अंजलि की खुशी-1
मेरा नाम अंजलि है। अपनी गाण्ड में लौड़े लेना मेरी सबसे बड़ी खुशी है! कुछ लड़कियाँ समझती हैं कि इसमें बहुत ज्यादा दर्द होता है, या यह गलत है, लेकिन मैं जानती हूँ कि दुनिया में इससे बेहतर आनन्द कोई नहीं हो सकता!
चूत चुदवाने या चोदने की हमेशा चुदास रहने की कहानियाँ
Hamesha Chut Chodane ya Chudwane Ki chudas Rahne ki Kahaniyan
Stories about always horny, lusty males and females
मेरा नाम अंजलि है। अपनी गाण्ड में लौड़े लेना मेरी सबसे बड़ी खुशी है! कुछ लड़कियाँ समझती हैं कि इसमें बहुत ज्यादा दर्द होता है, या यह गलत है, लेकिन मैं जानती हूँ कि दुनिया में इससे बेहतर आनन्द कोई नहीं हो सकता!
तुम मेरी पस्सी में फ़िन्गर करते जा रहे हो और मेरी चूची दबाते जा रहे हो... मुझे तुम्हारा लन्ड चाहिये मेरी बूर में
तुम इस तरह मेरी बाहों में बैठो कि तुम्हारा गोरा बदन पूरी तरह मेरी बाहों में आ जाये" और तुमने अपनी दोनो टांगें खोल के चौड़ी की और सीधे मेरे लन्ड पे आ के बैठ गयी
मैं हर जगह अपने लिए मर्द तलाशती फ़िरती हूँ, अपना बदन दिखाती फ़िरती हूँ, अक्सर सड़क पर चलते-चलते मैं मर्दों की पैन्ट का उभार सहला देती हूँ, कहीं बैठती हूँ तो टांगें फ़ैला कर! ताकि लोग मेरी चूत के दर्शन कर सकें!
मैंने मुस्कुराते हुए कहा- शैलीन, सच में तुम बहुत खूबसूरत हो! मैंने आज तक तुम्हारे जैसी कभी किसी को नहीं देखा! जी तो चाहता है कि तुम्हें हमेशा के लिए अपना बना लूँ!
मेरा दिल जोर-जोर से धड़क रहा था, सही-गलत समझ में नहीं आ रहा था। अगर शैलीन को कोई ऐतराज नहीं है, तो मैं क्यों संत बन रहा हूँ? मैं अभी इसकी जरुरत हूँ, यह मेरी!
उसका दोस्त नीचे लेट गया और मुझे उसके ऊपर लेट कर चूत में लण्ड घुसाने को कहा. मैं उसके दोस्त के ऊपर आ गई और उसके खड़े लण्ड पर चूत को फ़िट कर दिया.
मैं अन्तर्वासना का काफी पुराना पाठक हूँ सभी मर्द, औरतों, लड़कियों को मेरे 6 इंची लंड महादेव का सादर प्रणाम! मेरा नाम मलिक है। वैसे तो मैं मध्य प्रदेश का रहने वाला हूँ पर मैं अभी राजस्थान में रहता हूँ! मेरा काम अन्डर-गारर्मेंट्स-मार्केटिंग का है जिसमें कभी कभी ही घूमना होता है। अब मैं आपको […]
दूसरे वाले ने भी लौड़ा निकाल लिया कभी एक मुँह में देता, कभी दूसरा देता। दोनों के बड़े-बड़े लौड़े थे, मैं जल्दी-जल्दी चूसने लगी। वो मेरे चुचूकों को चुटकी से मसल रहे थे, दोनों ने मुझ से खूब लौड़े चुसवाये और मुझे दबाया-मसला।
कहानी का पहला भाग : मेरी माँ सेक्सी माँ-1 कहानी का दूसरा भाग : मेरी माँ सेक्सी माँ-2 दरवाजा खुला होने के कारण मैं भी बाथरूम में घुस गया। माँ को पता नहीं लगा क्योंकि उनका मुँह पीछे की तरफ था, वो ब्रा पहन रही थी। मैंने उन्हें पीछे से जाकर पकड़ लिए और उनके […]
कहानी का पहला भाग : मेरी माँ सेक्सी माँ-1 मैंने कहा- हाँ माँ! मैं समझ सकता हूँ कि आप पर क्या बीत रही है! पर मैं एक बात बता दूँ कि मैं बच्चा नहीं रहा अब! पूरे 19 साल का हो गया हूँ! और मेरा पप्पू भी। वो बोली- क्या कहा तूने? मैं सकपका गया […]
भरी वर्षा में उसकी चुदाई मुझे आज तक याद आती है। काश आज पचास की उमर में भी ऐसा ही कोई हरा भरा जवान आ कर मुझे मस्त चोद डाले... मेरे मन की आग बुझा दे...
सभी अन्तर्वासना पढ़ने वालों को बहुत बहुत सतिकार, प्यार ! भगवान् करे सब के लौड़े मस्त रहें ,खड़े रहें अपनी-अपनी बीवियों को खुश करते रहें ! मेरा नाम है साधना, उम्र पच्चीस साल, अमृतसर, पंजाब की रहने वाली हूँ, पांच फ़ुट पांच इंच कद, तीखे से नयन नक्श, गुंधा हुआ जिस्म, कहर ढहाने वाली छाती […]
मेरा नाम राज है। मैं 21 साल का लड़का हूं। कहानी शुरु करने से पहले मैं बता दूं कि यह अन्तर्वासना पर मेरी पहली कहानी है। मैं आप सब लोगों से विनती करूँगा कि मुझे कोई गलत नाम से ईमेल ना करे। इससे पहले मैंने किसी लड़की के साथ सेक्स नहीं किया था। पर मुझे […]
जांघों को चूमते-चूमते मैंने उनकी स्कर्ट पूरी ऊपर कर दी और अपनी उंगली उनकी पेंटी में डाल कर उसको एक तरफ़ करके पहली बार उनकी चूत के दर्शन किये.
देखते ही देखते मैं स्कूल, कॉलेज में मेरी पहचान एक बेहद चालू माल की बन गई। कई लड़कों अथवा मर्दों ने मेरा रसपान किया।
चाचा दुबई में थे और साल दो साल में एक महीने के लिये आते थे। तो आप समझ सकते हैं कि चाची कि हालत क्या होती होगी जब चाचा वापस चले जाते होंगे।
बिस्तर देख हम दोनों रुक ना पाए और दोस्त के सामने ही उसने मुझे नंगी कर दिया। जैसे जैसे वो मुझे नंगी करने लगा, तैसे तैसे उसका जोश बढ़ने लगा और हम दोनों ने एक दूसरे को निर्वस्त्र कर दिया तेज़ साँसों से पागलों की तरह !
जीजू का लण्ड फिर से खड़ा हो गया और उन्होंने मुझे पलटी मार कर उल्टा कर दिया. मेरे छोटे-छोटे कसे हुए चूतड़ों के बीच उन्होंने अपना लण्ड फ़ंसा दिया.
मैंने धीरे से साड़ी के भीतर हाथ डाला। पूरे पैर को सहलाते हुए जांघों तक पहुँचा। इस बीच उनके हाथ मेरे लुंगी के भीतर मेरे लोहे जैसे गर्म और सख्त टूल को टटोलने लगे थे।