इंडियन लेस्बियन सेक्स: मेरी चुत की कामुकता का इलाज-3

(Indian Lesbian Sex Story: Meri Chut Ki Kamukta Ka Ilaz- Part 3)

This story is part of a series:

हाय दोस्तो, मैं निकिता फिर से एक बार आप सबको मेरी धांसू मेरी इंडियन लेस्बियन सेक्स स्टोरी सुनाने आयी हूँ.
मेरी पिछली कहानियों में आपने पढ़ा कि कैसे मैंने विदेशी पीटर के साथ धकापेल सेक्स का लुत्फ़ उठाया.

मेरी कहानियां पढ़ कर मुझे 200 से ऊपर फैन मेल्स आये. मैं सबकी तहे दिल से शुक्रगुजार हूँ. कुछ फैन्स ने मेरी ताऱीफों के पुल बांध दिए तो कुछ लोगों ने मेरे साथ वाइल्ड सेक्स करने की इच्छा जताई तो एक महिला फैन ने उनके साथ मुझे हाय प्रोफाइल कॉल गर्ल बनाने का ऑफर भी दिया!

कुल मिला कर, मेरी फैन कंपनी को मेरी कहानी पसंद आई इससे मुझे ख़ुशी हुई!

अब आगे:

पीटर के साथ मेरे चोदन की गाड़ी चल निकली. ऑफिस में व्यस्त होने की वजह से और वो यूनिवर्सिटी में व्यस्त होने की वजह से हम ज्यादा मिल नहीं सकते थे मगर जब भी मिलते तो जिंदगी का पूरा लुत्फ़ उठाते थे. हमारी दोस्ती को अब लगभग एक महीना हो चुका था, इस बीच हम चार बार हमबिस्तर हो चुके थे.

एक बार मैंने उसे अपनी पुराने बॉयफ्रेंड के साथ बनाई हुई चुदाई की वीडियो दिखाई तो वह बहुत उत्तेजित हुआ और फिर पूरी रात उसने मेरी, मेरे हर छेद में जबरदस्त चुदाई की.
पीटर के चोदने के स्टैमिना का मैं अब तक तो लोहा मान चुकी थी. क्या जबरदस्त चोदता था यह आदमी. लड़की को कैसे और किस तरीके से ख़ुशी मिल सकती है इसका उसे पूरा अंदाजा था.
मेरे घर में लगे हुए जकूज़ी में मुझे चोदना उसे बहुत पसंद था. जकूज़ी में वो मुझे इस तरह से पोज़ दिलवाता था कि सबसे बड़ा स्प्रिंग जेट से निकला पानी सीधा मेरी चुत से टकराये और इसी दरम्यान वो मेरी गांड मारता रहे. वो तो अच्छा था कि मेरा घर एक इंडिपेंडेन्ट विला था नहीं तो मेरी चीखों से पब्लिक क्या पुलिस भी घर पे आ जाती.

धीरे धीरे मैं अपने ऑफिस के काम में उलझती चली गयी.

एक शाम मैं देर रात तक काम कर रही थी कि पीटर का फ़ोन आया.
मैंने फोन उठाया और कहा- कैसे हो हनी?
उधर से पीटर ने मुझे फ़ोन पर ही चुम्मा देते हुए कहा- लंड हाथ में लेकर बैठा हूं तेरे इंतजार में मेरी रानी.
मैं- काबू में रखो अपने मूसल को. अब वीकेंड तक हाथ से ही काम चला लो.
पीटर- ऐसे कैसे रखू मेरी जान, तुमने तो चस्का लगा दिया है मेरे लंड को. वैसे अभी हो कहां?
मैं- ऑफिस में!
पीटर- मतलब अपने केबिन में हो या फ्लोर पर?
मैं- केबिन में… बाकी सारे जा चुके हैं.

पीटर- क्या पहने हो आज?
मैं- टैंक टॉप और मिनी स्कर्ट.
पीटर- गुड! अब एक काम करो.
मैं- क्या?
पीटर- अपनी पैंटी निकालो.
मैं- क्या? दिमाग तो ख़राब नहीं है तुम्हारा?
पीटर- जल्दी से अपनी पैंटी निकालो. तुम्हें कोई नहीं देख रहा.

मैंने थोड़ा सा डर डर कर कुर्सी में बैठे बैठे ही अपनी पैंटी निकाली- ओके, निकाल ली.
पीटर- ये हुई ना रण्डियों वाली बात! अब अपनी चुत को सहलाओ.

मैं मस्त होकर अपनी चुत सहलाने लगी.
पीटर- कैसा लग रहा है मेरी पुसी कैट को?
मैं- अम्म्म सेक्सी… मज़ा आ रहा है.
पीटर- तुम्हारी पर्स में तुम्हारा प्यारा वाइब्रेटर है ना?
मैं- हां है तो!
पीटर- तो अब उंगली निकालो और वाइब्रेटर चुत में डाल लो.
मैं- नहीं पीटर, कोई देख लेगा तो प्रोब्लम हो जाएगी.
पीटर- कुछ नहीं होगा. अगर कोई देखेगा तो वो तुम्हें वहीं तुम्हारे ही टेबल पे लिटाकर सॉलिड चोदेगा.
मैं- पीटर प्लीज, मत करवाओ ये सब अभी, तुम कहो तो मैं अभी आती हूँ तुम्हारे पास.

