मैं कैसे कॉलब्वॉय बन गया

(Mai Kaise Callboy Ban Gaya)

अन्तर्वासना परिवार के सभी लोगों को मेरा नमस्कार. मेरा नाम विकास है और मैं प्रयागराज का रहने वाला हूँ. मैं कोई कहानी नहीं बताने जा रहा.. बल्कि एक असली किस्सा बता रहा हूँ, जो मेरे साथ हुआ है.

यह किस्सा है कि मैं कैसे कॉलबाय बना. ये बात 2 साल पहले की है, जब मैं ग्रेजुएशन के दूसरे साल में था. मैं अपने एक सीनियर के साथ हॉस्टल में रूम शेयर करता था. वो हर शनिवार को हॉस्टल से बाहर जाते थे और कभी कभी.. और दिनों में भी जाते थे.

मैं जब भी पूछता था, वो कहते थे कि कुछ काम है. चूंकि हमारी दोस्ती अभी नई थी, इसलिये वो मेरे पे भरोसा नहीं करते थे.. लेकिन जैसे जैसे टाइम बीतता गया, वो मुझसे खुलने लगे और अपनी बातें शेयर करने लगे.

धीरे धीरे हम दोनों में सीनियर जूनियर का फर्क खत्म हो गया और हम अच्छे दोस्त बन गए. अब मुझे पता चलने लगा कि वो हर हफ्ते कहां जाते रहते हैं. दरअसल वो एक प्लेब्वॉय थे. उनकी बातों से मुझे पता चला.
मैंने उनसे पूछा- आप हमेशा कहां जाते हैं?
‘किसी से बताना नहीं..’
‘ठीक है नहीं बताऊंगा.’
‘मैं माल चोदने जाता हूं.’
‘आपकी तो कोई गर्लफ्रैंड है नहीं.’
‘गर्लफ्रैंड थोड़ी चोदने जाता हूं.’
‘तो फिर क्या रंडी?’
‘नहीं यार, वो बहुत ऊंची चीज़ है. पैसे भी मिलते हैं.’
‘मतलब प्लेब्वॉय?’
‘हां.’

‘कहां जाते हैं?’
‘दिल्ली, नोएडा … जहां से काम मिल जाए.’
‘काम कैसे मिलता है?’
‘कॉन्टैक्ट हैं, बहुत लड़कियां बुलाती हैं. हाउसवाइफ, आंटियां सब कॉल कर लेती हैं. ये जितने सारे मेरे शौक हैं न, ये मेरे घर से थोड़ी पूरे होते है, उन्हीं से पूरे होते हैं.’
‘मैं भी कर सकता हूँ क्या?’
‘ऐसे थोड़ी होता है.. देख प्लेब्वॉय में कुछ खास चीजें होनी चाहिए. जैसे बॉडी अच्छी हो.. स्मार्ट हो और सबसे बड़ी बात सेक्स पावर अल्टीमेट होना चाहिये, बात करने में भी बॉस हो.’
‘आपको क्या मैं स्मार्ट नहीं लगता.. और ये 8 पैक्स किस लिए हैं?
‘सेक्स पावर मेन चीज़ है.’
‘हां.. तो मेरी गर्लफ्रैंड को मैं चोद कर रुला देता हूँ, मेरे घर के पास की बहुत सारी लड़कियों को भी चोद चुका हूं. आप प्लीज कुछ करिये ना.’
‘अच्छा मैं तुम्हारा कॉन्टैक्ट नम्बर दे दूंगा. किसी को पसन्द आया तो ठीक है.’

इसके बाद में मुझे कई दिनों तक इन्तजार करना पड़ा.

आखिरकार बहुत इन्तजार के बाद उन्होंने मुझसे एक दिन कहा कि तुम्हारे लिए एक कॉल है. पर ध्यान रखना ये काम रिस्की भी है. अगर अपनी लेडी को खुश नहीं कर पाए, तो फिर समझ लेना न कोई पैसा मिलेगा, न ही आगे से कोई काम.
मैंने हामी भरी और तैयार हो गया.

