रैगिंग ने रंडी बना दिया-106

(Ragging Ne Randi Bana Diya- Part 106)

पिंकी सेन 2017-12-22 Comments

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दोस्तो, इस सेक्स स्टोरी के मजे के लिए आपका टाइम खराब नहीं करूँगी. जहाँ पार्ट खत्म हुआ था वहीं से वापस शुरू करती हूँ. बस थोड़ा सा पीछे का हिस्सा फिर से देख लो ताकि आप लोगों का मजा बराबर बना रहे..

गुलशन- फ्लॉरा डियर, मैं जान गया कि सेक्स की तलब हम दोनों को बराबर लगी है अगर तुम्हें ऐतराज न हो तो मैं अपना अजगर तुम्हारे बिल में घुसा सकता हूँ, इससे हम दोनों की प्यास मिट जाएगी.
अब आगे..

फ्लॉरा- मेरे बिल में बहुत गर्मी है, अंकल आपका अजगर उस गर्मी को सह पाएगा क्या? कहीं अन्दर जाते ही पिघल ना जाए, फिर तो मेरी तड़प और ज़्यादा बढ़ जाएगी.
गुलशन- हा हा हा नादान हो तुम.. जो ये बात कह रही हो. तुमने शायद अभी तक छोटे मोटे सांप ही अपने बिल में डाले होंगे. ये अजगर है.. और ये सिर्फ़ एक बिल ही नहीं तुम्हारे सारे छेदों में आसानी से घूम कर आ जाएगा, तब भी इसका कुछ नहीं बिगड़ेगा. ये जहर सिर्फ़ अपनी मर्ज़ी से छोड़ता है, बाकी किसी गर्मी का इस पर कोई असर नहीं होता.
फ्लॉरा- वाउ सो नाइस.. सारे छेद एक ही बार में.. तब तो इस अजगर को मौका देना ही पड़ेगा, मगर इस बीच सुमन आ गई तो?
गुलशन- वो रात की जागी हुई है अब तक सो गई होगी. फिर भी तुम्हें डर है तो जाकर एक बार देख आओ.

फ्लॉरा ने जाकर देखना ठीक समझा वो गई तो सुमन घोड़े बेच कर सो रही थी. उसने आवाज़ भी दी मगर कोई रेस्पॉन्स नहीं आया. वैसे हमें तो पता ही है कि ये सब नाटक है मगर फ्लॉरा को थोड़े पता था. वो वापस आई और दरवाजे को अन्दर से बंद कर लिया.
गुलशन- क्यों फ्लॉरा हो गई तसल्ली? अब तो तैयार हो ना मेरे अजगर को लेने के लिए?

फ्लॉरा- तैयार तो इसको देखा था, तभी हो गई थी मगर ऐसे डाइरेक्ट ही घुसाओगे क्या.. पहले बिल को तैयार तो करो.
गुलशन- मैंने कहा ना… तुमने संपोले रखने वाले छोटे मोटे लोगों को देखा है मगर आज तुम्हारा पाला अजगर वाले संपेरे से पड़ा है, बस अपने आप को इन कपड़ों से आज़ाद कर दो. फिर देखो मैं तुम्हारी कैसी सेवा करता हूँ, जिंदगी भर भुला नहीं पाओगी तुम अपने इस अंकल को.

गुलशन जी की दमदार बातें फ्लॉरा को और उत्तेज़ित कर रही थीं. उसने एक ही झटके में मैक्सी निकाल दी और एकदम नंगी गुलशन जी के सामने अपने मम्मे तान कर खड़ी हो गई.

गुलशन- बहुत खूब फ्लॉरा भगवान ने बड़ी ही फ़ुर्सत से तुम्हें बनाया होगा. इस क़ातिल जवानी को तो बड़े आराम से भोगना पड़ेगा.. तभी मजा आएगा.
फ्लॉरा- इतने आराम से भी मत करना कि सुमन आ जाए और मजा खराब हो जाए.
गुलशन- मेरी रानी हमारे पास पूरे 4 घंटे हैं. सुमन इतनी जल्दी उठने वाली नहीं है, वो 4 घंटे पहले हिलेगी भी नहीं.
फ्लॉरा- क्या 4 घंटे लगातार आप चुदाई करोगे हा हा हा इतना पावर है आप में?
गुलशन- मेरी रानी ये तो बहुत कम टाइम है. अगर पूरी रात कहो तो वो भी कर सकता हूँ मैं. अब बातें बंद करो, यहाँ मेरे पास आओ मुझे इस संगमरमरी जिस्म को चूमने दो.. इसका रस पीने दो.

