मेरी पाठिका की वासना भरी अठखेलियां

(Sexy Teacher Hot Story)

सेक्सी टीचर हॉट स्टोरी में पढ़ें कि एक प्राइमरी टीचर ने मेरी कहानी पढ़ कर मुझसे दोस्ती की. फिर एक दिन मैंने उसे अपने पास बुला लिया. हम दोनों ने क्या गुल खिलाये?

दोस्तो, मेरी पहली कहानी
ज़ारा की मोहब्बत
अन्तर्वासना पर प्रकाशित होने के बाद मुझे बहुत से पाठक-पाठिकाओं के मेल्स आये!
उन्हीं में एक मेल आई तमन्ना की!

पहले हैंगआउट पर बात हुई, फिर फेसबुक और फिर व्हाट्सएप्प पर! धीरे-धीरे फोन पर बातें होने लगीं!

तमन्ना, देवास (मध्यप्रदेश) के एक छोटे से गांव में एक प्राइमरी टीचर है.

एक दिन उसने बातों ही बातों में मिलने की इच्छा ज़ाहिर की तो तय हुआ कि तीन दिन घूम-फिर भी लेंगे और पूरे मजे लूटेंगे.
क्योंकि मैं ज़ारा को समझा-बुझा कर उसकी शादी करवा चुका था तो मैंने उस सेक्सी टीचर को अपने पास ही बुला लिया.

उसने तीन दिन की छुट्टी ली और मैंने भी!

उसकी फ्लाइट दोपहर एक बजे की थी तो टाइम पर एअरपोर्ट पहुंच गया.
जब वो आयी तो मैं उसे देखता ही रह गया!
गुलाबी कुर्ता, सफेद दुपट्टा, काली चुस्त पाजामी, सुनहरी जूतियां!
भरा-भरा चेहरा, हेजल आंखें, उनमें डला सुरमा, गुलाब की पंखुड़ियों जैसे गुलाबी लिपस्टिक लगे होंठ, गोरा रंग, कसा हुआ इकहरा बदन!
फोटो से तो कई गुना खुबसूरत लग रही थी.

एक दूसरे का हाल-चाल पूछा और हम दोनों मेरे फ्लैट पर आ गये.

आते ही सबसे पहले एक लंबा किस किया और खाना खाकर कमरे में आये.
अंदर आते ही मैं उसके गालों को चूमकर किस करने लगा.

एक मिनट किस करके उसे बिस्तर पर लिटा लिया और गर्दन चूमते हुये उसके होंठों पर उंगली फिराने लगा.
उस सेक्सी टीचर का गोरा बदन मुझे पागल कर रहा था.

थोड़ी देर में मैंने उसका कुर्ता निकाला तो उसकी गोरी चूचियां ब्रा में बर्दाश्त नहीं हुयीं और ब्रा भी निकाल दी.

गोरी चूचियां, भूरा ऐरोला और लाल निप्पल जैसे आइसक्रीम पर चेरियां रखी हों!
मैं टूट पड़ा उन पर एक निप्पल को उंगलियों में लेकर सहलाने लगा और एक को मुंह में लेकर चूसने!

कुछ ही देर में तमन्ना लंबी-लंबी साँसें लेने लगी!
अब मैंने उसके क्लीवेज को चूमा और नीचे आने लगा.
सामने आयी उसकी गहरी गोल नाभि!
सपाट पेट पर जैसे मय का प्याला रखा हो!

मैंने उस नाभिनुमा प्याले में जीभ डालकर होंठों में दबा लिया और उंगलियों से धीरे-धीरे उसके पेट और चूचियों को सहलाने लगा तो वो आहें भरने लगी.

थोड़ी देर बाद उसकी पाजामी निकाली तो सामने आयीं उसकी गोरी जांघें और लाल फूलदार पैंटी जो चूत के रस से भीग चुकी थी.

मैंने पैंटी उतारी तो दिखी उसकी क्लीन शेव गुलाबी चूत जैसे डबल रोटी में चीरा लगाकर सॉस डाल दी हो!
साथ में अनार के दाने जैसी क्लिट!

