खूबसूरत लड़की मुझपर मरती थी, चुद गयी

(Desi Hot Sex Kahani)

देसी हॉट सेक्स कहानी मेरी एक परिचित लड़की के साथ सेक्स की है. मैं शर्माता था उससे रिश्तेदारी के कारण! लेकिन उसने खुद पहल करके मेरे साथ सम्बन्ध बनाये.

दोस्तो, आज मैं अपनी पहली देसी हॉट सेक्स कहानी आप सबके बीच लेकर हाज़िर हूँ.
आगे बढ़ने से पहले मैं आपको अपना परिचय दे दूं. मेरा नाम अक्की, एक मांसल और गठीले शरीर का मालिक हूँ.
मैं दूसरों की तरह झूठ नहीं बोलूंगा कि मेरा लंड दस इंच का है. हां … मेरा लंड इतना लम्बा और मोटा है कि किसी भी औरत या लड़की को संतुष्ट कर सकता है.

यह देसी हॉट सेक्स कहानी तब की है, जब मैं ग्रेजुएशन के तीसरे साल में था.
मेरी मुलाक़ात मेरे एक परिचित की भतीजी से फ़ेसबुक के माध्यम से हुई.

ये घटना बनारस की है. बनारस नाम से ही शरीर में स्फूर्ति आ जाती है.

अब आपका उन मोहतरमा से परिचय करा देता हूँ, जो मेरे लंड से मुहब्बत कर बैठी थी.
उसका नाम प्रिया था … वो एक सुंदर शरीर की मालकिन थी.
उसका रंग इतना अधिक गोरा था कि कोई भी एक नजर देखे, तो बस देखता ही रह जाए.

तब उसकी उम्र 19 वर्ष की थी. उसका 34-30-34 का फ़िगर इतना मादक था कि जो भी देखता, बस उसे चोदने की सोचने लगता था.
उसके चूचे एकदम कड़क सेवफल से तने हुए थे. उसके मम्मों की जरा सी भी थिरकन किसी को भी आहें भरवाने काफी थे. पीछे से उसके उठे हुए चूतड़ क़यामत बरपाते थे.

पहली बार जब प्रिया का फ़ेसबुक पर मुझे संदेश मिला था, तो मुझे लगा था कि ये किसी फ़ेक व्यक्ति का संदेश है. मैंने उस संदेश को इग्नोर कर दिया था.

लेकिन तीन दिन बाद जब फिर मेरे फ़ोटो पर उसका कमेंट आया और साथ ही ये संदेश कि साहब आप बिजली क्यों गिरा रहे हैं, किसका क़त्ल करने का इरादा है.
उसका ये संदेश देखने के बाद मेरे शरीर में करेंट दौड़ने के लिए काफ़ी था.

मैं थोड़ा शर्मीले स्वभाव का लड़का था. मैंने कुछ उत्तर नहीं दिया.

फेसबुक पर प्रिया से इस तरह से मुलाक़ात होने पर मैं उससे औपचारिक बातचीत करने लगा.
कुछ ही समय में वो मुझसे खुलने की कोशिश करने लगी लेकिन मैं उससे ज्यादा बात नहीं करता था.

एक कारण यह भी था कि वो मेरे परिचित की भतीजी भी थी और मैं बनारस के एक अच्छे विश्वविद्यालय का छात्र था.
ये सोच कर कि लोगों को पता चलेगा तो क्या कहेंगे, मैंने फिर से उसे नजरअंदाज कर दिया.

उसकी तस्वीर देख कर मुझे मेरे मन में हिलोरें सी उठने लगी थीं और हमेशा ही मुझे उसके ही ख्याल आने लगे थे.

मैं बार बार उसे नजरअंदाज करने लगा था, तो शायद उसको भी बुरा लगा था.
कुछ दिन बाद उसके कमेंट्स आने बंद हो गए थे.

लेकिन फ़ेसबुक पर मेरी फ़ोटो को पसंद करने का उसका सिलसिला चलता रहा. उसने मेरी फोटो को लाइक किया है, ये मुझे मालूम चल जाता था.

