पम्मी जी पप्पू जी

(Bus Me Anjan Aurat Ke Sath)

आप सभी अन्तर्वासना के पाठकों को मेरा प्यार भरा नमस्कार !

आपने मेरी पहली कहानी

बस में अनजान औरत के साथ

को काफी सराहा, मुझे कई सारे मेल मिले जिनमें से कई लड़कों और लड़कियों ने मुझसे उस औरत के नंबर मांगे तो मैं उन्हें यह बताना चाहूँगा कि हम कॉल बॉय कभी भी किसी ग्राहक का नंबर किसी को नहीं देते क्योंकि यह उनकी निजता का प्रश्न है।

दोस्तो, मैं चूत को पम्मी जी बोलता हूँ, लण्ड को पप्पूजी और गाण्ड को तरबूज, जो मुझे बहुत अच्छा लगता है किसी को शक भी नहीं होता है इन शब्दों से।

अब कहानी पर आते हैं !

यह बात उस समय की है जब मैं बारहवीं में पढ़ता था, मेरे ही पड़ोस में रहने वाली आंटी मुझे बहुत अच्छी लगती थी और लगती भी क्यों नहीं, वो थी ही ऐसी जबरदस्त कि अगर बुड्ढा भी उसे देखे तो उसका लण्ड तो क्या लण्ड के बाल भी कड़क हो जायें !

मैं रोजाना उन्हें छत से देखा करता था किताब लेकर ताकि किसी को शक न हो कि मैं उन्हें देख रहा हूँ, सभी को यही लगता कि मैं पढ़ाई कर रहा हूँ।उन्हें भी पता था कि मैं छुप-छुप कर रोजाना उन्हें देखता हूँ ! उनके पति शराब बहुत ज्यादा पीते थे और जल्दी ही सो जाते थे, फिर वो देर रात तक घर के आंगन में बैठी काम करती रहती थी। मैं उनसे कम ही बात करता था।

वो जब भी नहा कर बहार आती थी तो उनके शरीर पर सिर्फ एक तौलिया ही होता था और बाल खुले रहते थे जो उनके वक्ष को ढके रखते थे। फिर जब वो आँगन में बैठ कर अपने बाल संवारती तो गजब लगती थी।

ऐसे ही एक दिन मैं बाज़ार किसी काम से गया हुआ था, जब वापिस आया तो मम्मी ने कहा कि पास वाली आंटी आई थी, तुम्हें बुलाया है, उनके घर पर कोई नहीं है, उनके पति आज 6-7 दिनों के लिए ऑफिस के काम से बाहर जा रहे हैं तो तुम्हें उन्हीं के साथ रहना है कुछ दिन, और अपनी किताबें भी ले जाना ताकि वहाँ पढ़ाई कर सको !

मैंने कहा- ठीक है !

और मैं अपना स्कूल बैग लेकर उनके घर चला गया। काफी देर तक दरवाजा बजने पर भी अन्दर से कोई जवाब नहीं आया तो मैंने दरवाजे को जोर से धकेला तो वो खुल गया। मैंने पूरा घर देखा लेकिन वो कहीं नहीं दिखी तो मैंने सीचा कि शायद वो नहा रही हों।

जब बाथरूम के पास गया तो पता चला कि वो नहा ही रही हैं और दरवाजा भी बंद नहीं किया है। मैं छुप कर उन्हें देखता रहा, उनकी पीठ दरवाजे की तरफ थी तो मैं खुले दरवाजे से उन्हें देखता रहा उनकी गोल गोल तरबूज देख कर मेरा लण्ड कड़क हो गया।

तभी अचानक वो पलट गई लेकिन उनके मुँह पर साबुन लगा होने से मुझे नहीं देखा उनकी आँख में साबुन चला गया था, टंकी में पानी भी ख़त्म हो गया था तो वो बंद आँखों से डब्बे को ढूंढ़ रही थी लेकिन वो बाहर रखा हुआ था।

मैंने उन पर तरस खाकर डब्बा उनके हाथ में दे दिया।

डब्बा ले कर वो पलटी और बाल्टी से पानी डालने लगी अपने आँख पर ताकि साबुन निकल जाये। तभी उन्हें लगा कि डब्बा तो बाहर था फिर मुझे दिया किसने?