मैंने क्लिट को होंठों में दबा लिया उसकी चूत को और जीभ घुसाकर अंदर-बाहर करने लगा.

तमन्ना- आह…ह…आ… जान!
वो लंबी-लंबी आहें हैं लेने लगी तो मैंने हाथ बढ़ाकर दो उंगलियां उसके मुंह में डाल दीं और एक हाथ से उसकी चूचियां सहलाने लगा.
तमन्ना भी उंगलियों को लंड की तरह चूसने लगी.

थोड़ी ही देर में वो तड़प गयी और मेरे सिर को जांघों में दबाकर झड़ गयी.

अब मैंने नैपकिन लेकर उसकी चूत और अपना चेहरा साफ किया और उसके साथ लेट गया.

तमन्ना- ये क्या किया आपने?
मैं- क्यों क्या हुआ?
तमन्ना- झाड़ दिया मुझे बिना किये ही?

मैंने उसे बांहों में लेकर घुटनों के बल खड़ा कर लिया और किस करने लगा.

किस करते-करते उसने मेरे सारे कपड़े निकालकर लंड पकड़ लिया और सहलाने लगी.

थोड़ी ही देर में मुझे बिस्तर पर गिराकर लंड को मुंह में ले लिया और चूसने लगी.
गजब की चुसाई की उसने!
मेरी तो आंखें बंद होने लगीं!

मैं बोला- तन्नू! छोड़ो मेरा निकल जायेगा!
उसने मुंह से लंड निकाला और बोली- आपने भी तो यही किया था!
और फिर से चूसने लगी,

मैं- तन्नू…जा…न!
कहते-कहते मैं उसके मुंह में झड़ गया!
वो लंड को होंठों में दबाकर सारा जूस पी गयी; एक कतरा भी नहीं छोड़ा.
मेरा लंड चमक उठा था उसकी चुसाई से!

तमन्ना- अब आया मजा?
वो मेरे साथ लेट गयी.
मैं- ये क्या किया तुमने?
तमन्ना- वही जो आपने किया था!
मैं- अच्छा? तैयार हो जाओ!

कहकर मैंने उसे पेट के बल लिटाया और उसके कूल्हे सहलाते हुये गर्दन को चूमने लगा.

तमन्ना कुछ ही देर में बेसब्र होने लगी.
अब मैं उसकी क्लिट रगड़ने लगा!

उसके सब्र का बांध टूट गया और लंबी-लंबी आहें भरने लगी- जा…न…क्या कर रहे हो?
मैंने उसकी चूत में उंगली डालकर उसे सीधा किया और उसकी चूचियां चूसते हुये उंगलीबाजी तेज कर दी.

तमन्ना- जा…न डालो!
और हाथ बढ़ाकर लंड पकड़ लिया.

मुझे ऊपर लेकर लंड को चूत पर रख लिया मैं ऊपर-ऊपर ही लंड फिराने लगा तो उसने ऊपर की तरफ कमर उछाली लेकिन मैं उचक गया.

वो नहीं घुसवा पायी तो झुंझला गयी- क्या कर रहे हो? डाल दो ना!
मैं- तुमने ही झड़वाया था ना मुझे!
तमन्ना- अच्छा ये बात है? अब देखो तन्नू की जबर्दस्ती!
कहते हुये मुझे बांहों में कसा और पलट गयी.

अब मैं नीचे था और वो ऊपर!
ये देखकर मेरी हंसी छूट गयी!

उसने लंड को पकड़ा और चूत में घुसाकर उछलते हुये हंसने लगी!
मैं उसकी हिलती चूचियां पकड़कर दबाने लगा और वो झुककर मेरी नाक से नाक लड़ाने लगी!
मैंने उसका चेहरा पकड़ा और किस करने लगा!

अचानक उसने चेहरा छुड़वाया और मेरी छाती पर हाथ रखकर जोर-जोर से आहें भरती हुयी उछलने लगी.
तमन्ना- जान… आ…ह…आ…ह… उम्म… जान!

