समय और संयोग : ईर्ष्या और बदला

(Samay Aur Sanyog : Irshya Aur Badla)

नील 2016-06-21 Comments

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नमस्कार सभी पाठकों को सेक्स भरा प्रणाम। मैंने आपको पिछले भाग में बताया था कि मुझे टाइपिंग करने में आलस आता है.. वरना कहानी का दूसरा भाग लिखने में देर नहीं लगती। अभी तो एक और समस्या भी है कि मॉडलिंग में से वक्त नहीं मिलता।

मेरा नाम नील है और मैं मॉडलिंग करता हूँ.. बड़ा मॉडल नहीं हूँ.. छोटी बड़े प्रोडक्ट के लिए मॉडलिंग करता हूँ। मैं शादी-शुदा हूँ.. मेरी वाइफ का नाम कीर्ति है। हम दोनों 25 साल के यंग कपल हैं।

पिछली स्टोरी पढ़ने वाले पाठकों में से कई ने कीर्ति का साइज पूछा था। हम दोनों ही फिर और स्लिम कपल हैं। कीर्ति का साइज़ 34-30-36 का है।

पिछली कहानी असल में इस कहानी का पहला हिस्सा था.. उसके बाद की यह घटना है। फिर वो दोस्त वाली घटना जो सबसे पहले लिखी थी।

थियेटर में जो हादसा हुआ था.. हम उससे काफी खुल गए और सेक्स करने के टाइम पर अलग-अलग लोगों की बातें करते और वो थिएटर का हादसा बातों ही बातों में चुदाई के अंत तक ले जाते.. जैसे कि उस आदमी के पास बैठे रहे होते.. तो क्या-क्या होता.. कैसे चुदाई होती वगैरह वगैरह.. इस सबसे चुदाई करने का आनन्द कई गुना बढ़ जाता था। इस तरह से हम लोग अपनी जिन्दगी को मस्ती से काट रहे थे।

फिर कुछ दिन बाद गोवा एन्जॉय के आए। हम यहाँ मौज-मस्ती करने ही आए थे.. तो खुल कर जी रहे थे।
हमने मस्ती दुगनी करने के लिए प्लान बनाया कि हम रोज रात को डान्स पार्टीज में जाएंगे.. गोवा में पार्टीज बहुत होती हैं।

वहाँ हम एक साथ न जाकर.. अलग-अलग जाएंगे। फिर वहाँ ड्रिंक काउन्टर पर कीर्ति किसी लड़के के पास वाली जगह खड़ी होगी और उसको लाइन देगी। फिर अगर वो लड़का बात करना चाहेगा.. तो उससे ‘हाय हैलो’ करेगी।

फिर मैं कीर्ति के पास से निकलूँगा और कीर्ति से टकराऊँगा और सॉरी बोल कर स्माइल दूँगा.. कीर्ति भी स्माइल देगी.. और मैं आगे जाकर- वाशरूम की साइड के कोने पर इंतजार करूँगा। फिर कीर्ति से टकराने की वजह से ड्रिंक जो कीर्ति के कपड़ों पर गिरी थी.. वो अपने कपड़े साफ करने वाशरूम की तरफ आएगी और आते-आते उस लड़के की ओर ऐसे मुड़ कर देखते हुए आएगी कि उसे लगे कि वाशरूम में आने का न्योता दे कर गई हो।

फिर जब वो लौंडा पीछे-पीछे आएगा और जब वो वाशरूम की और मुड़ेगा.. तो हम दोनों किस करते नजर आएँगे और ऐसा रिएक्ट करेंगे कि हम एक-दूसरे को पहली बार किस कर रहे हैं। हम दोनों इतनी तेज और डीप किसिंग करेंगे कि बस.. और वहाँ से हम निकल जाएंगे। पीछे आने वाला लड़का.. बेचारा सिर्फ ललचाएगा और जब वाशरूम की ओर आएगा.. तो वो उदास हो जाएगा।

हम होटल में कमरे में आ कर जैसे पहली बार डेटिंग की हो.. और पहला सेक्स कर रहे हों.. इतना उत्सुक हो कर करेंगे।

जब हम दोनों ने ये गेम-प्लान एप्लाई किया तो बड़ा कामयाब रहा और बड़ा मजा आया।
इस तरह से सेक्स में एक नयापन आया और हम ऐसे ही रोज पार्टियों में.. या बीयर बार में जा कर नए लड़के को ढूँढ कर.. ये गेम एप्लाइ करने लगे।

उसे कीर्ति अपनी अदा से ललचाती है.. पर वाशरूम की साइड पर आने के बाद उसे ठेंगा मिलता है।
ऐसे ही तीन दिन गेम खेला।

चौथे दिन कीर्ति की फ्रेन्ड की बर्थ-डे पार्टी थी.. जो उसने गोवा में दी थी। उसकी फ्रेन्ड एक दिन के लिए गोवा पूरा फ्रेन्ड सर्कल ले कर आई थी, उनमें से ज्यादातर लड़कियाँ ही थीं।

पार्टी बीच पर थी.. यानि देर रात तक नहीं चल सकती थी। तो हमने यहाँ प्लान बनाया कि पार्टी के बाद हम अपना वो गेम खेलने जाएंगे।