वो एकदम से पलटी तो सामने मैं खड़ा था।

वो जोर से चिल्लाई तो मैं डर कर कमरे में जाकर बैठ गया। फिर नहा कर वो कमरे में आई तो उनके शरीर पर सिर्फ तौलिया ही लपेटा हुआ था। आते ही उन्होंने मुझे डांटना शुरू कर दिया, मैं सर नीचे झुकाए चुपचाप उनकी बातें सुनता रहा।

तभी उनका तौलिया खुल गया जिसे मैंने फ़ौरन पकड़ लिया तो वो बोली- यह क्या कर रहे हो? तुम्हें शर्म नहीं आती अपनी आंटी के साथ ऐसा करते हुए? मैं तुम्हारी मम्मी को बोलूँगी।

तभी मैंने उनके होंटों पर अपने हाथ रख दिए और कहा- आपका तौलिया खुल गया था जिसे अभी भी मैंने ही पकड़ा है।

तो वो गुस्से से बोली- छोड़ो तौलिये को !

मैंने कहा- लेकिन यह खुल जायेगा !

तो वो बोली- मुझे कुछ नहीं सुनना है, तुम छोड़ो इसे फ़ौरन !

मैंने डर के मारे छोड़ दिया और गर्दन नीचे कर ली तो तौलिया नीचे गिरते ही उनकी बिना बालों वाली गोरी सी प्यारी सी पम्मी जी के दीदार हो गए।

मैं एकटक उनकी पम्मीजी को निहारता ही रहा और वो मुझे डांटे जा रही थी। मैंने उन्हें कहा- आप कपड़े तो पहन लो, उसके बाद जो करना है वो कर लेना !

तब वो समझी कि वो मेरे सामने बिल्कुल नंगी खड़ी हैं, वो शरमाई और तौलिया लपेट कर दीवार की तरफ मुँह करके खड़ी हो गई ! मैंने मौके का फायदा उठाया और अपने सारे कपड़े खोल कर उनके पास जा कर उनके कंधे पर हाथ रख कर कहा- आप घबराइए मत ! मैं किसी को भी यह बात नहीं कहूँगा कि आप मेरे सामने नंगी खड़ी थी और मुझे डांट रही थी और मैं चुपचाप आपकी पम्मीजी को देख रहा था !

तो वो और ज्यादा शरमा गई।

मैंने उन्हें अपनी ओर पलटाया और उनके हाथ ऊपर कर दिए और धीरे से उनके तौलिए पर हाथ रख दिया या यह कहो कि मैंने उनके चूचों पर हाथ रख दिया।

तभी उन्होंने अपने हाथ नीचे किये और अपनी आँखें खोली और उन्होंने मुझे धक्का दे दिया। मैं नीचे गिर गया !

तभी वो बोली- मेरी चूत चोदेगा? मेरी गाण्ड मारेगा तू? तेरी इतनी औकात कि तू मेरे साथ चुदाई करेगा? अबे तेरा है ही कितना अभी जो तू मेरी चूत की प्यास दूर कर सकेगा? दिखा तो सही मादरचोद तेरा 2-3 इंच का लण्ड भोसड़ी के?

तो मुझे गुस्सा आ गया और मैंने उन्हें अपना पप्पू हाथ में ले कर दिखा दिया कि यह लो देख लो जी भर के !

तो वो नाटक करते हुए बोली- बस इतना सा? मेरे पति का तो तुझसे बहुत बड़ा है !

तो मैंने उन्हें कहा- वो मुझसे उम्र में भी तो बड़े हैं तो जाहिर सी बात है बड़ा तो होगा ही !

लेकिन उनकी नजरें मेरे पप्पू से हट ही नहीं रही थी, ललचाई हुई नजरों से मेरे पप्पू को देख रही थी।

मैं समझ गया कि इसे मेरे पप्पू को अपनी पम्मी में लेने का मन कर रहा है।

फिर मैंने सोचा कि जो भी होगा देखा जायेगा, आज तो कबड्डी खेल ले !

मैं उनके पास तो था ही, फ़ौरन से उनके दोनों हाथ पकड़ लिए और उनके बूबे चूसने लगा। उन्होंने मुझसे जानबूझ कर छुटने की कोशिश नहीं की लेकिन फिर भी वो कसमसा रही थी।

मैंने उनके हाथ छोड़ दिए थे धीरे से मैं उनके तरबूज पर हाथ फेरने लगा।

अचानक से मैंने उनके तरबूज के बीच वाले छेद में अपनी अंगुली थूक लगा कर घुसेड़ दी तो वो एकदम से चिहुंक उठी लेकिन मैंने उन्हें ऐसा करने से मना किया।

थोड़ी ही देर में उन्होंने मेरा पप्पू अपने हाथ में ले लिया और प्यार से उसे मसलने लगी।

मुझे अच्छा लग रहा था, मैंने उन्हें घुटनों के बल बैठने को कहा और अपनी बेल्ट हाथ में ले ली जैसे ही वो नीचे बैठी, मैंने उनके दोनों हाथ पीछे ले जाकर बेल्ट से बांध दिए और उनका मुँह पकड़ कर खोल दिया ताकि मैं अपना पप्पू डाल सकूँ।

मैं ठंडा होने वाला था, वो कसमसाती ही रह गई और मैंने अपना सारा रस-मलाई उनके मुँह में डाल दिया।

वो मुस्कुराते हुए बोली- तुम बहुत ख़राब हो ! मेरे हाथ खोलो वरना मैं चिल्लाऊँगी।

मैंने कहा- ठीक है, चिल्लाओ ! जब कोई आ जायेगा तब क्या कहोगी कि मैंने क्या किया है?