मैंने उसकी कमर पकड़कर उसे अपने ऊपर लिटाकर बांहों में कसा और पलटकर उसके ऊपर आ गया.
उसने मेरी कमर से पैर लपेटकर बांहों में कसा तो मैंने धक्के तेज कर दिये और किस करने लगा.

थोड़ी ही देर में उसने पैरों की पकड़ मजबूत की और झड़ गयी. आखरी दो-चार धक्के देकर मैं भी उसकी चूत में झड़ा और उसके ऊपर पसर गया.

कुछ देर बाद उठकर अपना लंड और उसकी चूत साफ करके मैं बाथरूम में चला गया.
जब आया तो वो भी गयी और वापस आकर मेरी बाजू पर लेट गयी.

तमन्ना- ये क्या किया था आपने?
मैं- क्या हुआ?
तमन्ना- मेरा जिस्म टूट गया! चींटियां सी रेंगने लगीं!
मैं- फोरप्ले!

तमन्ना- इतना फोरप्ले कि मैं बिना डलवाये ही झड़ जाऊं?
मैं- चलो अब नहीं करूंगा!
तमन्ना- अब? अभी सेक्स से मन नहीं भरा आपका?
मैं- अरे! मतलब आगे से!

तमन्ना- हां फिर ठीक है! कहीं फिर से शुरू हो जाओ!
मैं- वैसे सुरसुराहट तो हो रही है!
तमन्ना- तो दबाइये इसे! अभी का सेक्स का कोटा खत्म!
रुआंसी सी बोली वो तो मैं हंसने लगा- अरे मजाक कर रहा था.

उसने मुझे बांहों में भर लिया, मैंने भी उसे आगोश में ले लिया उसे और एक दूसरे से लिपटे हम सो गये.

शाम को मैं उठा तो देखा तमन्ना दीन-दुनिया से बेखबर नंगी ही सो रही थी.
ये देखते ही लंड ने सलामी दी और सेक्स के लिये मन मचल गया.

मैं उसकी चूचियां सहलाने लगा तो उसने मेरी कमर में हाथ डाल लिया. मैं उसका हाथ हटाकर नीचे हुआ और एक चूची को सहलाने लगा हुआ व एक को दबाने लगा.

अब तमन्ना की आंखें खुली और उनींदी सी बोली- क्या कर रहे हो?
मैं- मुझे सेक्स करना है!
तमन्ना- रात में कर लेना; मुझे नींद आ रही है.

मैंने उसका हाथ पकड़कर खड़े लंड पर रख दिया- ये देखो खड़ा हो गया है!
तमन्ना- इसको सुला दो!

मैं- जब तक सेक्स नहीं करूंगा, ये ना खुद सोयेगा और ना मुझे सोने देगा!

अब तमन्ना उठ बैठी- क्या हो गया है आपको?
मैं- तुम प्यारी ही इतनी लग रही हो!
तमन्ना- हाय … आशिक हो गये!

मैं- अब मैंने सेक्स करना है!
तमन्ना- मतलब मानोगे नहीं?
मैं- तुम ही नहीं मानोगी तो मैं तो माना बैठा हूं!

झुंझलाते हुये कहकर मैंने मुंह फेर लिया तो तमन्ना ने सामने आकर मेरे दोनों गाल पकड़कर खींच लिये.
तमन्ना- अले…ले…ले रूठ गये! देखो कितने क्यूट लग रहे हो रूठे हुये!
मैं- तन्नू! छोड़ो दर्द हो रहा है!

उसने गाल छोड़कर मेरे होंठों पर होंठ रख लिये और मेरे चेहरे को हाथों में लेकर किस करने लगी.
तो मैंने भी उसे बांहों में भर लिया और उसकी पीठ सहलाने लगा!

सहलाते-सहलाते मेरे हाथ उसके कूल्हों पर पहुंच गये और गांड के छेद को ढूंढ कर सहलाने लगा मैं!

अब तमन्ना हुयी नीचे और लंड को मुंह में भर लिया.
वो चूसते हुये मेरी आंखों में देख रही थी.

थोड़ी देर बाद मैंने उसे खींचकर गोद में लिया और थोड़ा सा उचका कर उसकी चूत में लंड डाल दिया.
जैसे ही लंड चूत में गया उसने मुझे एकदम से भींच लिया और हम दोनों की आह निकल गयी.

