फोन सेक्स चैट अपनी बीवी के साथ

(Phone Sex Chat Apni Biwi Ke Sath)

यह कहानी उन लोगों के लिए है, जो सेक्स करते वक्त गालियां देना चाहते हैं.. लेकिन गालियां दे नहीं पाते. क्योंकि उनका पार्टनर सॉफ्ट सेक्स चाहता है.

मैं उन लोगों से कहना चाहता हूँ, जो सॉफ्ट सेक्स करते हैं, सेक्स में एक जैसा रूटीन कभी नहीं होना चाहिए, कभी कभी अपने सेक्स को चेंज करना चाहिए. हमेशा एक जैसा सेक्स बोरिंग बना देता है. इसलिए अपने सेक्स में वैरायटी लाना चाहिए.. जो कि गाली देने से बड़ी मस्ती से आ सकती है. कभी करके देखिए.. मजा न आए तो कहना.

मैं और मेरी बीवी नीलू, एक जैसे सेक्स बिल्कुल नहीं करते हैं. हम कोशिश करते हैं कि हर बार अलग किस्म से सेक्स हो. कभी कभी नीलू की कोई फ्रेंड भी हमारे साथ होती है, लेकिन अगर पार्टनर सेक्सी हो तो फिर सेक्स का मजा कुछ अलग आता है.

एक बात कह दूँ कि मैं रंडियां नहीं चोदता हूँ क्योंकि उनके साथ से करना सुरक्षित नहीं है. जबकि मुझे चुदाई के लिए बदल बदल कर चुत लेने की आदत है. तो मैं घरेलू टाईप की कोई मिलती है.. तो मैं उसे चोदे बिना नहीं छोड़ता हूँ.. और मेरी ये बात नीलू को भी मालूम है.

इस कहानी में जो वार्तालाप है, वो हम दोनों पति पत्नी के बीच का है. अक्सर ये सब उस वक्त होता है, जब मैं बाहर गांव जाता हूँ तो उससे करता हूँ.

इस दौरान मैं हाथ में मेरा हथियार लेकर बैठता हूँ और वो हाथ में खीरा या गाजर लेकर बैठती है. फिर जो घमासान रण हमारे बीच होता है, ये कहानी उसी की एक बानगी है.
दोस्तो, इस वार्तालाप को आपके सामने पेश करने के लिए मैंने अपनी बीवी से परमिशन भी ली है.

‘ए..’
‘अं?’
‘क्या कर रही हो?’
‘तुम्हारा हथियार चूम रही हूँ..’
‘क्यों?’
‘चुदना है न मुझे.’
‘अरे धीरे स चूमो न.. प्यार से चूसो न.. उन्हह.. काटो मत यार?’

‘डार्लिंग..’
‘क्या…’
‘तुम जब भी मेरे अन्दर आते हो.. तो मुझे नीचे चूत में बहुत खुजली होती है.’
‘वो तो होगी ही ना.’
‘क्यों होती है?’
‘मेरा साढ़े छह इंच का लंड तुम्हारी चूत में लैंड करता है न.’
‘हां सच्ची..’

‘सुनो न.. आज हम दोनों वाइल्ड सेक्स करेंगे.’
‘नहीं.. आज मुझे तुम्हारा लंड मस्त चूसना है.’

‘नीलू..’
‘हां कुछ कहो ना.’
‘क्या..?’
‘जो तुम्हें मेरे शरीर को देखकर लगता है?’
‘एक बात कहूँ?’
‘हां.’

‘ये फोन सेक्स तुम्हें कैसा लगता है?’
‘जानू तुम जब मुझसे पूछते हो ना कि तुम्हारे कितना अन्दर घुसा है.. तो मैं इमेजिन करती हूँ कि तुम्हारा लंड पूरी लम्बाई में मेरे अन्दर घुसा है.’
‘साली.. रंडी, मादरचोद.. फोन पर मुझसे इतना मजा लेती है.. तो सामने होगी तो क्या होगा?’
‘साले, भड़वे.. तेरा हथियार मेरे दोनों छेदों में लेकर डकार भी नहीं लूँगी.’
‘हां साली.. तू तो पूरी छिनाल है.. तेरी माँ को चोदूँ भैन की लौड़ी..’
‘हाय कितना मस्त लग रहा है.. तेरी गालियां खाकर..’

‘गांड में उंगली डाली क्या?’
‘रुको.. अभी नहीं.’
‘क्यों?’
‘जानू अह.. अभी तो चुत को पसीना आ रहा है.’

