बेटे का दोस्त मेरी चूत का साथी-2

अजय सिंह 31 2011-12-08 Comments

प्रेषक : अजय

मैं नहाकर बाहर आ गई, मैंने आज जींस और टॉप डाला, मैंने आज नीचे ब्रा और पैंटी नहीं डाल रखी थी, जींस मेरी जांघों से चिपकी हुई थी।

हमने नाश्ता किया, राहुल ने मुझे कहा- आंटी, आज आप बहुत खूबसूरत लग रही हो !

मैंने कहा- थैंक्स बेटे ! एक तुम ही तो हो जो मेरी तारीफ करते हो ! वरना न मेरा बेटा है यहाँ और न ही पति जो मेरी तारीफ करें।

वो नाश्ता करके चला गया और फिर स्कूल से आने के बाद वो फिर सीधे मेरे घर आ गया।

मैंने उसे कहा- बेटे, जल्दी करो, कल वाला डांस शो आने का समय हो गया है।

आज डांस में कुछ अलग ही था, आज के डांस में लड़का लड़की एक दूसरे से चिपक के डांस करते है। मैं यह देख कर खुश हो गई।

डांस शुरू हुआ, उसमें सबसे पहले था कि लड़का लड़की एक दूसरे को गले लगाते हैं, तो उसी को देख के मैंने राहुल को गले लगा लिया और मेरे मम्मे उसके छाती से चिपकने लगे, उसके बाद वाला स्टेप में लड़की घूम कर अपने पीछे वाले हिस्से को लड़के के आगे वाले हिस्से से चिपका देती है, तो उसे को देख कर मैंने भी वही किया और घूम के अपने पिछवाड़े को राहुल के लंड से सटा दिया और फिर रगड़ने लगी।

मुझे उसका खड़ा लंड महसूस हो रहा था, मुझे उस वक्त बहुत मजा आ रहा था और शायद वो भी मज़ा ले रहा था इसीलिए उसने मेरे कमर को हल्के से पकड़ रखा था। मैं मस्ती में टीवी को भूल गई और खुद ही डांस करने लग गई और फिर मैं घूम गई और अपने हाथों को उसके छाती पे रख कर सहलाते हुए नीचे घुटनों के बल बैठ गई और फिर उसे भी अपनी तरफ खींच लिया और फिर में लेट गई और उसको भी अपने ऊपर ले लिया।

राहुल ने टीवी की तरफ देखा और फिर बोला- अरे आंटी, यह क्या कर रही हो?

“बेटे, डांस चल रहा है।”

“पर यह तो टीवी पर नहीं आ रहा !” और वो मुझसे अलग हो गया और बोला- ये सब मैं आपके साथ कैसे कर सकता हूँ?

“अरे, इस समय तू मेरा डांस पार्टनर है बस !”

“अगर अंकल को यह बात पता चला या फिर विक्की को तो फिर बहुत बुरा होगा !”

“उन दोनों को हम दोनों के सिवा कौन बताएगा?” मैं उसे नशीली आँखों से देखने लगी।

फिर उसने मुझे एक मुस्कान दी और कहा- आप कितनी अच्छी हो !

“इसमें अच्छी वाली क्या बात है, मुझे तेरा सब पता है कि तू अब बड़ा हो रहा है और ऐसे में दिल क्या करने को करता है।”

वो मेरा इशारा समझ गया और मुस्कुराने लगा, फिर राहुल ने कहा- हमारा डांस तो बीच में ही रह गया?

“हाँ बेटा, उसे पूरा भी करना है !” और फिर मैंने टीवी बंद कर दिया और फिर हम दोनों एक दूसरे की आँखों में आँखें डाल कर और बाहों में बाहें डाल कर डांस करने लगे। मेरे हाथ उसकी छाती पर थे और उसके हाथ मेरी कमर पर थे।

मैं धीरे धीरे अपना चेहरा उसके चेहरे के पास ले गई, अपने होंठों को उसके होंठों के करीब ले गई और राहुल ने फिर मेरे होंठों के साथ लगा दिया। उसके बेहिसाब चूसने से मुझे बहुत सुकून मिल रहा था, एक अरसे के बाद मेरे होंटों को किसी ने छुआ है, मैं अपना पूरा साथ देकर उसके होंठों को चूसने लगी।

हम दोनों ने एक दूसरे को कस कर पकड़ लिया, हम एक दोनों एक होंठों को ऐसे चूस रहे थे जैसे कोई आइसक्रीम हो।

कुछ देर यह करने के बाद मैं राहुल से दूर गई और गाने लगाने लगी, मैं हल्का हल्का डांस करने लगी और अपनी कमर को हिलाने लगी।

राहुल भी डांस करने लगा। यह सब ऐसे हो रहा था जैसे कोई हॉट बॉलीवुड का गाना होता है !

