पड़ोसन को गर्भवती किया

(Padosan Ko Garbhvati Kiya)

मेरा नाम सुनील है, मेरी उम्र २२ साल है। मैं ६ फ़ुट २ इंच लम्बा सांवला लड़का हूँ। मेरे लण्ड का साइज़ ७ इंच है।

मैं आपको अपने पहले सेक्स के बारे में बताने जा रहा हूँ. मैंने अपना पहला सेक्स अपनी पड़ोसन सोना आंटी के साथ किया था। यह उन दिनों की बात है जब मैं ग्यारहवीं में पढ़ता था। सोना आंटी बहुत सेक्सी थी। उनकी उस समय नई नई शादी हुई थी। उनका पति चालीस साल का था और वो केवल पच्चीस साल की ही थी। उनका गोल-मटोल बदन, उनके उभरे हुए वक्ष देख कर कोई भी अपना काबू खो दे !

मैंने मन ही मन उन्हें चोदने का सोचता था लेकिन शुरुआत कैसे की जाए यह मुझे समझ नहीं आ रहा था। उनका पति शाम की पारी में काम करके आधी रात को घर आता था और रात को सोना आंटी की चुदाई करता था।

एक बार उनका पति रात को एक बजे आया, मैं उस वक्त जगा हुआ था, अचानक आह आह की आवाज सुनाई दी। मैंने बाहर जाकर देखा तो उनके घर से आवाज आ रही थी। उस समय बहुत अँधेरा था और रात में कुछ दिखाई भी नहीं दे रहा था तो मैंने हिम्मत करके उनकी खिड़की में झांकने की कोशिश की।

खिड़की में छेद थे और पर्दा लगा हुआ था जिससे मुझे कुछ दिखाई नहीं दे रहा था। तो मैंने डंडी से खिड़की का पर्दा हटाया, अंदर जीरो-बल्ब की रोशनी थी। अन्दर का नजारा देख कर मैं तो एकदम दंग रह गया। मैंने अन्दर देखा कि अंकल सोना आंटी के स्तन दबा रहे थे और वो आहऽ आहऽऽ की आवाज निकाल रही थी। कुछ देर के बाद अंकल सोना आंटी के ऊपर चढ़ गए और एक जोरदार धक्के के साथ अपना काला लिंग उनकी योनि में डाल दिया। अंकल दो-तीन धक्कों के बाद झड़ गये और आंटी के ऊपर सो गए। आंटी अभी पूरी तरह संतुष्ट नहीं हुई थी, उनकी कामना उनकी चेहरे से मुझे साफ़ नजर आ रही थी। अंकल की ज्यादा उम्र होने के कारण आंटी संतुष्ट नहीं हो पाती थी।

तब उनकी शादी को एक साल बीत चुका था लेकिन आंटी को बच्चा नहीं हो रहा था। शायद अंकल की ज्यादा उम्र के कारण ऐसा हो रहा था। इस बात से आंटी हमेशा परेशान रहती थी। और उनकी परेशानी उनके चेहरे से साफ नजर आती थी।

एक दिन आंटी को बाजार जाना था, आंटी और मेरी खूब जमती थी। हम दोनों एक दूसरे से मजाक-मस्ती किया करते थे और नॉन-वेज़ चुटकले मारा करते थे। वो मुझसे केवल ३ साल ही बड़ी थी लेकिन अंकल की उम्र ज्यादा होने के कारण मुझे भी उन्हें आंटी कहना पड़ता था।

उस दिन मैं उनको मार्केट में शॉपिंग कराने ले गया। मार्केट में काफी भीड़ थी तो कई बार धक्के की वजह से मेरे हाथ उनके वक्ष से छू जाते थे, लेकिन उन्होंने कोई प्रतिक्रिया नहीं की। मेरे साहस और बढ़ गया, मैंने जानबूझ कर उनकी गांड पर हाथ फ़िराया- वोह आह…. करके रह गई। लेकिन मुझे कुछ नहीं कहा। मैं आंटी के मन की इच्छा समझ चुका था। मार्केट से शॉपिंग करने के बाद वो घर पर आई, उन्होंने मुझे उनके साथ आने के लिए धन्यवाद कहा। अब उस पल के बाद तो मैं एक दम बेकाबू सा हो गया था।