कुछ देर ऐसे ही रहने के बाद वो लंड पर ऊपर-नीचे होने लगी. उसकी चूचियां मेरी छाती से रगड़ खा रहीं थीं और मैं उसके कूल्हे सहला रहा था.

थोड़ी देर में मैं लेटा और तमन्ना लंड पर बैठी हुयी अपनी कमर हिलाने लगी.

मैं उसके हिलते कबूतर पकड़कर दबाने लगा तो वो एकदम बेकाबू सी होने लगी- आ…ह…जा…न! दबाओ! निचोड़ दो इन्हें!
कहते-कहते अपनी स्पीड बढ़ा दी.

अब मैंने उसे कमर से पकड़ कर रोका और अपने ऊपर लेटा कर घूम गया.
मैं ऊपर और वो नीचे!

मैंने शुरू किये धक्के देने और तमन्ना ने लंबी-लंबी आहें- जा…न… आ…ह… जा…न!
कहते-कहते उसने मेरा चेहरा पकड़ा और मेरे होंठ अपने होंठों में दबा कर झड़ने लगी.

तो मैंने भी धक्के तेज कर दिये और कुछ ही देर में मैं भी उसकी चूत में झड़ गया.
काफी देर तक हम लिपटे रहे.

अब उसने मुझे हटाया और नैपकिन लेकर अपनी चूत और मेरा लंड साफ कर मेरे पास आ लेटी- खुश?
मैं- हम्म! अब चाय बना लो!
वो उठकर रसोई में गयी और चाय बना लायी.

दिन में ही दो बार सेक्स कर चुके थे तो रात को खाना खाकर सो गये. सुबह उठकर घूमने चले गये; खाना भी बाहर ही खाया.

रात को फ्लैट पर आये और बेडरूम में आते ही मैंने उसके होंठ चूम लिये तो उसने मेरा चेहरा पकड़ा और किस करने लगी.
थोड़ी देर में उसने मेरे होंठ छोड़े और मेरी आंखों में देखती हुयी छोटी-छोटी चुम्मियां लेने लगी.

मैंने उसके होंठों को अपने होंठों में दबाकर बिस्तर में गिरा लिया. थोड़ी देर किस करते रहे फिर उठकर उसने मेरे कपड़े उतारे और मैंने उसके!

आज तमन्ना कुछ अलग ही मूड में थी, मेरे होंठ छोड़ नीचे हुई, पहले छाती चूमी, फिर निप्पलस और नाभी चूमकर सीधा लंड को मुंह में भर लिया और लगी चूसने!
मुठियाये, कभी चूसे!

मुझसे बर्दाश्त नहीं हुआ तो उसका चेहरा पकड़कर उठा लिया- तन्नू!
तमन्ना- जा..न!

बिस्तर पर लिटाकर मैंने फिर उसके मुंह में लंड डाल दिया, वो चूसने लगी तो 69 की पोजीशन में आकर मैं उसकी चूत चाटने लगा.

थोड़ी देर में लंड छुड़वाया और उसकी चूत पर रखते हुये उसकी चूचियां चूसने शुरू कर दीं.
वो तड़प गयी और मेरा चेहरा चूचियों पर दबाने लगी तो मैंने एक ही झटके में लंड को चूत की गहराई में उतार दिया.
उसने लंबी सी आह भरी और थोड़े ही झटकों बाद झड़ गयी.

अब मैंने उसके कूल्हों के नीचे तकिये लगाकर गांड को लंड के लेवल में लिया और एक ही झटके में पूरा लंड उसकी गांड में डाल दिया.
तमन्ना ने मीठी सी सीत्कार ली- इस्स…जा…न!
मैं- दर्द तो नहीं हुआ?
तमन्ना- नहीं!

अब शुरू किये मैंने झटके!
थोड़ी देर बाद लंड निकाला और उसकी चूत को चाटने लगा.

तमन्ना- आ…ह…क्या…कर रहे हो?
कहते हुये मुझे गिराकर ऊपर आयी और लंड को गांड में डलवाकर चोदने लगी मुझे!
मैं भी उसकी क्लिट रगड़ने लगा.