मैं सोफे पर जाकर लेट गई और राहुल मेरे ऊपर आकर मेरे मम्मे को दबाने लग गया और मैंने उसका मुँह पकड़ कर अपने मुँह पर लगा दिया, अब वो मेरे मम्मो को भी दबा रहा था और मुझे किस भी कर रहा था। मैं पूरा मजा ले रही थी, मेरी चूत गीली हो रही थी। फिर मैंने राहुल को और बेताब करने के लिए उसे धक्का देकर एक तरफ कर दिया और सोफे पर उठ कर बैठ गई और डांस करने लगी। राहुल भी पूरी मस्ती में था, उसी समय उसने अपने मोबाइल पर ‘आशिक बनाया आपने’ वाला गाना चलाया।

फिर राहुल मेरे पीछे से आया और मुझे दीवार के साथ सटा कर और मेरे मुँह दिवार वाली तरफ करके धीरे धीरे से मेरी टॉप को ऊपर करने लगा और जहाँ से वो ऊपर करता, वहाँ पर अपने होंठों से चूमता जाता था।

मुझे बहुत मज़ा आ रहा था, मैं मदहोश हो जाती थी जब उसके होंठ मेरे बदन को स्पर्श करते !

फिर उसने मेरी टॉप उतार दी, मैंने नीचे ब्रा नहीं पहनी थी मेरे बड़े बड़े मम्मे आजाद हो गए थे। उसने मुझे अपनी तरफ घुमाया और दीवार के साथ सटा कर मेरे चूचों को चूसने लगा। मैं भी राहुल से अपने उरोजों को चुसवा कर मस्त हो रही थी, अह्ह्ह अआ आया की आवाजें निकाल निकाल कर!

क्या रंगीन नजारा था वो, गाना चल रहा था और वो मेरे चूचों को चूस रहा था।

राहुल कहने लगा- आंटी, आप कितनी सेक्सी हो ! अंकल आपके बिना कैसे रह लेते हैं?

मैं बोली- बेटा, आंटी मत बोल, राधिका बोल ! आज राधिका को अपना बना ले ! आज अपनी प्यास के साथ मेरी प्यास को भी मुझे चोद कर बुझा दे।

यह सुनकर राहुल जोश में आ गया और अपने कपड़े उतारने लगा। उसने अपनी शर्ट उतार दी और अब हम दोनों नीचे जींस में थे। मैं उसके बड़े लंड के लिए तड़प रही थी, मैं धीरे से नीचे हुई और राहुल की जींस खोल कर नीचे खिसका दी और उसकी चड्डी को भी नीचे खिसका दिया। उसका तना हुआ लंड मेरे मुँह के सामने था, उसका लंड करीब 6″ का होगा पर मुझे इसी से गुजारा करना था, राहुल का लण्ड मोटा बहुत था।

मैंने राहुल का लंड अपने मुँह में भर लिया और बहुत प्यार से उसे चूसने लगी और ऊपर नीचे करने लगी। राहुल मस्ती में डूब गया था और सिसकारियाँ भर रहा था। जैसे जैसे मैं उसका लंड ऊपर नीचे अपने मुँह से कर के चूस रही थी वो आःह्ह राधिका ! उम्म्म राधिका ! की आवाजें निकाल रहा था।

मैंने महसूस किया कि मेरे मुख में उसका गर्म गर्म पानी आ गया है, मतलब वो झड़ चुका है। तो मैं उसके पानी को पी गई लेकिन उसका लंड अभी भी बैठा नहीं था। उसने मेरी जींस को उतारा, मैंने पैंटी नहीं पहनी हुई थी। मैं बिस्तर पर लेट गई और अपनी दोनों टांगों उसके सामने खोल दी और वो मेरी चूत को देखता रहा !मैंने कहा- बेटे क्या हुआ? इसी से तुम्हारा दोस्त निकला है।

राहुल ने मेरी चूत में उंगली डाल दी और मेरे मुँह से आःह निकल गई। उसे मजा आने लगा और वो उंगली अन्दर बाहर करने लगा था, मुझे बहुत ही मस्त लग रहा था।

