बदन बदन से और लबों से लब मिलते हैं
अन्तर्वासना के समस्त पाठकों को कवि पंकज प्रखर का प्यार भरा नमस्कार… कई वर्षों से अन्तर्वासना की रागानुराग रंजित कथाएँ पढ़ने के उपरान्त मन में उत्कंठा जागी कि कुछ अपनी आपबीती भी दुनिया के साथ बाँट ली जाए… वरना दुनिया के अफ़साने पढ़ते पढ़ते कहीं अपने दिल की यादगार स्मृतियाँ समय के गर्त में विलीन […]