लंड चुत गांड चुदाई का रसिया परिवार- 6

(Chacha Chachi ki Chudai Hindi Sex Kahani)

This story is part of a series:

भतीजी ने अपने चाची चाचा की चुदाई देखी. वो अपनी छोटी बहन को मजा लेकर बता रही है कि चाची चाचा आपस में देवर भाभी का रोल प्ले करके चोदा.

मैं सोनिया वर्मा फिर से आपको सेक्स कहानी का मजा देने के लिए हाजिर हूँ.
पिछले भाग
सेक्सी चाची की चूची का दूध
में अब तक आपने पढ़ा था कि नेहा अपनी बहन स्नेहा को चाचा चाची के बीच चुदाई को बता रही थी कि किस तरह से उसने चाची की चुदाई को देखा.

अब आगे चाची चाचा की चुदाई कहानी:

मैंने सीढ़ी लगा कर एक रोशनदान से चाचा चाची की चुदाई देखने का पूरा इंतजाम कर लिया था. मैं अपने बिस्तर पर लेट कर उन दोनों की चुदाई शुरू होने का इन्तजार कर रही थी.

थोड़ी ही देर में बगल वाले कमरे में हलचल हुई तो मैं सीढ़ी पर चढ़ कर टॉप पर बैठ गई और अन्दर की तरफ देखा, जहां से मैं पूरा कमरा देख सकती थी. जबकि मुझे कोई नहीं देख सकता था बल्कि मेरे इस तरह से सीढ़ी पर बैठने का कोई सोच भी नहीं सकता था.

राजू चाचा बेड पर लेटे लेटे अपना लंड मसल रहे थे.
वो बोले- इतनी देर कहां लगा दी मेरी छमिया?

संध्या चाची अपनी बच्ची को झूले में लिटाते हुए बोलीं- भाभी के साथ किचन समेट रही थी.
राजू- आज नेहा ने भाभी की हेल्प नहीं की क्या?

संध्या चाची- उसको नींद आ रही थी इसलिए वो आज जल्दी सो गई.
राजू चाचा- चल अब देर मत कर … देख तुझे इस रूप में देख कर मेरा लंड कैसे पागल हो रहा है.

संध्या चाची- एक रात मैं तुम्हें चोदने को नहीं मिली तो इतनी बेचैनी हो गई … च्च्चच.

संध्या चाची ने मुस्कुराते हुए अपना कुर्ता निकाला और एक तरफ रखते हुए बोलीं- थोड़ा सब्र करो, मैं कहीं भागी जा रही हूं क्या?

ये कह कर वो अपनी लेगिंग निकालने लगीं.

राजू चाचा ने अपना लंड बॉक्सर के ऊपर से मसलते हुए कहा- जल्दी आओ यार … क्यों टाईम वेस्ट कर रही हो.
संध्या चाची- कितने बेसब्रे हो रहे तुम, जरा रुको तो … मैं बाथरूम से शॉवर लेकर आती हूँ मेरे मुन्ने, फिर अपनी अम्मा का जितना दूध पीना हो पी लेना.

राजू चाचा- अरे जानेमन जिसकी तेरे जैसी गर्म बीवी हो … उससे सब्र कहां.

संध्या चाची अपनी लेगिंग रखते हुए हुए बोलीं- मुझे एक बात समझ नहीं आती कि जब तुम टूर पर अकेले जाते हो, तो कैसे मैनेज करते होगे? कहीं ऐसा तो नहीं कि टूर में अपनी सेक्रेटरी को ही पेल देते होओ?
राजू चाचा- तुम्हें ऐसा क्यों लगता है?

संध्या चाची ने मुस्कुराते हुए कहा- देखो एक तो उसके कपड़े मुझे पता है, वो स्कर्ट के नीचे पैंटी नहीं पहनती. दूसरा तुम मुझे बिना चोदे एक दिन नहीं रहते.
राजू चाचा- तू सच में एक नंबर की रांड है साली.

अब चाची के शरीर पर ऊपर सिर्फ एक साटन की लेसी ब्रा और नीचे थोंग पैंटी थी, जो पहनने या ना पहनने के बराबर थी. वो अपनी गांड हिलाते हुए बाथरूम में घुस गईं.

स्नेहा- फिर क्या हुआ दीदू!
नेहा- मैं इधर अपने मन ही मन सोचने लगी कि यार चाची तो एकदम मस्त पटाखा माल हैं. क्या बॉडी है इनकी, अगर मैं लड़का होती … तो अब तक तो चाची को पटा कर या जबरन पटक कर चोद चुकी होती. ये सोचते हुए मैं अन्दर कमरे में देखने सुनने लगी.