उसके बाद मैंने उसका लंड पकड़ा और अपनी चूत में साथ सटाया क्योंकि मुझसे अब रहा नहीं जा रहा था। राहुल ने अपने लंड का सुपारा मेरी चूत पर रखा और झटके देने लगा, लंड आधा अंदर चला गया और मेरी स्सस्सस की आवाज निकल गई।

फिर उसने पूरा लंड मेरी चूत में दे दिया और उसे आगे पीछे करके मुझे चोदने लगा। मुझे बहुत मजा आ रहा था, काफ़ी दिन बाद कोई लंड मेरी चूत में गया था, मेरी तो खुशी का ठिकाना ही नहीं रहा था। मेरे बेटे का दोस्त मुझे पेल रहा था और मेरे चूचों को दबा रहा था। मुझे तो बीच बीच में इस सब पर यकीन ही नहीं हो रहा था।

वो चोदने के बीच रुक जाता और मेरे होंठों को किस करता, उसके बाद फिर से चोदना शुरू करता।

राहुल कहने लगा- राधिका, अब मैं झड़ने वाला हूँ, डार्लिंग !

“अंदर ही झड़ जा ! कुछ नहीं होता !”

उसके बाद राहुल मेरे ऊपर ही लेट गया और मेरे स्तनों को चूसने लगा, पूछा- आप खुश तो हो न आंटी?

मैंने कहा- बेटे, तेरा तो छूट गया।

यह सुन कर उसे शर्म महसूस हुई पर कुछ देर बाद उसका लंड फिर से खड़ा हो गया और मैं अब घोड़ी बन गई थी।

राहुल ने मेरी चूत में फिर से लंड डाल दिया और मुझे फिर सुकून मिलने लगा। वो मेरी चूत को मस्त होकर चोदने लगा, मैं भी आगे पीछे होकर उसके पूरे लंड को अपनी चूत में ले जाती और कहने लगती- चोदो राहुल, चोदो अपनी आंटी को ! ऊऊओ अह्ह्ह उफ्फ़ चोद राजा चोद !

यह सुन कर वो और तेज से चोदने लग जाता था। मैंने कहा- और तेज राहुल ! तेज तेज झटके मार ! अह्ह्ह !

वो अपनी पूरी ताकत से मुझे चोदने लगा। थोड़ी देर बाद राहुल कहने लगा- मैं दुबारा झड़ने वाला हूँ।

तो मैंने कहा- इस बार तू मेरे मुँह में झड़ जा ! मैंने अपना मुँह उसके लंड के पास किया और उसका सारा पानी पी गई।

उसके बाद मैंने उसका लंड अपनी हाथों में ले लिया था लेकिन मैं अभी तक झड़ी नहीं थी, मैं अभी तक संतुष्ट नहीं हुई थी, मैंने उसका लंड अपने हाथों में लेकर सहलाना शुरू कर दिया।

जब उसका लंड एक बार फ़िर खड़ा हो गया तो राहुल बोला- मैं फिर से चोदना चाहता हूँ आंटी।

मैंने कहा- शाबाश बेटा ! आ जा चोद ले अपनी आंटी को ! सब कुछ खोल कर पड़ी है तेरी आंटी ! कर ले जितना प्यार कर सकता है।

इस बार में अलग ढंग से तैयार हुई, मेरी एक टांग राहुल के कंधे पर थी तो दूसरी खुली हुई थी। अब उसने फिर से मेरी चूत में लंड चढ़ा दिया और उसके हाथ मेरी चूत को सहलाने लगे। क्या बताऊँ कि मुझे क्या मज़ा आ रहा था।

राहुक फक फक की आवाज़ निकाल कर मुझे पेल रहा था और यहाँ मेरी जान निकलने को हो रही थी, राहुल अब मुझे जोर जोर से हिलाने वाले झटके दे रहा था। पाँच मिनट बाद मैं झड़ने को हो रही थी, मैं उह अह राहूल्ल अह्ह्ह मैं झड़ने वाली हूंऊ अह्ह्ह ई मैं ईईई करते करते मेरी चूत से बहुत सारा गर्म गर्म पानी निकल गया और राहुल ने उसे चाट कर साफ़ कर दिया।

मैं अब जाकर शांत हुई थी, उस दिन हम दोनों ने चार बार चुदाई की थी।मेरी जवानी के दिन वापिस आ गए थे, मैं उस दिन बहुत बहुत खुश थी कि अब मुझे मेरी चूत परेशान नहीं होगी।

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