भाभी को सन्तुष्ट किया-2

लेखक : आदित्य शर्मा

फ़िर मैंने जैसे ही भाभी की चूत की पंखुड़ियों को खोल कर अपनी उंगली डालने लगा तो अचानक भाभी ने अपना हाथ चूत पर रख दिया और बोली- आदि नहीं ! अभी नहीं ! अभी तक तो मैंने किसी तरह अपनी सिसकारियों को काबू किया हुआ था, पर अब नहीं कर पाऊँगी, अगर हमने यहाँ कुछ किया तो मुन्ना जाग जाएगा और फ़िर कुछ करना मुश्किल हो जायेगा, चलो हम दूसरे रूम में चलते हैं !

भाभी के इतना बोलते ही मैंने फ़ट से भाभी को अपनी गोद में उठा लिया और दूसरे कमरे में ले गया ! जैसे ही मैंने बैड पर लेटाया, भाभी बोली- आदि, इस रूम में इतनी गर्मी है एसी चला लो !

मैं बोला- भाभी, लाईट अभी तक नहीं आई !

भाभी मुझे बोली- लाईट गई ही कब थी, वो तो मैंने मेन स्विच से लाईट बन्द कर दी थी, अगर मैं ऐसा ना करती तो तुम मेरे इतना पास कैसे आते !

भाभी के इतना कहते ही मेरा अँग अँग में जोश से भर गया और मेरा मन खुशी से उछल रहा था ! मैंने भाभी को फ़िर से अपनी बाहों में उठाया और मेन स्विच ऑन करके ए सी चलाया !

भाभी ने मुझे छेड़ते हुए कहा- आदि, अब तो लाईट भी आ गई है तो अब जल्दी ले मेरी चूत की विंडोज में अपना लौड़े से गेम इन्स्टाल कर दे !

भाभी के इतना बोलते ही मैंने अपने होंठ भाभी के गुलाब की पन्खुड़ियों जैसे होंठों पर रख कर रसपान करने लगा ! भाभी ने भी अपना हाथ मेरी गर्दन के पीछे से कस कर डाल लिया और मेरे होंठों को चूसने लगी ! कभी मैं भाभी की जीभ को अपने मुँह में लेकर चूसने लगा और कभी भाभी मेरी जीभ को !

भाभी मेरी गोद में थी, उनकी चूचियाँ बार बार मेरी छाती से स्पर्श हो रही थी जिससे भाभी और मुझमें वासना की आग और भी ज्यादा भड़कने लगी। मैं भाभी को इसी तरह अपनी गोद में लिये 15-20 मिनट तक चूमता रहा और भाभी के मम्मों का रसपान करता रहा ! मेरा इतना करने से भाभी गर्म हो गई और मुझे कस कर पकड़ लिया !

फ़िर मैं धीरे से आगे बढ़ा और मैंने भाभी को बैड पर लिटा दिया और मैं भी पास में लेट गया, भाभी एकदम से भूखी बिल्ली की तरह मेरे ऊपर टूट पड़ी और मेरी छाती, गर्दन, कानों, गालों, लबों पर चुम्बन करने लगी और बीच बीच में भाभी मेरे कानों और गर्दन पर काट देती ! ऐसा लग रहा था भाभी बरसों से सेक्स के लिये तरस रही हों ! भाभी जोर जोर से साँसें ले रही थी और हर साँस के साथ भाभी के मुँह से बार बार यही निकल रहा था- आदि, आई लव यू… लव यू आदि, आदि आज मुझे चोद डालो, फ़ाड़ डालो मेरी चूत को, चूस लो मेरे मम्मों को… मैं कितने महीनों से आज के दिन का इन्तजार कर रही थी, तुम्हारे भैया तो नपुंसक है, उनका तो चूत में जाते ही निकल जाता है, तुम आज मेरी चूत कि आग को शाँत कर दो, तुम्हीं हो जो मेरी चूत की आग शाँत कर सकते हो।