मैं चुदाई में हमेशा से एक्सपर्ट रहा हूँ. मैंने अपने स्कूल टाइम में ही कई लड़कियों की चूत मारी थी और किसी को पता नहीं, पर मैं अपने चाचा की लड़की को भी पेलता था. घर में चुत मिल जाए तो क्या कहने, पकड़े जाने का डर नहीं होता और जब चाहो तब अपनी हवस मिटा लो.

मैंने अपनी कजिन को कैसे पटाया, वो फिर कभी बताऊंगा.

मैंने स्कूल टाइम में बॉडी पर बहुत ध्यान दिया था. इस वजह से लड़कियां मेरी फिगर और सेक्स अपील की दीवानी थीं.

खैर … मैं तैयार हो गया. मुझे वाइट शर्ट और ब्लू चिनोस जीन्स पहनने को कहा गया था. मैंने अपना लुक सही किया और निकल गया. मुझे प्रीत विहार इलाके में जाना था. मैं 6 बजे शाम में निकल गया और मेट्रो स्टेशन के बाहर इन्तजार करने लगा. दस मिनट के बाद एक कॉल आया कि सामने जो ब्रिज है, वहां आ जाओ.

ये कॉल शायद उसी औरत का था.

मैं वहां जाके खड़ा हो गया, सामने से एक रेड कलर की कार आयी और उसका गेट खुला. कसम से यार क्या माल थी. कोई 25-26 साल की रही होगी, क्या खूबसूरत चेहरा था. मैंने एक ही नजर में उसको पूरा ताड़ लिया.
तभी वो बोली- चार्ली?
आपको बता दूँ.. ये मेरा कोड था, जो हाइप्रोफाइल जिगोलो सर्विस में चलता है.
मैंने कहा- हां.
उसने अन्दर बैठने को कहा.

अन्दर बैठ कर हमने हाथ मिलाया और उसने अपना नाम नंदिता बताया. मैंने भी अपना परिचय दिया.

मैं पूरी कोशिश कर रहा था कि उसे घूरूँ नहीं.. पर वो इतनी गजब की माल थी कि मेरी नजर चली जा रही थी.

उसने पूरे सलीके से ब्लू कलर की साड़ी पहनी थी और कट ब्लाउज पहना था. मैं चोर नजर से उसके चुचियों को देख रहा था. चूचियां बहुत बड़ी नहीं थीं, पर एकदम परफेक्ट थीं. शायद 34 की रही होंगी. उसके गोरे रंग पे ब्लू साड़ी क्या कमाल लग रही थी.
खैर रास्ते में हमारी ज्यादा बात नहीं हुई. दस मिनट की ड्राइविंग के बाद हम लोग उसके बंगले पर पहुंचे.

घर में घुसते ही वो बोली- शर्माते हो क्या?
मैंने कहा- बिल्कुल नहीं … आपके यही बोलने का इन्तजार कर रहा था. सर्विस देने आया हूँ इसलिए आपके इशारे के इन्तजार में था.
वो बोली- अच्छा है … नहीं तो तुम्हें बुलाने का क्या फायदा, कुछ पियोगे जूस कॉफी?
मैंने कहा- बस पानी.

उसने मुझे अपने हसबैंड के शॉर्ट्स और टी-शर्ट दिए और चेंज करने को कहा.

मैंने बाथरूम पूछा तो उसने कहा- मेरे सामने ही चेंज करो न.
मैंने अपने सभी कपड़े उतारे, तो उसने कहा- अंडरवेयर भी.

उसके हुस्न को देखकर मैं वैसे ही पागल हुआ पड़ा था. उस पर ये बातें सुनकर लंड महाराज पूरे जोश में थे. मैंने अंडरवेयर उतारा तो लौड़ा पक्क करके बाहर आ गया. एक लड़के को पूरा नंगा देखके उसकी भी आंखें हवस से भर गईं, उसने कहा- आओ पहले नहा लेते हैं.

वो आगे चल पड़ी, मैं भी उसके पीछे हो लिया. मुझे लगा अब ये मेरे कुछ करने का टाइम है, तो मैंने पीछे से उसे पकड़ लिया. उस टाइम पर दोस्तो … उसने ऐसे सिसकारी भरी कि क्या बताऊं और मेरे बांहों में एकदम सिमट सी गयी.