पीटर- नहीं, अभी डालो वाइब्रेटर अपनी चुत में.

मैंने कांपते हाथों से वाइब्रेटर निकाला और इधर उधर देखते हुए अपनी गीली चुत में घुसा दिया.
जैसे ही वह अंदर गया मेरे मुँह से ‘ओ माय गॉड’ की सिसकारी निकल गयी.

पीटर- फुल स्पीड पे ऑन करो वाइब्रेटर को!

पीटर की आवाज में पता नहीं क्या जादू था कि बिना कोई विरोध किये मैंने वाइब्रेटर को फुल स्पीड पे डाल दिया. वो 11 इंची नकली लंड गुं गुं की आवाज निकलते हुए मेरी चुत में तहलका मचाने लगा.
मेरे मुँह से आवाजें निकलने लगी.

उधर पीटर अपने शब्दों का जाल बुनता गया और इधर मैं यकायक झड़ गयी. मेरे मुँह से एक दबी दबी चीख निकल गयी. मैं निढाल हो कर कुर्सी पे पसर गयी थी कि मेरी चीख सुन कर ऑफिस बॉय दौड़कर मेरी केबिन में आया- क्या हुआ मैडम? आप चिल्लाई क्यों?

मेरी समझ में कुछ नहीं आया कि क्या जवाब दूँ, मेरी चुत में वाइब्रेटर था जो अभी भी धीमी आवाज पे चल रहा था. मेरी चुत का पानी मेरी टाँगों से होता हुआ नीचे जा रहा था. मैंने उसे भगाने के लिए कहा- कुछ नहीं, एक कॉकरोच था यहाँ. मैंने उसे मार दिया. तुम जाओ.

चेहरे पे अजीब से भाव लेकर वो चला गया.

मैंने फिर से फोन कान पे लगाया तो पीटर जोरों से हंस रहा था. चिढ़ कर मैंने उसे गाली दी और कहा- मदर फकर, आज तो तूने कोई कसर नहीं छोड़ी थी मुझे उस ऑफिस बॉय से चुदवाने में कमीने. चल अब रख! मैं घर जा रही हूँ.

मैं ऑफिस से निकली मगर पीटर का जादू मेरे सर चढ़ गया था. घर पहुंचकर मैंने कपड़े निकाले और शराब का गिलास लेकर जकूज़ी में घुस गयी.
रात को दो बार मैंने अपना वाइब्रेटर इस्तमाल करके अपनी चुत को ठंडा किया.
फिर मेरे ऑफिस में एक नयी लड़की जॉइन हुई. उसका नाम रिया था. वो मुंबई की रहने वाली थी. उसे देखते ही मुझे जलन सी हुई. उपर वाले ने बड़ी फुर्सत से बनाया था उसे. और सबसे बड़ी बात ये थी की वो खुद को बड़ी अच्छे तरीके से मेंटेन करती थी. रिया को अगर मैं सेक्स बॉम्ब कहु तो गलत भी नहीं था.

जैसे उसे मालूम पड़ा की मैं अकेली रहती हूँ तो वो फट से मेरे पास आई.
रिया- मैडम, क्या आप अकेली रहती है?

मैं- मेरा नाम निकिता है. ये मैडम वगैरा कहना छोड़ दो. तुम मुझे निकी कह सकती हो. काम की बात करो?
रिया- निकी, वो मैं रहने के लिए जगह देख रही थी. जब तक मुझे जगह नहीं मिलती तो क्या मैं तुम्हारे यहाँ रह सकती हूँ?
मैं- देख रिया, मुझे तो कोई प्रॉब्लम नहीं. मगर मैं बहुत ओपन किस्म की लड़की हूँ. शराब पीती हूँ और शवाब बांटती हूँ. तुम्हें अगर एतराज ना हो तो आ सकती हो.
रिया- क्या बात निकी, मुझे भी सेम टू सेम शौक है. लगता है अपनी तो निकल पड़ी!

और फिर उसी दिन रिया मेरे घर शिफ्ट हो गयी. उसके आते ही मैंने उसके गाल चूम कर उसका स्वागत किया और थोड़ी देर हम गपशप करती बैठ गयी. बात करते करते मैंने अपना बार खोला और पुछा- क्या पसंद करोगी तुम? व्हिस्की या वोदका?
तो उसने कहा- मेरे पास अमारुला की बोतल पड़ी है, बियर के साथ मिक्स करके पीना है तो कहो.

मैं तो इस बात पर रिया की कायल हो गयी. अमारुला मेरा पसंदीदा ड्रिंक था. हमने फिर अमारुला और बियर मिक्स किया और धीरे धीरे शराब का लुत्फ़ उठाने लगे. मेरी नजर रह रह के उसके शरीर से फिसल रही थी. शायद उसे भी मेरी नजर का अहसास हो गया था. शराब अब हमारे दिमाग पे हावी हो चुकी थी.