संध्या चाची बाथरूम का दरवाजा खोल कर जब बाहर आईं, तो एकदम नंगी थीं. वो अपनी गांड मटका कर चलती हुई आईं और बेड पर बैठ गईं. वो चाचा का लंड पकड़ कर हिलाने लगीं.

राजू चाचा ने संध्या चाची की चूंची पकड़ते हुए कहा- कसम से डार्लिंग … मुझे आज भी यकीन नहीं होता कि मुझे बीवी के रूप में तू मिली है.

संध्या चाची ने राजू चाचा का लंड पकड़ कर हिलाते हुए जीभ निकाली और आईसक्रीम की तरह लंड चाटने लगीं.

राजू चाचा- आआह सच यार लंड चूसने में तेरा जवाब नहीं … आआ आआआ.

संध्या चाची ने अब मुँह खोल कर लंड का टोपा अन्दर लिया और धीरे धीरे चूसने लगीं.

राजू चाचा- संध्या एक बात नोट की तुमने?
संध्या चाची अपने मुँह से लंड बाहर निकाल कर कहने लगीं- कौन सी बात डार्लिंग?

राजू चाचा ने चाची का दूध दुहते हुए कहा- तुमने भाभी की गांड देखी, कितनी बड़ी हो गई, मुझे तो लगता है, मुकेश भैय्या अब भाभी की गांड भी मारने लगे हैं.
संध्या चाची- हां वो तो मैंने सुबह जब देखी थी, मैं तभी समझ गई थी. क्यों आपका भी मन कर रहा क्या भाभी की गांड मारने का?

राजू चाचा- तुम गांड की बात कर रही हो, मैं तो सोच रहा तेरे बगल में भाभी को पटक कर नंगी करके चोद ही दूं साली को.

ये सुनकर मैं सोचने लगी कि ओह चाचू तो मेरी मॉम को चोदने की सोच रहे हैं.

संध्या चाची ने राजू चाचा के ऊपर लेट कर अपनी एक चूची उनके मुँह में दे दी और बोलीं- तो कर ले मेरे बच्चे … अपनी पायल दीदी का मिठू मिठू दूध पी ले.

राजू चाचा- साली तेरी अम्मा की भोसड़ी में कुत्ते का लंड … मादरचोद छिनाल मना किया था ना … दीदी की याद मत दिलाया कर.

ये कह कर चाचा ने संध्या चाची का निप्पल दांतों से काट लिया.

संध्या- आआआ भड़वे … मैं झूठ बोल रही हूं क्या … पिछली बार ऐसे ही पिलाया था ना पायल दीदी ने अपना दूध? और साले तू भी तो कैसे उस हरामिन का दूध पी रहा था, जैसे मैंने तो तुझे कभी पिलाया ही नहीं था … बहनचोद साला.

राजू चाचा ने संध्या चाची के सिर को अपने लंड पर दबाते हुए कहा- तो तू कौन सी कम थी रंडी … मैं जब दीदी की चूची चूस रहा था तो तू भी उनकी चूत कैसे फैला फैला कर चाट रही थी. और फिर जीजाजी से तूने चूत के बाद गांड भी मरवाई थी, वो भूल गई कुतिया.

संध्या चाची ने राजू चाचा का लंड मुँह से बाहर निकाल कर कहा- सच यार, ऐसी ग्रुप चुदाई महीने में एक बार जरूर होनी चाहिये … कितना मजा आता है.
राजू चाचा- तू सच बोल रही है, ऐसी पार्टी तो महीने में एक बार होनी ही चाहिए, पर तूने मेरा काम किया कि नहीं?

संध्या- कौन सा काम, राहुल वाला? हाय क्या लंड है मेरे भाई का … और उसका स्टेमिना भी कितना दमदार है.

राजू चाचा ने संध्या चाची की भोसड़ी में दो उंगली घुसा दीं और बोले- हां, मैं तेरे भाई राहुल की ही बात कर रहा हूँ. साला मादरचोद मेरी बीवी को मेरे सामने चोदता है … और खुद की बीवी की बारी आई … तो अब उसकी मां चुद रही थी. क्या कहा भैन के लौड़े ने! डिम्पल राजी हुई कि नहीं, वरना किसी दिन उस रंडी को मैं पटक कर चोद दूंगा.

मैं उन दोनों की बातें सुनकर सोचने लगी छुटकी कि बाप रे, ये चाची तो महाचुदक्कड़ निकली. इस रांड ने तो राहुल मामाजी से भी चुदवा लिया.
स्नेहा- हां दीदू, ये चाची तो पक्की रंडी निकली. पर आप आगे की चुदाई की कहानी सुनाओ न.

