अल्हड़ पंजाबन लड़की संग पहला सम्भोग-2

(Alhad Panjaban Ladki Sang Pahla Sambhog- Part 2)

This story is part of a series:

आपने अब तक पढ़ा था कि मैं और पायल के पापा.. पायल को एग्जाम दिलाने दिल्ली ले गए थे.. वहाँ पहुँचते ही मालूम कि पायल की मम्मी के गिर जाने से उनकी हड्डी टूट गई थी जिसके कारण पायल के पापा वापस चले गए।
अब मैं और पायल ही रह गए थे।

अब आगे..

अचानक पायल बोली- तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है क्या?
मैं- नहीं..
पायल- क्यों?
मैं- क्या करूँ.. कोई मुझको पसंद ही नहीं करता।
पायल- अच्छा..

मैं- तुम्हारा कोई बॉयफ्रेंड नहीं है क्या?
पायल- नहीं..
‘ओह्ह..’

पायल से इस तरह बात शुरू हुई और मुझको कुछ तसल्ली हुई।

मेरी आँखें उसकी मस्त और सेक्सी बॉडी को घूर रही थीं। उसके छोटे-छोटे से उरोज़.. गालों की लाली.. मुझको दीवाना बना रही थी।

मेरे बॉक्सर में मेरा लण्ड आकार लेने लगा था.. सो मैंने किसी भी तरह के परेशानी से बचने के लिए उस पर एक तकिया रख लिया ताकि पायल मेरे उठे हुए लण्ड को न देखे।

पायल मेरे को इस तरह से घूरते देख कर शर्माने लगी और उसके गालों की लाली बढ़ गई.. जो मुझको और वासना की आग में झोंक रही थी।
वो बोल- क्या देख रहे हो राहुल.. क्या मेरे को पहले कभी देखा नहीं है?
मैं- तुम बहुत खूबसूरत हो पायल.. देखा तो बहुत बार है.. और एक बार तो बहुत अच्छे से भी देखा है (मेरा इशारा उस तौलिया वाली घटना की तरफ था) पर इतना पास से.. और इतने इत्मीनान से पहली बार देख रहा हूँ।

पायल मेरी इस बात को समझ कर और भी शर्मा गई, उसके गाल और लाल हो गए।
शायद पायल के दिमाग में भी मेरे जैसा ही शायद चल रहा था.. पर उसकी हिचकिचाहट उसे आगे बढ़ने से रोक देती थी।

पायल- ऐसा क्या देखा मेरे अन्दर.. जो किसी और में नहीं देखा?
मैं- आज तक इतने ध्यान से किसी को देखा ही नहीं यार.. जितने पास से तुमको देखा। क्या नहीं है तुम्हारे पास.. और जो तेरे पास है.. उस जैसा शायद ही किसी लड़की के पास हो।

यह कह कर मैंने उसकी आँखों में झाँका.. तो उसने शर्मा कर नजरें झुका लीं।
इस एक झलक में उसने मेरी आँखों में खुद के लिए अपनापन और प्यार को अच्छे से देख लिया था।
मैं जानता था कि मैं आगे बढ़ सकता हूँ.. पर मन के किसी कोने में डर भी था कि वो कहीं भड़क न जाए।

बिस्तर पर तकिये के सहारे दीवार से लगकर मैं आधा लेटा हुआ था और पायल मेंरे पैर की तरफ बिस्तर के एक कोने में बैठी थी।
मैं- पायल एक बात पूछूँ?
पायल- पूछो..
मैं- तुमको मैं कैसा लगता हूँ.. मेरा मतलब है कि तुम मेरे बारे में क्या फील करती हो?

पायल मेरे सवाल पर कुछ नहीं बोली.. एकदम चुप से हो गई। उसने मेरी तरफ एक बार देखा और नजरें झुका लीं।
‘बोलो न पायल..’

पायल- राहुल तुम एक अच्छे लड़के हो.. मेरे दिल में एक सॉफ्ट कार्नर भी तुम्हारे लिए है.. पर मैं वैसा नहीं सोचती जो किसी लड़की को एक लड़के के लिए सोचती है। तुम समझ रहे हो न राहुल?

पायल से एक लम्बी चुप्पी के बाद बड़ा सा स्टेटमेंट दिया.. जो मेरे लिए एक शुभ संकेत था। मैं भी कोई रिलेशन में नहीं जाना चाहता था। मेरा ध्यान सिर्फ और सिर्फ उसको चोदना था।

मैं- देखो पायल मैं तुमको बहुत पसंद करता हूँ.. पर मैं भी कोई रिलेशनशिप अभी नहीं चाहता.. क्या तुम मेरी गर्लफ्रेंड बनोगी? देखो तुम पर कोई दबाव नहीं है.. तुम चाहो तो मना भी कर सकती हो। मुझको बुरा नहीं लगेगा। देखो जो मेरे दिल में होता है.. वही मेरी जुबान पर भी होता है। मैं बहुत साफ और खुले दिल का इंसान हूँ।
पायल- वो मैं जानती हूँ।

फिर थोड़ी से चुप्पी के बाद बोली- मुझे आपकी गर्लफ्रेंड बन कर अच्छा लगेगा.. पर मैं कोई आपको वादा नहीं कर सकती।

मैं- मैंने कब कहा तुम कोई वादा करो.. देखो हम दोनों का ही कोई बॉयफ्रेंड या गर्लफ्रेंड नहीं है.. सो हम दोनों एक-दूसरे के बन सकते हैं और भविष्य किसने देखा है?

