कुंवारी मीनल की बेकरार जवानी

(Kunvari Meenal Ki Bekarar Jawani)

स्वीट राज 2016-04-07 Comments

आपने मेरी पिछली कहानी
मेरी प्यारी आँचल के बदन की खुशबू
पढ़ी, आपको याद होगा आँचल की दोस्त मीनल के बारे में जो उसके साथ रहती थी।

मैंने अपनी पिछली कहानी में बताया था कि मैं मीनल की चुदाई करने को बेकरार हूँ और अगर मैंने मीनल की चुदाई की तो आपके सामने वो कहानी जरूर लाऊँगा।
काफी वक्त हो गया था, मैं और आँचल सेक्स के मजे ले रहे थे, जब भी मौका मिलता हम दोनों सेक्स करते।

मेरा आँचल के यहाँ आना जाना बढ़ गया था और जब भी मैं जाता, मैं आँचल और मीनल काफी बातें करते और फिर मीनल बोलती कि मैं दूसरे कमरे में जा रही हूँ, तुम दोनों मजे करो।
उस वक्त मीनल की आँखों में अजीब सी कशिश और शरारत होती थी।

हम तीनों साथ बैठकर काफी मस्ती करते और मैं मीनल के सामने ही आँचल को चुम्बन कर लेता कभी उसे अपनी गोद में बिठा लेता, कभी उसके बूब्स दबा देता।
जब मैं ऐसा करता मीनल ये सब देखती और मुस्कुरा देती थी।

एक दिन जब मेरी गोद में आँचल बैठी थी तो मीनल बोली- यार, तुम दोनों के मजे हैं।
इस पर मैंने जवाब दिया- आ जाओ, तुम भी मजे ले लो।
मेरी इस बात पर मीनल मुस्कुरा दी।

धीरे धीरे हम तीनों आपस में काफी खुल गए थे।

एक दिन मैं जब गया तो मीनल बाथरूम में नहा रही थी, उसके कपड़े कमरे में थे और आँचल कमरे में थी।
मीनल की ब्रा और पैंटी बेड पर रखे थे, मेरी नजर उन पर पड़ी, देख कर जिस्म में सनसनी महसूस होने लगी, बहुत ही सेक्सी ब्रा और पैंटी थी।
मैं कल्पना करने लगा कि जब ब्रा और पैंटी यहाँ है तो मीनल कैसे बाहर निकलेगी और मेरी नजरें बाथरूम के दरवाजे पर लगी थी।

कुछ देर के बाद दरवाजा खुला और मीनल एक तौलिया लपेटे बाहर निकली, तौलिया उसके कूल्हों से बस थोड़े ही नीचे तक था।
मेरी नजरें उसकी जिस्म से चिपक गई, मैं उसे ऊपर से नीचे देखने लगा।

उसकी नजर जब मुझ पर पड़ी तो वो दौड़कर बाथरूम के अंदर चली गई और आँचल से अपने कपड़े मांगने लगी।
आंचल ने उसके कपड़े दे दिए और थोड़ी देर बाद वो बाहर निकली और मुझे देखकर मुस्कुरा दी।

मैंने अपने अंगूठे से इशारा किया कि वो बहुत खूबसूरत है।
बाद में मैंने उसे मैसेज किया कि वो कि वो तौलिये में बहुत खूबसूरत लग रही थी।
उसने थैंक्स बोला।

मैंने थोड़ी सी हिम्मत की और मैसेज किया कि उस पल अगर आँचल वहाँ नहीं होती तो मैं उसे चूम लेता।
अब हमारी बातें होने लगी और धीरे धीरे सेक्स की बात होने लगी।

एक दिन मैंने मेसेज में लिखा कि मीनल तुम्हें देखकर तुझे पाने का दिल होता है, तुझे अपनी बाँहों में भरने का जी करता है, तेरे खूबसूरत होठों को चूमने का दिल करता है, तुमसे अकेले में मिलने की चाहत होने लगी है।

काफी कोशिशों के बाद वो मिलने को तैयार हो गई।
अगले रविवार मैंने मीनल को अपने घर बुलाया, करीब 10 बजे वो आई, मैं तब तक नहाया भी नहीं था।

मैंने मीनल के लिए एक पारदर्शी नाइटी और वैसा ही ब्रा और पैंटी ऑनलाइन खरीद कर रखे थे।

जैसे ही वो मेरे कमरे में आई मैंने दरवाजा बंद किया और उसे अपनी बाँहों में भर लिया और उसे चूमने लगा, वो दरवाजे से लग कर खड़ी थी और मैं उसे बेतहाशा चूम रहा था।

मैं उसके चेहरे को चूमते हुए धीरे धीरे नीचे आ रहा था और उसकी गर्दन को चूम रहा था, मीनल की आँखें बंद थी और उसने मुझे अपनी बाँहों में जकड़ रखा था।
मेरे हाथ उसके हिप्स पर थे और मैं उसके चूतड़ों को धीरे धीरे सहला रहा था।

कुछ देर हम वैसे ही रहे, फिर हम दोनों बैठ गए।
मैंने मीनल के हाथों को अपने हाथों में ले रखा था।

