गोवा का बीच और देसी लौंडिया का साथ

(Goa Ka Beach Aur Desi Laundiya Ka Sath)

नमस्कार दोस्तो, आप सभी मुझे जानते हो.. मेरा नाम रवि है। मैं अन्तर्वासना का बहुत-बहुत धन्यवाद करता हूँ.. साथ ही आप सभी का धन्यवाद करता हूँ.. जो मेर कहानियाँ पढ़ कर मुझे उसकी कमियाँ बताते हो या पसंद करते हो।

यह कहानी उस वक्त की है.. जब मेरी दोस्त गीत और मैं हम दोनों गोवा घूमने गए थे।

हमारी फ्लाइट दिल्ली से थी और दोनों नियत समय पर एयरपोर्ट पहुँच गए थे।
हमने अपना सामान बुक करवाया और अपने प्लेन की सीट पर जाकर बैठ गए।

हमने शाम को करीब 5 बजे गोवा में लैंड किया।
एयरपोर्ट से हमने टैक्सी ली और सीधे अपने होटल पहुँच गए.. जो कि मैंने पहले ही ऑनलाइन बुक किया हुआ था।

हमारा होटल बीच के बिल्कुल पास था। हम दोनों कमरे में गए और नहा-धो कर फ्रेश हुए.. उसके बाद हमने चाय पी और रात को बीच पार्टी देखने निकल गए।

हमने वहाँ काफी कुछ देखा और रात को सागर के किनारे सैर करते हुए हमें बहुत अच्छा लगा। आगे चल कर हम एक बीच पार्टी में पहुँच गए.. जहाँ पर बहुत सारे कपल डांस कर रहे थे और मस्ती कर रहे थे।

उस पार्टी में एंटर होने के लिए टिकट खरीदनी पड़ती थी, हमने टिकट ली और अन्दर पहुँच गए।
मैं और गीत एक-दूसरे की बाजू में बाजू डाल कर डांस करने लगे।

हम दोनों बहुत बढ़िया डांस कर रहे थे।
गीत और मुझे दूसरे लोगों को देख कर मस्ती बढ़ने लगी.. क्योंकि वहाँ कुछ लोग आपस में किस करते हुए डांस कर रहे थे.. कुछ लड़कियाँ और लड़के किस करते हुए डांस कर रहे थे।

अब मैं भी गीत को छेड़ने लगा था।
मैं कभी गीत की पीठ पर हाथ ले जाता और कभी उसके कूल्हों को टच करके डांस करता। गीत भी मस्ती से खूब मज़े ले-लेकर डांस कर रही थी।

रात के करीब 12 बज चुके थे.. पार्टी पूरे जोरों पर थी.. मैंने गीत को किस की.. गीत भी मेरा पूरा जवाब दे रही थी।
उसने भी मेरी आँखों में आँखें डाल कर मेरे लिप्स पर किस की।

अब हम बिल्कुल खुले डांस कर रहे थे। हमें किसी की कोई परवाह नहीं थी।
गीत ने घूम कर अपनी पीठ मेरी तरफ की और मैं भी गीत की पीठ को हाथ से सहलाते हुए डांस करने लगा।

गीत ने जीन्स और टी-शर्ट पहनी हुई थी।
मैंने अपने दोनों हाथों को आगे किया और गीत के दोनों मम्मे शर्ट के ऊपर से ही दबाने लगा। जिस वक्त की मैं बात कर रहा हूँ.. तब वहाँ की बीच पार्टी में ऐसा सब चलता रहता था।

तभी गीत को शायद मज़ा आने लगा और वो गर्म हो चुकी थी। मैंने देखा कुछ जोड़े पार्टी से जाने लगे थे, हम भी पार्टी से बाहर आ गए..

साथ ही स्टाल पर डिनर लगा था.. हमने वहीं पर डिनर किया और बाहर आ गए।

हम दोनों हाथ में हाथ डाल कर समुंदर के किनारे रेत के ऊपर चलते हुए आ रहे थे।

रात का अंधेरा और चुदाई की आग दोनों तरफ लगी हुई थी।
ठंडी हवा चल रही थी.. समुंदर की लहरें मौसम को और खूबसूरत कर रही थीं.. दिल करता था वहाँ ही बैठ जाएँ।

मैं और गीत पानी में पैर डाल कर वहाँ ही बैठ गए.. जब पानी की लहर आती तो हमारे पैर से लेकर कपड़े तक सब भिगो जाती.. और फिर वापस चली जाती।

मैंने गीत के लबों को अपने लबों में लिया और मस्ती से चूमना शुरू कर दिया।
गीत ने भी अपने दोनों हाथ मेरी पीठ की तरफ ले जाकर मुझे अपनी बाँहों में भर लिया।