मैंने एक दिन साहस करके उन्हें अपने दिल की बात बता दी। पहले तो उन्होंने इंकार किया लेकिन बाद में मान गई। उनके घर में टीवी नहीं था, वो अक्सर सीरियल देखने के लिए मेरे घर आया करती थी।

मेरे बीच वाले कमरे में टीवी था और वो हॉल में बैठ कर टीवी देख रही थी। दोपहर का समय था, मेरी बहन अन्दर वाले कमरे में टीवी देख रही थी जहां टीवी रखा हुआ था और वो हॉल में बैठकर टीवी देख रही थी उस समय घर में कोई नहीं था। मैंने दरवाजा बंद कर दिया जिससे घर में थोड़ा अँधेरा हो गया।

फिर मैं आंटी के पास गया और उन्हें चुम्बन देने के लिए कहा। पहले तो वो हिचकिचाई लेकिन मेरी जबरदस्ती के आगे उन्होंने हार मान ली और धीरे से एक चुम्बन दिया। हाय क्या जादू था उस चुम्मे में ! मैं तो एकदम बेकाबू हो गया।

दूसरे दिन मैं उनके घर पर गया, वो सोई हुई थी। जैसा कि मैंने आपको बताया कि उनका पति दिन भर कम करता था और रात को लेट ही आता था जिससे घर में दोपहर को वो अकेली ही होती थी। उनको सोता देख मैं उनके पास गया, मेरी आहट सुनकर वो जग गई। मैं झट से उनके ऊपर आ गया और उनके होटों पे अपने होंठ लगा दिए। उन्होंने भी मेरा साथ देना शुरु किया। मैंने अब उनके स्तन दबाने शुरु किया- हाय, क्या गोल-गोल चूचे थे !

वो अब आह.. आह………. की सिसकारियाँ भर रही थी। उन्होंने कहा- मैं दरवाजा बंद कर देती हूँ, फिर जो करना हैं वो करना !

उन्होंने दरवाजा बंद किया और मुझसे आकर लिपट गई। मैंने उनको अपनी बाहों में भर लिया। उन्होंने भी मुझे जोर से जकड़ लिया। मैंने उन्हें बिस्तर पर लेटा दिया और उन्हें चूमने लगा. मैं उनके पूरे बदन पर पागलों की तरह चूमने लगा। फिर मैंने उनके बदन से एक एक करके कपड़े उतारने शुरु कर दिए। जब मैंने उनकी ब्रा को उनसे अलग किया तो उनके स्तन बाहर आ गए, उन्हें देखकर मैं और बेकाबू हो गया और उनके गोरे-गोरे चूचों को जोर जोर से दबाने लगा। फिर मैंने उनकी साड़ी को उतारा। उन्होंने काले रंग की पैंटी पहन रखी थी। मैंने पैंटी के ऊपर से हाथ फेरा तो वो आह…………….. करके आवाज निकालने लगी। फिर मैंने उनकी पैंटी को उनसे जुदा किया। उसके बाद का नजारा देख कर मैं तो एकदम दंग हो गया। उनकी चूत एकदम गुलाबी थी और हल्के-हल्के बाल थे।

मैंने उनसे पूछा- आपके तो बाल ही नहीं आये हैं?

तो उन्होंने जवाब दिया- मैं हमेशा इन्हें साफ़ करती रहती हूँ।

फिर मैंने उनके पेट पर चूमना शुरु किया तो वो एकदम मदहोश हो कर सिसकारियाँ लेने लगी। वो एकदम से गर्म होती जा रही थी। फिर मैंने उनकी चूत पे हाथ फ़िराया तो वो और रोमांटिक मूड में आ गई और जोर जोर से सिसकारियाँ भरने लगी। पूरा कमरा आह………… आह की आवाजों से गूँज रहा था। अब वो एकदम सुलग चुकी थी, उन्होंने मुझे कहा- सुनील अब नहीं बर्दाश्त होता, अब मेरी प्यास बुझा दो !

