बेचारा पति

जिस पति को अपनी पत्नी की गैर मर्द से चुदाई करवाने, देखने में मज़ा आता हो

तेरा साथ है कितना प्यारा-5

आशीष लगातार मेरे स्तनों को दबा रहे थे, मेरे निप्पलों से खेल रहे थे परन्तु चूंकि मैं आशीष की टांगों के बीच में थी तो उनको बार बार मेरे स्तनों को सहलाने में परेशानी हो रही थी।

मेरी चालू बीवी-64

ऋज़ू- अरे वो नंगी रण्डी.. जिसने कच्छी नहीं पहनी थी, तेरे साथ थी? ..उसी के साथ तो था वो कमीना... चल छोड़ उसको, उसकी चूत से कहीं मजेदार है मेरी चूत.. चल आज मुझे अपना मूत पिला... उसको चुदने दे किसी और से...

सामूहिक चुदाई का आनन्द-7

जूजा जी अब तक आपने पढ़ा कि मेरी बातों को सुन कर पंकज हंस पड़ा और बोला- विभा, मैं तो तुम्हें एक चुदक्कड़ औरत समझ रहा था लेकिन तुम तो गाण्डू भी हो। चलो अब मैं तुम्हारी गाण्ड मारता हूँ। इतना कहकर पंकज ने अपना लण्ड मेरी गाण्ड में एक झटके से ठूँस दिया और […]

तेरा साथ है कितना प्यारा-1

उन्होंने मुझे खींचकर अपनी छाती से चिपका लिया और एक मीठा सा चुम्बन दिया। मैं तो शर्म से धरती में गड़ी जा रही थी पर उनकी छाती से चिपकना बहुत अच्छा लग रहा था।

चूत की कसक

कथा रूपांतरण : डॉ. दलबीर सिंह प्रेषक : करण दोस्तो नमस्कार, मैं आपका दोस्त डॉ. दलबीर आपके सामने फिर से हाजिर हूँ। मेरी कहानियाँ पढ़ कर काफ़ी दोस्त बन रहे हैं और कहानियों को भी सराह रहे हैं, उसके लिए आप सबका धन्यवाद। आपके विचारों से और सराहना और आलोचना से लेखक को आगे और […]

मेरी चालू बीवी-63

मैं अपना एक हाथ उसके चूतड़ों से हटा उस लेडी के आगे लाया और सीधा उसकी टांगों के बीच चूत पर रख दिया.. उसकी स्लैक्स कच्छी के साथ ही उतर गई थी इसलिए चूत पूरी तरह नंगी थी...

मेरी चालू बीवी-62

मैंने अब सलोनी की ओर ध्यान दिया... ओह ! वो भी अब उस लड़के की बाहों में थी... वो लड़का भी सलोनी की स्कर्ट में अपना हाथ घुसाये था... उसने सलोनी के चूतड़ों के बीच अपनी उँगलियाँ डाली हुई थी...

मेरी चालू बीवी-61

जरा सी मस्ती करने में चूत या लण्ड घिस नहीं जाते… अच्छा तुम बताओ, अभी जब वो लड़की मेरी गोद में बैठी तो मेरा लण्ड उसकी गांड के स्पर्श से खड़ा हो गया... इसका मतलब मैं गलत हूँ या मेरे लण्ड या उसकी चूत का कुछ घिस गया...

मेरी चालू बीवी-60

उसने मेरे सामने ही सलोनी की चूत को अपने दोनों अंगूठों से खोलते हुए कहा- देखा साहब कितनी टाइट और पूरी लाल चूत है... और खुशबू भी ऐसी जैसी कुंवारी लड़की की चूत से आती है...

मेरी चालू बीवी-59

सलोनी अभी भी बिस्तर पर लेटी थी, उसकी नंगी चूचियाँ अपने साथ हुए हर जुल्म की दास्ताँ सुना रही थी... उसकी चूत पूरी तरह से खुली पड़ी थी... उसकी स्कर्ट जो वैसे ही बहुत छोटी थी और इस समय उसकी कमर के नीचे दबी थी...

