यह प्यार ना होगा कम, सनम तेरी कसम

(Yah Pyar Na Hoga Kam, Sanam Teri Kasam)

दोस्तो, मेरा नाम सौरभ शर्मा है, मैं कानपुर का रहने वाला हूँ। मेरी उम्र 23 साल है। मैं एक जिम/ फिटनेस सेंटर चलाता हूँ, मैं एक गुड लुकिंग स्मार्ट बंदा हूँ, मेरी हाइट 5 फुट 10 इंच और मैं एक जिम ट्रेनर हूँ तो आप जान ही गए होंगे कि मेरी हेल्थ अच्छी होगी।

यह कहानी उस वक्त की है जब मैं बी.सी.ए. प्रथम वर्ष में था, उस वक्त मेरी बहन की शादी हुई और मैं अपना पहला सेमेस्टर खत्म कर के अपनी दीदी के ससुराल पहुँच गया.
वहाँ मेरी मुलाकात प्रिया से हुई जो कि मेरे जीजा के बुआ की लड़की थी.
क्या बताऊँ दोस्तो, मुझे उससे पहली नज़र में प्यार हो गया!

वो देखने में बहुत ही सुन्दर, और हाइट में मुझसे लगभग 4 इंच कम यानि की 5 फीट 6 इंच के आस-पास रही होगी और उसका फीगर यही कोई 32-28-32 के आस-पास का होगा. ऐसा बिल्कुल नहीं है कि कानपुर में सुन्दर लड़कियाँ नहीं है लेकिन वो मुझे मेरे नजरिये से बहुत ही अच्छी लगी, वो मेरी लाइफ की पहली और अभी तक की एकमात्र गर्लफेंड है। बाय द वे… ऐसा बिल्कुल नहीं है कि मैं देखने अच्छा नहीं हूँ क्योंकि मेरी एक ही गर्लफेंड है, मैं बहुत खूबसूरत और स्मार्ट बन्दा हूँ. आप चाहो तो मुझे फेसबुक पर देख सकते हो लेकिन मैंने दूसरी गर्लफेंडस् नहीं बनाई इसलिये क्योंकि मैं उसे शायद अब तक भूल नहीं पाया या शायद मैंने कभी कोई गर्लफेंड बनाने की कोशिश ही नहीं की.

चलिये वापस कहानी पर आते हैं.

मैंने बहुत हिम्मत करके दिन में उसे अपना प्रपोज़ल दिया कि वो मेरी गर्लफेंड बन जाए. सच बताऊँ दोस्तो, मेरी फट रही थी क्यूँकि वो बहुत ही खूबसूरत लड़की है, मुझे बिल्कुल अंदाजा नहीं था कि वो हाँ कहेगी.
लेकिन उसने एक बार में हाँ कह दिया.

हम दोनों ने शाम तक आपस में बातें की और रात को एक दूसरे के पास बैठ कर टीवी देखते रहे।
रात को जीजा जी के शॉप से घर आने के बाद हमने अलग अलग खाना खाया और सोने चले गये.

मुझे सुबह पौने चार बजे की गाड़ी से वापस घर जाना था और साथ ही साथ मुझे दीदी और जीजा जी दोनों से ढेर सारी बातें भी करनी थी तो हम लोगों ने एक ही रूम में दो बेड अगल-बगल लगा लिये एक में दीदी और प्रिया लेटे थे और एक में, मैं और मेरे जीजा जी…

यही कोई 12 या 12:30 बजे का वक्त हुआ होगा और हम सभी लोग गहरी नींद में सो गये। लगभग 2:30 बजे मेरी प्यास की वजह से आँख खुली और मैं पानी पी कर सोने जाने लगा तो मैंने घड़ी देखी, उस वक्त करीब 2:40 बज रहे थे, तब मैंने सोचा कि अगर मैं अब सोया तो मेरी ट्रेन छुट जायेगी तो मैं अपनी जगह पर आकर लेट गया और देखा कि मैं खुद के जगे रहने के लिए किसे जगाऊँ.
मेरे एक तरफ जीजा जी सोये हुये थे और दूसरी तरफ प्रिया और उसके बगल में दीदी सोई हुई थी.