लेकिन मैं धीरे धीरे सब करना चाहता था इसलिए मैं उन्हें और गर्म कर रहा था। वो अब जोर जोर से सिसकारियाँ मार रही थी। अब मैं समझ चुका था कि वो अब चरम सीमा पर पहुँच चुकी है। तो मैंने अपनी पैंट उतार दी। अब मैं उनके सामने अंडरवीअर में था। उन्होंने मेरा अंडरवीयर सरकाया, जिससे मेरा ७ इंच लम्बा लण्ड बाहर आ गया। मेरा लण्ड ७ इंच लम्बा और चार इंच चौड़ा हो गया था।

मेरा लण्ड देख कर वो थोड़ी सहम गई। मैंने पूछा- क्या हुआ आंटी ?

तो उन्होंने कहा- तुम्हारा लण्ड कितना मोटा और लम्बा है ! तुम्हारे अंकल का तो छोटा और पतला है।

फिर मैंने उनको सीधा बेड पर लिटा दिया और किस करने के लिए कहा। उन्होंने मेरा लण्ड हाथ में लिया और हिलाने लगी। मुझ बहुत मजा आ रहा था। थोड़ी देर के बाद मैंने उनकी चूत में अपनी एक ऊँगली डाल दी तो वो चिल्ला उठी- हाई…मर गई रे. !

मैं अब अपनी ऊँगली अन्दर-बाहर करने लगा और वो सिसकारियाँ भरने लगी।

उन्होंने कहा- अब बस सुनील ! अब बर्दाश्त नहीं होता ! अब मेरी प्यास बुझा दे !

तो मैंने अपना लण्ड उनकी चूत पर रखा और एक धक्का लगाया, लेकिन मेरा लण्ड अन्दर नहीं जा रहा था। फिर मैंने एक जोरदार झटका लगाया और पूर लण्ड अन्दर चला गया और वो चिल्ला उठी- हाई मर गई रे ! निकाल इसे जल्दी ! मेरी चूत फट गई रे ! कितना मोटा लण्ड है तेरा !

तो मैं कुछ देर के लिए रुक गया और फिर धीरे धीरे धक्के लगाना शुरु किया। अब उन्हें भी मजा आ रहा था, वो भी अपनी गांड उठा उठा कर मुझसे चुदवा रही थी। तक़रीबन २५ मिनट की चुदाई के बाद मैं अब झड़ने वाला था। मैंने उन्हें बताया कि मैं अब झड़ने वाला हूँ तो उन्होंने कहा कि बाहर मत गिराना ! सारा का सारा मेरे अन्दर ही गिरा दो ! मुझे गर्भवती बना दो ! मुझे तुम्हारे बच्चे की माँ बना दो !

मैंने वैसा ही किया, मैंने अपना सारा पानी उनकी चूत में गिरा दिया और उनके ऊपर सो गया।

हाय क्या चूत थी उनकी ! एकदम आग थी उनकी चूत में जिससे मैं जल्दी झड़ गया। उनकी चूत मेरे वीर्य के कारण पूरी गीली हो चुकी थी। मैंने उनसे एक बार फिर सेक्स करने के लिए कहा तो उन्होंने मुझे एक बार फिर गरम किया और मेरा लण्ड तन गया।

इस बार मैंने उन्हें कुतिया स्टाइल में झुकने के लिए कहा। वो झुक गई और मैंने अपना लण्ड पीछे से उनकी चूत में डाल दिया। चूत गीली होने की वजह से जल्दी से घुस गया। अब मैं अपने धक्कों की रफ़्तार तेज करने लगा और जोर जोर से उनको चोदने लगा।

वोह आः………आह आह……..करके चिल्ला रही थी, मुझे बहुत मजा आ रहा था। करीब आधे घंटे की चुदाई के बाद मैं झड़ गया इस दरमियान वो तीन बार झड़ चुकी थी।

फिर हम दोनों एक दूसरे में उलझ कर सो गए।

उस रात को हमने छः बार चुदाई की।

अब जब भी हमें मौका मिलता, हम चुदाई की खेल खेला करते थे।

मेरी चुदाई से वो गर्भवती हो गई और ९ महीने बाद उन्हें लड़का हुआ।

अब भी हम चुदाई का खेल खेलते रहे और दो साल के बाद वो फिर गर्भवती हुई, इस बार उन्हें लड़की हुई।

इस तरह मैंने पड़ोस वाली आंटी को गर्भवती बनाया।

अगर आपको मेरी कहानी पसंद आई तो मुझे अपने विचार मेरी ईमेल पर भेजें।

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