गर्लफ्रेंड की बहन की ननद की चुत चुदायी

(Girlfriend Ki Bahan Ki Nanad Ki Chut Chudayi)

दोस्तो, मेरा नाम शरद है. मैं हिमाचल से हूं. मैं अब एक कालब्वॉय बन गया हूं. मेरी उम्र 30 साल है. यह आपबीती मेरी और मेरी गर्लफ्रेंड की बहन की ननद की है. मैं चंडीगढ़ में रहता हूं. मेरी गर्ल फ्रेंड भी चंडीगढ़ की ही है. उसका नाम मोनिका है.

मेरी गर्लफ्रेंड और मैं हमेशा पार्क में या मार्केट में मिलते थे.

एक बार मोनिका की बहन भी उसके साथ आई थी. उसका नाम सोनिया है. उस दिन हम 3-4 घंटे साथ रहे, जिससे सोनिया भी मुझसे खुल कर बात करने लगी.
इस मुलाकात से बाद अब जब भी सोनिया मुझे कहीं पर भी मिलती तो बात कर लेती थी.

एक बार सोनिया मार्केट में मिली, उसके साथ एक लड़की थी. उस लड़की को देख कर मैं देखता ही रह गया. एकदम गोरी चिट्टी, कसे हुए शरीर वाली पंजाबन माल थी. उसकी हाइट 5 फुट 8 इंच थी. वो इतनी गोरी थी कि दूध की सफेदी भी उसके सामने फीकी लगती थी. उसका साइज 34-28-36 था. उसको देख कर मेरा तो बुरा हाल हो गया.

अभी मैं उसके ख्यालों में खोया ही था कि मुझे सोनिया की ‘ओ हैलो.. किधर खो गए..?’ सुनायी दी.
मैंने भी एकदम से अचकचा कर हैलो कहा और उससे हाल चाल पूछा. ऐसे ही हमारी बातें होने लगीं.

तभी मैंने सोनिया से पूछा कि ये जो आपके साथ आई हैं, कौन हैं?
सोनिया ने मुझसे सॉरी बोला और कहा- मैं तो आपको इससे मिलाना ही भूल गयी.
मैंने उस कांटा माल के दूध देखते हुए बीच में ही बोल दिया- कोई बात नहीं अब मिला दो.
तो सोनिया ने बताया कि ये मेरी ननद है. इसका नाम नेहा है और ये एम बी ए कर रही है.
नेहा ने मुझे हाय बोला तो मैंने उसको हैलो बोल कर हाथ उसकी तरफ बढ़ा दिया.

उसने भी हाथ आगे करके हाथ मिला लिया. उसका हाथ मैंने हल्का सा दबा दिया. मेरा ऐसा करने पर वो हंस दी. मेरे मुँह से एकदम ही मद्धिम स्वर में निकल गया- हंसी तो फंसी.
मेरे ऐसा बोलने पर सोनिया ने मुझे हल्का सा मुक्का मारा और हम सब हंसने लगे.

फिर मैंने उन दोनों को काफी के लिये बोला. सोनिया थोड़ा ना नुकर करने के बाद मान गयी. अब हम तीनों ढाई घंटे तक एक रेस्तरां में बैठे रहे और बातें करते रहे. इसके बाद मैंने जानबूझ कर उन्हें घर छोड़ने की जिद की. मेरा थोड़ा सा जोर डालने पर वो मान गईं.

जब मैं उन्हें घर छोड़ने गया तो मैं रास्ते भर बार बार नेहा को देखता रहा. मैंने यह भी नोटिस किया कि नेहा भी मुझे तिरछी नजर से देख रही है.
इस दौरान मैंने नेहा के बारे में काफी कुछ जान लिया था कि वो किस कॉलेज में पढ़ रही है और उसके कॉलेज आने जाने की क्या टाइमिंग रहती है.

उस दिन उनको घर छोड़ने के बाद तो मुझे नेहा ही दिमाग में भर गई थी. मैं जानबूझ कर नेहा के कॉलेज की तरफ उसकी छुट्टी के समय जाने लगा. उससे बातचीत बढ़ाने लगा. दो तीन बार मैंने उसको काफी के लिये भी बोला और अब शायद उसको एहसास हो गया था कि मैं उसके लिये क्या सोच रखता हूँ, इसलिए वो कभी मना नहीं करती थी. शायद उसको भी मुझसे मिलना पसंद आने लगा था.

ऐसे ही मौका देखकर एक दिन मैंने उसे प्रपोज कर दिया, तो उसने मुँह बना दिया. मेरा प्रपोजल नजरअंदाज कर दिया और गुस्सा सी हो गई.

उसके बाद उसने मुझसे बात करना बंद कर दिया. मेरी भी फट गयी कि कहीं नेहा ने घर में सोनिया को बता दिया तो मैं तो गया काम से क्योंकि मोनिका को पता चला तो वो मुझे कहीं का नहीं छोड़ेगी.