वो कुछ सोचने लगी और कहा- अब मेहरबानी करके मेरे हाथ खोल दो, मैं भी वही सब चाहती हूँ जो तुम चाहते हो।

तब मैंने उसके हाथ खोल दिए और उसे अपना पप्पू मुँह में लेने को कहा ताकि वो फिर से तैयार हो जाये चुदाई के लिए !

वो धीरे धीरे से मेरा चूसने लगी, मैं उन्हें पलंग पर ले गया, उनकी पम्मी को चूसने लगा। वो मेरा पहले से ही चूस रही थी, मैंने अपना पप्पू उनके मुँह से हटा लिया और सिर्फ उनकी पम्मीजी को बेइंतहा प्यार करने लगा, यानि की चाटता रहा और वो सिसकारियाँ ले रही थी, उनके मुँह से सीईईई उफ्फ्फ्फ़ आःह्ह की आवाजें आने लगी।

मैं समझ गया कि अब इन्हें मेरा पप्पू चाहिए तो मैं उनसे पूछने ही वाला था कि उन्होंने मुझे अपने ऊपर खींच लिया और मेरे होंठ चूसने लग गई।

उन्होंने अपने एक हाथ से मेरा पप्पू अपने पम्मी के ऊपर रख दिया और मेरे तरबूज के बीच में अपनी अंगुली डाल दी। मैं एकदम से चिंहुका और मेरा पप्पू उनकी पम्मी के अन्दर घुस गया।

तभी उन्होंने एक ठंडी साँस ली और बोली- मुझे चोद दिया? जितना चोद सकते हो, चोद डालो मुझे ! आज मैं आज बहुत ज्यादा मजा लेना चाहती हूँ !

मैंने उन्हें कहा- अगर ज्यादा मजा लेना है तो पीछे करवा लो ! चूत से भी ज्यादा मजा आएगा आपको !

वो बोली- पीछे का छेद तो बहुत छोटा होता है, कैसे घुसेगा उसमें?

मैंने कहा- वो सब मुझे पर छोड़ो, मैं सब कुछ कर लूंगा, आपको पता भी नहीं चलेगा ! कोई ज्यादा तकलीफ़ नहीं होने दूँगा।वैसे पाठको, उनके पति का पप्पू मुझसे छोटा था मोटाई में बराबर ही था। उसने कहा- नहीं बाबा नहीं ! मैं तो मर जाऊँगी, मेरे पीछे मत डालना, आज तक मैंने उनसे भी नहीं डलवाया है।

तब मैंने उन्हें कहा- जब मेरा उनसे छोटा है, दुबला पतला है तो फिर क्यों डरती हो? पहली बार तो सभी के दर्द होता ही है, आपकी पहली चुदाई पर क्या आपको दर्द नहीं हुआ था और बच्चा पैदा करते हैं तब भी तो दर्द होता ही है, कम से कम उस दर्द से तो बहुत कम दर्द होगा आपको !

मैंने उनकी अलमारी से पोंड्स क्रीम निकाली और उनकी गाण्ड में अपनी अंगुली से डालता रहा और ढेर सारी अपने पप्पू पर भी लगा ली।

वो उलटी ही लेटी थी और मैंने अंगुली डालते डालते अपना पप्पू उनकी गाण्ड में डाल दिया एक झटके से !

वो चिल्ला रही थी तो मैंने उनका मुँह जोर से बंद कर दिया और दूसरा झटका भी दे डाला ताकि दूसरी बार उन्हें दर्द न हो।

उनकी आँखों में आंसू आ गए और मैं उनके ऊपर ही लेटा रहा। फिर जब वो चुप हो गई तब मैंने उनसे पूछा- क्या अब भी दर्द हो रहा है?

तो वो बोली- थोड़ा-थोड़ा हो रहा है।

मैं उन्हें घोड़ी की अवस्था में ले आया और अपना काम शुरु कर दिया यानि की गाण्ड चुदाई, अपने एक हाथ से उनके पम्मी की नाक मसल रहा था और दूसरे हाथ से उनके बोबे !

10 मिनट में में उनकी गाण्ड में ही ठंडा हो गया।

फिर वो सीधी हो गई, बोली- मेरी चूत की आग को कौन ठंडा करेगा अब?

