रीटा की तड़पती जवानी-5

(Rita Ki Tadapti Jawani- Part 5)

रीटा रावत 2010-08-26 Comments

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क्या अदा थी लौंडिया की, चूत भी दिखा रही थी और शरमा भी रही थी.

राजू सम्मोहित सा फ़ैली हुई गोरी चिट्टी रीटा की बला सी खूबसूरत लबालब रस से भरी नन्ही सी सुडौल आमन्त्रण देती फुद्दी और रबड़ बैंड सी कसी गुलाबी गाण्ड का आँखों ही आँखों में चोदने लगा.

रोमविहीन फुद्दी के रक्तिम चीरे से रीटा का कंपकपाता छोटा सा कागजी बादाम सा दाना राजू को जैसे ललकार दे रहा था. राजू को लगा कि वो अब बिना हाथ लगाये ही झड़ जायेगा. दृश्य देख कर
राजू के बिफरे हुआ लण्ड ने पानी के कई टुपके छोड़ दिये- ओहऽऽ रीटा! यू आर सो ब्यूटीफ़ुल!

जैसे ही राजू का हाथ शरारत करने के लिये आगे आया, रीटा ने झटपट फुद्दी और गाण्ड को वापिस अपनी टांगो में भींच ली और बोली- नो नो भईया! दिस ईज़ नाट अलाउड. अब आप अपना तोता
‘दिखाओ, नहीं तो ये गेम यहीं खत्म!’ रीटा राजू को प्यार से धमकाती हुई बोली.
‘ओके ओके, तुम खुद ही देख लो और जो जी में आये कर लो!’ राजू ने बात बिगड़ने के डर से सबर से काम लेना ठीक समझा.
‘ओह भईया आई लव यू एन्ड यू आर सो क्यूट!’ रीटा राजू की बात सुन कर खुशी के मारे चिल्ला सी पड़ी और राजू की गाल पे पटाक से एक चुम्मा ठोक दिया.

रीटा घुटने मोड़े राजू के आगे कारपेट पर बैठ गई और चरर्ऽऽऽऽ की अवाज़ से हसीन रीटा ने कांपते नाजुक हाथों से राजू की पैंट की जिप खींच दी. राजू का कच्छा नीचे खिचंते ही राजू का आठ इंच

लंबा लण्ड फटाक से रीटा के मुँह पर लगा तो रीटा की डर के मारे चीख निकल गई- ऊईऽऽऽऽमांऽऽऽ! ईत्ता बड़ा? हाय रब्बाऽऽऽ मैं मर जाऊँऽऽऽ!’

खुली हवा में आठ इन्च लण्ड झटकों के साथ ऊपर उठता चला गया और बुरी तरह से लोहे सा टना टन छत की तरफ अकड़ गया. मोटे लण्ड का गीली गीली जामुनी गुलाबी टोपी के ऊपर खूब बड़ा सुराख था. खून की तेज़ी से मजबूत लन की नसें फूल गई और लन हवा में ही झटके खाने लगा. लण्ड के नीचे खूब बड़े-बड़े सांवले सलौने ट्टटों की रेशमी थैलियाँ.

रीटा के जीवन का आज सबसे महत्वपूर्ण दिन था. अंगूठे चूसने की उमर में रीटा को शानदार और जानदार लण्ड चूसने को मिल गया था. सम्मोहित सी रीटा ने झटके खाते लण्ड को लपक के अपने छोटे छोटे मखमली हाथों में लेकर लौड़े की ऊपरी चमड़ी को नीचे सरका दी, तो राजू की सिसकारी ही निकल गई. सख्त और सुलगते लौड़े के सुपाड़े से निकली सुगंधित हवा का झोंका रीटा के नथुनों में घुस कर रीटा का दिल बाग बाग कर गया. रीटा के फूल से नादान हाथों की गरमी और नरमी पा कर राजू को लण्ड ने कम्पकपा कर झरझरा कर थोड़ा सा पानी छोड़ दिया.

