मैं कॉलगर्ल कैसे बन गई-8
अब मेरी हालत ऐसी हो गई थी, जैसे मैं कोई खेलने की वस्तु थी. हर कोई मुझे अपनी गोदी में बैठाना चाहता था और रात को वो सब सच करवाना भी चाहता था, जो कोई भी अय्याश किसी लड़की के साथ करते हैं, मगर सुबह के उजाले में वो मेरी परछाई भी देखना पसंद नहीं करते थे.