नेहा- संध्या चाची राजू चाचा का लंड हिलाते हुए बोलीं कि क्यों मेरी मां ने बिना चुदवाये ही मुझे पैदा कर दिया था क्या?

मैंने चाची के मुँह जब ये सुना तो मैं तो सीढ़ी पर से गिरते गिरते बची. मैं मन में सोच रही थी कि ओ तेरी की तो ये बात है. अब मुझे पक्का यकीन हो गया ये दोनों मेरी मॉम को चोद कर ही रहेंगे.

राजू चाचा- अच्छा तूने कभी संगीता भाभी की चूत देखी है?

संध्या चाची ने चाचा का लंड पकड़ कर हिलाते हुए कहा- हां मैंने उनकी चूत कई बार देखी है, चूत ही क्या … मैंने तो उनको पूरी नंगी देखा है.

इस पर राजू चाचा ने चौंकते हुए कहा- क्या कब, कहां, कैसे?

संध्या चाची अपनी जीभ की नोक से लंड के छेद को कुरेद कर बोलीं- हम पक्की वाली सहेलियां जो हैं, हर बात एक दूसरे से शेयर करते हैं. पर मेरी कभी उनसे हिम्मत नहीं हुई चुदाई पार्टी की बात करने की.

अब राजू चाचा ने संध्या चाची को अपने ऊपर खींच कर कहा- आज तू मुझे चोद. बहुत दिन से तूने मेरी चुदाई नहीं की.

संध्या चाची ने जैसे ही ये सुना, तो वो कूद कर राजू चाचा के लंड पर झपट पड़ीं और उनका लंड मुँह में भर के चूसने लगीं. थोड़ी देर चूस कर चाची ने चाचा का लंड गीला किया और अपनी भोसड़ी दो उंगली की मदद से चौड़ी करके लंड पर बैठने लगीं.

चाची ने राजू चाचा का लंड पकड़ कर भोसड़ी के मुँह पर लगाया और धचक कर बैठ गईं. राजू चाचा का पूरा लंड संध्या चाची की भोसड़ी में जड़ तक समा गया. चाची ऊपर नीचे होकर उछलने लगीं.

राजू चाचा ने संध्या चाची की दोनों चूंचियां थामते हुए कहा- ये जरा फिर से बता मेरी रखैल … क्या सच में तूने भाभी की चूत देखी है?

संध्या चाची गांड उछालते हुए रुक गईं और बोलीं- इसमें झूठ बोलने की क्या बात है. हमारे बीच ये सब कॉमन है.

राजू चाचा ने चाची का एक निप्पल पकड़ कर निचोड़ दिया और बोले- वो तो ठीक है, पर ये तो बता तूने भाभी की चूत देखी कैसे?

संध्या चाची- एक बार में किसी काम से उनके बेडरूम में गई थी. मैंने उन्हें आवाज लगाई कि भाभी, भाभी कहां हो आप?

संगीता भाभी यानि मॉम बोलीं- क्या हुआ संध्या, मैं नहा रही हूं, कुछ काम है क्या?

संध्या चाची- हां भाभी … पर आप नहा लो … मैं बाद में आती हूं.

मॉम- मैं बस नहा चुकी हूं, रुक … आती हूँ.

भाभी की आवाज सुनकर चाची वहीं बेड पर बैठ गईं, और उनकी नजर मॉम के रखे कपड़ों पर गई, जिसमें सलवार कमीज और ब्रा पैंटी देख कर चाची समझ गईं कि मॉम या तो नंगी आएंगी या टॉवेल लपेट कर. क्योंकि उनके पहनने वाले कपड़े या तो वो अन्दर ले जाना भूल गई हैं या रख गई हैं. पर दोनों ही सूरतों में आएंगी तो वैसी ही … जैसा चाची सोच रही थीं.

स्नेहा- फिर क्या हुआ दीदू!
नेहा- हां फिर चाची ने चाचा को बताया की एक पल बाद बाथरूम का गेट खुला और मॉम एक छोटा सा टॉवेल लपेटे हुए बाहर निकल आईं.

संध्या चाची चाचा से बोली कि मैं तो भाभी को अधनंगी देख कर हैरान रह गई.