जैसे ही मैं झड़ने को हुआ तमन्ना मेरे होंठों पर टूट पड़ी.

कुछ देर बाद हम अलग हुये तो उसने मेरा लंड पोंछा और बाथरूम में अपनी चूत और गांड धोकर आयी, कपड़े पहने तब तक मैं भी कपड़े पहन चुका था.
वो आकर मेरे कंधे से सिर लगा लेट गयी.

सुबह मेरी आंखें खुलीं तो देखा नौ बज चुके थे.
मैंने तमन्ना को उठाया और चाय बनाने हम दोनों ही किचन में चले गये.

उसने चाय के साथ पोहे बना लिये.
सब सामान लेकर हम कमरे में आये और बैठकर खाने लगे. चाय पी, पोहे खाये तो वो बर्तन रखकर आयी.

और फिर वो मेरे पास बैठकर बोली- कल क्या करना है?
मैं- मतलब?
तमन्ना- आज हमारी लास्ट छुट्टी है!
मैं- तो कल मुझे ऑफिस ज्वाइन करना है और तुमने वापस जाना है!

वह- मैं आपके बिना कैसे रहूंगी?
मैं- क्यों? ऐसा क्या बदल गया?
उसने शरमा कर मेरे कंधे से चेहरा छुपा लिया और बोली- मुझे नहीं पता!
मैं- तुम्हें पता है ना मैं हर लम्हा पास हूं तुम्हारे!
तमन्ना- हो!

मैं- बस मुझे महसूस करती रहना! हाथ में पकड़े पेन में, सामने रखी फाइल में, दरवाजों में, सीढ़ियों में! मैं तुम्हारे साथ रहूंगा!
तमन्ना- जान!
कहते हुये मुझे बांहों में भर लिया और मैंने उसे!

थोड़ी देर बाद हम अलग हुये तो मैं बोला- चलो घूमने चलते हैं फिर कल तुम्हें वापस भी जाना है!
वो उठी तो साथ में मैं भी उठा और घूमने चले गये.

रात में फ्लैट पर आकर किचन में गये, खाना बनाया और खा लिया.
मैं आकर बिस्तर पर लेट गया.

कुछ देर में तमन्ना आयी और मेरे कंधे से सिर टिकाकर बोली- मैं कैसे रहूंगी?
मैं- अभी बताया तो था!
तमन्ना- मेरे लिये तो एक-एक लम्हा काटना मुश्किल हो जायेगा!
मैं- वो तो मेरे लिये भी होगा!
कहकर मैंने उसे बांहों में ले लिया और उसकी चूचियां दबाने लगा.

तमन्ना- क्या इरादा है?
मैं- इरादा तो नेक है!
तमन्ना- हां जैसे कल था! जैसे परसों था!
कहकर मुझे चूमा और उठकर सोफे पर जा लेटी.

मैं उसके पास पहुंचा तो थोड़ा उचककर मेरे गले में बांहें डालीं और चूमते हुये मुझे अपने ऊपर लिटा लिया.

कुछ देर की चूमा-चाटी के बाद मुझे उठाया और मेरी शर्ट निकालकर फेंक दी! अब नीचे हुयी और मेरी पेंट के उभार को चूमकर फिर छिटक गयी और मेरी स्टडी टेबल पर जा बैठी.

मैं उसके पास गया तो उसने मेरे नंगी पीठ पर हल्के-हल्के हाथ फिराया और मेरे होंठों से चूमते हुये नीचे की ओर आने लगी.

आखिर में बेल्ट को चूमकर मेरी पेंट और अंडरवियर भी निकाल दी और एक ही झटके में उठकर बिस्तर पर जा लेटी.
अब मैं समझ गया कि पिछले सारे बदले लेने वाली है ये!

मैं बिस्तर के पास पहुंचा तो वो एकदम मेरी तरफ पलटी और मेरे खड़े-खड़े ही लंड को मुंह में भरकर चूसने लगी.
चुसाई भी ऐसी कि क्या कहूं?
बदला ले रही थी कि मुझे झाड़े बिना चुदे ही!

