मेरी चूत और गांड दोनों प्यासी हैं-1

(Meri Chut Aur Gand dono Pyasi Hain- Part 1)

This story is part of a series:

मेरा नाम जूही परमार है। आपको मेरी कहानी मेरा पहला सांड अच्छी लगी और आपके ईमेल मिले उन सभी के लिए आपका धन्यवाद।

अभी वर्तमान में मैं एक कंपनी में काम करती हूँ। रणवीर मेरी कंपनी में काम करता है। वह शादीशुदा है और आम तौर पर वह मुझसे दूर-दूर रहता है। हम लोग बहुत कम बात करते थे। रणवीर और मैं लगभग एक ही उम्र के हैं। बस वो शादी-शुदा था और मैं कुंवारी। रणवीर दिखने में बहुत आकर्षक था।

हालांकि हाल ही में हमारी कंपनी के लिए नए लेखा सॉफ्टवेयर खोजने के लिए एक प्रोजेक्ट पर हम दोनों एक साथ काम कर रहे थे। इसलिए मुझे थोड़ा उसकी पत्नी बारे में उससे बात करने का मौका मिल गया था।

एक दिन यूँ ही बातों-बातों एक दोस्त ने पूछा- क्या तुम भी शाम को मूवी देखने चलोगी?
मैंने कहा- नहीं मैं वीकेंड पर जाऊँगी, अभी नहीं।

तभी एक दोस्त ने कहा- मैंने देखी है, अच्छी मूवी है। एक बार देखना तो बनता है। उस फिल्म के बारे में उसने कहा- काश! मुझे भी उसी हीरो की तरह कोई मेमसाब मिल जाए। मैं तो सब फ्री में कर दूंगा और पैसे भी नहीं लूंगा।
उसकी यह बात सुन कर सभी हँसने लगे और फिर अपने काम में लग गए।

थोड़े देर बाद, रणवीर मेरी डेस्क के पास आया और पूछा- लंच का क्या प्रोग्राम है?
क्योंकि मेरा कोई प्लान नहीं था तो जब उसने बाहर चल कर साथ लंच करने के लिए पूछा, मैंने हामी भर दी।
हम होटल पहुँचे और खाने का आर्डर दिया। हमने लंच पार्सल कराया किया, पैसे दिए और ऑफिस की तरफ जाने लगे।

तभी मैंने रणवीर से कहा- थोड़ी देर पार्क में बैठते हैं और आज यहीं बैठ कर साथ में खाना खाते है। रोज़ तो वहीं ऑफिस में खाना होता है।
रणवीर ने कहा- ठीक है।

हम पार्क में एक बेंच पर चुपचाप बैठे थे। तभी मैंने रणवीर से पूछा- और बताओ, घर में सब कैसे है?
रणवीर ने हंसते हुए जवाब दिया- सब एकदम ठीक!
फिर वो अचानक एकदम चुप हो गया। मैंने पूछा- क्या हुआ?
तो उसने कहा- कुछ नहीं यार, बस श्रेया (उसकी बीवी) कुछ दिनों के लिए अपने सहेली की शादी में जा रही है। शादी के बाद से मैं कभी अकेला रहा नहीं, इसलिए सोच रहा हूँ पता नहीं कैसे रहूँगा।
मैंने बोला- वैसे ही रहना जैसा शादी से पहले रहते थे। इसमें इतना अफ़सोस वाली कौन सी बात है।
रणवीर बोला- पर फिर भी यार अभी-अभी तो शादी हुई है।

मैं समझ गई कि यह श्रेया को नहीं उसकी चूत को ज्यादा मिस करेगा, इसलिए इतनी टेंशन ले रहा है। मैंने भी उसके साथ हामी भर दी। फिर हम लोग वापस ऑफिस की तरफ चल दिए। इसी तरह धीरे-धीरे मेरी और रणवीर की दोस्ती बढ़ने लगी और दो-तीन दिन में ही हम लोग काफी करीब आ गए।

