मेरी मम्मी की जिस्म की चाह

मेरे चाचा काफी साल के बाद मेरे घर पर आये थे. उनका हुलिया देख कर मेरा मन भी मैला सा हो गया था लेकिन मेरी मां के मन में कुछ और ही तूफान उठा हुआ था. देवर भाभी की इस कहानी के बारे में मुझे नहीं पता था. मैंने जब छुपकर उन दोनों को देखा तो मुझे मेरी आंखों पर यकीन नहीं हुआ।

मेरी मम्मी की जिस्म की चाह-3

मैं मम्मी और चाचा की चुदाई देख रहा था, चाचा का बहुत लम्बा और मोटा भुजंग सा लंड मेरी मम्मी की चूत में घुसने को तैयार था। मेरी सांसें अटक रही थीं कि मम्मी का अब क्या होगा..

मेरी मम्मी की जिस्म की चाह-2

मम्मी और मेरे चाचा के शारीरिक सम्बन्ध थे और मुझे उन दोनों की चुदाई देखने का अवसर मिलने वाला था। खेतों में बनी कोठरी में देवर भाभी चूत चुदाई का खेल खेलने लगे।

मेरी मम्मी की जिस्म की चाह-1

सभी की अपनी अन्तर्वासना होती है और उसको व्यक्त करने का अधिकार भी होता है.. जोर जबरदस्ती से किया गया काम अनाचार की श्रेणी में आता है.. शेष सब जिस्म की चाह ही होती है।

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