हम दोनों ही स्लिम हैं.. इसलिए हमें ऐसे मज़ा बहुत आ रहा था।
मैंने गीत की शर्ट को ऊपर किया और उसकी ब्रा साइड में करके उसके निप्पल्स को हाथ से सहलाने लगा।

अब गीत भी मस्ती से सिसकार रही थी.. मैंने किस करते हुए उसकी गर्दन पर अपने होंठ और जीभ घुमानी शुरू कर दी।

गीत की गर्दन से लेकर मैं अपनी जीभ उसके कान के पास ले गया, उसे बहुत मज़ा आ रहा था।
फिर मैंने उसके दूसरे कान की तरफ भी ऐसे ही किस की.. और अपनी जीभ और होंठ सभी जगह पर घुमाए।

गीत को मज़ा भी बहुत आ रहा था और वो सिसकार रही थी।

तभी मैंने उसको अपनी दोनों टांगों पर बिठाया और उसकी आँखों में आँखें डाल कर कहा- हाँ जानेमन.. बोलो कैसा लग रहा है..
वो बोली- यार की गोद मैं बैठ कर कैसा लगना चाहिए मेरे राजा..

मैंने उसकी इस अदा से खुश होकर उसकी शर्ट को उतार दिया और उसके मम्मो को ब्रा की कैद से आज़ाद कर दिया।
पानी की लहरें बार-बार आ रही थीं और माहौल को और मस्ती से भर रही थीं।

मैंने गीत के मम्मों को अपने होंठों में ले लिया और उसकी पीठ को अपने हाथों से सहलाने लगा।

अब मैं अपनी जीभ से उसकी चूचियाँ चाट रहा था और कभी-कभी दांतों से भी हल्के से काट देता.. तो गीत कसमसा कर रह जाती।

मैंने उसकी दोनों बाँहों को ऊपर उठाया और उसकी बाँहों को मैं किस करने लगा.. जिससे वो और मस्त हो गई।

अभी तक मैं उसके शरीर को ऊपर से ही मस्त कर रहा था.. परन्तु मुझे नहीं पता था कि गीत इतना ज्यादा मज़ा फील कर जाएगी।

वो तो बहुत ज्यादा जोरदार सिसकारियाँ लेने लगी और बोलने लगी- आ..ह्ह जा…नू आह.. उ..ई. बस ब..स.. चो.द… दे. ..चोद… दो.. आ..ह…

जैसे कि मैंने पहले भी बताया था कि गीत जब चुदती है.. तो बिल्कुल बेशर्म हो जाती है और मैं भी।

मैंने अपने आप पर काबू रखते हुए कहा- ले मादरचोद.. अब ले यार की गोद का मज़ा..
मैं फिर से उसे पानी जीभ से ही तड़पाने लगा।

गीत ये सहन न करते हुए.. कसमसा रही थी और मज़े से पानी-पानी हो रही थी।

गीत ने अपना ही एक हाथ हाथ से अपनी जीन्स के बटन को खोल कर अपनी पैंटी सरका कर उसमें डाल दिया और अपने हाथ से अपनी चूत को सहलाने लगी और जोर-जोर से सिसकने लगी।

जब मैंने देखा कि गीत बहुत गर्म हो रही है.. तो मैंने गीत को उठाया और समंदर कि लहरों से थोड़ा दूरी पर ले जाकर उसको रेत पर ही लिटा दिया और उसकी जीन्स और पैंटी उतार दी।
गीत अब बिल्कुल अल्फ नंगी हो चुकी थी।

अब मैंने अपनी जीभ से गीत की चूचियों पर किस किया और फिर अपनी जीभ उसके पेट पर फिराने लगा।
ऐसे मैं उसके हर अंग पर किस करता हुआ अपने होंठ उसकी जवानी के असली भाग तक लेकर आ रहा था।

ज़ल्दी ही मैं उसकी टांगों पर किस कर रहा था।
मेरी जीभ की इस कदर की चटाई से गीत और ज्यादा तड़प उठी थी।

आखिर मैंने उसका इंतज़ार ख़त्म करते हुए उसकी असली हीरोइन.. उसकी जवानी के कीमती खजाने यानि कि उसकी चूत पर अपनी जीभ का अग्र भाग रख दिया और उसकी आग जैसी तपती जवानी ने भी जैसे मुझे वेलकम कहा और अपना गर्म-गर्म पानी मेरी जीभ को टच करवा दिया।

अब गीत बोल रही थी- ओह्ह.. आह्ह.. चोद भी दे अब.. उ.ई. .आ..ह.. साले.. चोद अपनी इस कुतिया को.. आह.. उई. मेरी चूत बहनचोद. फाड़ दे आज.. ये कुतिया चुदने को बेताब है आह्ह.. मेरे चोदू राजा.. आह्ह..