उसी बीच वीकेंड आ गया था। ऑफिस में शनिवार और रविवार को हमारी छुट्टी रहती है। इसलिए मैंने सोचा रणवीर को फ़ोन लगाती हूँ। देखती हूँ, फ्राइडे नाईट का उसका क्या प्रोग्राम है।
मैंने रणवीर को फ़ोन लगाया और पूछा- क्या कर रहे हो?
रणवीर ने कहा- कुछ नहीं, घर में अकेला हूँ, टीवी देख रहा हूँ, बस और क्या।
मैं समझ गई कि उसकी बीवी चली गई इसीलिए अकेला है, मैंने पूछा- मूवी देखने चल रहे हो क्या? दो घंटे बाद का शो है।

उसने मना कर दिया और कहा- तुम चली जाओ, मैं घर पर ही ठीक हूँ।
मैंने बोला- ‘कम ऑन’ यार! अकेले रहोगे तो और बोर हो जाओगे और श्रेया को और ‘मिस’ करोगे। मूवी देखने चलते हैं, मूड भी सही हो जाएगा और श्रेया को भी ‘मिस’ नहीं करोगे।
उसने ‘हाँ’ कर दी और हम पीवीआर आ गए ‘बी-ए पास’ देखने।

आते ही हम दोनों ने एक दूसरे को ‘अच्छे लग रहे हो’ कह कर कॉम्पलिमेंट दिया और मूवी देखने चले गए। हमने सेंटर कार्नर की दो सीट लीं और पिक्चर एन्जॉय करने लगे। क्योंकि रात का शो था, इसलिए ज्यादातर युगल ही आए थे।

और आपको तो पता ही है ‘बी-ए पास’ कैसी मूवी है। आधे से ज्यादा में तो चुदाई भरी है और जब कोई कपल रात का चुदाई वाली पिक्चर देखने जाता है तो कहीं न कहीं चुम्मी वगैरह तो नॉर्मल सी बात है और यह यहाँ भी चल रहा था। हम दोनों भी देख रहे थे और मुस्कुरा रहे थे।
मूवी ख़त्म हुई और हम बाहर आ गए।
रणवीर ने कहा- कुछ खा लेते हैं, फिर मैं तुम्हें घर छोड़ देता हूँ।
मैंने कहा- ठीक है।

रात में करीब ग्यारह बज गए थे और खाने कि कोई दुकान भी नहीं खुली थी। रणवीर को भी भूख लग रही थी।
रणवीर ने आधे मन से कहा- छोड़ो! मेरे घर में कुछ होगा, मैं खा लूँगा, अब देर हो रही है, मैं तुम्हें घर पर छोड़ देता हूँ।
मैंने पूछा- तुम्हें खाना बनाना आता है क्या?
उसने कहा- नहीं, पर जो होगा, खा लूँगा।

मुझे बुरा लग रहा था क्योंकि सब मेरी वजह से हो रहा था इसलिए मैंने कहा- चलो मैं तुम्हारे घर चलती हूँ। मैं कुछ बना दूंगी, तुम खा लेना।
रणवीर ने कहा- तुम टेंशन मत लो। मैं खा लूंगा कुछ।
पर मैं नहीं मानी। मैंने अपनी दोस्त को मना कर दिया कि आज रात में अपनी फ्रेंड के यहाँ रुकूँगी। इसलिए मेरा इन्तजार मत करना।

मैं रणवीर के घर आ गई और पूछा- किचन कहाँ है? तुम्हारे लिए कुछ खाने का बना देती हूँ।
उसने मुझे किचन का रास्ता दिखाया और वो फ्रेश होने चला गया। मैंने जल्दी-जल्दी उसके लिए आलू के पराँठे बनाए और कहा- जल्दी से खा लो तुम्हें भूख लग रही होगी न!
किचन में काम करते-करते मेरे कपड़ों में आटा लग गया था।
रणवीर ने कहा- तुम्हारे कपड़े ख़राब हो जायेंगे, तुम एक काम करो, मेरी गोदरेज में वाइफ का सूट या गाउन रखा होगा, तुम वो पहन लो।