मैं नहाने जा रहा था, मैंने मीनल को बोला- आओ हम दोनों साथ में नहाते हैं।
तो मीनल बोली- मैं फिर क्या पहनूँगी?
मैंने उसे नाइटी, ब्रा और पैंटी निकाल कर दिखाए।

यह देख कर उसने मुझे चूम लिया और फिर हम दोनों बाथरूम में चले गए।

अंदर जाकर मैंने मीनल की जींस और टॉप उतार दिया, उसे अपनी गोद में बिठा लिया और मैंने शॉवर चालू कर दिया।
ऊपर से पानी हम दोनों के ऊपर गिर रहा था, मैंने पीछे से उसकी ब्रा की हुक खोल दिया।
हम दोनों एक दूसरे से लिपटे थे और एक दूसरे को चूम रहे थे।

अब हम दोनों खड़े हो गए और मैं मीनल की खूबसूरत चूचियों को दबाने लगा।
मैं उसे ऊपर से चूमते नीचे जा रहा था और मैंने उसकी पैंटी को धीरे धीरे नीचे करना शुरू कर दिया और फिर पैंटी बाहर निकाल दिया।

क्या चूत थी, खूबसूरत और बिल्कुल चिकनी, मैंने उसकी चूत को चूम लिया।
अब मैंने साबुन लिया और उसके जिस्म पर साबुन लगाने लगा, मैंने उसकी चूचियों पर साबुन लगाया फिर उसके नितम्बों पर लगाया और आखिर में उसकी चूत पर…

मैंने अपनी ऊँगली मीनल की चूत में डालने की कोशिश की लेकिन ऊँगली चूत में नहीं गई और मीनल को दर्द होने लगा।
मीनल ने बताया कि उसने आज तक सेक्स नहीं किया है।

मीनल अब मेरे लंड पर साबुन लगा रही थी।

इस तरह हम दोनों नहा कर बाहर निकले और मीनल ने ब्रा, पैंटी और नाइटी पहन लिया, उसका उत्तेजक जिस्म पूरी तरह नजर आ रहा था, पारदर्शक नाइटी के नीचे ब्रा और पैंटी साफ नजर आ रही थी।
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हम दोनों ने नाश्ता करना शुरू किया, मैं कुर्सी पर बैठा था मीनल मेरे गोद में बैठी थी और हम दोनों एक दूसरे को खिला रहे थे।
इस तरह हम दोनों ने नाश्ता ख़त्म किया और मैंने मीनल को अपनी बाँहों में उठा लिया और बेड पर लिटा दिया।

मीनल बेड पर लेटे मुस्कुरा रही थी, उसके जिस्म पर पारदर्शक नाईटी थी, नाइटी के नीचे ब्रा और पैंटी साफ नजर आ रही थी।
ब्रा और पैंटी से जिस्म का जो हिस्सा ढका था, उसके अलावा सब कुछ साफ नजर आ रहा था।

मैं भी अब मीनल के बगल में लेट गया और मैंने उसके चेहरे को अपने दोनों हाथो में ले लिया और चूमने लगा। मैंने उसकी आँखों को चूमा, उसकी गालों को चूमा और मेरे हाथ धीरे धीरे उसकी चूचियों पर चले गए और मैं मीनल की चूचियाँ धीरे धीरे सहलाने लगा।

मेरे हाथ मीनल की चूचियों पर गोल गोल घूम रहे थे और मीनल के होंठ मेरे होठों के बीच थे, मैं खूबसूरत होठों को चूसने लगा, फिर मैंने मीनल की जीभ अपने मुंह में ले लिया और चूसने लगा।

मीनल भी काफी उत्तेजित हो गई थी।
मैंने अब मीनल की नाइटी धीरे धीरे ऊपर उठाना शुरू किया और फिर नाइटी जिस्म से बाहर निकाल दिया।
अब मीनल ब्रा और पैंटी में थी।

मैं उसके ऊपर लेट गया और उसे फिर से चूमने लगा और अपने हाथ पीछे ले जाकर उसकी ब्रा की हुक खोल दी।
अब मीनल की चूचियाँ मेरे सामने थी, मैं निप्पल को दो उँगलियों के बीच लेकर मसलने लगा।
मीनल अपने होठों को दांतों से काट रही थी।

और मैं अब मीनल की चूचियाँ चूसने लगा।
धीरे धीरे मैं नीचे आ रहा था, और मेरे होठ उसके जिस्म पर सरक रहे थे। मेरे होंठ उसकी नाभि के पास पहुंचे तो मैंने अपने दोनों अंगूठे को उसके कमर पर रख और पैंटी के अंदर डाल कर एलास्टिक को पकड़ कर नीचे सरकाते हुए बाहर निकाल दिया।

मीनल की प्यारी चिकनी चूत मेरे आँखों के सामने थी।
चूत चाटना मुझे बहुत पसंद है, मैंने मीनल के पैरों को मोड़ कर ऊपर उठा दिया और उसके नितम्बों को दोनों हाथों से पकड़ कर उसके पैरों के बीच लेट गया और उसकी खूबसूरत चिकनी चूत चाटने लगा।