पायल मेरी बात सुनकर मुस्कराई.. शायद वो भी समझ चुकी थी कि मैं क्या कहना चाहता हूँ.. फिर भी वो अनजान बनी रही।

मैंने टाइम देखा अभी सिर्फ 8 बजे थे। अब भी बहुत टाइम था हमारे पास और मैं चाहता था कि वो बात करती रहे। मैं इस बात को किसी तरह सेक्स चैट की तरफ ले जाना चाहता था।
‘पायल मेरे पास आकर बैठो न..’

मेरी बात सुन कर पायल ने एक अजीब सा फील करके मेरी तरफ देखा।

उसके चेहरे से मैंने अंदाज़ा लगा लिया कि वो हिचकिचा रही है.. शायद उसके मन कुछ डर सा भी था।

मैं उठा और उसका हाथ पकड़ कर अपनी तरफ बुलाया, वो धीरे से मेरे पास खिसक कर बैठ गई।

हम दोनों ही बहुत अजीब सा फील कर रहे थे, मेरे दिल की धड़कन तेज़ थीं, जिस्म में कंपकपाहट थी।

आप जानते ही होंगे कि किसी लड़की के साथ बंद कमरे में अकेले होना.. दोनों को कितनी घबराहट से भर देता है। वो भी तब.. जब दोनों का ही पहली बार हो।

हम दोनों के बीच एक लम्बी चुप्पी से छा गई.. सिर्फ रुक-रुक कर एक-दूसरे को गहरी नजरों से देख लेते थे।

तभी पायल एकदम से उठी और बोली- मैं फ्रेश हो तैयार हो जाती हूँ।
वो उठी ही थी कि अचानक मैंने उसका हाथ पकड़ कर बोला- रुको न.. अभी बहुत टाइम है.. थोड़ी बात करते हैं।

मेरे अचानक हाथ खींचने से वो एकदम से मेरे ऊपर गिर गई, मेरे सीने में उसके प्यारे-प्यारे मस्त चूचों के गड़ने से मेरे मुँह से ‘आह..’ की आवाज़ निकली।

हाय.. कितना सॉफ्ट सा टच था.. मेरे हाथ उसकी कमर में थे.. कुछ पल तो हम दोनों ही सब भूल गए।

उसने सर उठा कर मेरी आँखों में देखा, मुझे उसकी आँखों में वो ही नज़र आया.. जो मेरे दिल में था।
वो उठने लगी.. मैंने भी उसे जाने दिया पर उसकी पूरी पीठ में एक बार उसकी ब्रा का स्ट्रेप फील करते हुए हाथ फेर दिया।

मेरे इस सेंसुअल टच से उसके जिस्म की थरथराहट को मैंने महसूस कर लिया था।
‘सॉरी..’
एक छोटा सा शब्द मैंने बोला.. पर वो चुप रही..

मैंने फिर से बोला- सॉरी ना..
‘ओके..’ पायल एक हल्की से मुस्कान के साथ बोली।

मैं- सो नाऊ वी आर कपल?
यह सुन कर पायल ने मेरी तरफ देखा और कुछ पल रुक कर धीरे से अपना सर धीरे से हिला कर ‘यस’ कहा।

दोस्तो, अचानक मैंने अपने आपको काफी हल्का सा महसूस किया। मैं उसको चोदने की दिशा में एक कदम बढ़ा चुका था। वो पल दूर नहीं था जब मैं उसकी न्यूड बॉडी को महसूस कर पाउँगा.. उसके मस्त चूचों को चूस पाऊँगा.. उसकी कुंवारी चूत का पहला पानी पी सकूंगा।

उसका हाथ अपने हाथ में लेकर उसे सहलाते हुए बोला- पायल आई लाइक यू सो मच.. आई एम वेरी हैप्पी नाउ।
पायल हल्के से मुस्कराई और बोली- मैं भी..