राजू चाचा- क्यों ऐसी कौन सी वो मिस वर्ल्ड थीं?
संध्या चाची- तुम नहीं समझोगे, इतने भरे बदन वाली चिकनी औरत मैंने पहले कभी नहीं देखी थी. वो केले के तने जैसी भरी भरी चिकनी जांघें, बड़ी बड़ी गोल मटोल गांड और जब बदन पौंछते हुए नीचे झुकीं, तो पीछे से गांड के गुलाबी छेद के साथ मोटे मोटे होंठों वाली चिकनी बिना बालों वाली चूत देख कर मैं अपनी चूत मसले बिना ना रह सकी.

इस पर राजू चाचा ने अपना लंड मसलते हुए कहा कि संध्या डार्लिंग मेरा कुछ चक्कर चलाओ ना … जिससे मैं भाभी को पेल सकूं. तू एक बात भूल गई क्या?

संध्या चाची, राजू चाचा के लंड को जीभ निकाल कर चाटते हुए बोलीं- कौन सी बात जानू?
राजू चाचा- जब मैंने गांव में तेरी चाची को गलती से नंगी नहाते देख लिया था, तो तब मैं दिन भर मुठ मारता रहा … फिर भी मेरा लंड बैठने का नाम नहीं ले रहा था.

संध्या चाची- हां जानती हूँ, फिर मुझे अपनी अपनी सहेली की मां को तुमसे चुदवाना पड़ा था क्योंकि चाची और सहेली की मां दोनों मोटी हैं और वैसी ही यहां संगीता भाभी भी भरे बदन वाली हैं.
राजू चाचा- चल फिर मैं आज तुझे भाभी समझ कर चोदता हूँ … और तू मुझसे देवर समझ कर चुदवा ले.

संध्या चाची- यू मीन देवर भाभी रोल प्ले?

स्नेहा अपनी दीदी के मुँह से ये सुनकर बुदबुदाई कि साले दोनों मिल कर मेरी मॉम को पेलना चाहते थे.

नेहा- हां छुटकी … साले दोनों ही पक्के चुदक्कड़ निकले.
‘फिर क्या हुआ दीदू?’

नेहा- फिर राजू चाचा ने संध्या चाची को पकड़ कर सीधे लिटाकर 69 की पोजीशन बना ली. वो चाची के ऊपर चढ़ गए और चाची कि चूत फैला कर चाटने लगे. इधर संध्या चाची भी कम नहीं पड़ी थीं. उन्होंने राजू चाचा का लंड मुँह में अन्दर तक भर कर चूसना शुरू कर दिया. दोनों थोड़ी ही देर में एक दूसरे के मुँह में झड़ गए.

फिर संध्या चाची उठ कर कर राजू चाचा की बगल में अधलेटी होकर उनके बैठे हुए लंड को सहलाने लगीं.

संध्या- राजू डार्लिंग, एक बात बताओ आपको चुदाई के लिए मैच्योर औरत ही क्यों पसंद आती है, जबकि उनकी चूतें तो चुद चुद के ढीली हो जाती हैं और जवान लड़कियों की एकदम टाईट रहती हैं?
राजू चाचा ने चाची की गीली चूत को सहलाते हुए कहा- एक तो मुझे उनकी बड़ी गांड अच्छी लगती है, दूसरे उनको चुदवा चुदवा कर अच्छा खासा एक्सपीरिएंस हो जाता है कि कब कैसे क्या और क्यों करना है … उन्हें वो सब पता होता है. फिर उनके पास चुदाई का लाइसेंस भी होता है, इसलिए उनके नखरे कम होते हैं.

ऐसे ही बात करते हुए दोनों फिर से गर्म हो गए थे और उनके बीच देवर भाभी रोल प्ले शुरू हो गया.

राजू चाचा- संगीता मेरी प्यारी भाभी, आज अपने इस देवर से एक बार चुदवा कर तो देखो … मैं आपको खुश कर दूंगा.
संध्या चाची- अच्छा देवर जी, अब आप इतने बड़े हो गए कि अपनी भाभी को चोद सको. आओ जरा देखूं तो सही मेरे देवर के लौड़े में कितना दम है.

फिर संध्या चाची को लिटा कर चाचा ऊपर चढ़ गए और एक चूची मुँह में भर कर चूसने लगे.

संध्या चाची, मॉम के रोल में कराहने लगीं- आआह देवर जी धीरे पियो … आईई आआह हां अब आया मजा … बस बस ऐसे ही चूस मेरे देवर राजा अपनी भाभी का दूध चूस लो.
राजू चाचा ने अपना मुँह हटा कर कहा- चल मेरी छिनाल भाभी … अब अपने इस देवर का मूसल तो एक बार चूस कर देख … फिर आएगा चुदाई में मजा.