फ़िर भाभी कहने लगी- मुझे पता है आदि, तुम्हारा सेक्स करने का स्टेमिना बहुत ज्यादा है, मैंने तुम्हें मुठ मारते हुए देखा है, तुम जब मुठ मारते हो तो तुम कभी भी 20-25 मिनट से पहले फ़ारिक नहीं होते, तुम्हारा कभी भी इससे पहले निकलता ही नहीं है, और मुझे तुम्हरा लम्बा और मोटा लोड़ा बहुत पसन्द है ! मैंने तुम्हें उसी दिन पहली बार अपने कमरे की खिड़की से मुठ मारते हुए देख लिया था, जिस दिन हम इस घर में आये थे, और मैं तो उसी दिन से तुम्हारे लोड़े की कायल हो गई थी, क्योंकि एक तुम ही हो जो मेरी तसल्ली कर सकते हो, मैं उसी दिन से तुमसे किसी तरह चुदने का मौका तलाश कर रही थी, और वो खुशनसीब दिन आज आया है। आदि, तुम ही हो मेरे चूत के राजा, कर लो तुम जो कुछ भी मेरे साथ कर सकते हो, आज मेरे शरीर के अँग अँग को अपने में समा लो, चोद डालो मुझे !

भाभी के इतना कहने से मुझ में और भी उत्साह आ गया और मैंने भाभी की कमर में कस कर हाथ डाल लिया और भाभी की गर्दन, कान, गालों पर चुम्बन करने लगा ! भाभी भी मुझे जवाब में बहुत अच्छा रिस्पोंस दे रही थी !

अब मैंने अपना एक हाथ भाभी की गर्दन के नीचे डाला और दूसरे हाथ से भाभी के स्तनों को धीरे धीरे सहलाने लगा, मैंने अपने लब भाभी के लबों पर रख दिये और अपनी एक टाँग भाभी की दोनों टागोँ के बीच में डाल दी !

भाभी पूरी तरह से मेरी बाँहो में समाई हुई थी, अपनी टाँग से मैं भाभी की चूत को रगड़ रहा था मेरा ऐसा करने से भाभी के पूरे शरीर में अजीब सी हलचल हो रही थी और भाभी अपने खुद पर काबू नहीं रख पा रही थी, वो अपना हाथ मेरी कमर से सहलाते हुए धीरे से नीचे लेकर गई और मेरे अंडरवीयर पर रख कर मेरे लोड़े को धीरे धीरे मसलने लगी, और मेरी छाती पर और पूरे शरीर पर किस करने लगी !

जब भाभी मेरे लौड़े को मसल रही थी तो मैंने धीरे से भाभी काली नाईटी को भाभी के शरीर से अलग कर दिया तो भाभी की गोरी चूत के मुझे दर्शन हुए, चूत पर एक भी बाल नहीं था और चूत की पखुंड़ियाँ संतरे की कलियाँ लग रही थी ! अब मैंने भाभी को सीधा लेटाया और मैं भाभी के पैर के अंगूठे को अपने होठों से धीरे धीरे चूमता हुआ भाभी की जांघों की तरफ़ बढ़ने लगा। ऐसा करने से भाभी को बहुत अच्छा लग रहा था और भाभी के मुँह से आदि आई लव यू … आदि आई लव यू … लव यू आदि ! यही निकल रहा था। जैसे ही मैं भाभी की जांघों को अन्दर की तरफ़ चूमने लगा, भाभी सिसकारियाँ भरने लगी और मेरा सिर खींच कर मेरा मुँह अपनी चूत पर लगा लिया और दबाने लग़ी ! मैंने भाभी की चिकनी चूत को पहले धीरे से चूमा, तब मैंने चूत कीदोनों पंखुड़ियों को अलग किया और चूत में अपनी जीभ डाल कर सहलाने लगा। भाभी ने मेरा एक हाथ खींच कर उंगली को अपने मुँह में डाल लिया और उसे चूसने लगी।