मैंने उसे गोद में उठा लिया और बाथरूम की तरफ चल दिया.

मैंने उसे नीचे उतारा और अपनी तरफ घुमाया तो देखा कि उसकी आंखें भरी थीं. वो रुआंसे मन से बोली कि उसका पति उसे बिल्कुल टाइम नहीं देता, इतना पैसा किस काम का, न मुझे प्यार देता है ना मेरे पास रहता है.
मैंने कहा- कोई बात नहीं मैं आज तुम्हें पूरा प्यार करूँगा.

अब मैंने उसका पल्लू नीचे गिरा दिया और शॉवर ऑन कर दिया.

वो बोली- डायरेक्ट सेक्स नहीं करना.. मुझे बहुत सारी बातें करनी हैं, जो मेरे मन में हैं.
मैंने कहा- बिल्कुल … मैं आपका दास हूँ आज की रात पूरी बाकी है, जो मन हो वो करवाइये.

उसने कपड़े उतारने को कहा. अब मैंने उसके जिस्म को छूना चालू किया. उसकी स्किन कितनी सॉफ्ट थी, मैंने पहले भी कॉलेज में लड़कियों की चुदाई की है, पर ऐसी मलमल सी गदराई लड़की कभी नहीं मिली.

साड़ी निकालने के बाद मैंने उसकी ब्लाउज़ के डोरे खोल दिये और उसे निकाल दिया. कसम से कपड़े के अन्दर तो कुछ नहीं पता चल रहा था, ब्लाउज उतारने के बाद ब्रा में कैद उसकी चुचियां कहर ढा रही थीं. मैंने उन दोनों को दोनों हाथों से पकड़ा और थोड़ी देर मसलता रहा. मैं नंदिनी के चेहरे को देखता रहा. पानी उसके सिर से बहकर नीचे उसके होंठों से गिर रहा था. मैंने उसके होंठों को चूमा. आह क्या नर्म होंठ थे.

मेरा लौड़ा एकदम भन्नाया हुआ था और उसकी पेटीकोट में घुस रहा था. मैंने उसकी ब्रा उतारी और उसके चूचों को किस किया. फिर मैं अपने घुटनों पर बैठ गया और उसके पेट को चाटने लगा. मैं हाथों से उसकी चुचियों को सहला रहा था. वो अपना चेहरा ऊपर करके तेज सांसें ले रही थी.

मैंने अब उसके पेटीकोट को खोल दिया और जो उसकी छोटी सी एकदम फूली फूली सी चुत … जो मेरे सामने आई, आह क्या बताऊं … एकदम गोरी सी, नाजुक फूल जैसी उसकी चुत थी. मैंने एकदम से चूत को किस कर लिया और वो सिहर के बैठ गयी.
मैंने बड़ी लड़कियों की चुदाई की, पर ऐसी परी कभी नहीं मिली. उसका चेहरा मेरे सामने था. बड़ी बड़ी आंखें खूबसूरत होंठ क्या बताऊं मैं.

उसने कहा- रूम में चलो.
उसने मेरा लंड पकड़ लिया. मैं उसके पीछे पीछे रूम में आ गया. अब हम दोनों बेड पे आ गए. मैंने उसके होंठों को चूसना चालू किया और उसके गले पे किस करने लगा.

उसने कहा- मुझे दांत से काटो … मुझे प्यार करो.
वो बहुत बड़बड़ा रही थी.

मैंने उसके पूरे बदन को चूमना चाटना शुरू किया. होंठ गला पीठ … मैंने हर जगह किस किया और वो सिसकारियां भरने लगी.

फिर मैंने उसकी चुत को मुठ्ठी में भर लिया, तो वो तड़प उठी. उसकी छोटी सी चुत हल्के पिंक से चॉकलेटी कलर की थी. मैंने उसपे मुँह लगाया तो उसकी खुशबू से मैं पागल हो उठा. मैंने उसपे छोटी सी चुम्मी दी और नीचे से ऊपर चाटा, वो तो चिल्ला उठी और लगभग चीखते हुए बोली- उम्म्ह… अहह… हय… याह… चूसो मेरी चुत.