फ्लॉरा जब बिस्तर पे आई तो गुलशन जी ने उसको बांहों में भर लिया उसके होंठों को चूसने लगे और हाथों से उसके मम्मों को दबाने लगे. कभी उसकी चुत को मसलते, कभी निप्पलों को दबाते.
दस मिनट तक ये लिपटा चिपटी का खेल चलता रहा. फिर उन्होंने फ्लॉरा को सीधा लेटा दिया और उसके मम्मों को चूसने लगे.

फ्लॉरा- आह.. सस्स अंकल बहुत खूब आह.. ऐसे ही चूसो आह.. सच्ची में एक्सपीरियेन्स वाले से चुदाई का अलग मजा होता है.. आह.. ऐसे कोई दूसरा नहीं चूस सकता आह..
गुलशन जी ऊपर से नीचे तक फ्लॉरा को चाट रहे थे, उसकी चुत को चूस रहे थे और वो जल बिन मछली की तरह तड़प रही थी. थोड़ी देर बाद वो 69 के पोज़ में आ गए और अंकल ने अपना मूसल फ्लॉरा के मुँह में ठोक दिया.

फ्लॉरा भी लंड चूसने में एक्सपर्ट थी. वो गले तक लौड़ा फँसा कर चूस रही थी उसकी आँखों से आँसू भी आने लगे थे मगर मजा बराबर ले रही थी.
फ्लॉरा- आ सस्स बस भी करो आह.. चूस कर ही पानी निकाल दोगे क्या.. आह.. अब बर्दाश्त नहीं होता अंकल डाल दो अपना मूसल.. मेरी चुत में.. कर दो इसकी आग को शांत आह..
गुलशन जी ने फ्लॉरा के पैरों को कंधे पर डाला और लंड के सुपारे को चुत पे टिका कर जोरदार झटका दे मारा. एक ही बार में दनदनाता हुआ पूरा लंड चुत में घुस गया.

फ्लॉरा- एयाया आह आराम से डालते ना.. आह.. इतना बड़ा लंड एक ही बार में सस्स घुसा दिया.. आह.. जान निकाल दी मेरी.
गुलशन- अरे क्यों चिल्ला रही है तू तो खेली खाई है.. तुझे कैसा दर्द हो रहा है?
फ्लॉरा- आह.. सस्स अंकल.. आह.. इतना बड़ा लंड कभी नहीं लिया आह.. अब जितना खड्डा खुदा हुआ था उतना तो सह लेती आह.. मगर ये तो उससे भी आगे घुस गया आह..
गुलशन- अब लौड़ा घुस गया ना तो चुत में जगह अपने आप बना लेगा. तू बस मजा ले मेरी जानेमन.

गुलशन जी स्पीड से चुदाई करने लगे और फ्लॉरा भी उनका साथ देने लगी. वो भी कमर को हिला रही थी. दस मिनट तक हचक कर चोदने के बाद गुलशन जी ने फ्लॉरा को घोड़ी बना दिया और पीछे से उसको चोदने लगे. साथ ही साथ वो उसकी गांड में उंगली भी डाल रहे थे.

फ्लॉरा- आह.. सस्स नहीं आह.. अंकल बहुत मजा आ रहा है आह.. चोदो फास्ट आह.. ऐसे ही करो आह.. नहीं एयेए आह…

फ्लॉरा को अब डबल मजा मिल रहा था तो वो कहाँ तक टिक पाती. उसकी चुत की मांसपेसियां सिकुड़ने लगीं और उसका पानी लावा बनकर फूट पड़ा. गुलशन जी ने अपनी स्पीड और बढ़ा दी और फ्लॉरा झड़ गई, अब वो शांत थी. मगर गुलशन जी अभी भी चुदाई में लगे हुए थे.

फ्लॉरा- आह.. आह.. अंकल थोड़ा तो रेस्ट ले लेने दो मेरी चुत को.. आह.. नहीं करो.. रूको ना अंकल.
फ्लॉरा की बात खत्म होने के पहले गुलशन जी ने लंड को चुत से बाहर निकाला और गांड पर सेट करके झटके से पेल दिया.

