सहेली के पति से फ्री सेक्सी इंडियन चुदाई-3

(Saheli Ke Pati Se Free Sexy Indian Chudai- Part 3)

रोमा शर्मा 2020-05-05 Comments

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मेरी मेरी चुदाई की आग की कहानी के पिछले भाग
सहेली के पति से फ्री सेक्सी इंडियन चुदाई-2
में अब तक आपने पढ़ा कि शेफाली ने मुझे पहले तो किसी किटी पार्टी में जाने का कह दिया था. फिर उसका मैसेज आ गया कि किटी पार्टी कैंसल हो गई है और शॉपिंग के लिए चलना है. मुझे लेने अंकुश आ रहा है.

अब आगे:

इस सबके बाद मैं सोचने लगी कि अभी तो मैंने फ़ोन किया था, तो शेफाली बोली थी कि उसकी किटी पार्टी है … फिर अचानक ये कैंसिल कैसे हो गई.

उसके बाद मैं तैयार होकर घर से निकली … तो देखा कि अंकुश पहले से ही बाहर खड़ा हुआ था. उसने एक शॉर्ट निक्कर और टी-शर्ट पहना हुआ था. उसे देख कर तो मेरा मन फिर से मचल गया.

अंकुश मुझे देख कर बोला- रोमा तुम तो आज बड़ी सेक्सी लग रही हो.
मैं मुस्कुराने लगी. मैंने एक पिंक कलर की टी-शर्ट और जीन्स पहनी हुई थी.

अंकुश ने कहा- चलो बैठो.
मैं बैठ गई और हम दोनों उसके घर के लिए निकल पड़े. उसने एक बंगले के सामने कार रोकी और बंगले का गेट खोल कर कार अन्दर ले ली.

अन्दर जाकर मैं कार से उतरी, तो अंकुश ने कहा- चलो शेफाली, कबसे तुम्हारा वेट कर रही है.

हम दोनों घर के अन्दर गए. मैं जाकर सोफे पर बैठ गई.

अंकुश ने पूछा- रोमा क्या लोगी … चाय कॉफी कोल्डड्रिंक … या जूस?
मैं बोली- नहीं … कुछ नहीं … शेफाली कहां है?
वो बोला- मैं तुम्हारे लिए जूस लेकर आता हूं … तुम आराम से बैठो.

वो जूस लेकर आया और मुझे दे दिया. खुद मेरे पास आकर बैठ गया. मैंने फिर से पूछा- शेफाली कहां है … दिख नहीं रही?
वो बोला- शेफाली तो किटी पार्टी में गई है … वो अब रात में डिनर करके ही लौटेगी.

मैं बोली- पर उसकी किटी पार्टी तो कैंसिल हो गई थी, उसका मुझे मैसेज आया था और उसने कहा था कि हम शॉपिंग के लिए जाएंगे … इसलिए तो उसने तुम्हें मुझे लेने के लिए भेजा था.
अंकुश बोला- मैसेज शेफाली ने नहीं भेजा था … मैंने ही शेफाली के मोबाइल से किया था. फिर उन मैसेज को डिलीट भी कर दिया था. ये सब मैंने तुम्हें यहां बुलाने के लिए किया था.

मैं समझ गई कि अंकुश मुझे चोदना चाहता है, इसलिए उसने ये सब किया है. मैं थोड़ा नाटक करने लगी कि अंकुश ये तुमने अच्छा नहीं किया.

तभी अंकुश ने मुझे अपनी बांहों में भर लिया और मुझे बेतहाशा चूमने लगा.
चुदना तो अंकुश से मैं भी चाहती थी पर मैं थोड़े नखरे करने लगी- छोड़ो मुझे अंकुश … ये क्या कर रहे हो.

पर मैं उसकी मजबूत बांहों से छूट न सकी. मैं भी अब गर्म होने लगी थी.

अंकुश ने इतनी जोर से मेरी टी-शर्ट खींची कि वो फट गई. उसने उसे जानबूझ कर और फाड़ दिया और दूर फेंक दी. वो मेरे मम्मों को जोर जोर से दबाने लगा.
मुझे अब मजा आने लगा था. अब मैं भी उसका साथ देने लगी.

फिर अंकुश ने अपनी टी-शर्ट और निक्कर को उतार दिया. अब वो मेरे सामने सिर्फ अंडरवियर में था. उसका लंड खड़ा हो चुका था और अंडरवियर से बाहर निकलना चाहता था.

इसके बाद अंकुश ने आगे बढ़ कर मेरी जीन्स का बटन खोला और मेरी जीन्स को उतार दिया. नीचे मैं ब्लैक कलर की ब्रा-पेंटी का सैट पहने हुई थी. अब मैं उसके सामने ब्रा पेंटी में थी और वो सिर्फ अंडरवियर में.

फिर मैंने उसके लंड पर अपना हाथ रख दिया और सहलाने लगी.
अंकुश ने कहा- मेरे अंडरवियर को भी उतार दो रोमा.
मैंने उसका अंडरवियर उतार दिया.