मदहोशी में राजू की आँखें बंद सी हो गई. रीटा ने लन पर अपनी छोटी सी मुट्ठी कस कर ऊपर नीचे करने लगी. अब रीटा की मंजिल करीब थी, लण्ड की खूबसूरती के आगे अब रीटा राजू को भूल चुकी थी. रीटा अपने होंटों पर भूखी बिल्ली की तरह जीभ फेर रही थी और रीटा की हल्की भूरी आँखों में बला की चमक थी.

तभी रीटा ने अचानक झटके से राजू के लण्ड की टोपी पर अपने लाल लाल रसीले होंट चिपका दिये और राजू की आँखों में आँखें डाल कर चुसड़ चुसड़ कर लॉलीपॉप की तरह चुस्सा मारने लगी. रीटा ने अपना छोटा सा मुँह पूरा खोल कर राजू का लण्ड अपने गले तक अंदर ले लिया तो राजू के मजे की सीमा न रही और राजू चीख पड़ा.

राजू की चीख सुन कर उत्तेजित रीटा ने लण्ड पर अपना मुँह आगे पीछे करने लगी, तो राजू ने घस्से मार मार का रीटा के सुन्दर मुख को चोदना शुरू कर दिया. राजू ने लण्ड को रीटा के गले तक ठोक दिया. रीटा की जीभ रह रह कर राजू को लण्ड पे वार पे वार कर रही थी. कभी कभी रीटा नीचे से ऊपर तक राजू के औजार को प्यार से दाँतों से रगड़ देती. अब रीटा खुलकर और बुन्ड तक जोर लगा कर राजू का लण्ड चुसड़ चुसड़ करके चूसने लगी. रीटा ने अपनी जीभ से लण्ड की गरारी को छेड़ कर पूरे जोर से चुस्सा मारा तो लण्ड ने भरभरा कर सारा रस रीटा के मुँह में छोड़ दिया. प्यासी रीटा लण्ड की झड़न का कतरा कतरा पीने में मस्त हो गई.

हाँफते और करहाते हुए बड़ी ही मुश्किल से ज़बरदस्ती जोर लगा कर राजू ने रीटा के मुँह से अपना लण्ड को झटके से ‘प्लापऽऽ!’ की ऊँची आवाज़ के साथ बाहर खींचा. ऐसा लगा की जैसे शैम्पेन की बोतल से कार्क हटाने से आवाज आई हो. लण्ड का सुपाड़ रीटा के मुखचोदन से गुलाबी से जामुनी हो गया और रह रह कर झटके खा रहा था. दम तोड़ते लण्ड ने आखिरी दो पिचकारियाँ रीटा के सुन्दर सलोने चेहरे पर पड़ी. वासना से अन्धी हुई रीटा हाँफती सी अपनी सांप सी लम्बी और गुलाबी जबान को बाहर निकाल कर सड़प सड़प की आवाज़ से राजू के लण्ड की सफेद मलाई को भूखी बिल्ली की तरह चाट गई.

राजू के लण्ड के कस बल निकाल रीटा की आँखों में अज़ीब सी सन्तुष्टि थी. पर रीटा की चूत की हालत बद से बदतर हो गई थी.

रीटा की जाघें घुटनों तक तरबतर थी और पनीयाई हुई चूत से पानी अब बह सा रहा था. रीटा अपना सिर पकड़ कर कारपेट पर ढेर होती बोली- हायऽऽऽ भईया! अब मैं क्या करूँ?

रीटा अपने चुच्चे मसलती और चूत को रगड़ती और कसमसाने लगी. रीटा वासना में, खुमार में अपनी कंदली जांघें रगड़ती सिसकती सी बोली- सीऽऽऽऽ भईया! ऐसे तो मैं पागल हो जाऊँगी!