यही सोच कर मैं एक महीने तक नेहा के कॉलेज की तरफ नहीं गया और इसी बीच मैं मोनिका से कोई दस बाद मिला.

जब मुझे लगा कि कुछ गड़बड़ नहीं हुई है, तो मैं फिर से नेहा के कॉलेज की तरफ जाने लगा. पर 4 दिन तक मुझे नेहा नहीं दिखी तो मैं उदास हो गया.

पांचवें दिन मैंने ठान लिया कि मैं उसके कॉलेज की तरफ नहीं जाऊंगा. पर उसकी छुट्टी के समय मेरे कदम उसके कॉलेज की तरफ खुद ब खुद चल पड़े. उस दिन जैसे ही मैं वहाँ पहुंचा, तो नेहा मुझे आती दिखी. उसे देख कर मेरे मन में खुशी की लहर दौड़ गयी.

जैसे ही नेहा गेट से बाहर निकली, मैंने उससे बात करनी चाही.. पर उसने जवाब नहीं दिया. मैंने कारण पूछा तो उसने बताने से मना कर दिया.

फिर मेरे जोर देने पर वो बात करने के लिये मान गयी. बात करने के लिये हम एक पार्क में बैठ गए. वहाँ उसने बताया कि उसका एक लड़के ने दिल तोड़ा है, इसलिए अब वो किसी के करीब नहीं आना चाहती.
मैंने उसे समझाया कि सारी दुनिया एक जैसी नहीं होती.

तीन घंटे समझाने के बाद भी ‘सोच कर बताने…’ का बोल कर जाने को उठी. जैसे ही वो उठी तो मैंने उसे अपना नम्बर दिया और बोला कि मुझसे दोस्ती मंजूर हो तो कॉल करना, नहीं तो आज के बाद कभी तुझसे नहीं मिलूँगा.

दस दिन के बाद उसका काल आया और उसने मुझे मिलने के लिये बोला.
मैं उससे मिला तो उसने दोस्ती के लिये हां कर दी. अब हम पार्क रेस्तरां में मिलने लगे और बात चूमाचाटी से शुरू होकर एक दूसरे के लंड चुत को छूने तक पहुंच गयी.

अब तलाश थी एक अच्छे मौके की, तो वो भी उसने खुद ही पैदा कर दिया. एक दिन उसने मुझे उसके हिमाचल में घुमाने के लिये बोला. मैं खुश हो गया. फिर प्रोग्राम बनाया और तय समय पर चंडीगढ़ से निकल गए. जब मैंने उससे पूछा कि घर में क्या बोला है?
तो उसने हंस कर बताया कि वो सहेली की शादी का बहाना करके आई है.

मैं अपने एक दोस्त की गाड़ी लेकर आया था. इसलिए हम मस्ती करते हुए मनाली पहुंच गए. वहां पर मैंने पहले ही कॉल करके होटल बुक करवा दिया था.. तो हम पहले सीधे होटल गए.
सबसे पहले मैंने होटल के रूम में जाकर उसको हग किया. फिर मैं उसे उठा कर बाथरूम में ले गया और हम दोनों फ्रेश होने लगे.

मैंने जानबूझ कर अपने कपड़े उतारे और नहाने लगा. नेहा नहाने में मेरी मदद करने लगी. तो मैंने उसके ऊपर पानी फेंक कर उसे गीला कर दिया.

फिर मैंने उसे भी नहाने को बोलकर उसके कपड़े उतारने लगा, वो थोड़ा विरोध करने लगी… पर मैंने उसकी एक न सुनी और उसकी टी-शर्ट उतार दी. वो अपने मम्मों को छुपाने की नाकाम कोशिश करने लगी. मैंने सही मौका देखकर उसकी जींस भी उतार दी.

उसे इस वक्त टू पीस में देखकर मेरे लंड का बुरा हाल हो रहा था. अब मुझसे सब्र करना मुश्किल हो रहा था, इसलिए मैंने उसे जोर से हग किया और चूमने लगा. वो आई तो चुदने ही थी, सो अब वो भी मेरा साथ देने लगी.

मैं उसे उठा कर बाहर रूम में ले आया और उसे और खुद को तौलिये से सुखाया.

मैंने उसे फिर से बांहों में भर कर स्मूच करने लगा.

अब मैंने उसके मुँह में जीभ डालनी शुरू कर दी और एक हाथ से उसके मम्मों को दबाना शुरू कर दिया. उसकी गर्मागर्म सिसकारियां निकलनी शुरू हो गईं. कुछ ही देर में वो भी जोश में आ गई. मैंने उसका एक हाथ पकड़ कर लंड पर रख दिया, तो वो हल्के हल्के से मेरे लंड को दबाने लगी.