अंकुश कहने लगा- रोमा तुम बहुत प्यासी लग रही हो … पकड़ लो मेरे लंड को … देखो कितना टाइट हो गया है.

सच में मैं प्यासी थी. उसका गर्म लंड मेरे हाथ में आते ही मेरे अन्दर एक झनझनाहट सी महसूस हुई. तभी अंकुश ने अपने होंठों को मेरे होंठों पर रख दिया और उन्हें चूसने लगा. मेरी सांसें तेज हो गईं. मैं पागल सी होने लगी. मैंने अपने आपको उसके हवाले कर दिया.

अब अंकुश ने मुझे उसका लंड चूसने का इशारा किया, तो मैंने उनके लंड को अपनी जीभ से चाटना शुरू कर दिया.

वो ‘आह … ऊउंह ऊम्मंह आहाआ ऊउन्न्ह ऊम्म्ह..’ करते हुए मेरे मम्मों को मसलने लगा, जिससे मैं और ज्यादा उत्तेजित होने लगी. उसके लंड को चाटने के बाद मैं अपने मुँह में लंड को डाल कर अन्दर बाहर करते हुए चूसने लगी.

वो ‘आह ऊउंह ऊम्मंह..’ करते हुए मेरे मुँह की चुदाई करने लगा. मैं बहुत अच्छे से उसके लंड को चूस रही थी और वो सिसकारियां लेते हुए आनन्द ले रहा था.

फिर अंकुश ने अपना लंड टेबल पड़े जूस के गिलास में डुबोया और लंड को मेरी तरफ करके मुझे लंड चूसने का इशारा किया. मैंने भी झट से उसका लंड चूस लिया. अब वो बार बार ऐसा कर रहा था. लंड को जूस में डुबोता और मुझसे चूसने का बोलता. मैं भी बहुत मजे ले ले कर ये कर रही थी.

कुछ देर बाद अंकुश ने मुझे अपनी गोद में उठा लिया और मुझे बेडरूम में ले आया. उसने मुझे बिस्तर पर लेटा दिया और मेरी दोनों टांगों को फैला कर अपनी जीभ मेरी चूत में रगड़ते हुए चाटने लगा.
उसकी खुरदरी जीभ का अहसास पाते ही मैं भी ‘आहा ऊउंह ऊम्मंह आहाआ ऊउन्न्ह ऊम्म्ह..’ करते हुए मचलने लगी.

वो मेरी चूत को चाटते हुए, मेरी चूत के दाने को भी चूसने लगा, तो मैं ‘ऊउन्न्ह ऊम्म्ह..’ करते हुए उसके सर को अपनी चूत में दबाने लगी. मैं चाह रही थी कि वो अपनी पूरी जीभ मेरी चूत के अन्दर पूरा डाल कर चूसे.
मेरा इशारा भी वो समझ गया और काफी देर तक वो चूत को चूसता रहा.

फिर कुछ देर बाद अंकुश ने मेरी टांगों को फैलाते हुए अपने कंधे के ऊपर रख लिया. पहले तो कुछ देर तक अंकुश मेरी नंगी चुत को देखता रहा, फिर अपने कड़क लंड को मेरी नंगी चुत पर रगड़ने लगा.

उसने धीरे-धीरे अपने लंड को मेरी चुत के अन्दर डाल दिया. उसके मोटे लंड से मुझे काफी दर्द हो रहा था, लेकिन अंकुश धीरे-धीरे मुझे प्यार से सहलाते हुए अपने लौड़े के टोपे से ही मेरी चुत की मालिश करते हुए उसे अन्दर-बाहर करने लगा.

कुछ देर बाद अंकुश ने अचानक से ही अपने लंड को एक ही झटके में मेरी चुत के अन्दर उतार दिया. मेरे मुँह से जोर की चीख निकल गयी.

फिर वो कुछ देर रुका रहा. जब मेरा दर्द कुछ कम हुआ, तो अंकुश ने फिर से धक्के लगाते हुए चोदना चालू कर दिया. मैं ‘आहा ऊउंह ऊम्मंह..’ करते हुए आहें भरने लगी.

फिर उसने अपनी चुदाई की स्पीड को बढ़ा दिया और जोर जोर से धक्के मारते हुए चोदने लगा. मैं भी मस्ती में गांड उछाल कर ‘आह. … अंकुश … चोद दो मुझे … ऊउंह ऊम्मंह … बड़ा सुख दे रहे हो … आह … ऊउन्न्ह..’ करते हुए चुदाई में उसका साथ देने लगी.

अब वो मुझे बेतहाशा गंदी गंदी गालियां भी देने लगा था- ले साली रंडी … चुद मेरे लौड़े से … साली मादरचोद.
अंकुश के मुँह से इन गालियों को सुन कर मैं और गर्म हो गई और चुदाई के मजे लेने लगी.

फिर उसने मुझे वहीं घोड़ी बनाया और मेरी चूत में पीछे से लंड डाल कर चोदने लगा.
मैं फिर से मस्त आहें और कराहें लेने लगी. मैं ‘ऊम्म्ह … आह..’ करते हुए अपनी गांड आगे पीछे करते हुए चुदवा रही थी.