हाँफने से रीटा की नंगी लौहार की धौंकनी सी फैलती सुकड़ती छातियाँ छत को छूने को बेताब लग रही थी. याकूत से सुर्ख लाल निप्पल अकड़ कर एक एक इंच लम्बे हो चुके थे. रीटा ने अपने घुटनों को ऊपर उठ कर बेशर्मी से चौड़ा किया तो गजब की खूबसूरत चूत और चूत की पड़ौसन ने सारे कमरे में जैसे रौशनी सी फैला दी. चूत एकदम सफाचट, जुगनू सी जगमग करती चिकनी चूत पर रौयों का नामोनिशान न था. भला खेलने के मैदान में घास का क्या काम.

राजू ने रीटा की दहकती और जलती जवानी को खींच कर अपने आगोश में ले लिया, गोदी में बैठाने से पहले ही समझदार रीटा ने खुद ही अपना स्कर्ट ऊपर उठा कर अपनी नंगे रेशमी अंगों से राजू का लण्ड मसल सा डाला. रीटा ने अपनी गोरे बाजू राजू के गले में डाल कर सीऽऽऽ सीऽऽऽ करती जोर जोर से अपना जलता और गीला यौवन रगड़ कर राजू के लण्ड खडा करने लगी|

राजू ने धधकती सुलगती जवानी को बाहो में ले कर ताबड़तोड़ पटाक पटाक से चुम्बन रीटा के गुलाबी गालों पर जड़ दिये. रीटा ने भी राजू पर जवाबी चुम्मियों की बौछार सी कर दी. रीटा को अपनी गाल चुसवा कर बहुत ही मजा आ रहा था. पुच्च पुच की लम्बी लम्बी गीली गीली आवाजों से और गीली फुद्दी की रगड़ से लण्ड का ठरक बुलंदियों पर पहुंच गया. निहाल और बलिहारी हुई रीटा अब राजू से अगं प्रत्यंग पर गीली मुहरें ठुकवा रही थी.

राजू अब रीटा के नीचे वाले होंट को चूसने और काटने लगा तो रीटा ने अपनी गुलाबी जुबान बाहर निकाल दी. राजू भी झट से रीटा की जुबान को अपने मुँह में सटक कर बुरी तरह चूसने लगा, बीच बीच में रीटा भी राजू की ज़बान को अपने मुँह में खींच कर जवाब दे देती, तो कभी कभी दोनों की जुबानें मिल कर डांस सा करने लगती.

रीटा बुरी तरह राजू की जुबान को बहुत बुरी तरह वहशी होकर चूस रही थी. एक बार राजू को लगा कि अगर उसने जुबान को ढीला छोड़ा तो शायद रीटा राजू की जुबान को पी ही ना जाये.

रीटा की मलाई सी गुदगुदी गाण्ड और गीली भाम्प छोड़ती चूत की घिसन से राजू का लण्ड फिर से तुनके लगा कर खड़ा होने लगा. रीटा राजू का सरसराते लण्ड अपनी रेशमी मुलायम जांघों में दबोच कर मसलने और पीसने लगी तो राजू हाय हाय कर उठा.

बावली रीटा पटाक की अवाज़ से चुम्बन तोड़ती और हाँफते हुई राजू के कान में फुसफुसाती बोली- भईया आपको छोटी-छोटी स्कूल गर्ल्स से ऐसी बाते करते शर्म नहीं आती?

‘बेबी अब तुम जवान और समझदार हो गई हो!’ राजू रीटा के नंगे मम्मों पर चुम्बन ठोकता और स्कर्ट के नीचे हाथ आगे बढ़ाता बोला.

रीटा राजू के आगे अपने मम्मे नचाती और सताती सी बोली- पर भईया, मैं तो आपकी छोटी बहन जैसी हूँ.

‘अच्छा, तो मैं यह सब नहीं करता!’ यह कह राजू ने अपना हाथ वापिस खींच लिया तो रीटा झट से ठुनक कर झूठे गुस्से से बोली- अरेऽऽऽ मैंने ऐसा तो नहीं कहा था.