मैं अंदर गई और गोदरेज खोल के सूट ढूंढने लगी। उसी बीच कुछ डीवीडी नीचे गिर गईं। मैंने उठा कर देखा तो वो कुछ ब्लू फिल्म्स की डीवीडी थीं।
मैंने चुपचाप अंदर रख दी और सूट पहन कर बाहर आ गई। जैसे ही बाहर आई वो बड़ी-बड़ी आँखें निकाल कर मुझे घूरने लगा।
मैंने पूछा- क्या हुआ?
उसने बोला- कुछ नहीं, तुमने मुझे सारिका की याद दिला दी।
मैंने पूछा- कौन सारिका? वो ‘बी-ए पास’ वाली सारिका की बात कर रहे हो क्या?
रणवीर ने ‘हाँ’ कह कर सर हिलाया।

मैंने पूछा- परांठे कैसे बने हैं?
रणवीर ने जीभ ऊपर करके एक चटखारा लिया और कहा- जबरदस्त।
यह सुनकर मुझे हंसी आ गई।
मैंने बोला- जल्दी खा लो नहीं तो ठंडे हो जायेंगे।
‘हाँ, सही कहा, परांठे और लड़की तो गर्म ही अच्छी लगती है।’

यह सुन कर मैं हँसने लगी और समझ गई कि लगता है रणवीर का लंड फड़फड़ा रहा है। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं।
रणवीर का खाना हो गया, मैं थाली किचन में रख कर कमरे में आ गई।
रणवीर बोला- तुम भी खा लो।
मैंने कहा- अभी भूख नहीं है, थोड़ी देर बाद खाऊँगी। तुम्हारे पास कोई मूवी है क्या? तब तक कोई मूवी देख लेते हैं।

तभी मुझे याद आया गोदरेज में कुछ डीवीडी पड़ी थीं। जब तक रणवीर कुछ कहता, मैं डीवीडी लेकर आ गई और मूवी लगा दी।
मुझे तो पता था डीवीडी चुदाई से भरी हुई थी पर मैं डीवीडी को बिना कवर के लाई ताकि रणवीर को पता न लगे कि मुझे पता है कि वो ब्लू फ़िल्म की डीवीडी है।
मैंने पिक्चर लगा दी, जैसे ही पिक्चर चालू हुई, रणवीर ने अपना सर नीचे झुका लिया।
मैंने बोला- अरे, ये क्या! लगता है जैसे रणवीर और श्रेया टीवी में एक दूसरे से लिपटे हुए हैं।
यह सुन कर रणवीर हँस दिया और मेरी तरफ देखने लगा।

मैंने पूछा- तुम्हारे पास और कोई पिक्चर की डीवीडी नहीं है क्या?
रणवीर ने अफ़सोस भरा चेहरा बनाया। मैं समझ गई। तुम दोनों मियाँ-बीवी सिर्फ ऐसी ही डीवीडी रखते हो क्या? कभी पिक्चर नहीं देखते?
रणवीर बोला- शादी को दो महीने ही तो हुए हैं। अभी तो मज़े करने का टाइम है, पिक्चर देखने का टाइम कहाँ मिलता है।

मैंने तुरंत बोला- इसलिए श्रेया के बाहर जाने से तुम इतना उदास थे। अब समझी असली बात क्या है। चलो अब जो है, उसी से गुज़ारा करते हैं। वैसे तुम्हें इतना शर्माने की कोई जरूरत नहीं है। मैं कोई पहली बार नहीं ऐसी मूवी देख रही हूँ।
रणवीर ने चेहरा उठाया और मुझे घूरने लगा।
मैंने रणवीर को समझाया- अगर तुम मुझे अच्छा दोस्त मानते हो तो, तुम्हें मुझसे हर बात शेयर करनी चाहिए। मुझे अच्छा लगेगा।