मेरे मन में उसके लिए प्यार उमड़ने लगा था … मगर मेरे फट्टू स्वभाव के चलते हम दोनों की गाड़ी अटक सी गई थी.

फिर कई दिन बाद मैंने उसे मैसेंजर पर हैलो का संदेश भेजा.

मेरा संदेश पाकर वो चहक उठी और उसने तुरंत रिप्लाई किया- बहुत जल्दी रेस्पॉन्स कर दिए साहब.
मैंने कहा- क्यों क्या हुआ?

वो बोली- आज इतने बाद मुझे मैसेज कर रहे हो … तो इसे क्या कहूँ?
मैंने हंसने वाली इमोजी भेज दी और कहा- मैं फेसबुक कम चलाता हूँ.

वो बोली- हां देखती हूँ कि जब तब आप ऑनलाइन दिखते हो, फोटो भी शेयर करते हो मगर कम चलाते हो … वाह जनाब, क्या चुटकुला सुनाया है. और कोई नहीं मिला क्या सुबह से, जो मुझे ही घिसने में लगे हो!
मैं सिर्फ मुस्कुरा दिया.

उसने मुझसे पूछा- आप सच सच बताओ … मैं आपको कैसी लगती हूँ?
मैंने कहा- किस सेन्स में?

वो सर ठोकने वाली इमोजी भेज कर बोली- यार, मैंने किस तरह के इंसान से दोस्ती की है. आपको ये समझ नहीं आया है कि मैं किसलिए पूछ रही हूँ?
मैंने कहा- देखो प्रिया … मैं तुमको बहुत पसंद करता हूँ मगर मुझे लगता है कि हमारे परिचितों के कारण मुझे तुमसे दोस्ती नहीं करना चाहिए.

वो बोली- इस बात का क्या मतलब हुआ?
मैंने कहा- इसका मतलब ये हुआ कि कल के दिन किसी को कुछ आपत्ति हुई तो मैं क्या कहूंगा?

वो बोली- अच्छा जब की तब देखी जाएगी, आप तो अभी की बात करो कि मैं आपको कैसी लगती हूँ.
मेरे मुँह से एकदम से निकल गया- हॉट.

वो बोली- अरे वाह मैं आपको हॉट लगती हूँ, मैं तो समझ रही थी कि आपको ये हॉट शॉट शब्द आते ही नहीं हैं.

मैंने कहा- ओके, अब मालूम हो गया है.
वो बोली- हां हुजूर अब तो मैं एकदम से समझ गई हूँ कि साहब को मैं हॉट लगती हूँ. मगर एक बार जरा साफ कर देते कि कितनी हॉट लगती हूँ तो उसी हिसाब से मैं खुद को देख लेती.

उसकी बात पर मेरी हंसी छूट गई और मैंने उसे हंसने वाली इमोजी भेज दी.

उसने भी लिखा- अच्छा समझ गई कि साहेब को मैं हंसने वाली हॉट लगती हूँ.
मैंने कहा- तुम पागल हो … अच्छा अब मुझे जाने दो, फिर मिलूंगा.

वो बोली- कब मिलोगे जी … जरा बता देते तो दिल को तसल्ली हो जाती.
मैंने कहा- मैं मैसेज कर दूँगा.
वो बोली- ओके.

उस दिन मेरी प्रिया से इसी तरह की हल्की फुल्की मजाक वाली बातचीत हुई.
फिर उसके बाद बातों का सिलसिला शुरू हो गया. वो मेरे साथ काफी हद तक खुलने लगी थी और शायद मेरा मन भी उसके लिए कामुक होने लगा था.

एक दिन उसने मुझे मिलने के लिए एक रेस्टोरेंट में बुलाया.

मैं तय समय पर यानि शाम के पांच बजे जब वहां पहुंचा, तो मैं उसे वहां नहीं देख पाया था.
मुझे लगा कि वो अभी आ रही होगी.