भाभी और भी जोर जोर ले सिसकारियाँ लेने लगी, उनके मुंह से आ… आआ… आ हा… आहा… उह… अहा निकल रही थी। मैं भी भाभी की चूत के नशे में खो गया था और नमकिन चूत के रस की खुशबू ने मुझे पागल कर दिया था। फ़िर भाभी ने मेरा लोड़ा अपने हाथ में पकड़ा और अपने गुलाबी होंठों से चूमने लगी, फ़िर भाभी मेरा लोड़ा अपने मुँह में लेकर कुल्फ़ी की तरह चूसने लगी। भाभी मेरे लोड़े को बीच बीच में अपने मुँह से निकालती और अपने हाथ से हिलाकर मुठ मारने लगती, भाभी के इस तरह करने से मुझे बहुत मजा आ रहा था !

ऐसा हम 15 मिनट तक करते रहे और भाभी झड़ ग़ई और चूत से निकलने वाले पानी को मैं चाट गया। भाभी में मेरे लोड़े को पूरे जोर से चूस रही थी।

भाभी फ़िर मुझे अपने ऊपर खींचने लगी और सिसकारियाँ भरते हुए बोली- आदि, मेरी चूत को फ़ाड़ दो, चोद दो मुझे, अपना हथियार मेरी चूत में डाल दो, अपने लंबे मोटे लोड़े से मुझे चोद दो, आज मेरी चूत को शाँत कर दो !

फ़िर मैं सीधा होकर भाभी के ऊपर आ गया भाभी ने अपनी टांगों को पूरा खोल लिया, मैंने भी भाभी को और ज्यादा ना तड़फ़ाते हुए अपने लोड़े को भाभी की चूत पर रगड़ने लगा, कभी मैं अपने लोड़े के शीष को चूत की दोनों पँखुड़ियों के बीच सहलाता और कभी चूत के चारों तरफ़, भाभी को मेरा ऐसा करना बहुत अच्छा लग रहा था और वो जोर जोर सिसकारियाँ ले रही थी। फ़िर मैंने अपने लोड़े के सुपारे से चूत के दाने को छेड़ दिया और भाभी बोली- आदि बस अब और नहीं, अब मेरी चूत में अपना लोड़ा डाल दो !

मैंने धीरे से अपना लोड़ा भाभी की चूत के छेद पर रखा और धीरे से हल्का सा धक्का दिया, भाभी की चूत पूरी तरह से गीली थी और मेरा लोड़ा थोड़ा सा चूत के अन्दर ग़या और तो भाभी के मुँह से हल्की आवाज निकली- आ… आ… हा… आहा…

भाभी भी अपने चूतड़ ऊपर उठा कर मेरे लोड़े को अन्दर लेने में मेरा साथ देने लगी। मैं साथ साथ भाभी के उरोजों, लबों, गालों पर चुम्बन कर रहा था, जो भाभी को बहुत अच्छा लग रहा था !

फ़िर मैंने थोड़ जोर से अपने लोड़े को और धक्का दिया और मेरा आधा लोड़ा भाभी की चूत में चला गया, और भाभी के मुँह से दर्द की कराह निकली, क्योंकि भाभी की चूत बहुत टाईट थी और लोड़ा मोटा था, भाभी बोली- आदि, सच में तुम्हारा लोड़ा काफ़ी मोटा है, आज पह्ली बार मेरी चूत को असली लोड़ा मिला है।

मैं धीरे धीरे अपने लोड़े को चूत में अन्दर-बाहर करने लगा, भाभी को बहुत मजा आ रहा था, वो जोर जोर से सिसकारियाँ ले रही थी- आ… आ…हा… आहा आदि आई लव यू… लव यू आदि आ…आ…हा… आहा !

फ़िर मैंने अन्दर बाहर करते हुए एक जोर का धक्का मारा और मेरा पूरा लोड़ा चूत में चला गया, भाभी के मुँह से एक जोर की चीख निकली- आई माँ… उह… उह… आ… आहा !