मैंने फिर हल्के से उसके हाथों में प्यार से भरा चुम्बन किया। वो एकदम से काँप गई और हाथ को छुड़ाने लगी। पर मेरी पकड़ मज़बूत थी.. मैंने उसका हाथ नहीं छोड़ा और उसको अपने और नज़दीक खींच लिया।
वो धीरे से मेरे और पास आ गई।

उसके हाथों से मैं उसकी घबराहट महसूस कर रहा था.. दोनों की ही हथेली पसीने से भीग गई थी। हम दोनों एक-दूसरे की आँखों में देखते हुए ना चाहते हुए भी बहुत कुछ कह रहे थे, बिना बोले एक-दूसरे की मानसिक स्थिति महसूस को कर रहे थे।

मैं अपने होंठ उसकी हथेली पर रख कर रगड़ने लगा। पायल ने अपने आपको छुड़ाने की एक नाकामयाब कोशिश के बाद अपनी आँखें बंद कर लीं।

मेरे हाथ धीरे से उसकी पतली कमर को पकड़ कर अपने पास खींच कर बाँहों में हल्के से भर लिया। पायल की साँसें तेज हो रही थीं, उसका बदन कांप रहा था, मेरे हाथों का जादुई स्पर्श उसको भी अच्छा लग रहा था।

धीरे से मैंने उसके गालों पर एक चुम्बन किया। उसके मुँह से हल्की ‘आअह..’ निकली, उसके बदन में कंपकंपाहट थी।

मेरे होंठों ने उसको धीरे-धीरे किस करना शुरू किया। कभी उसकी गर्दन पर.. और कभी गालों पर.. आँखों पर..
मेरे होंठों का स्पर्श मेरे और उसके अन्दर एक आग को जला रहा था- आअह्ह राहुल.. आआह्ह प्लीज़.. छोड़ो.. आअह्ह्ह मत करो.. रुकोओओ..

पर मैं कुछ सुनने को तैयार नहीं था, मैं लगातार उसको चूम रहा था, मेरे हाथ उसकी पीठ में इधर-उधर हो रहे थे।
मैं उसके बदन की मुलायमियत.. कोमलता.. और पवित्रता को महसूस कर रहा था।

पायल की आवाजें बढ़ रही थीं- राहुल प्लीज़ छोड़ो.. रुकोओ.. मत करो.. आआह्ह..
मैं- पायल मुझे मत रोको ना.. तुमको अच्छा लगेगा..
पायल- नहीं.. ये सही नहीं है.. रुको.. आअह्हह्हह.. क्या कर रहे हो.. आआह्ह्ह मत करो.. मुझे कुछ हो रहा है.. आअह्ह्ह.. राहुल क्या कर रहे हो।

मैं- पायल हम दोनों अब कपल हैं ना.. और यह कपल के बीच सब सही होता है।
पायल- नहीं.. मैं नहीं कर सकती ये सब.. ये गलत है।
मैं- क्या गलत है और क्या नहीं कर सकती?
पायल- वही.. जो तुम कर रहे हो.. बहुत अजीब सा महसूस हो रहा है। मैंने कभी ऐसा महसूस नहीं किया.. हम दोनों के बीच यह सब सही नहीं है।

उसकी हल्की और धीरे आती आवाज़ से मैं अंदाज़ा लगा सकता था कि उसको अच्छा लग रहा है.. पर कहीं ना कहीं वो दिल से भी सब चाहती है.. पर डर के वो मना कर रही है, उसको उसके संस्कार और एथिक्स उसको रोक रहे थे।

मैंने उसको अपनी बाँहों में लेकर एक हाथ से उसकी ठोड़ी को उठा कर उसकी आँखों में देखा।
पायल ने भी प्यार से भरी निगाहों से एक बार मेरी तरफ देखा और आँख बंद कर लीं।

मैंने अपने होंठों को उसके सॉफ्ट और रसीले होंठों पर रख दिए।

आअह क्या पल था.. ऐसा पल जिसे सिर्फ हम और आप महसूस कर सकते हैं।

पायल ने काम्प कर मुझको कस के पकड़ लिया.. पर प्रतिउत्तर में कुछ नहीं किया। उसने एक बार फिर दूर जाने की कोशिश की.. पर वो मेरी बांहों से निकल नहीं पाई।
मेरे होंठ उसके नीचे के होंठों को चूस रहे थे।

मैंने कोशिश की उसके होंठों के अन्दर तक किस करने की.. पर पायल ने कस कर अपने होंठों को बंद कर लिया। मैं कभी नीचे का होंठ तो कभी ऊपर का होंठ चूस रहा था।

मेरे हाथ उसकी नर्म काया को सहला कर उसमें उत्तेजना का संचार कर रहे थे, वो कस के मुझे पकड़ रही थी।
थोड़ी कोशिश के बाद उसने उसने रेस्पॉन्स करना शुरू किया और मेरे होंठों को ठीक से किस करने की इज़ाज़त दे दी।

दोस्तो, आगे की कहानी के लिए आपसे जल्द मिलता हूँ।
आपके पत्रों और कमेन्ट्स का इन्तजार रहेगा।
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