थोड़ी ही देर में लंड छोड़कर बिस्तर पर घुटनों के बल खड़ी हुयी और अपने सारे कपड़े उतार दिये सिवाय ब्रा-पेंटी के!

जैसे ही मैं नजदीक गया उठकर फिर से सोफे पर जा लेटी.
मैं झुंझला गया क्योंकि मेरे लंड की नसें फूलकर फटने को तैयार थीं- क्या कर रही हो तन्नू?
तमन्ना- वही जो आप दो दिनों से कर रहे हो!

मैं- क्यों तड़पा रही हो?
तमन्ना- मजा आ रहा है!

मैं- अच्छा ये बात है?
कहते हुये मैं उसकी ओर झपटा तो वो पहले ही छिटक कर टेबल पर जा टिकी.
मैं सोफे पर ही माथा पकड़ कर बैठ गया.

तमन्ना आयी और नीचे बैठकर लंड चूसने लगी.
अब मैं झड़ने ही वाला था तो उसके मुंह से लंड निकाला और उठकर सारा जूस उसकी छाती पर गिरा दिया.
मैं- मेरा तो हो गया! अब करो जितनी भागदौड़ करनी है!
ये सुनते ही उसने लंड को मुंह में कसा और ऐसी चूसाई की कि लंड एक ही मिनट में फिर से छत को देखने लगा.

यह देख तमन्ना फिर से छिटक गयी और बेड पर जा लेटी.
अब मैंने आव देखा ना ताव दबोच लिया उसे बिस्तर पर!

पैंटी की स्ट्रिप एक तरफ की और डाल दिया पूरा लंड उसकी चूत में!

तीन-चार झटकों में ही तमन्ना की चूत ने हथियार डाल दिये और वो लिपलॉक करती हुयी मेरे बदन से जोंक सी चिपक गयी.

थोड़ी देर में जब वो नॉर्मल हुयी तो मैंने कहा- ये था तुम्हारा इतराना?
तमन्ना- गांड बाकी है अभी!
मैं- तो पलटो, उसे भी देखता हूं!
तमन्ना घोड़ी बनते हुये बोली- जान धीरे से…

मैं कहां सुनने वाला था! जब तक वो बोलती तब तक उसकी चूत के रस से चिकना हुआ आधा लंड उसकी गांड में फंस चुका था!

तमन्ना चिल्लायी- प्ली…ज!
जब तक उसने प्लीज कहा तब तक लंड अपना काम कर चुका था.
मैं- हां?
तमन्ना- जान रुका करो!
मैं- उसकी चूचियां दबाते हुये बोला- चलो रुका हूं!

कुछ ही देर में वो आहें भरती हुयी खुद ही धीरे-धीरे आगे-पीछे होने लगी.

अब मैंने संभाला मोर्चा और तेज-तेज धक्के देते हुये उसकी क्लिट को रगड़ने लगा.
कुछ ही देर लगी और मैं उसकी गांड में झड़ गया.

उसने उठकर मेरा लंड साफ किया, अपनी चूत, गांड धोयीं और हम एक-दूजे के आगोश में लिपटे सो गये.

सुबह तमन्ना ने मुझे करीब छह बजे जगाया तो देखा कि काली जींस, सफेद शर्ट, लाल ब्लेजर, कानों में झुमके और पैरों में लोफर पहने तमन्ना सामने खड़ी थी.

मैं- आज किसका कत्ल करने का इरादा है?
तमन्ना- मैं तो ऐसे ही जिबह करती हूं हरेक को! लीजिये चाय पियें!

हमने चाय पी और नहा-धोकर नाश्ता करके एअरपोर्ट चले गये.

तमन्ना ने चेक-इन किया तो मैं वापस आकर ऑफिस चला गया.

आज ही फोन आया है उस सेक्सी टीचर का!
अगले महीने आ रही है वो मेरे पास! इस बार पूरे दस दिनों के लिये!

आपको ये सेक्सी टीचर हॉट स्टोरी कैसी लगी, मुझे जरूर बतायें!
मेरी मेल आईडी है
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