दोनों इसी तरह उल्टी सीधी बातें करते हुए एक दूसरे को गर्म करते रहे.

राजू चाचा ने संध्या चाची को सीधा किया और उनके ऊपर चढ़ कर अपना लंड चूत पर लगा दिया. पहला झटका मारते ही आधा लंड संध्या चाची की चूत में उतार दिया और धकापेल चोदने लगे.

संध्या- उईईई मजा आ गया देवर जी … बस इसी तरह अपनी भाभी की सेवा करते रहा करो … तुम्हें जल्दी ही मेरे भोसड़े से मेवा मिलेगा.
राजू चाचा- ले तेरी मां को चोदूं साली मेरी रंडी भाभी … कब से तरस रहा था तेरी गर्म चूत मारने के लिए, साली मेरी रांड … ले अपने देवर का मूसल ले.

नेहा ने स्नेहा को बताया कि चाचा की ये सब बात सुन कर मेरी तो हालत खराब हो गई थी. मैंने अपनी नाईटी उतार फैंकी और अपनी क्लिट पकड़ कर नौचने लगी.

स्नेहा भी गर्म होकर नेहा की चुत सहलाते हुए कहने लगी- दीदू, आगे चुदाई की कहानी सुनाती रहो मेरी चुत में भी आग लग गई है.

नेहा आगे सुनाने लगी.

संध्या चाची- आह मेरे देवर जी … और जोर से चोद भड़वे … क्या तेरी गांड में दम नहीं है कुत्ते की औलाद, कुछ तो मेरी देवरानी का ख्याल कर … नहीं तो वो अपने जेठ से चुदवाने आ जाएगी.
राजू चाचा- साली बहन लौड़ी … अब ले अपने देवर का पूरा लंड.

इतना कहते ही चाचा ने पूरी ताकत से झटका दिया कि उनका मूसल लंड चूत की जड़ तक घुस गया और संध्या चाची की चूत में समा गया.

संध्या चाची- अरे साले तेरी मां को गदहा चोदे रंडी की औलाद … ये तेरा ही लंड है या किसी गदहे का.. मेरी बच्चे दानी पर टक्कर मार रहा कमीने.

मगर राजू चाचा ने रहम नहीं किया. वो फुल स्पीड से संध्या चाची को चोदे जा रहे थे.

‘ले साली मेरी मां को गदहे से चुदवाएगी कुतिया … तेरी तो मां के साथ साथ तेरे खानदान की सभी चूतों को फाड़ कर भोसड़ा बना दूंगा … और चौराहे पर आते जाते लोगों से चुदवाऊंगा … मेरी रखैल भाभी.’
संध्या चाची- हां बस ऐसे ही पेलते रहो मेरे राजा … चोदो और जोर से चोदो अपनी भाभी की चूत फाड़ दो … आआआआह रे और जोर से चोद सूअर की जने … नहीं तो तेरी बहन को किसी हाथी के लंड से चुदवा दूंगी हरामी रंडी के मूत … भड़वे रांड के पिल्ले … मार मेरी चूत … आंह हां मैं मैं गईईई ईई.

बस तभी चाची झड़ने लगीं.

राजू चाचा भी थोड़ी देर में संध्या चाची की चूत में झड़ गए और दोनों निढाल पड़ गए.

नेहा- छुटकी मैंने अपने मन में सोचा कि साली चाची आज तू मेरी मॉम बन कर चुदी है ना … एक दिन देखना तुझे मेरे भाई से ना चुदवाया … तो मैं भी मुकेश ठाकुर की औलाद नहीं.

इसके बाद मैं सीढ़ी से उतर कर अपने रूम में नंगी ही आ गई और सटासट दो उंगली डाल कर अपनी चूत ठंडी की और नंगी ही सो गई.

स्नेहा- बाप रे दीदू, हमारे चाचा चाची तो एक नम्बर के कमीने निकले.

नेहा ने अपनी बहन को अपने करीब खींच लिया और उसके मम्मे दबाते हुए कहने लगी- वो जितने मादरचोद थे उतनी ही बड़ी रंडी आज हम दोनों बन कर मजा लेती हैं.

स्नेहा भी समझ गई और इसके बाद दोनों ने नंगी होकर एक दूसरे के साथ लेस्बियन सेक्स करना शुरू कर दिया और ठंडी हो गईं.

दोस्तों ये चाची चाचा की चुदाई कहानी का भाग यहीं समाप्त होता है. आप मुझे मेल करना न भूलें. अब आपको मैं अगली कहानी में मजा दूंगी

आपकी सेक्स कहानी वाली सोनिया वर्मा.
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