तब मैंने प्रिया को हल्का हिला कर जगाने की कोशिश की तो वह तुरंत जाग गई, मैंने उसे एक स्माइल पास की, उसने भी मुस्करा कर मेरी तरफ देखा और नजरों से पूछा कि क्या हुआ, क्यों जगाया?
तो मैंने उसे अपने बेड के थोड़ा पास आने को कहा तो उसने मना कर दिया और इशारे से मुझे पास आने को कहा तो मैं लेटे-लेटे उसके बेड पर चला गया.

मेरे अचानक आने से वो थोड़ा हड़बड़ा गई और उठ कर देखने लगी कि सब सो रहे हैं या नहीं!

सबको देखने के बाद प्रिया बोली- मैंने तुम्हें मेरे बेड के पास आने को कहा था, मेरे बेड पर आने को नहीं!
मैंने सॉरी कहा और पूछा- क्या अब मैं वापस जाऊँ!
तो उसने कहा- अब कोई जरूरत नहीं है, तुम यहाँ ही लेटे रहो। वैसे भी सब सो रहे हैं कोई दिक्कत नहीं है।

मै- मुझे तुम्हारी बहुत याद आएगी।
प्रिया- मुझे भी, क्या तुम अपनी जान के लिये कल तक रुक नहीं सकते?
उसने इतना प्यार और हक से कहा कि सच में मेरा जाने का मन नहीं कर रहा था लेकिन मुझे जाना जरूरी था।

फिर मैंने उसे प्यार से ‘आई लव यू कहा और उसने मुझसे लाखों गुना प्यार से मुझे ‘आई लव यू टु’ कहा.
वो पल मेरी जिन्दगी के खूबसूरत पलों में एक है.

फिर मैंने उससे, उसके माथे पर किस करने की अनुमति माँगी… और उसने आँखें बंद कर के सिर हाँ के इशारे में हिलाया.
मैंने उस वक्त अपनी लाइफ का पहला किस उसके माथे पर किया फिर उसके गाल पर उसके बाद मैंने उससे, होठों पर किस करने की अनुमति माँगी.
उसने कुछ नहीं कहा और अपनी आँखें बन्द ही रखी.

फिर मैंने उसके होठों पर अपने होंठ रख दिये. मैंने कभी किसी को फ्रिन्च किस तो किया नहीं था पर धूम-2 में देखा जरूर था तो मैंने ठीक वैसे ही करने की कोशिश की और लगभग 15 से 20 मिनट या शायद उससे भी ज्यादा देर तक हमने किस किया. इस बीच उसके हाथ मेरे बालों को लगातार सहला रहे थे, मेरा एक हाथ उसके बालों को!

तब हम लोग एक दूसरे से अलग हुए और एक दूसरे की तरफ मुस्करा कर देखने लगे.
फिर उसने मुझे जबरदस्ती मेरे बेड पर भेज दिया।

उसके कुछ देर बाद मैंने जीजा को जगाया और उनके साथ स्टेशन चला आया. ट्रेन पर बैठे बैठे सुबह के 6:30 बज गये और मेरे मोबाइल पर एक अंजान नंबर से मैसेज आया, मैंने मैसेज पढ़ा, उसमें लिखा था- गुड मोर्निंग जानू, आप मुझे अपना नंबर भी देकर नहीं गये थे. लेकिन कोई बात नहीं, मैंने भाभी के मोबाइल से आपका नंबर निकाल लिया है. और हाँ इस नंबर पर कॉल मत करना, यह नंबर मम्मी का है, जब भी मैं मिस कॉल करूँ, तभी कॉल करना. ओके लव यू जानू!

इस तरह हमारी बातों का सिलसिला चल पड़ा, जब कभी वो मिस्ड कॉल करती, मैं कॉल कर देता. मुझे तो कभी कभी लगता था कि ये नंबर उसी का है क्योंकि वो दिन भर में 8 से 10 बार फोन कर ही देती थी और हर बार हम लोग लगभग आधे घण्टे बात करते.
कई बार तो मैं परेशान हो जाता था क्योंकि मैं पहले कभी इतना फोन पर बात करता नहीं था. मेरे इतना ज्यादा फोन पर बात करने की वजह से मेरे सेमिस्टर के रिजल्ट पर भी असर पड़ा और साथ ही साथ मेरी मम्मी भी परेशान हो गयी.