अब तो राजू ने अपनी हथेली रज़ामंद रीटा की पानी पानी हुई चूत से चिपका दी और ऊपर से रीटा का एक चुच्चे की टौंटी को होंठों में ले जोर से पीने लगा. अब तो रीटा अपने आप को भूल चुकी थी रीटा ने अपना पूरा का पूरा मम्मा राजू के मुँह में ठोक दिया. रीटा का सारा बदन कमान की तरह अकड़ गया और झनझना उठा.

अनजाने में ही चुदास मस्ती में आई रीटा के मुँह से निकल गया- ऊफऽऽऽ बाबा रेऽऽऽऽ! बाबा भईयाऽऽऽ! आप तो बड़े बहनचोद निकले. बहनचोद भाई अगली बार मैं राखी तेरे पप्पू पर ही बांधूगी. फिर राजू की उंगली नीचे सरकती हुई रीटा की फूल सी तूफानी जवानी की नरमी, गरमी और गहराई भांपने लगी.

रीटा ने पूरी उंगली गपकने के लिये अपनी चूत को ढीला दिया और कमर को आगे और ऊपर को उछालने लगी. उंगली जड़ तक अन्दर लेने को बाद रीटा ने अपनी कसी चूत की मखमली फांकों से भींच कर टाँगों को बंद करके राजू के हाथ को जैसे हमेशा के लिये कैद कर लिया. जब राजू ने रीटा के जी स्पॉट को गुदगुदाया तो स्वाद से रीटा का पौर पौर पिनपिना उठा. रीटा जोर से सिसकारा मार राजू की उंगली को अपनी जानदार फांकों में भींचती-खोलती और चूतड़ों पर राजू के डण्डे से लण्ड की सख्ती का मजा लेती बोली- सीऽऽऽ भईया, उफ! आप बहुत ज़ालिम हो, सीऽऽऽ हाय हाय भईया, मैं तो ऐसे मर जाऊँगीऽऽऽ सीऽऽऽ कुछ करिये नाऽऽऽ!

मजे की ज्यादती से रीटा बड़ी अदा से अपने नीचे वाले होंट के कोने को दांतों में दबा दोनों हाथों को ढीला कर जोर जोर से झटकने लगी.

राजू वासना के ज्वालामुखी में धधकती रीटा की हालत ताड़ गया, अब राजू खुद भी रीटा को छोड़ने वाली हालत में नहीं था. रीटा को घुमा कर रीटा की पीठ अपनी तरफ करके रीटा के शर्ट से बाहर आये आज़ाद चूचों में अपनी अंगुलियाँ धंसा दी और पौं पौं करने लगा. इस हालत में तो यह चिकनी चिड़िया की गाण्ड तो दे ही देगी, ये सोच राजू ने रीट की गाण्ड को ऊपर उठा कर चूतड़ों को दाँतों से कौंचने लगा. राजू की दंदियाँ तो उलटी हुई रीटा पे कहर बन कर गिरीं. साथ में ही राजू ने रीटा की गाण्ड को अपनी जबान से गुदगुदा कर ठेर सारा थूक से गीला कर दिया और अपने लण्ड का गरम सुपाड़ा रीटा की चूत के पानी से तर गाण्ड पर टिका दिया तो नादान रीटा सिहर कर अपनी कुंवारी गाण्ड को जोर से भींच कर लौड़ का रास्ता रोक बोली- भईया, मैं तो बहुत छोटी हूँ!

राजू रीटा की गाण्ड के सुराख पर दबाव बढ़ाता हुआ बोला- चिन्त्ता मत करो बेबी, इस हालत में तुम्हारी शदाई चूत या गाण्ड किसी गधे का लण्ड सटक सकती है और फिर थूक से मैंने तुम्हारी एकदम गीली कर दी है.