उसकी चुत से बहुत पानी निकल रहा था. वो बोली- चुत को फैला लो और तबीयत से चूसो.
मैंने उसके चुत की पंखुड़ियों को खोला और चुत के दाने पे जैसे ही जीभ लगाई, वो सिहर उठी और मेरे सिर को हाथों से दबा कर बड़बड़ाने लगी.

मैं बिना रुके बुर का रस पी रहा था क्योंकि उसकी चुत से तो झरना बह रहा था. वो मेरा सिर अपने हाथों से इतना दबा रही थी, जैसे मुझे पूरा चुत में घुसा लेगी.
वो बोल रही थी- आह.. खा जाओ मेरी चुत, चूस जाओ.. बहुत तड़पी हूँ आह आह चाटो.. हां और चूसो.

ये सब बोलते बोलते उसने मेरा सिर अपनी जांघों से जकड़ लिया और तेज तेज सांसें लेने लगी. मेरे लिए साँस लेना भी मुश्किल हो रहा था, पर मैं चाटता रहा क्योंकि मैं जान गया ये झड़ने वाली है. फिर उसकी चुत ने लावा उगलना शुरू किया, उसकी जांघें ढीली पड़ गईं. जैसे उसमें जान ही न हो. चुत लगातार पानी की पिचकारियां मार रही थी. मेरा पूरा चेहरा और छाती सब भीग गया.

उसकी चुत तो जैसे झटके खा रही थी और साथ में उसका पूरा शरीर चरम सुख पा रहा था. मैं घुटनों के बल बैठ गया और उसकी खूबसूरती निहारने लगा. वो गहरी सांसें भर रही थी. उसके चूचे ऊपर नीचे हो रहे थे. चुत से पानी रिस रहा था और उसकी आंखें उल्टी हुई पड़ी थीं. वो अब भी उसी चरम सुख में डूबी हुई थी.

मैं उसके बगल में लेट गया और उसे बांहों में ले लिया. फिर से उसके बदन से खेलने लगा.

पांच मिनट बाद वो नार्मल हुई तो बोली- थैंक यू, आज जाके एक मर्द का मजा मिला.
मैंने पूछा- क्यों आपके हसबैंड?
वो बोली- अरे यार, वो हमेशा अपने बिज़नेस में बिजी रहते हैं, कई दिनों तक घर नहीं आते, जब बेड पर आते हैं तो टेंशन और थकान की वजह से चुदाई नहीं करते. कभी कभी करते भी हैं तो ज्यादा टाइम नहीं चलते हैं. मैं तड़पती रह जाती हूँ और वो सो जाते हैं. मैं एक मिडल क्लास फैमिली से थी. मेरे ससुर जी को एक अच्छी समझदार बहू चाहिए थी, इसलिए उन्होंने बड़े घराने की बिगड़ैल लड़कियों से बेहतर मुझे समझा. मैं भी बहुत खुश हुई. शादी से पहले मैंने किसी लड़के से रिश्ते नहीं बनाये क्योंकि मैं अपनी जवानी बस अपने पति को देना चाहती थी, पर मेरी किस्मत खराब निकली. थक हार के आखिरकार मेरे पास यही रास्ता बचा कि मैं किसी दूसरे लंड से प्यास बुझाऊं. अब बात बहुत हुई जल्दी से मुझे चोदो, अब रहा नहीं जा रहा.

इतना कह के वो मेरे लंड से खेलने लगी और मैं उसके सीने की गोलाइयों से. धीरे धीरे हवस बढ़ती गयी और हम दोनों बुरी तरफ चूमने लगे. जिस्म के किसी हिस्से को मैंने नहीं छोड़ा. होंठ गला पेट चुत गांड सबपे मैंने अपनी जीभ फिराई और उसे गर्म करने लगा.

थोड़ी देर में मैं फिर से उसकी चुत को मसलने लगा. वो पागल हुए जा रही थी और मुझसे चोदने को बोली. मैंने उसकी दोनों टांगें फैला के उसके घुटनों को उसकी चुचियों पे लगा दिया, तो उसकी छोटी सी बुर ने अपना छोटा सा मुँह खोल दिया. मैंने लंड महाराज पे थोड़ा सा थूक लगाया और उसकी चिकनी चुत पे रगड़ने लगा.
वो बोली- अन्दर डालो.
तो मैंने बुर को फैला कर टोपा अन्दर घुसाया, पर वो फिसल गया. उसकी चुत बहुत टाइट थी.