अब मैं जोर जोर से अपना लोड़ा चूत में अन्दर बाहर करने लगा और भाभी जोर जोर से सिसकारियाँ भरने लगी और अपने कूल्हे उठा उठा कर लोड़े को चूत में लेने लगी, भाभी ने अब अपनी दोनों टांगे मेरी पीठ के पीछे बाँध ली थी और जब मेरा लोड़ा भाभी की चूत में पूरा अन्दर जाता तो भाभी और भी मुझे कस कर पकड़ लेती।

थोड़ी देर के बाद भाभी एकदम से काफ़ी जोर जोर ले मेरा लोड़ा अपने अन्दर लेने लगी और अपने नाखूनों से मेरी पीठ को काटने लगी, मैं समझ गया कि अब भाभी झड़ने वाली हैं, मैंने और भी जोर जोर से झटके मारने शुरु कर दिये और थोड़ी देर के बाद भाभी झड़ गई, भाभी जब झड़ रही थी तो भाभी को बहुत मजा आ रहा था, क्योंकि ऐसा भाभी के साथ पहली बार हुआ था कि भाभी की चूत में लोड़ा हो और भाभी झड़ी हों, वरना हर बार तो भैया पहले झड़ जाते थे और भाभी इस सुख से वंचित रह जाती थी।

अब भाभी झड़ गई थी और एक मेरा लोड़ा है जो कि झड़ने का नाम ही नहीं ले रहा था, भाभी झड़ने के बावजूद अभी भी मेरा पूरा साथ दे रही थी। भाभी ने फ़िर से जोर जोर से सिसकारियाँ लेनी शुरु कर दी थी।

अब मैं भी झड़ने वाला था, मैंने भाभी से पूछा- भाभी, मैं अपना माल कहाँ निकालूँ?

तो भाभी बोली- आदि, अब तुम ही मेरी चूत के मालिक हो, मेरे हर अंग पर अब तुम्हारा ही अधिकार है, मेरे अन्दर ही अपने गर्म माल की बारिश करके आज मेरी चूत को तृप्त कर दो और मेरी चूत की बरसों की प्यास बुझा दो।

और थोड़ी देर बाद मैंने भाभी की चूत में जोर से अपने लोड़े से गर्म माल की धार मारी और भाभी भी दुबारा से झड़ने लगी। अब हम दोनों झड़ चुके थे, मैं भाभी के ऊपर भाभी को अपनी बाँहों में लिए लेटा रहा और भाभी ने मुझे अपनी बाँहो में भरते हुए मेरे होंठों पर चुम्बन किया और कहा- आदि तुम बहुत अच्छे हो, आई लव यू, आज तुमने मुझे सैटिस्फ़ाई कर दिया, आज मेरी चूत का मुकाबला किसी मर्द के लोड़े से हुआ है, वरना तुम्हारे भैया से तो कुछ होता ही नहीं है, उनका तो डालते ही निकल जाता है, अब तुम जब चाहो मेरे पास आ सकते हो और जो चाहो मुझ से कर सकते हो !

मैंने भाभी को बोला- भाभी, आप भी बहुत सेक्सी हो, मैं तो आपको रोज चोदना चाहूँगा।

तो भाभी बोली- क्यों नही, मैं भी तुमसे रोज चुदूँगी !

उस रात मैंने फ़िर से भाभी को चोदा और हम फ़िर पूरी रात नंगे होकर एक दूसरे की बाँहों में बाहें डाले सो गए।

सुबह जब हम उठे तो भाभी बहुत खुश थी, भाभी बैड पर ही मेरे लिये चाय लाई और मुझे किस करते हुए रात के लिए थैंक्यू बोला।

फ़िर मैं और भाभी एक साथ बाथरूम में नहाए और नहाते हुए फ़िर से बाथ टब में चोदा !

भाभी मुझसे बहुत खुश हुई और उसके बाद जब भी मौका मिलता मैं भाभी को चोदता हूँ, और जब मैं या भाभी कभी शहर से बाहर होते तो हम फ़ोन सेक्स करते हैं !

तो दोस्तो और हसीन गर्म चूतों की मलिकाओ, आपको मेरी कहानी कैसी लगी? मेरी इस आपबीती पर अपने विचार मुझे जरूर मेल करें।

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