सुहागरात: एक आस एक प्यास

मैं अपनी प्रेमिका के द्वारा दिये गये धोखे से जख्मी दिल वाला इंसान हो गया था. मैं अपने ही ख्यालों में खोया रहता था. कभी ध्यान नहीं दिया कि सामने वाली बिल्डिंग में जो औरत रह रही है वह भी चोट खाई हुई है।

सुहागरात: एक आस एक प्यास-2

मैंने अपनी जीभ से उसकी बुर के दाने को चूसना शुरू किया और साथ ही अपनी एक उंगली उसके चूत में डालने लगा और उसको अपनी उंगली से ही चोदने लगा।

सुहागरात: एक आस एक प्यास-1

मेरी बिल्डिंग में बिल्कुल मेरे सामने एक विवाहित महिला रहने आई पर मुझे कुछ भी पता नहीं चला. एक दिन वो खुद मेरे घर आई और बात करने लगी. बात कहाँ तक पहुंची...

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