मैंने फिर से लंड डाला और थोड़ा जोर लगाया तो वो चीख उठी और बोली- आराम से … मेरे पति मेरी चुत के साथ ज्यादा कुछ कर नहीं पाये, इसलिए आराम से करो.

मैंने अब पहले चुत में उंगली डाली और ऊपर नीचे कुछ देर तक हिला के उसे थोड़ा ढीला किया. वो तो उंगली डालने में ही मजे लेने लगी और कमर हिलाने लगी. मैंने थोड़ी देर तक उंगली अन्दर ही रहने दी, फिर मैं उसके ऊपर चढ़ गया और हाथ से लंड पकड़ के उसकी चुत पे लंड रगड़ने लगा.

थोड़ी देर के बाद मैंने चुत में लंड पेलना शुरू किया, तो वो मचलने लगी, लेकिन मैंने छोड़ा नहीं और लंड अन्दर पेल दिया. दो इंच लंड अन्दर गया और उसकी आंखों से आंसू निकल आये, पर वो भी चुदक्कड़ थी, दर्द सहती रही, पर कुछ कहा नहीं.
तो मैं भी समझ गया गया कि लोहा गर्म है, तो मैंने पूरी ताकत से लौड़े को बुर में पेल दिया.

अचानक से हुए इस हमले के लिये वो तैयार नहीं थी, उसकी आंखें बाहर निकलने को हो गईं और वो रोने लगी. मैं उसके गले पे चूमने लगा और उसकी चुचियों को सहलाने लगा. थोड़ी देर के बाद वो नार्मल हुई तो मैंने लंड को एक बार अन्दर बाहर किया, तो उसने गहरी साँस भरी.

अब वो चुदने के लिए तैयार थी. मैंने धीरे धीरे शुरू किया और फिर लंड महाराज अपना जलवा दिखाने लगे. वो लंड की इतनी भूखी थी कि उसने दो मिनट में ही पानी छोड़ दिया. मैं पूरी स्पीड से बुर मारने लगा, वो पूरे मजे उठा रही थी. अब तो वो कुछ बोल भी नहीं पा रही थी.. बस आंखें बंद किये हुए धक्कों पे धक्के अपने चुत में ले रही थी.

कुछ देर में वो अकड़ने लगी और उसने अपने दांत भींच लिए. वो झड़ने वाली थी तो मैंने धक्कों की स्पीड और गहराई बढ़ा दी और सिसकारियां भरते हुए झड़ने लगी.

फिर मैंने उसे घोड़ी बनाया और पीछे से लंड डाला. इस तरीके जब मैं धक्के मार रहा था, तो उसकी गांड से मेरे पैर टकराते. मुझे बड़ा मजा आता. मैं नॉनस्टॉप धक्के मार रहा था और वो मजे ले रही थी. ऐसे ही मैंने उसकी कई तरीके चुदाई की.

उस रात मैंने उसकी इतनी चुदाई की क्या बताऊं. चोदने के बाद मैं बहुत थक गया क्योंकि हम दो घंटे से चुदाई कर रहे थे. वो तो इतने धक्के खाने के बाद लगभग बेहोश ही थी. हम रात का खाना खाये बिना ही एक दूसरे की बांहों में सो गए.

सुबह 5 बजे मेरी नींद खुली, मैंने उसे जगाया और एक राउंड फिर चुदाई की. इसके बाद मैंने कपड़े पहने और उसने मुझे तय रकम से ज्यादा रुपये दिए.

मैं बोला कि बात तो कम की थी.
तो उसने कहा कि मैं आज से पहले इतनी खुश कभी नहीं हुई.. रख लो.
जाते टाइम उसने मुझे किस दिया और कहा कि मैं तुम्हें जल्दी ही फिर बुलाऊंगी.

आपको मेरी सेक्स कहानी अच्छी लगी या नहीं, मेरी ईमेल पे मुझे बताइये.
[email protected]
आपकी शिकायतों और सुझावों का मैं इन्तजार करूँगा.

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