रिया ने पूछा- इस विला में गार्डन नहीं है क्या? ओपन में दारु पीने का अलग ही मजा है.
मैंने कहा- गार्डन तो नहीं, जकूज़ी है, चलें?
वो तुरंत तैयार हो गयी.

हमने अपने गिलास और बोतल उठाई और जकूज़ी की तरफ बढे. वहां जाते ही मैंने अपने कपड़े उतरना शुरू किया, पूरी नंगी हो गयी. रिया आँखें फाड़ फाड़ कर मुझे देख रही थी- निकी, क्या गजब की फिगर है यार तेरी! अगर मैं लड़का होती तो अब तक तेरे साथ जबरदस्ती कर चुकी होती.
उसके इस अंदाज पे मेरी हंसी छूटी, मैंने कहा- साली मस्का मत मार, कपड़े उतार और अंदर आ जा. खुद कपड़ों के अंदर आग लेकर घूम रही है और दूसरों की तारीफ करती है?

रिया जैसे मेरे आमंत्रण का ही इंतजार कर रही थी, आधा मिनट भी नहीं लगा उसे कपड़े उतारने में, उसका संगमरमर सा बदन देखकर मेरी चुत ने पानी छोड़ना शुरू किया. अपनी हालत छुपाने के लिए मैं झट से जकूज़ी में घुस गयी. मेरे बाद तुरंत वो भी आ गयी. वाटर जेट के चलने से हमारे शरीर को आराम मिला.

हम दोनों बकवास करती करती, एक दूसरी की लाइफ स्टोरी बतियाती काफी पी गयी.

थोड़ी देर बाद रिया ने कहा- निकी, तू यार बहुत सेक्सी है. पीटर तो तुझे रात भर तोड़ता होगा, है ना?
मैं- तोड़ता नहीं है साला फोड़ता है. एक रात बिताने के बाद अगले 2-3 दिन बदन के सारे छेद दर्द करते हैं.
रिया- लकी है तू! मुझे तो आज तक असली मर्द ही नहीं मिला. अब किसी दिन तुझ से तेरे पीटर को भगा ले जाऊँगी.
मैं- साली कुतिया, अब उस पे तो नजर मत डाल. दूसरा ढूँढ अपने लिए.

रिया- नहीं, मैं तो उसके साथ सोऊंगी. खूब चुदवाऊँगी. तू हमारा सेक्स देखकर उंगली से काम चला लेना.
मैं- पागल समझा क्या? अगर वो तुम्हें चोदेगा तो मैं अपने वाइब्रेटर से तुम्हारा दूसरा छेद चोदूँगी. समझी?
रिया- तू कुछ भी कर, मैं तो अब उसे तुमसे चुराऊँगी.

ऐसी बकवास करते करते हम कब एक दूसरे के नजदीक आई, पता ही नहीं चला. दारु का असर ऐसा हुआ था कि सोचने समझने को शक्ति ही नहीं थी. मैंने फटाक से उसके बाल पकड़े और अपने होटों को उसके होटों से मिला दिया. रिया का पूरा बदन झनझना उठा और मेरा भी. हम दोनों पूरी ताकत के साथ एक दूसरी की किस करने लगी, एक दूसरी के मम्मे दबाने लगी, एक दूसरे की चुत में उंगली करने लगी.

पूरा जकूजी रूम हमारी मादक सीत्कारों से भर उठा. रिया का बदन कांप रहा था. मुझे किस करते हुए वो मेरे निप्पल खींच रही थी. मेरी गांड पे जोरदार थप्पड़ मार रही थी. एक पल के लिए मैं उससे अलग हुई और झट से बाहर आ कर वाइब्रेटर लेकर फिर से अंदर घुसी. रिया, दुनिया से बेखबर, अपनी ही चुत में उंगली घुसा रही थी.

मैंने आव न देखा ताव, और सारा जोर लगाकर अपना वाइब्रेटर उसकी चुत में घुसा दिया.
रिया के मुँह से ज़ोरों की चीख निकली, उसकी आँखें खुल गयी, आधा वाइब्रेटर उसकी चुत के अंदर घुस गया था- निकी, मत कर, ये बहुत बड़ा है. निकाल इसे प्लीज!

मगर मैं ना मानी, मैंने उस वाइब्रेटर को थोड़ा बाहर निकला और फिर पूरी ताकत लगा कर फिर से उसकी चुत में घुसा दिया. रिया तो जैसे बेहोशी की हालत में पहुँच गई, मैंने उस वाइब्रेटर को पकड़ कर रखा और आगे बढ़ कर उसके होंठ चूसे, मम्मे चूसे एक हाथ से उसके मम्मे मसले… वो थोड़ा सा होश में आई.

तभी हमारे कानों में आवाज आयी- डू यू नीड एनी हेल्प लेडीज?

मेरी इंडियन लेस्बियन सेक्स स्टोरी जारी रहेगी.
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