मेरे होंठ उसकी चूत पर फिसल रहे थे।
मीनल उत्तेजना में आह, आह की आवाज निकाल रही थी।
मैंने उसकी चूत को दोनों अंगूठों से फैलाया और अपनी जीभ बीच में रखकर चूत अंदर तक चाटने लगा।
चूत चाटने के एक अलग ही मजा है और मैं वो ले रहा था।

अब मैंने अपने कपड़े उतार दिए, मीनल मेरे लंड को गौर से देख रही थी।
मैं मीनल की चूचियों पर बैठ गया और लंड को उसके हाथों में दे दिया।
मीनल मेरे लंड को सहलाने लगी, उसने मेरे लंड को अपने गालों से सटा लिया।

मैंने अपना लंड अब मीनल के मुँह में डाल दिया और मैं आगे पीछे होने लगा, जब मैं आगे होता तो लंड मीनल की मुँह में चला जाता और जब पीछे होता तो बाहर निकल जाता।

शुरू में मीनल को अच्छा नहीं लग रहा था लेकिन कुछ देर के बाद वो लंड को अपने हाथों से पकड़ कर चूसने लगी। वो लंड के आगे वाले हिस्से को जीभ से चाट रही थी।

अब हम दोनों पूरी तरह उत्तेजित हो चुके थे।
इस बीच मीनल बोली- राज अब आओ ना, मुझे चोद दो!

मैं नीचे उतर गया और उसके पैरों के बीच घुटनों पर बैठ गया, उसके पैरों को ऊपर उठा दिया।
उसकी चूत बहुत छोटी थी जो मेरे चाटने से और उत्तेजना से गीली हो गई थी।

मैंने लंड उसकी चूत को फैला कर बीच में रख दिया और धीरे धीरे लंड पर दबाव देना शुरू किया।
लंड थोड़ा सा ही अंदर गया तो मीनल दर्द से चीख पड़ी, मैं थोड़ा रुका और फिर से लंड डालने की कोशिश की लेकिन इस बार भी उसे दर्द हुआ।
मीनल ने बताया था कि उसने सेक्स नहीं किया है, इसलिए उसकी चूत काफी टाइट थी।

मैंने लंड बाहर निकाला और लंड पर ढेर सारा क्रीम लगाई और अपनी ऊँगली पर क्रीम लगा कर उसकी चूत के अंदर लगा दी और ऊँगली अंदर बाहर करने लगा।
मीनल को दर्द हो गया था, मैंने कुछ देर तक ऊँगली अंदर बाहर करते रहा और फिर लंड मीनल की प्यारी चूत के बीच में रख और धीरे धीरे अंदर डालने लगा।

वो दर्द से रोने लगी।
मैंने सोचा कि दर्द तो होना ही है, तो मैंने उसकी कमर को दोनों हाथों से पकड़ा और उसके होठों को अपने होंठों के बीच ले लिया और थोड़ा पीछे हटा और अचानक एक जोर का झटका दिया और लंड सनसनाते हुए चूत में चला गया।

मीनल जोर से चीख पड़ी, उसकी आँखों से आँसू निकलने लगे।
मीनल की चूत से खून निकलने लगा, मैंने लंड बाहर निकाल लिया और रुई लेकर उसकी चूत साफ़ करने लगा।

कुछ देर के बाद खून निकलना बंद हो गया तो मैंने फिर से क्रीम मीनल की चूत में और अपने लंड पर लगाया और मीनल के ऊपर आ गया, उसके पैरों को अपने पैरों से फैलाया और लंड चूत पर रखकर धीरे धीरे अंदर डालने लगा।

मीनल को दर्द हो रहा था, लेकिन लंड अंदर चला गया।
मैं धीरे धीरे लंड अंदर बाहर करने लगा, कुछ देर के बाद दर्द कम होने लगा और मीनल को भी मजा आने लगा।
मेरा लंड बहुत टाइट जा रहा था।

मैं अब जोर जोर से अपनी मीनल की चूत चोद रहा था, मैं जब भी लंड अंदर डालता मीनल को दर्द होता, तो मैंने अपनी रफ़्तार बढ़ाई और मीनल की चुदाई करने लगा, मीनल को दर्द में देखकर मैं जल्दी से चुदाई ख़त्म करना चाहता था।

थोड़ी देर जोर जोर से झटके दिए और फिर मेरा वीर्य निकलने लगा और मैंने अपना वीर्य मीनल की चूत में गिरा दिया।

थोड़ी देर मैं उसके ऊपर लेटा रहा और फिर उठा और मीनल को बाथरूम ले गया और उसकी चूत को अच्छे से धो दिया और अपनी ऊँगली लगा कर उसकी चूत के अंदर लगा दिया।

इस तरह मैंने आँचल की सहेली मीनल की चुदाई की, मीनल की अनछुई जवानी के मजे लिए।

इस कहानी पर आपकी प्रतिक्रियाओं का मुझे इन्तजार रहेगा।
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