लव की आत्मकथा

मैं बचपन से ही शर्मीले स्वभाव का था. मेरे दोस्त भी न के बराबर थे. स्कूल के दिनों में एक दिन मुझे नंगी लड़कियों की तस्वीर वाली किताब मिल गई. फिर एक दिन मैंने अपने दोस्त को मुट्ठ मारते हुए देख लिया. उसके बाद मेरे मन में क्या तूफान उठा?

लव की आत्मकथा-3

आपने मेरी कहानी के दो भाग पढ़े। आपके पत्र मुझे मिले, आपका शुक्रगुजार हूँ कि आपने मुझे इतना प्यार दिया। अब हाजिर हूँ अपनी कहानी का अगला भाग लेकर। मैं उस रात काफ़ी अनमना सा महसूस कर रहा था। एक तो मुझे स्वाति की बातों का ख्याल आ रहा था, दूसरे मेरी वासना मुझ पर […]

लव की आत्मकथा-2

अब मैंने अपने होंठ उसके होंठ से लगा दिए और उसके होंठों को चूसने लगा। मैंने अपनी जीभ को उसके मुँह से सटाई तो उसने अपना मुँह खोल दिया। अब वो भी मेरी जीभ चूसने लगी, शायद वो इतनी गर्म हो चुकी थी कि अपने आप को रोक नहीं पाई।

लव की आत्मकथा-1

हेलो दोस्तो, अन्तर्वासना के सभी मित्रो को मेरा नमस्कार। यह मेरी पहली और सच्ची कहनी है। मैं नहीं जानता कि मैंने गलत किया या सही, परन्तु मैंने जो भी किया वो लिख रहा हूँ। दोस्तो, मेरा फ़ैसला आपके हाथों में है। अब आपको ही निर्णय करना है कि मैंने सही किया या गलत। ज्यादा बोर […]

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