‘तुम्हारी गुलाबी चुत.. उसमें मेरा लंड घुस गया मादरचोद..’
‘हां रे मेरे कमीने ठोकू.. भड़वे.. साले मेरी चुत तुम्हारे लंड की भूखी है.. कमीने चोद दे..’
‘मादरचोद.. रंडी.. मेरी छिनाल चोदी.. तेरी माँ की चुत में मेरा लम्बा लंड.. आआह ओह.. ले घुस गया कुतिया..’
‘स्स्स्सस्स्स्स साले दे गाली.. तेरी बहन को चोदूँ, चोद खपाखप.. माँ के लौड़े चोद..’
‘ले मादरचोद साली.. तेरी चूत में पलंग डालकर तेरी बहन को चोदूँ.’
‘आह चोद भड़वे..’

‘चल साली कुतिया बन जा.. तेरी गांड में लंड डालूंगा.’
‘आअहाह डाल दे.. स्स्स्सस्स्स्स आह घुस गया रे तेरा मूसल मेरी गांड में..’
‘जानू क्या डाला गांड में?’
‘अरे खीरा है न तेरे लंड की जगह.. पूरा ले लिया..’
‘अब साली उस खीरे को निकाल कर मेरा लंड समझकर चाट ले.’
‘अम्म्म हां मस्त चूस रही हूँ.’
‘मेरा भी बड़ा हो गया है.’
‘चूस तो रही हूँ न भड़वे.. अब क्या खा जाऊं माँ के लौड़े?’
‘आह.. कितना मस्त चूसती है मेरी रांड.. आह मजा आ गया..’
‘साले ये लंड मेरा.. इसके ये टट्टे मेरे.. और मेरी गांड इसके लिए.. पेल दे.. कमीने.’
‘जानू..’
‘हां..’
‘चुत का एक पिक्चर भेज न.. मैं तुम्हारी गोरी गुलाबी चुत देखना चाहता हूँ.’
‘तुम अपने लंड का एक फोटो भेजो तो मैं यहां से सेंड करती हूँ.. ठीक?’

फोटो भेजी गईं.

‘हाय, क्या चुत है यार तेरी.. मस्त गुलाबी.. लगता है चूम लू साली रांड.’
‘कितनी गालियाँ देते हो.. क्या तुमको इतनी सेक्सी लगती हूँ मैं?’
‘क्यों पिछली बार जब मेरे नीचे सोयी थीं, तो क्या कहा था मैंने तुम्हें?’
‘क्या कहा था.. एक बार फिर कहो ना?’
‘यही कि तुम मेरे लंड का माल हो.. तेरी चुत गांड मेरे लंड के लिए हैं.’
‘हाय.. कितना मजा आया था तुमसे चुदने में.. तुमने मेरी गांड में अपना साढ़े छह इंची लंड डालकर मस्त मथा था मेरी चुत को..?’

‘हाय जानू.. पहली बार जब मैंने तुम्हारे साथ चोदा चोदी की थी, तो तुमने मुझे कैसे लिया था.. बताओ ना?’
‘हां बताती हूँ.. लंड को हाथ में पकड़ा है ना.’
‘हां रे डार्लिंग मादरचोद. हाथ में ही लंड लिया है.’
‘साला चूचियों को दबाकर चोदता है कमीना.’

‘तेरी माँ की चुत.. तेरे गोरी चूत में मेरा काला लंड.. भोसड़ी की.. ले चूत में..’
‘आह.. जानू..’
‘हम्म्म..’
‘याद है.. तुम उस दिन जब मेरे थनों को पी रहे थे.. और तुमने मेरी गांड भी मारी थी.’
‘हां पहली बारी तुम्हारी गांड का उदघाटन हुआ था मेरे लंड से..’
‘हां उस वक्त मैं कितनी चिल्लाई रोई थी.. लेकिन तुमने गांड को चोदना नहीं छोड़ा था.’

‘जान तेरी चूत में मेरा लंड..’
‘आह स्स्स्सस्स्स्स मस्त..’
‘क्या देखो न.. तुम्हारा लंड मेरी चूत में कैसे घुसा है.’
‘साली छिनाल.. तुम तो बड़ी चुदक्कड़ हो यार.’
‘ऐसा क्या..’

‘हां यार.. तुम्हें याद है जब पहली बार तेरी गांड में मैंने उंगली की थी.’
‘हां कैसे याद नहीं होगा यार.. कितना दर्द हुआ था उस समय..’
‘साली तू तो चुदने के लिए उतावली थी.’
‘इसलिए तो सहन कर रही थी ना तेरी उंगली गांड में..’