मेरी चालू बीवी-58

अरे वो गोरी सी छमिया... जो स्कर्ट के नीचे नंगी थी... अरे बहुत कसा हुआ माल है यार... उसको तो वो साला श्याम बराबर वाले कमरे में ले गया है... चोद रहा होगा साला... क्या चिकनी और कसी हुई चूत थी उसकी यार... उंगली तक अंदर नहीं जा रही थी...

सामूहिक चुदाई का आनन्द-1

यह कहानी किसी और ने मुझे भेजी है, आप उसी के शब्दों में इस कहानी का आनन्द लें। मेरा नाम विभा है, मेरे पति नरेन एक इंजीनियरिंग कंपनी में अच्छे पद पर हैं। हम लोग वैसे तो पश्चिमी उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं, पर पिछले 15 सालों से नई दिल्ली में रह रहे हैं। […]

मेरी चालू बीवी-57

सलोनी खूब मस्ती से मेरे साथ बैठी थी... वो शायद भूल गई थी कि उसकी स्कर्ट बहुत छोटी है और उसने कच्छी तक नहीं पहनी है, जरा भी हिलने डुलने से बाकी लोगों को बहुत कुछ दिख जाने वाला था।

मेरी चालू बीवी-56

एक पैर सीट के ऊपर रख जब उसने जीन्स चूतड़ों से उतार दी और उसको पैरों से निकालने लगी, तभी मेरी नजर उसके नंगे साफ़ सफ्फाक चूतड़ों पर पड़ी... ओह यह क्या...?? उसने अभी भी कच्छी नहीं पहनी थी...

मेरी चालू बीवी-55

सलोनी बिस्तर के किनारे पीछे को लेटी थी... उसके दोनों पैर मुड़े हुए किनारे पर रखे थे और पूरे चौड़ाई में खुले थे.. एक नजर में मुझे केवल सलोनी की नंगी टाँगें और हल्की सी चूत की भी झलक मिल गई थी..

मेरी चालू बीवी-54

ब्लाउज इतना पतला, झीना था कि उसकी ब्रा की एक एक पट्टी और आकार साफ़ नजर आ रहा था, साड़ी उन्होंने नाभि से काफी नीचे बांधी थी इसीलिए उसकी लुभावनी नाभि, सुतवाँ पेट और कमर की गोलाई तो दिल पर छुरियाँ चला रहा थी।

मेरी चालू बीवी-53

अब अंकल ने ब्लाउज को अपने कंधे पर डाला और बड़े अंदाज़ से सलोनी के टॉप के बाकी बचे बटन खोलने लगे… और सलोनी ने भी बिना किसी विरोध के अपना टॉप उतरवा लिया।

मेरी चालू बीवी-52

मैंने साफ़ देखा कि उसकी जींस और भी नीचे खिसक गई और उसके चूतड़ लगभग नंगे देख रहे थे... अब मैंने अंकल को देखा, वो ठीक सलोनी के पीछे ही खड़े थे और उनकी नजर सलोनी के नंगे चूतड़ों की दरार पर ही थी...

आपकी झलक

अर्जुन अन्तर्वासना पर कहानी पढ़ने वाले सभी दोस्तों को मेरा नमस्कार। अन्तर्वासना पर मेरी दो कहानियाँ ‘…बस एक बार’ तथा ‘शीशे का ताजमहल’ पाठक/पाठिकाओं को पसंद आई तथा इस बारे में मुझे बहुत सारे मेल मिले। मैं उन सभी का हृदय से आभारी हूँ।पाठक/पाठिकाओं की फरमाईश पर मैं एक नई कहानी ’उपकार’ प्रस्तुत कर रहा […]

मेरी चालू बीवी-51

मधु के चूतड़ों पर फ्रॉक के ऊपर से ही हाथ रखने पर मुझे उसकी कच्छी का एहसास हुआ... मैंने तुरंत अचानक ही उसके फ्रॉक को अपने दोनों हाथ से ऊपर कर दिया...

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