मैंने कहा- मेरे शेर को फ़िर से तैयार करो, फिर देखना कि कैसा बैंड बजाता है मेरा शेर !

तब उसने कहा- ठीक है, देखती हूँ ! अगर आज तूने मेरी आग बुझा दी तो मैं जिन्दगी भर के लिए तेरी गुलाम बन जाऊँगी, जब तू कहेगा तब तुझसे करवाऊँगी लेकिन अगर ऐसा नहीं हुआ तो मैं तेरी गाण्ड में मेरा प्लास्टिक का लण्ड डाल दूंगी ! बोल मंजूर है तुझे?

मुझे तो पहले से ही मालूम था कि जब में दो बार ठंडा हो चुका हूँ तो तीसरी बार तो उसकी पम्मी का बैंड बजना ही है।

तो मैंने हाँ कर दी यानि उनकी शर्त को मंजूर कर लिया।

अब मैं उनकी पम्मी को चूसने लगा ताकि वो बहुत ज्यादा गर्म हो जाये, थोड़ी ही देर में वो अपनी गाण्ड यानि तरबूज उचकाने लगी। मैं समझ गया कि अब इसकी तो गई काम से !

फिर मैंने अपना पप्पू शेर लण्ड महाराज उनकी पम्मी में डाल दिया तो वो बोली- दम नहीं है क्या?

मैंने कहा- दम तो बहुत है लेकिन तुम्हारे में ताकत नहीं है, अगेर है तो तुम कर के बता दो।

तो उसने एकदम से मुझे धक्का दिया और पलंग पर गिरा दिया, फिर मेरे ऊपर चढ़ कर अपनी पम्मी में मेरा पप्पू डलवा कर उछलने लगी। आखिर कब तक उछलती, आखिर में उनकी वो घड़ी आ ही गई जिसका मुझे बेसब्री से इंतज़ार था और वो चिल्लाती हुई मेरे ऊपर ही गिर गई।

तब मैंने कहा- क्या हुआ मैडम जी? थक गई?

तो उन्होंने हाँ भरी और पलंग पर सीधी लेट गई।

तब मैं तुरंत उनके ऊपर चढ़ गया और शुरु कर दी चुदाई।

वो बोली- क्या कर रहे हो? मेरा तो हो चुका है !

तब मैंने कहा- मैडम, मेरा शेर लम्बी रेस का घोड़ा है, इतनी जल्दी नहीं थकता है, अभी तो आपको एक बार और ठंडा होना है।

थोड़ी ही देर में वो बड़बड़ाने लगी- भोसड़ी के चोद ना ! और जोर से चोद ! मादरचोद फाड़ डाल आज इसको ! साली कुत्ती रांड बहुत ज्यादा फड़कती है यह ! आज फाड़ डाल इसको ताकि कभी उस चूतिये का 6 इंची लेने का मन ही न करे !

मेरा छुटने को था तो मैंने उनसे कहा- बोलो, अन्दर ही डाल दूँ अपना रस?तो वो बोली- अन्दर ही डाल दो ! उस गरमा गरम रस को मैं अपने अन्दर लेना चाहती हूँ और तुम्हारे बच्चे की माँ बनाना चाहती हूँ ! बोलो बनाओगे न मुझे अपनी बाहर वाली बीवी ? बोलो?

तब मैंने हाँ भर दी और अपना सारा रस उसकी पम्मी में डाल दिया।

फिर थोड़ी ही देर में कहा- अब रोजाना तुम मुझसे वो सब कुछ करवाओगी जो मैं चाहूँगा?

तो उसने हामी भर दी। फिर जब भी उनके पति बाहर जाते तो वो मेरी मम्मी को बोल कर मुझे अपने घर पर रात को सोने के लिए बुला लेती और मैं उनके घर पर चला जाता था और उनकी जम कर चुदाई करता !

आज हम दोनों के एक बेटा है जो सात साल का हो गया है। मेरे पापा का ट्रांसफर हो गया था तो हम सभी पापा के साथ उनकी नई पोस्टिंग वाली जगह पर चले गए थे। अभी कुछ ही दिनों पहले मैंने उनके पति को अपने शहर में देखा था उनकी अपनी ही बाइक पर ! शायद वो लोग भी इसी शहर में आ गए हैं। अब मैं उन्हें ढूंढ़ रहा हूँ ताकि हम दोनों अपनी सेक्स की दास्ताँ आगे बढ़ा सकें।

तो दोस्तो, यह थी मेरी पहली सबसे प्यारी चुदाई की कहानी !

आपको कैसी लगी, इस बारे में आप मुझे अपनी अपनी राय मेल कर सकते हैं।

[email protected]

आपका लवगुरु

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