‘जानू आज मैं तुमसे एक बात पूछूँ?’
‘क्या.. पूछ न?’
‘तुम्हारा पहला गैंगबैंग कब हुआ था?’
‘चार साल पहले.. यानि मेरी शादी से पहले हुआ था.’
‘कितने थे?’
‘पहले वो चार थे.. फिर दो और आ गए थे.. यानि पूरे छह जने.’
‘बाप रे यानि चूत में, गांड में, मुँह में हाथों में.. सब छेद शायद भरे होंगे तुम्हारे?’
‘दूसरे दिन मैं मूतने के लिए भी उठ नहीं सकी थी.’

‘चल अब अपनी उंगलियों को चुत के छेद में डाल, ठीक है..’
‘यार, अब मैं उंगली से कब तक काम चलाऊं..? तुम्हारे साढ़े छह इंच के लंड का प्रसाद चाहिए चुत को..’
‘आ रहा हूँ डार्लिंग चोदी.. कल यहां से निकलूंगा और दोपहर तक तेरे आगोश में पहुंच जाऊंगा.. फिर तुम्हारा बाजा भी तो बजाना है ना.’
‘देखा तुम्हारे आने की बात सुनकर ही मेरी चुत अंगार मूत रही है साले ठोकू आ जा ना जल्दी..’
‘ठीक है अब चैटिंग बंद.. कल मिलते हैं तेरी चुत गांड मुँह सब चोदने के लिए..’
‘आ जा रे.. मेरी चुत के बादशाह.. तेरा इंतज़ार मेरी चुत खोलकर होगा.
‘हां आता हूँ साली चूत की सफाई करके रखना.’
‘ओके.. मेरी जान.’

अगली कहानी जो मिलने पर हुई. उस दिन जब घर पहुंचा तो क्या क्या हुआ. वो सब लिखूँगा.

बस स्टॉप से मैं सीधा घर पहुंचा. रानी मैक्सी में मेरा इंतज़ार कर रही थी. मादरचोद के चूचे खुले थे. साली ने ब्रा ही नहीं पहनी थी. ये भी पता चल गया था कि मेरे आने की खुशी में उसने पैंटी भी नहीं पहनी थी.

अब तो ये पक्का था कि भंयकर चुदाई का रण होगा, लंड चुत का महाभयंकर युद्ध होगा.. जो किसी एक को परास्त करके ही रुकेगा. मेरी तलवार तो मैंने भांज ली थी.. अब म्यान को भी तैयार करना था. वो मेरी चुदाई की शक्ति की राह देख रही थी.

दरवाजा जैसे ही मैंने बंद किया, रानी मेरे गले में लटक गई. उसकी मैक्सी में से निकले हुए उसके दूध मेरी छाती पर दब रहे थे.

मैंने पूछा- क्यों री बहनचोद.. तू मैक्सी के अन्दर पूरी नंगी है क्या?
‘हां रे मेरे लौड़े.. मेरी चुत सवेरे से अंगार मूत रही है तेरे लौड़े के लिए.. जल्दी से आजा मैदान में भड़वे..’
‘साली.. मादरचोद, रंडी चोदी.. तेरी बहन को पानी में चोदूँ.. भेनचोद.’
‘साले.. भड़वे.. दे गाली जमके.. लेकिन पहले मेरी मार.. मादरचोद.’
‘क्या मारूं साली बोल ना?’

‘तुझे पहले क्या चाहिए गांड या चुत?’
‘पहले तेरी नरम गांड में लंड डालूंगा, फिर तेरे होंठों पर मेरा लंड घुमाऊंगा, फिर तेरी चुत मथूंगा जानू.’
‘बॉस, बस तेरी मुराद पूरी हो.’
‘क्या तेरी माँ की चुत.. छिनाल, भेन की लौड़ी.. यहीं फर्श पर लेट जा.. आज तेरी चुत मथूंगा.. तेरी गांड में डंडा करूँगा.. तेरे मुँह में लौड़ा डाल कर तुझे चुसाउँगा.. तेरी माँ की चुत.. चल मैक्सी उतार और कुतिया बन जा..’
‘अरे वाह, मेरे कुत्ते के लंड में एकदम जान आ गई, देख साला कैसे इतरा रहा है भैनचोद..’
‘आह सस्ससस मस्त.. चूस रंडी, चूस मेरा लंड.’
‘साले चुत के लौड़े.. कुत्ते कमीने आह सससससस ठोक तेरा डंडा मेरी गांड में.. आह मेरी गांड भी बड़ी परपरा रही है तेरे लंड के लिए.’
‘तेरी गांड में लंड, साली, मादरचोद ले..’

और इस तरह मैंने मेरी बीवी की गांड और चुत पर जम के हमला बोला.

देवाभि
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