लेकिन जब वेटर ने मुझसे आकर कहा कि मैडम कोने में आपका इंतज़ार कर रही हैं … तो मैं उसी साइड में गया.
वहां उसे देख कर बस देखता ही रह गया. प्रिया लाल रंग के लिबास में बिल्कुल अप्सरा सी लग रही थी.

उसने मुझे टहोका और कहा कि ऐसे खड़े खड़े ही खा जाओगे क्या … बैठ तो जाओ.
मुझे उसने बैठने के लिए कहा, तो मैं उसके सामने वाले कुर्सी पर बैठ गया.

वो मुस्कुराई और बोली- आज तो बड़े हैंडसम लग रहे हो.
मैंने उसकी तरफ देखा और कहा- सच में कह रही हो या यूं ही मुझे चिढ़ा रही हो?

वो हंस कर बोली- क्या खुद पर भरोसा नहीं है?
मैंने कहा- भरोसा तो है … मगर …

वो मेरी बात काटते हुए बोली- आपको खुद पर भरोसा हो न हो … मगर मुझे खुद पर भरोसा है कि मैं हॉट लग रही हूँ.
मैं उसकी चुलबुली बात पर हंस पड़ा.

उसने आगे कहा- यार आप एक बार सामने से भी कह देते कि मैं खूबसूरत लग रही हूँ तो मेरा मन भी खुश हो जाता.
मैंने कहा- तुम खूबसूरत ही नहीं, किसी फिल्म की हीरोइन सी लग रही हो.

वो खुश हो गई और बोली- वाह साहेब, आपने तो मेरा दिल खुश कर दिया. अब सुनो … जब मुझ जैसी फिल्म की हीरोइन आपके सामने बैठ कर आपको हैंडसम कह रही है तो आपको इस बात का भरोसा हो जाना चाहिए कि आप हैंडसम हैं.
मैंने कहा- चलो … वो सब छोड़ो, अब ये बताओ कि क्या खाना पसंद करोगी?

वो बोली- एक प्लेट आप.
मैं हंस दिया और कहा- मुझे तो तुम समूचा खा जाओ, मैंने कब मना किया है.
वो बोली- हां उसका मूड तो है, अभी बताती हूँ.

फिर नाश्ता करने के बाद उसने मुझसे घाट पर चलने के लिए बोला. हम पास के ही घाट पर निकल पड़े.

उसका साथ मुझे एक सुखद अनुभूति दे रहा था. वह मेरी व्यक्तिगत जीवन के बारे में जानना चाह रही थी. मेरी ज़िन्दगी तो एक खुली किताब की तरह थी.

बात करते करते हम घाट पर आ पहुंचे. वहां बैठ कर गप्पें शुरू हो गईं. फिर हम दोनों अलग अलग होकर अपने अपने घर चले गए.

ऐसे ही कई दिन बीत जाने के बाद वो एक दिन मेरे रूम पर आयी क्योंकि मैं थोड़ा बीमार था.

अब जब भी उसका मन करता, वो मेरे रूम पर आ जाती थी.

एक दिन वो जब रूम पर आयी तो कहने लगी कि जब वो मेरे पास आ रही थी, तो कुछ लड़के उसका पीछा कर रहे थे और अश्लील भाषा बोल रहे थे. एक आप हो कि जवान लड़की पास आती है और आप कुछ करते ही नहीं.

मैंने बोला- क्या करना चाहिए मुझे?
वो वासना भरी नजरों से मुझे देखते हुए बोली- आप बहुत कुछ कर सकते हैं … शुरू तो कीजिए जनाब.
इतना कहते ही उसने मेरे होंठों को चूम लिया.

अचानक हुए इस हरकत से मैं घबरा गया लेकिन मेरा भी मन करने लगा था कि उसको किस करूं. लेकिन मैं ये भी चाह रहा था कि अभी भी पहल वही करे.

मैंने उससे बोल दिया- ये सब काम ठीक नहीं, लोग क्या कहेंगे.
वो बोली- आप भी जवान और मैं भी … तो फिर क्यों घबराना. ऐसे ज़िन्दगी कैसे जिएंगे आप. मन में तो आपके भी हसरतें होंगी … तो फिर संकोच कैसा?

