियल च..चु..चुदाई नहीं द..देखी त..तो!
नेहा- तो तू क्या चाहती है?

स्नेहा सिर नीचे करकर- वो..वो
(मन में कैसे कहूँ दीदू)

नेहा- कहीं तू ये तो नहीं कहना चाहती कि मैं तुझे अपनी चुदाई का लाईव टेलीकास्ट दिखाऊं?
स्नेहा- हं.. हां.
बस वो इतना बोली, वो भी डरते डरते.

जिस पर नेहा गुस्से में- तू पागल तो नहीं हो गई.
स्नेहा मुँह लटका कर- सॉरी दीदू.

नेहा- हाहाहा … हाहाहाहा … अपना चौखटा तो देख साली, पूरे बारह बजे हैं. क्या अपने बीच कुछ छुपा है कभी.

अगली बार नेहा ने अपनी बहन स्नेहा को अपनी चुदाई दिखाई तो क्या हुआ … ये सब लिखूंगी. आप मेरी इस सिस्टर सेक्स्क्स स्टोरी पर अपने मेल जरूर भेजें.

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सिस्टर सेक्स्क्स स्टोरी का अगला भाग: लंड चुत गांड चुदाई का रसिया परिवार- 4

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