करीब बीस मिनट तक उसने मुझे चोदा. फिर ढेर सारा माल मेरी चूत में ही भर दिया. हम दोनों अब बुरी तरह थक चुके थे, तो हम दोनों बेड पर ही सो गए.

करीब एक घंटे बाद मुझे मेरी चूत में कुछ गीला गीला सा महसूस हुआ, तो मैंने उठ कर देखा. अंकुश मेरी चूत चाट रहा था.
मैं फिर से गर्म होने लगी.

कुछ देर बाद अंकुश ने मुझे उठने के लिए कहा और मेरा हाथ पकड़ कर मुझे बेडरूम की बालकनी में ले आया.
मैं बोली- ये क्या कर रहे हो … कोई देख लेगा!
अंकुश बोला- कोई नहीं देखेगा, मुझे खुले में चुदाई करने का शौक है … इससे मेरी उत्तेजना बढ़ती है. मैं शेफाली को भी यहीं लाकर उसकी चुदाई करता हूं.

उसकी बात सुनकर मैंने भी अपनी शर्म छोड़ दी और नीचे बैठ कर जोर जोर से उसका लंड चूसने लगी.
कुछ देर मैं लंड चूसती रही. फिर उसने अपना मुँह मेरी चूत में लगा दिया और मेरी चूत को चाटने लगा.

अंकुश जीभ से मेरी चूत की चुदाई करने लगा, तो मैं मचलने लगी और उसके सिर को अपनी चूत में दबाने लगी. चूत चाटने के बाद अंकुश ने मुझे बालकनी की रेलिंग पर झुका कर मुझे घोड़ी बना दिया और अपने लंड के टोपे को मेरी चूत के अन्दर डाल दिया.

मैं जोर से चिल्ला दी- आआहहह … मर गई … एकदम से पेल दिया.

वो कुछ सेकेंड रुका और एक जोरदार झटके से अपना पूरा का पूरा लंड मेरी चूत के अन्दर उतार दिया. मैं सिसकारियां लेने लगी. उसने जोरदार तरीके से लंड को अन्दर बाहर करते हुए मेरी चुदाई करना शुरू कर दिया.
मुझे बहुत मजा आ रहा था. मैं मजे ले ले कर चुदने लगी.

कुछ ही देर बाद उसने अपनी स्पीड और बढ़ा दी. कुछ देर तक वो मुझे ऐसे ही चोदता रहा. फिर वो नीचे लेट गया और मुझे उसने अपने लंड पर बैठा लिया.

मैंने उसका लंड अपनी चूत में लिया और गांड उछाल उछाल कर चुदाई के मजे लेने लगी. उसने अपने दोनों हाथों से मेरे दोनों मम्मों को पकड़ लिया और उन्हें दबाने लगा. अंकुश नीचे से धक्के दे रहा था … और में ऊपर से उछल कर मजे ले रही थी.

कुछ देर बाद अंकुश ने मुझे फिर से पोजिशन बदलने को कहा और मुझे फिर से घोड़ी बनने को कहा. मैं घोड़ी बनी, तो उसने पीछे से अपना लंड मेरी चूत में घुसा दिया और मुझे किसी कुतिया की तरह चोदने लगा. अब मुझे बहुत मजा आ रहा था.

कुछ देर की चुदाई के बाद अंकुश ने मुझसे कहा- मैं झड़ने वाला हूं.
मैंने कहा- हां, मैं भी झड़ने वाली हूं.

मैं तो झड़ गई, पर मैंने अंकुश से कहा- तुम अब चूत के अन्दर मत झड़ना … मुझे चूसना है.

उसने अपना लंड मेरी चूत से निकाल कर मेरे मुँह में डाल दिया. मैं उसके लंड को चूस ही रही थी कि उसके लंड ने पानी छोड़ दिया. मेरे मुँह में उसके लंड का सारा पानी आ गया था. मैं उसके लंड का सारा पानी पी गई. हम दोनों फिर से बुरी तरह थक गए थे.

अब शाम के 7 बज चुके थे. फिर अंकुश ने खाना ऑर्डर किया. इस बीच खाना आने तक अंकुश ने मेरी एक बार और चुदाई की.

फिर खाना आया तो हम दोनों ने साथ खाना खाया. अब शेफाली के आने का भी टाइम होने लगा था. मैंने अपने कपड़े पहन लिए. पर मेरी टी-शर्ट तो फट चुकी थी, तो अंकुश ने मुझे शेफाली की एक दूसरी टी-शर्ट दे दी. मैंने वो पहन ली.

फिर अंकुश ने ही मुझे मेरे घर तक छोड़ा, तो मैं घर आ गई.

आगे की सेक्स कहानी में आगे आने वाले दिनों में सुनाऊंगी. आज के लिए इतना ही मसाला था.

दोस्तो, मेरी सेक्स कहानी पढ़ कर आपको मजा आया होगा. मैं उम्मीद करती हूं कि आप सबको पसन्द आई होगी. आप सबको कैसी लगी, आप मुझे बताइएगा जरूर.

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