मैंने उसकी चूत में जीभ डाल कर उसको खूब चाटा। उसकी गर्म जवानी से भरे हुए उसके रसीले मम्मे भी खूब दबाए। अब गीत की चूत से पानी टपकने लगा था।

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मैंने उसे कस कर बाँहों में भर लिया और उसकी चूत पर घर चूमा किया और अपनी जीभ को उसकी पूरी चूत में उतार दिया, उसके मम्मों को अपने हाथों से सहलाने लगा। अब गीत पूरी मस्ती से जीभ की चुदाई का मज़ा ले रही थी।

मुझे पूरी उम्मीद थी कि गीत इस बार अपनी जवानी का रस मेरी जीभ पर ही छोड़ देगी.. मतलब वो ऐसे ही छुट जाएगी।
गीत अब बहुत जोरदार ‘आहें..’ भर रही थी ‘उई आह्ह.. चोद दे जानू.. आह्ह..’

चुदाई की मस्ती में गीत की चूत ने आखिर मेरी जीभ का मज़ा न सहन करते हुए अपनी जवानी का पानी मेरी जीभ पर छोड़ दिया और गीत ने अपने दोनों हाथों से मेरे सर को जोर से पानी छोड़ती चूत पर दबा दिया।

मैं उसकी जवानी का पानी पी रहा था। उसकी चूत से टपक रहा पानी सीधा मेरे मुँह में आ रहा था और मेरी जीभ भी उसे चाट रही थी। गीत भी अपनी जवानी का पूरा मज़ा ले रही थी।

आस-पास का शान्त वातावरण जिसमें सामने लहरों की आवाजें करता समंदर.. खुला आसमान.. हम सबसे बेखबर अपने मज़े में डूबे हुए एक-दूसरे की जवानी का मज़ा ले रहे थे।

आखिर गीत ने अपनी चूत कि आखिरी बूंद तक मेरे मुँह में भर दी।

मैंने उसकी चूत को छोड़ा और उसकी आँखों में आँखें डाल कर देखा और कहा- क्यों जानेमन.. कैसा मज़ा आया?
वो भी मेरी आँखों में देखकर बोली- मेरे बेशर्म यार.. जैसा तुम्हें आया।

मैंने तुरंत कहा- साली मेरी प्यारी कुतिया.. मेरा मज़ा तो अभी रूम में जाकर पूरा होगा।

यह कह कर हम दोनों हँसने लगे।
मैंने उसे उठाया.. हम दोनों उठ गए।

तभी गीत बोली- तुम बहुत चालाक हो..
मैंने कहा- क्यों साली.. क्या हुआ.. मादरचोद.. एक तो इतना मज़ा दिया तुझे..

गीत बोली- साले मुझे अल्फ नंगी तो कर दिया और तुमने अपनी शर्ट तक भी नहीं खोली.. तो चालाक ही हुए न..

मैंने कहा- कोई बात नहीं साली.. रूम में चल.. वहाँ जाकर जो मर्जी खोल लेना। यहाँ अँधेरा था न.. वहाँ रोशनी भी खूब होगी।
गीत बोली- अब अपनी बार अँधेरा.. मेरी बारी क्या रोशनी थी.. मेरे चोदू..

गीत अब अपने कपड़े पहन चुकी थी और हमारे दोनों के कपड़े गीले हो चुके थे। ऐसे बातें करते हुए और हँसते हुए हम वहाँ से आने लगे।

हम ज़ल्दी से होटल आए और कमरे में दाखिल हो गए।

रात के करीब 2 बजने वाले थे।
एक घंटा तो हमने बीच पर ही लगा दिया था।

मैंने गीत को फिर से बाँहों में भरा.. परन्तु वो बोली- नहीं जानू.. अब जान नहीं रही.. अब सुबह करेंगे.. नींद भी आ रही है।

मैंने उसे दो-तीन किस किए और बिना चोदे एक-दूसरे को अपनी बाजुओं में लेकर सो गए।

हमें पता ही न चला कि कब सुबह के 7 बज चुके थे।
फिर हमने सुबह जबरदस्त चुदाई की.. जिसकी दास्तान कभी फिर बताऊँगा।

हम गोवा में 4 दिन रहे और अभी तक गोवा की वो रंगीन यादें नहीं भूल पाए हैं।

दोस्तो.. आपको मेरी कहानी कैसी लगी.. मुझे ईमेल करना मत भूलिएगा.. मुझे इंतज़ार रहेगा आप सभी की मेल्स का।
आपका दोस्त रवि स्मार्ट
[email protected]

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