फ्लॉरा- आआह.. आआह.. आप पागल हो क्या आह.. गांड में एयेए क्यों डाला आह.. निकालो उफ़फ्फ़ बहुत जलन हो रही है आह.. आपका इतना बड़ा लंड आह.. नहीं आह.. मैं मर गई..
गुलशन जी कहाँ सुनने वाले थे. उन्होंने फ्लॉरा की कमर को कस कर पकड़ा और दे दनादन गांड की ठुकाई शुरू कर दी.

फ्लॉरा बस तड़पती रही और वो उसकी गांड मारते रहे. थोड़ी देर बाद जब लौड़ा अच्छी तरह गांड में अड्जस्ट हो गया तो फ्लॉरा का दर्द भी मज़े में बदल गया. अब वो भी गांड को पीछे ढकेलने लगी.
फ्लॉरा- आह.. चोदो फाड़ दो मेरी गांड को आह.. फास्ट आह.. मेरी चुत में भी आ खुजली मची है.. आह.. उसको भी शांत करो ना प्लीज़ आह.. फास्ट करो अंकल..

गुलशन जी तो आज कामदेवता बन गए थे. उन्होंने गांड से लौड़ा निकाला और चुत में पेल दिया. अब वो चुत की चुदाई करने लगे. कई मिनट तक कभी चुत कभी गांड.. वो बदल बदल कर चोदते रहे और ऐसी ज़बरदस्त चुदाई के आगे फ्लॉरा फिर ढेर हो गई. उसका रज फिर बहने लगा. अब गुलशन जी भी अपने चरम पे थे, किसी भी पल उनका लावा भी फूटने वाला था.

फ्लॉरा- आ आह.. फास्ट करो आह.. मैं गई अंकल फास्ट एयेए मजा आ गया.
फ्लॉरा झड़ गई.. अब वो शांत थी तभी गुलशन जी भी मोन करने लगे, उनका वीर्य भी निकलने को बेताब था.

गुलशन- आआह.. फ्लॉरा तेरी चुत बहुत मस्त है आह.. ले मेरा भी माल निकलने वाला है.. आज तेरी चुत को रस से भर दूँगा आह.. ले..
फ्लॉरा- नहीं अन्दर मत निकालना आह.. मुझे आपका लंड रस पीना है… प्लीज़ मेरी चूत में नहीं.

फ्लॉरा की बात सुनते ही गुलशन जी ने झट से लौड़ा चुत से निकाल लिया और फ्लॉरा भी बिजली की तेज़ी से पलटी और लंड को मुँह में भर लिया. उसी पल उस विशाल लंड से वीर्य की बारिश शुरू हो गई. एक के बाद एक ना जाने कितनी पिचकारियां फ्लॉरा के हलक में उतर गईं और फ्लॉरा मज़े से पूरा रस गटक गई. लंड की लास्ट बूँद तक निचोड़ कर ही उसका मन भरा.

फ्लॉरा- ओह माय गॉड.. मुझे यकीन नहीं होता कोई इंसान इतना पावरफुल भी हो सकता है. आपने चोद चोद कर मेरी हालत खराब कर दी, तब कहीं आपका पानी निकला और वो भी इतना ज्यादा कि जैसे किसी घोड़े का पानी हो.
गुलशन- क्यों अब यकीन आया ना कि मेरे लंड में कितना पावर है और ये तो शुरूआत है, अबकी बार देखना तुम्हें और भी ज़्यादा टाइम तक चोदूँगा.
फ्लॉरा- मैं पागल थोड़े ही हूँ जो अब चुदवाऊंगी आपसे.. अभी ही आपने मेरी हालत बिगाड़ दी, अबकी बार तो चलने लायक भी नहीं रहूंगी. आपके झटके बहुत तगड़े हैं और पानी का टेस्ट भी बहुत अच्छा है. बस एक बार अच्छी तरह लंड को चूस कर ही मजा लूँगी.

गुलशन- हा हा हा… अरे वो तो तेरी बात पर मैंने दिमाग़ को कंट्रोल में रख कर इतना लंबा टाइम लिया है ताकि तुझे अपना पावर दिखा सकूँ. अब की बार जल्दी निकाल दूँगा.. पक्की बात है.
फ्लॉरा- अच्छा अच्छा ठीक है, अभी तो आप हटे हो, थोड़ा रेस्ट तो करने दो. फिर चोद लेना.