रीटा पीछे मुड़ कर राजू की तरफ देखती मासूमीयत से बोली- पर भईया कहीं मेरी फट गई तो?

राजू बोला- बेबी, बहुत प्यार से मारूँगा और फिर मैं तो कुछ कर भी नहीं रहा. जो भी करना हे वो तुम्हीं को करना है.

राजू की झूठी तसल्ली से रीटा ने अपनी गाण्ड को आहिस्ता आहिस्ता ढीला छोड़ दिया. रीटा की चूत थूक और राजू की अपनी लेस से लिबड़े लण्ड की टोपी ‘पक्क’ की आवाज़ से रीटा की गाण्ड में घुस गया.

‘आईऽऽऽऽऽ’ हल्की सी मीठी दर्द की लहर और मजे से रीटा चीख सी उठी और गाण्ड को दुबारा से भींच लिया. इतनी छोटी, टाईट और बच्ची गाण्ड में राजू का लण्ड पिनपिना उठा.

परन्तु तुरन्त ही रीटा ने चुदास मस्ती में अपनी गाण्ड को ढीला छोड़ अपने दांत भींच कर राजू के लोह-लण्ड पर बैठती सी चली गई.राजू का दहकता सरिये सा लौडा़ रीटा की बेहद कसी गाण्ड की मखमली दीवारों को रगड़ता शनै शनै अन्दर घुसता चला गया. गाण्ड के रेशमी चंगुल में फंसा लौड़ा हिनहिना कर बिफर उठा. बार बार रीटा राजू के लौडे को अपनी गाण्ड को भींच कर चूस सा देती थी तो राजू को अपनी नानी याद आ जाती थी.

जैसे तैसे खुद रीटा ने लगभग तीन चौथाई लौड़े को अपनी गाण्ड में सटक ही लिया और हाँफती बोली- आहऽऽऽ! बस भईया, और नहीं ले सकती मैं. आपका तो बहुत ही मोटा और लम्बा है.

रीटा पीछे मुड़ कर राजू की तरफ देखती बोली, तो शैतान राजू मौका देख रीटा के होंटो अपने होंटो में प्यार से दबा कर चूसने लगा और साथ ही रीटा की पतली कमर पकड़ कर नीचे दबा कर और नीचे से लगातार एक के बाद एक तीन जबरदस्त धक्के लगा कर रीटा की गाण्ड में पूरा का पूरा मुगदर सा लण्ड पेल दिया. राजू की मजबूत बांहों में रीटा किसी घायल चिड़िया सी फड़फडा़ के रह गई. बेचारी बेबस बिलबिलाती रीटा की चीख चुम्बन में ही घुट के रह गई. पीड़ा से नन्ही रीटा की आँखों में मोटे मोटे आंसू गुलाबी गालों पर लुढ़कते चले गये.

राजू के लण्ड पर रीटा की गाण्ड टाईट रबडबैंड की तरह चढ़ी हुई थी. रीटा करहाती और रोती हुई बोली- आहऽऽ ईऽऽऽऽ! मेरी फट गई! आहऽऽऽऽ! मुझे नहीं करवाना यह सब! भईया छोड़ दो मुझे!

गिड़गिड़ाती रोती रीटा ने दर्द की वजह से अपने दोनों होटों को दाँतों में दबा कर चीखों को रोकने की असफल कोशिश कर रही थी.

परन्तु ठरक से अन्धा राजू अड़ियल सांड की तरह काबू में आई हुई नई कबूतरी रीटा को बालों से पकड़ रीटा का मुँह कारपेट पर लगा दिया तो रीटा की गाण्ड अब छत की तरफ उठ गई और राजू ने चीखती चिल्लाती रीटा के अन्दर अपने लण्ड को थौड़ा सा बाहर खींच कर दुबारा पूरा का पूरा ठोक दिया.