रणवीर ने राहत की सांस ली और मेरे पास सोफे पर आकर बैठ गया।
मैंने रणवीर से बोला- चलो अब मैं तुम्हारे यहाँ पहली बार आई हूँ, तो तुम्हारी गेस्ट हुई। मेरे लिए खाना ले आओ।
रणवीर गया और थाली लाने लगा, तभी उसके हाथ से चीनी वाला बर्तन गिर गया और पूरे किचन में चीनी फ़ैल गई।

मैंने जैसे ही आवाज़ सुनी, भाग कर गई तो देखा पूरे किचन में चीनी फैली हुई थी।
मैंने रणवीर से कहा- तुम जाओ मैं साफ़ करती हूँ। रणवीर वहाँ से चला गया और मैंने चीनी उठा लगी। गर्मी का समय था, इसलिए एकदम से वहाँ न जाने कहाँ से चींटियाँ आ गईं। वो भी लाल वाली, और दो-चार हरामखोर मेरे कपड़े में घुस गईं और मुझे काटने लगीं। मैं दौड़ते हुए रणवीर के पास भागी और इधर-उधर हाथ फेरने लगी ताकि शायद चींटी हाथ आ जाए और उसे मार दूँ।

रणवीर ने जैसे तैसे मेरी कमीज़ उठाई और चींटिया भगाईं। पर इतनी देर में तो मुझे दो तीन ने काट लिया था और बहुत जलन हो रही थी। एक ने पेट पर और एक ने पीठ पर काट लिया था।
तभी रणवीर लोहा लेकर आया और बोला- इसे घिसने से दर्द कम होगा और डंक का असर भी खत्म हो जाएगा।
रणवीर मेरे शरीर में लोहा घिसने लगा। दर्द भी हो रहा था और लोहे के स्पर्श से ठंडा सा भी लग रहा था।

रणवीर ने मुझे गोद में उठाया और बेडरूम में ले जाकर बिठा दिया। मेरे कपड़े उतर चुके थे और अब मैंने ऊपर सिर्फ ब्रा पहन रखी थी बस। मुझे थोड़ी शर्म भी आ रही थी।
रणवीर ने कहा- घबराओ मत, थोड़ी देर में सब ठीक हो जाएगा। रणवीर बाहर चला गया। बिस्तर पर लेटे-लेटे मेरी आँख लग गई।

जब रणवीर मेरे लिए खाना लेकर आया, तब मैं हल्की नींद में थी। रणवीर ने मेरी पीठ पर हाथ फेरा, तो मैं सिहर उठी, मेरे रौंगटे खड़े हो गए। पर मैं सोई रही और रणवीर हाथ फेरता रहा। उसके हाथों का स्पर्श अच्छा लग रहा था।

पता नहीं कब, रणवीर लोहा रगड़ते-रगड़ते अपने लंड को मेरे पीठ पर रगड़ने लगा। मुझे जब अहसास हुआ, तो मैं समझ गई। ये तो मामूली लोहा नहीं लग रहा, पर मैं फिर भी नींद में होने का नाटक कर रही थी।

अब रणवीर ने मेरी ब्रा खोल दी और अपना लंड आड़ा करके मेरे पीठ पर घिसने लगा।
अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था और मैंने भी करवट बदल दी।
रणवीर ने तुरंत अपना लंड हठा लिया, पर अब रणवीर का लंड ठीक मेरे मुँह के पास था।

मुझे लगा कि मेरे नाक के पास कुछ है। मैंने तुरंत अपने नाक के पास हाथ लगाया और भौंचक्का होकर उठ गई। मेरी नाक के पास रणवीर का लंड था। मैं जैसे ही उठी, मेरी ब्रा नीचे खिसक गई। अब हम दोनों एक-दूसरे को देख रहे थे। मैंने तुरंत रणवीर के लंड से हाथ हटाया और अपनी ब्रा उठा कर पहनने लगी।
रणवीर बिस्तर से उठ गया और मुझे सॉरी बोलने लगा।
कहानी जारी रहेगी।
[email protected]

What did you think of this story??

Comments

Scroll To Top