दोस्तो, आपको पता ही है कि सुमन सोई नहीं थी. वो कमरे के बाहर खड़ी थो. वो ये चुदाई की आवाजें सुनती रही मगर जब उसको लगा वो खुद गर्म हो रही है तो सच में वो जाकर सो गई क्योंकि उसको पता था पापा अब शाम तक फ्लॉरा को नहीं छोड़ेंगे.

गुलशन- चल तुझे आराम करना है तो कर ले मगर 10 मिनट.. बस उसके बाद वापस शुरू करेंगे क्योंकि तेरी जैसी कमसिन चुत मुझे बार बार नहीं मिलने वाली.
फ्लॉरा- नहीं अंकल, आप ग़लत सोच रहे हो.. मैं तो आपकी दीवानी हो गई हूँ. बस थोड़ी शराब और होती तो मैं आपके साथ खुल कर मज़े लेती.
गुलशन- अच्छा तो ये बात है? कोई बात नहीं अबकी बार उसका भी इंतजाम कर दूँगा.. वैसे गोआ में सब ऐसे ही पीते है क्या?
फ्लॉरा- हाँ, ज़्यादातर पीते हैं, वहां की बेस्ट फैनी वर्ल्ड फेमस है.
गुलशन- अच्छा तुम गोआ की ही हो या बाद में वहां जाकर बसे?

गुलशन जी अब फ्लॉरा के जीवन की सच्चाई के करीब पहुँच गए थे.
फ्लॉरा ने अपने माँ बाप की प्यार की कहानी बताई कि कैसे उन्होंने भाग कर शादी की थी.. वगैरह वगैरह.

गुलशन- क्या मैं तुम्हारे मॉम डैड का नाम जान सकता हूँ?
फ्लॉरा- क्यों अंकल बहुत पूछ रहे हो क्या इरादा है मेरे मॉम डैड के पास रिश्ता लेकर जाओगे क्या मेरा? हा हा हा हा हा!
गुलशन- अरे नहीं बस, ऐसे ही पूछ रहा हूँ. मुझे ऐसा लगता है शायद मैं तुम्हें करीब से जानता हूँ.

फ्लॉरा ने जब अपने पेरेंट्स का नाम बताया तो गुलशन जी की हवा टाइट हो गई. ममता उनकी सग़ी बहन थी जो घर से भाग गई थी यानि फ्लॉरा उनकी सग़ी भांजी थी, जिसको अभी उन्होंने ताबड़तोड़ चोदा था.

फ्लॉरा- क्या हुआ अंकल? नाम सुनकर ऐसे टेंशन में क्यों आ गए?
गुलशन- नहीं ऐसा कुछ नहीं है… अच्छा ये बताओ तुम्हें रिश्तों में चुदाई करना कैसा लगता है.. अगर कभी मौका मिले तो करोगी?
फ्लॉरा- अंकल सच बताऊं तो मेरी चुदाई की शुरूआत ही रिश्तों से हुई है और मेरा बहुत मन था कि आपके जैसा तगड़ा लंड हो और बड़ी उमर का कोई हो, उससे मैं चुदाई करूँ.
गुलशन- अच्छा फिर तो आज तुम्हारी इच्छा पूरी हो गई होगी ना.. मैं भी तो तुम्हारा अंकल हूँ और तगड़ा लंड वाला भी हूँ.
फ्लॉरा- नहीं अंकल आप सगे नहीं हो. वैसे आपके साथ बहुत मजा आया अगर कुछ भी रिश्ता होता तो शायद बात कुछ और ही होती.

लो दोस्तो, ये राज भी खुल गया. वैसे आप सबको तो मैंने पहले ही हिंट दे दिया था कि फ्लॉरा की माँ ममता गुलशन की भागी हुई बहन है. अब गुलशन जी ये बात फ्लॉरा को बताते हैं या नहीं… ये तो आपको अगले पार्ट में ही पता लगेगा.

मेरी इस दिलचस्प सेक्स स्टोरी पर आपके कमेन्ट रुकने नहीं चाहिए.
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कहानी जारी है.

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