लेकिन इन सब बातों के बावजूद हम दोनों बात करते रहे, अब तक हमारी बातें पूरी तरह खुल गयी थीं।

हम लोगों ने न्यू ईयर वाले दिन जीजा जी के घर पर ही मिलने का प्रोग्राम बनाया. वो न्यू ईयर के बहाने अपने भइया के घर यानि मेरे जीजा के घर आ गई और इधर मैं अपने घर पर कालेज टूर का बहाना करके दीदी के घर पर अचानक पहुँच गया.

मेरे आने पर वहाँ सभी लोग बहुत खुश हुये लेकिन मेरी नज़रें तो प्रिया को खोज रही थीं और तभी प्रिया छत से नीचे दौड़ते-दौड़ते आ गई, हमने एक दूसरे को मुस्करा कर देखा, वो फिर शरमा कर चली गई.
उस दिन 31 दिसम्बर थी तो सबने तैयारी शुरु कर दी. जीजा बाहर से केक, चॉकलेट, कोल्ड ड्रिंक वगेरह लाने चले गये, इधर मैं अपनी थकान मिटाने के लिये सो गया.

यही कोई 9 बजे के आसपास मुझे दीदी ने जगाया तो मैं उठ कर हाथ मुँह धोने चला गया.
जब वापस आया तब पता चला कि दीदी और जीजा के बीच किसी बात पर कहासुनी हो गयी और जीजा जी गुस्सा होकर गेस्टरूम में चले गये हैं।

दीदी ने मुझे खाना दिया और कहा कि मैं अपने लैपटॉप पर कोई अच्छी मूवी लगा दूँ.
मैंने अपने लैपटॉप पर ‘शापित’ मूवी लगा दी.

मूवी देखते देखते दीदी सो गई.
अब मैं और प्रिया मूवी देख रहे थे.

मैं प्रिया को किस करना चाहता था लेकिन उसने कहा कि पहले वो पूरी मूवी देखेगी उसके बाद ही कुछ करने देगी तो मैं भी मजबूरन मूवी देखने लगा.

इस बीच मैंने सोचा क्यों न कुछ मजे किये जायें!
हमारे ऊपर कम्बल तो था ही इस बात का फायदा उठाते हुये मैंने अपना एक हाथ उसके पीछे से घुमा कर उसकी कमर पर रख दिया. उसने सलवार-कुर्ता पहन रखा था, मैंने उसका कुर्ता उठा कर अपना हाथ उसके नंगे पेट पर रख दिया और हल्के हल्के सहलाने लगा. उसने मेरी तरफ देखा और आँखें दिखाई लेकिन कुछ कहा नहीं.

मैं अपना हाथ धीरे धीरे ऊपर ले जाने लगा. उसने ब्रा पहनी हुई थी, मैंने ब्रा के अंदर हाथ डालने की बहुत कोशिश की पर डाल न सका.

फिर उसने हँसते हुए अपने हाथ पीछे ले जाकर अपनी ब्रा के हुक खोल दिये अब मैं आराम से उसके बूबस को दबा सकता था. मैंने उसके बूबस को हल्के हाथों से खूब दबाया. मैंने उसके होठों पर किस करने के लिए उसका चेहरा अपनी ओर घुमाया ही था कि उसने कहा- सुनिए जी, आज थोड़ा आराम से किस किजियेगा, पिछली बार आपने इतनी तेज किस किया था कि मेरे होंठ सूज गये थे मुझे बहुत अफसोस हुआ.

फिर मैंने उससे कहा कि तुमने मुझे रोका क्यों नहीं?
तो उसने कहा- मैं आपको दु:खी नहीं करना चाहती थी. मैं आपकी ही तो हूँ, आप जो चाहे जैसा चाहे मेरे साथ कर सकते हैं.
मुझे उसकी इस बात पर प्यार भी आ रहा था और अपने आप गुस्सा भी…

मैंने उससे कान पकड़ कर सॉरी कहा तो उसने मेरे हाथ को रोक कर खुद मेरे होठों पर अपने होंठ रख दिये.
दोस्तो, लाइफ का वह पल मेरी अब तक की जिन्दगी का बेस्ट पल है. ये तो आप सबको कभी न कभी फील हुआ ही होगा कि जब लड़की खुद अपनी मर्जी से आपको किस करती है तो वह पल आपके लिये सबसे कीमती होता है.