रीटा की स्कर्ट अब उलट चुकी थी और उसकी कसमसाती गोरी गोरी मखमली गाण्ड बाहर झाँक रही थी. स्कूल ड्रैस और कुतिया स्टाईल में रीटा और भी सैक्सी लगने लगी थी. राजू बेरहमी से शैतान लौंडिया की गाण्ड मारने लगा. रीटा गाण्ड को टाईट कर राजू के लण्ड को रोकने की असफल कोशिश करने लगी तो राजू तैश में आकर रीटा के उचके हुऐ चूतड़ों पर खींच कर पूरे जोर से पाँच छ: थप्पड़ जमाते हुए बोला- साली, फाड़ के रख दूंगा अगर अपनी गाण्ड को टाईट किया तो!

राजू के हाथ रीटा की मलाई सी गोरी गाण्ड पर छपते चले गये साथ में राजू ने ढेर सारा थूक रीटा गाण्ड पर थूक दिया. जल्दी ही राजू का आगे पीछे होता मस्त थूक से सना लण्ड रीटा को मस्ती देने लगा.

आखिर मुकाबला करने को तैयार रीटा ने दाँत भींच कर जैसे तैसे मेज का पाया पकड़ और पोजीशन सम्भाल कर अपनी शानदार गाण्ड और ऊपर उठा दिया. राजू के ठप्पों की वजह से मेज और सौफे की चरर्ऽऽऽ चरर्ऽऽऽ की चरमराहट होने लगी. अब नन्ही रीटा भी अपनी गाण्ड की लौड़े की ताल से ताल मिलाने लगी. राजू भी अब रीटा की गाण्ड से पूरा का पूरा लण्ड खींच कर धक्के पर धक्के मारने लगा तो रीटा मजे के मारे चिल्ला उठी. यह कहानी आप अन्तर्वासना.कॉंम पर पढ़ रहे हैं.

सुन्दर रीटा की उछलती सिल्की गाण्ड को देख राजू उत्तेजित हो निगोड़ी छोकरी की बुण्ड को और जोर से मारने लगा.

अब तक बदमाश रीटा ने राजू के शैतान लौड़े पर पूरी तरह काबू पा लिया था. रीटा लौड़े को अपनी गाण्ड में भींच भींच कर पीसने लगी. जब राजू धक्के मारता तो रीटा अपनी गाण्ड को बिल्कुल ठीला छोड़ कर गाण्ड पीछे ओर ऊपर उछाल देती और जब राजू लौड़े को बाहर खींचता तो रीटा अपनी टाईट गाण्ड को जोर से सुकोड़ कर लौड़े को भींच सा लेती. लण्ड व गाण्ड की लड़ाई की घचर पचर और रीटा की गाण्ड पर राजू के मन्ज़ी तोड़ घस्सों की धपाधप की आवाज ने रीटा के बचे खुचे होश उड़ा दिये. जंगली चुदाई से चूत डबडबा गई और सुराख से टप टप पानी बहने लगा. राजू का खम्बे सा लम्बा लौड़ा अपनी नन्ही सी गाण्ड में गपक कर रीटा का चूत मरवाने का आत्मविश्वास बुलंद हो गया था.

राजू ने पूरे आधे धण्टे तक मेज की चरमराहट को बनाये रखी. चुदास से पगलाई और मस्ताई हुई रीटा ‘डफली वाले, डफली बजा’ की पैरोडी गाने लगी जो कि रीटा ने मोनिका से सीखी थी-

लौड़े वाले लण्ड दिखाऽऽऽऽ मेरी गाण्ड तुझे बुलाती है,
आऽऽऽऽ
तू चौदे, मैं चुदाऊँऽऽऽऽ
गाण्ड में गपक लूंगी,
चूत में सटक लूंगी,
कर लूंगी झट इसको अंदरऽऽऽ
लौड़े वाले लण्ड दिखाऽऽऽ
मेरी गाण्ड, तुझे बुलाती है आऽऽऽ
तू चोदे मैं चुदाऊँऽऽऽ