इतना कह कर वो फिर से मुझे चूमने लगी.

अब बारी मेरी थी. मैं भी उसे चूमने लगा. हम दोनों गर्म होने लगे थे. हालांकि मैं सेक्स पहली बार करने जा रहा था, मुझे कोई अनुभव नहीं था.

मैंने अपना हाथ उसकी पैंटी में डाल दिया और उसके छेद को सहलाने लगा.

इस हरकत से वो और भी गर्म होने लगी लेकिन उसकी दिली इच्छा और भी गर्म होने की थी.
ये बात मुझे बाद में पता चली.

जब मैं उसकी बुर को सहला रहा था, तो वो भी मेरे लंड से खेलने लगी.

फिर वो बोली- इसे तो मैं बहुत दिन से पाना चाह रही थी … राजा, आज इसे मेरे अन्दर डाल दो.

अब उसकी भाषा बदलने लगी थी. मेरा पहली बार था, इसलिए उत्तेजना ज़्यादा थी.
लेकिन मुझे ऐसा लगा कि इस मामले में उसे अनुभव ज़्यादा है.

जल्द ही उसने मेरे लोअर को निकाल फेंका. मैं अंडरवियर नहीं पहने था, इसलिए मेरा लंड फुंफकारने लगा.

लंड देख कर उसके मुँह में पानी आने लगा.
उसने एक बार मेरी आंखों में देखा और तुरंत ही मेरे लंड को अपने मुँह में लेकर चूसने लगी.

मैं इतना ज्यादा उत्तेजित हो गया था कि सिर्फ़ दो मिनट में ही झड़ गया.

उसने लंड को चूमते हुए कहा- राजा, पहली बार में इतनी जल्दी झड़ गए.
उसके कमेंट्स से मैं अन्दर से शर्मिंदा महसूस करने लगा और मेरे अन्दर का मर्द जाग गया.

फिर पांच मिनट के बाद सेक्स की हरकतों से जब लंड फिर फुंफकारने लगा, तो मैंने लंड उसकी बुर में उसे डाल देने का निर्णय किया.
उसके पैरों को फैलाकर जब उसकी बुर पर लंड रगड़ने लगा, तो वो बिन पानी की मछली की तरह तड़पने लगी और लंड को अन्दर डालने की मिन्नतें करने लगी.

प्रिया ने खुद अपने हाथ से ही मेरे लंड को अपने बुर पर सैट किया और मुझे आमंत्रित करते हुए बोली- मैं चिल्लाऊं या कुछ भी कहूँ … आप रुकना नहीं.

मैंने लंड को ताकत दी तो खेल शुरू हो गया. अभी मेरे लंड का टोपा ही अन्दर गया था कि उसकी आंखों में आंसू आ गए और चीख़ निकल गयी.
लेकिन वो मेरे मोटे लंड को पूरी तरह अन्दर भी लेना चाहती थी.

मैंने भी अपना पूरा लंड थोड़ा रुक कर एक ही ज़ोरदार झटके में अन्दर डाल दिया.
जब लंड उसकी बुर में सैट हो गया, तो वो ख़ुद ही गांड उठा उठा कर चुदने लगी.

दस मिनट के इस घमासान के बाद हम दोनों एक साथ झड़ गए. वो मेरे सीने से चिपक कर मुझे प्यार करने लगी.

कुछ देर बाद हम दोनों अलग हुए. आधा घंटे बाद फिर से अभिसार शुरू हो गया. इस तरह से वो मेरे लंड की दीवानी हो गई और जब तब मेरे साथ सेक्स का मजा लेने आने लगी.

दोस्तो, यह मेरी पहला सेक्स अनुभव था. आगे और भी अपने अनुभवों को आपके साथ सांझा करने का प्रयास करूंगा. देसी हॉट सेक्स कहानी पर आप अपनी राय मुझे मेल के माध्यम से बता सकते हैं.

[email protected]

What did you think of this story??

Comments

Scroll To Top