मैंने उसकी ब्रा उतार दी और उसे बेड पर लिटा दिया.. खुद भी उसके ऊपर लेट गया. मैं एक हाथ से उसका एक दूध दबाने लगा, दूसरा दूध मुँह में लेकर चूसने लगा, मैंने दूसरा हाथ उसकी पैंटी में डाल दिया और उसकी चूत को सहलाने लगा.

चूत पर मेरे हाथ का स्पर्श पाकर वो जोर जोर से ‘आ आ आह..’ करने लगी. मैं थोड़ा नीचे होकर उसकी नाभि को सक करने लगा.. जिससे वो और भी मचलने लगी.

अब मैं और नीचे हो कर अपनी पसंदीदा चीज, उसकी चुत पर पहुंच गया. मैंने बड़े प्यार से पैंटी उतारी और उसकी सील पैक चुत देखकर मेरा लंड फटने को हो गया. मुझसे अब सब्र नहीं हो रहा था, इसलिये मैं जल्दी से चुत चाटने लगा. क्योंकि चुत चाटना मुझे बहुत पसंद है.

मैंने लगभग पांच मिनट चुत चाटी होगी कि और बर्दाश्त करना उसके बस से बाहर हो गया और वो झड़ गयी. लेकिन मैं उसकी चूत चाटता ही रहा. इससे नतीजा ये निकला कि वो फिर से गरम हो गई.

वो बिना कुछ बोले, मुझे अपने ऊपर खींचने लगी. मैं समझ गया कि अब इसे लंड चाहिये.

इसलिये मैंने अपना अंडरवियर उतार कर फेंक दिया और अपना मूसल लंड उसके मुँह के सामने कर दिया.

उसने आज्ञाकारी बच्चे की तरह एक मिनट के लिए लंड मुँह में ले लिया और फिर निकाल कर मुझे नीचे की तरफ धक्का दे दिया. मैं समझ गया कि इसको चूत में लंड लेना है. मैंने भी देर नहीं की और अपना 6 इंच का मोटा लंड उसकी चुत पर सैट कर दिया.

उसने भी टांगें फैला कर चूत का मुँह खोल दिया. जैसे ही मैंने हल्का सा धक्का लगाया, तो जो पानी निकलने की वजह से उसकी चूत चिकनी हुई पड़ी थी, उसका फायदा हुआ और मेरा दो इंच लंड अन्दर चला गया.

लंड क्या घुसा, उसकी जोर से चीख निकल गयी. उसकी चीख की परवाह किये बिना, मैंने एक और जोर का झटका मार दिया. अब मेरा पूरा लंड चुत में समा गया. वो बहुत जोर से चिल्लायी और उसकी चूत से खून और आंखों से आंसू निकल आए.

उसने अपने नाखून मेरी पीठ पर गड़ा दिए, मेरी पीठ से भी खून निकल आया.

वो रोते हुए लंड बाहर निकालने को बोलने लगी.. जिससे मैंने लंड तो नहीं निकाला.. लेकिन अब मैं रूक गया था.

मैं उसको स्मूच करने लगा तथा एक हाथ से उसके मम्मों को दबाने लगा.. जिससे वो थोड़ी देर में ही शांत हो गई.. और उसकी कमर कसमसाने लगी. मैंने धीरे धीरे प्यार से चुदायी शुरू कर दी.

उसको अब भी दर्द हो रहा था. लेकिन अब वो चिल्ला नहीं रही थी. उसको दर्द के साथ साथ मजा भी आ रहा था, इसलिए वो दर्द को सहती हुई साथ देने लगी.

थोड़ी देर बाद वो भी कमर चलाने लग गयी. यह देखकर मैंने चुदाई तेज कर दी. उसने कुछ ही देर में पानी छोड़ दिया, पर अभी भी वो ढीली नहीं हुई थी. यह देख कर मैंने उसे अपनी पसंदीदा पोजिशन में कर दिया.

इस पोज में मैं बैड से नीचे उतर कर खड़ा हो गया और उसे बेड के किनारे पर लिटा दिया. फिर उसकी टांगें उठाकर उसे दस मिनट तक हचक कर चोदा और हम दोनों साथ में छूट गए.

फिर मैं उसे उठाकर बाथरूम ले गया और हम दोनों नहाये.

उससे चला नहीं जा रहा था, इसलिये उसे उठाकर फिर बेड पे लिटा दिया. हम दोनों एक दूसरे को हग करके सो गए. उस बाद हम वहां दो दिन रहे और हमने कुल 16 बार चुदायी की.

अब वो जॉब के लिए नोएडा चली गयी है.. तो मिलना साल में एक दो बार ही हो पाता है.. हम मिलते है तो चुदाई जरूर करते हैं.

आप मुझे मेरी हिंदी सेक्स कहानी पर अपने विचार मेल कर सकते हैं.
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