उसने किस करते हुए कहा- अपनी जीभ मेरे मुख में डाल दो.
मैं कभी उसके होठों को चूस रहा था, कभी उसकी जीभ को!
फिर मेरे हाथ उसके कुर्ते को उठाने लगे तो उसने मुझे बीच में ही रोका और कहा- दीदी बगल में हैं, रोशनी में सब कुछ दिख जायेगा. पहले लैपटॉप बंद करो और गेट बंद करके आओ. तब तक मैं ये कुर्ता उतार कर कोई ढीला टॉप पहन लेती हूँ.

मैं एक अच्छे बच्चे की तरह उसके बताये हुए काम जल्दी से और बिना कोई शोर किये करने चला गया।

जब मैं वापस आया तो मुझे एक बात याद आ गयी, मैं किचन गया और वहाँ से एक चाकलेट उठा लाया. प्रिया के पास जल्दी पहुँचने के चक्कर में मैं गिरते-गिरते बचा क्योंकि मैं अपनी लाइफ में इससे ज्यादा एक्साइटेड शायद कभी नहीं हुआ था।

वापस आया तो देखा प्रिया बेड पे कम्बल ओढ़े बैठी थी, उसने कपड़े तक नहीं बदले.
मेरे रूम पे आते ही उसने इशारे से मुझे पास बुलाया, मैं उससे कुछ पूछता, उससे पहले ही उसने कहा- वाशरूम में छिपकली है, मैं कपड़े कैसे चेंज करूं?

मुझे उसकी बचकानी बात पर हसीं और प्यार दोनों आ रहा था. मैंने उसे हाथ पकड़ कर उठाया और वाशरूम लेकर आ गया और उसकी कुर्ती उठाने लगा.
उसने टोकते हुए कहा- मेरे पतिदेव, अभी मेरे हाथ अभी सही है. जिस दिन इन्हें कुछ हो, उस दिन खुद चेंज कर देना.

मुझे पता नहीं क्यों… लेकिन मुझे इस बात पर गुस्सा आ गया, मैंने कहा- मेरे रहते तुम्हें कभी कुछ नहीं होगा!
उसने मेरी आँखों में देखते हुए पूछा- मुझसे इतना प्यार कब हुआ?
मैंने कहा- ये तो मुझे भी नहीं पता… लेकिन तुम्हारे साथ कभी कुछ बुरा हो, ऐसा मैं सोच भी नहीं सकता!

उसे मैंने वहाँ ही अपनी बांहों में भर लिया, उसके गुलाबी होंठों को चूमना चालू कर दिया. धीरे धीरे मैं उसकी कुर्ती को उठाने लगा, उसने एक बार मुझे हाथ पकड़ के रोकना चाहा लेकिन जब मैंने उसके हाथ को हटाने की कोशिश की तो उसने बिना किसी झिझक के हाथ हटा दिया.

मैंने उसकी कुर्ती को पूरा हटा दिया, उसने शर्माते हुए अपने हाथ ब्रा के ऊपर रख दिये और कहा- बेडरूम में चलो प्लीज।

बेड पर बैठा मैं प्रिया का इतंजार करने लगा.

जब वो वापस कमरे में आयी तो काफी खूबसूरत लग रही थी, उसने गुलाबी कलर की टॉप और गुलाबी कलर की ही कैपरी पहनी हुई थी.

प्रिया ने लाइट बंद की और नाइट बल्ब ऑन करते हुए वह बेड पे आ गयी. मैंने प्रिया को अपने पास लिटाया और खुद भी उसके पास लेट गया. अचानक मुझे याद आया और मैंने चाकलेट का पैकेट जेब से निकाला उसने आश्चर्य से मेरी और देखा लेकिन कुछ कहा नहीं.

मैंने चाकलेट का एक पीस लिया और उसे खाने को दिया और उसके कान में कहा कि मुझे भी दो!
उसके कुछ पूछने से पहले ही मैंने अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिए.