हवस में अन्धी रीटा अपने आप को भूल कर अश्लील हो गई और बकबक करने लगी- भईया, और जोर से धक्के मारिये! ईऽऽऽऽ आहऽऽऽ आह भईया ऊईऽऽऽ मांऽऽऽ! हायऽऽऽ रेऽऽऽ मैं चुद गई रे! मेरी मम्मीऽऽऽऽ सीऽऽऽ बडा मजा आ रहा है. भईया अच्छी तरह से चौदिये, फाड़ दीजिये मेरी निगोड़ी गाण्ड को ऊफऽऽ ईसऽऽऽ ईसऽऽऽ बहुत सताती है साली, मां की लौड़ी, आह मेरे गाण्डू भईया लूट लो मेरी जवानी, और जोर से, येस ओर जोर से वाहऽऽऽ फाड डालोऽऽऽ चौदू, चौद अपनी बहन की चूत कोऽऽऽ, कैरी आन डौन्ट स्टाप यू फकर बास्टर्ड!

रीटा जैसी मासूम स्कूल गर्ल के मुँह से शानदार गालियाँ सुन कर राजू का ठरक चरम सीमा तक पहुँच गया.

‘लेऽऽऽ माँ की लौड़ी, हाय मेरी जलेबी, हाय मेरी रसमलाई, ये ले भौंसड़ी की, चोद के रख दूंगा, फाड़ के रख दूंगा, साली रंडी कुतिया, तेरी चूत पर बहुत चर्बी चढ़ गई है, ले हरामजादी ले!’

राजू ने रीटा की गुदाज और गदराई हुई कमर में ऊँगलियाँ धंसा दी और लौंडिया उछल उछल कर जानलेवा चोदा मारने लगा. ज़ालिम राजू ने आखिरी कमरा हिला देने वाले आटोमिक धक्के रीटा सम्भाल ना पाई और दोनों चूदाई करते करते कारपेट पर ढेर हो गए.

गिरने से राजू के लण्ड रीटा की गाण्ड में जड़ तक धंस गया और दोनों ठरक की चरम सीमा पर पँहुच गये. राजू के लण्ड ने फव्वारे छोड़ने शुरू किए तो रीटा की चूत ने भी झरझरा कर बिना चुदे ही पानी छोड़ दिया. मजे से राजू ने रीटा को इस कदर बाहों में दबाया, तो रीटा को लगा कि उसके ऊपर से बुलड़ोज़र निकल गया हो और हड्डियाँ जैसे चरमरा सी उठी.

इस ताबड़तोड़ चुदाई से रीटा का रोम-रोम पुलकित हो गया और उसकी आँखों में खुशी के आँसू छलछला पड़े. रीटा कुतिया की तरह राजू के लण्ड को अपनी नन्ही सी गाण्ड को सुकोड़ कर लण्ड को निचोड़ने लगी. थोड़ी देर बाद राजू ने पटाक की आवाज से अपना लण्ड बाहर खींचा तो गुलाबी गाण्ड हुच हुच कर लौड़े का झाग वाला पानी उगलने लगी.

वासना का तूफान खत्म होने पर राजू के नीचे दबी रीट हाँफती और अपनी गाण्ड सहलाती बोली- आहऽऽऽ भईया, आप तो बड़े ही कसाई निकले! उफऽऽऽ सारा बदन तोड़ मरोड के रख दिया! हायऽऽऽ कितनी जोरो के मारी है मेरी उफऽऽ!’

राजू रीटा की गाण्ड पर चटाक से चपत जमाते बोला- बेबी, तुम भी तो ये उछल उछल कर मेरे लण्ड के परखच्चे उड़ने पर तुली हुई थी. चूसी और चुदी हुई रीटा बुरी तरह शरमा कर अपना चेहरा अपने हाथों में ढांप कर राजू की छाती में छिपने की कोशिश करने लगी.

कहानी तो बाकी है अभी भी!
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