उसे समझते देर न लगी कि मैं क्या चाहता हूँ, हम दोनों ने पीस को एक दूसरे के मुंह में डालते हुए चूसना जारी रखा. मुझे काफी मजा आ रहा था. एक तो उसके होंठों का स्वाद लाजवाब था और अब तो चाकलेट उसमें चार चांद लगा रहा था।

मैंने अपना एक हाथ टॉप के ऊपर से ही उसके वक्ष पे रख दिया और उसे दबाना चालू किया. उसके चूचे पहले से काफी सॉफ्ट हो गए थे और उसने मेरे लिए ब्रा भी नहीं पहनी थी. मैंने उसका टॉप उतार दिया और उसे साइड में रख दिया.
नाइट बल्ब की रोशनी में भी उसके बूबस बहुत प्यारे लग रहे थे. उसके चूचुक भी टाइट हो गए थे.

मेरे ऐसे देखने से उसे शर्म आती गयी और उसने अपने हाथों से अपने चेहरे को छुपा लिया.
मैंने उसके हाथों को हटाया और उसके बूबस को छुआ, उसकी आँखें बंद हो गयी, उसने धीरे से मेरे कान में कहा- कभी मुझे छोड़ोगे तो नहीं?
उसके माथे पे मैंने किस किया और कहा- कभी नहीं।

मैंने उसके एक बूब को चूसना चालू किया तो वो सिहर उठी और उसने आह… कहा!
ना इससे पहले कभी मैंने किसी लड़की को छुआ था ना उसने कभी किसी लड़के को!
हम दोनों ही इस कामक्रिया में नए थे इसलिए हम दोनों को काफी मज़ा आ रहा था.

मैंने एक एक करके उसके दोनों चूचुकों को चूसा, प्रिया ने अपने दोनों हाथ मेरे पीठ पे रखे हुए थे और आह… आह… की आवाज कर रही थी. मुझे उसकी आवाज़ से और जोश आ रहा था, मैं उसे चूमते हुए नीचे आने लगा, उसकी नाभि पे किस किया तो उसने अपने नाखून मेरी पीठ पे चुभो दिए.

मैंने टीशर्ट पहनी हुई थी, फिर भी मुझे महसूस हुआ. मैंने उसके नाभि को चूमना जारी रखा और अपने दोनों हाथों से उसके बूबस को दबाना चालू कर दिया.

उस वक़्त हम दोनों शायद किसी और ही दुनिया में थे. हम दोनों बस एक दोनों में समा जाना चाहते थे.

तभी अचानक दीदी ने करवट ली और हम दोनों की कुछ देर के लिए सांस ही रुक गयी थी.
लेकिन दीदी सो रही थी।

प्रिया ने तुरंत कम्बल हम दोनों के ऊपर डाल दिया और मुझे कस के गले लगा लिया मुझे काफी अच्छा भी लग रहा था और मेरी बैंड भी बज रही थी क्यूंकि मेरा लंड मेरी पैंट फाड़ के बाहर आना चाहता था लेकिन ना ही मैं प्रिया के साथ कोई जबर्दस्ती करना चाहता था और ना मुझे उसके साथ सेक्स करने की कोई जल्दी थी.
वो मुझे इतना प्यार करती थी कि मैं उससे कुछ भी कहता तो वो मेरे लिए कर देती लेकिन लंड को समझाना कहाँ सम्भव है, वो तो बस खड़ा हो गया.

मैंने उसकी बांहों में लेटे हुए ही उसकी चुत पे हाथ रखा तो महसूस हुआ कि जैसे मैंने किसी भट्टी पे हाथ रख दिया हो. उस की चुत बहुत गर्म थी. मैंने अपने हाथ से उसकी सलवार का नाड़ा खोला और अपना हाथ उसकी चुत पे ले गया.
उसकी पेंटी आगे से गीली हो चुकी थी मेरे पेंटी के अंदर हाथ डालते ही वो इतनी सिहर उठी और आह… की आवाज के साथ मुझे और ताकत के साथ मुझे गले लगाए रखा और मेरा टी शर्ट उतारने लगी.

मैंने भी बिना देर किए लेटे हुए ही अपनी टी शर्ट उतार फेंकी उसने अपना सर मेरे सीने में दबा लिया और मेरा चेस्ट छूने लगी. वैसे मुझे गुदगुदी बहुत लगती है लेकिन मुझे उसके हाथ का एहसास अच्छा लग रहा था मुझे ऐसा लग रहा था कि प्रिया भी मेरी बॉडी का एक हिस्सा है.

शायद इसे ही सच्चा प्यार कहते हैं।

इसके बाद क्या हुआ… वो मैं आपकी कल्पना पर छोड़ता हूँ.

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