हम पार्टी में पहुँचे.. मैंने सोचा था कि कीर्ति की सहेली है.. इसी लिए अच्छे से घुलमिल के बातें करूँगा और हम मिले तब ‘हाय’ किया। उसकी सहेली अपर्णा पहले कीर्ति के गले लगी और फिर मुझे ‘हाय नील’ करके टाइट हग किया।

वह शायद कीर्ति को खटका.. पर मुझे लगा कि हम दोनों इतने खुल चुके हैं.. तो कीर्ति को कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए। वैसे भी वो मेरे सामने किसी और का लवड़ा चूस चुकी है.. भले ही मजबूरी में.. पर चूसा तो सही। यह गेम में लड़कों के साथ फ्लर्ट भी तो करती है।

फिर हम खाने के लिए बैठे.. मैं, कीर्ति, अपर्णा और उसकी कोई सहेली.. टेबल चूंकि गोल थी.. इसी लिए हम बाजू-बाजू में ही बैठे थे। एक साइड कीर्ति और एक साइड अपर्णा।

मैं अपर्णा से पहली बार मिला था.. इसलिए उसके साथ मिलनसार होकर बातें इन्टेरेस्ट लेकर कर रहा था। क्योंकि वो कीर्ति की सहेली है और आज उसका बर्थ-डे भी है.. इसलिए वो आज स्पेशल है।

वो भी मुझ से घुल-मिल कर और हंस कर बातें कर रही थी। क्योंकि शायद मैं उनकी सहेली का पति हूँ.. इसी लिए वो मुझे महत्व दे रही थी।

हमारा व्यवहार एक-दूसरे की कदर और आदर वाला था.. पर इसे कीर्ति उलटा समझ रही थी। क्योंकि जब हम सबने चीयर्स किया.. तब कीर्ति ने भी गिलास आगे बढ़ाया था.. पर चीयर्स मेरे गिलास से हुआ.. जिस वजह से उसे लग रहा था कि मेरी सहेली है.. लेकिन मेरे से बातें करने की बजाए नील से बातें करे जा रही है और उसकी बातें खत्म ही नहीं हो रही हैं।

कीर्ति जब भी कोई बात करने को होती.. तो उसकी बात कट जाती.. जबकि हमारी ऐसी मंशा नहीं थी.. पर उसके दिमाग में ये घर करने लगा।

फिर डान्स चालू हुआ तो अपर्णा जबरदस्ती मुझे खींच कर ले गई और वो काफी फ्रेन्डली बन कर डान्स कर रही थी.. पर वहाँ भी कीर्ति बात को उलटा ले रही थी।

पार्टी खत्म हुई.. हम वहाँ से चल दिए।
हम चले जा रहे थे.. कीर्ति नाराज थी। अभी तक सही में मुझे पता नहीं था कि वो क्यों नाराज है और मुझसे बिना बात किए तेज चल रही थी।
मैंने रोका- क्या हुआ बताओ तो सही?

तब उसने सारी भड़ास निकाली- तुम ये कर रहे थे.. मुझे तो इग्नोर ही कर दिया.. उससे चिपक कर डान्स कर रहे थे.. वहाँ टच कर रहे थे.. मेरी तो इन्सल्ट की..
फिर मैं बोला- हम खुल कर जी रहे हैं तुमने काफी कुछ किया.. मैंने कभी बुरा माना.. तुम्हें तो एन्जॉय करना चाहिए।

वो नाराज तो थी.. क्योंकि जलन सर चढ़ कर बोल रही थी।

मैंने भी आज अपना रोज वाला गेम करने का ‘ना’ बोला- आज बार में नहीं चलते हैं।
कीर्ति बोली- मुझे चलना है।
मैं बोला- नाराजगी छोड़ दो.. आई एम सॉरी.. अगर गलती से भी गलती हुई हो।

उसने दिखावे की स्माइल दी.. फिर लिप किस की.. और हम अलग-अलग बार में घुसे।

कीर्ति एक लड़के पास ड्रिंक काउन्टर पर खड़ी हो गई।

मैं देख रहा था.. उसके पास एक लड़का था.. वो लड़का गोरा-चिट्टा और यंग था। वैसे भी कीर्ति को काले लोग पंसद नहीं है और न ही काले लंड।

कीर्ति उसको लाइन देने लगी.. फिर वो लड़का बात करने लगा।

मैंने देखा कि वो कैसे जल रही थी.. वो दिखाने के लिए वो उस लड़के से ज्यादा नजदीकियाँ बढ़ा रही थी.. उसके साथ फ्रेन्डली और टची हो रही थी और मेरी और देख रही थी।

वो सोच रही थी कि मुझे जलन हो रही है.. पर मैं प्यारी स्माइल दे रहा था।

अब मैं उसे प्लान के मुताबिक टकराने चला और जाकर कीर्ति से टकराया और ‘सॉरी’ बोला.. स्माइल दी और वाशरूम के कोने पर जाकर उसके आने का इन्तजार करने लगा.. पर कमाल की बात थी.. वो आई ही नहीं।

जब मैंने वापस आकर देखा तो वहाँ कीर्ति नहीं थी। मैंने उसे यहाँ-वहाँ ढूँढा.. पर वो कहीं नहीं थी।
मैं बार से बाहर निकला तो वो रोड के किनारे खड़ी थी।

मैंने जाकर कहा- यहाँ क्या कर रही हो.. मैं तो वहाँ तुम्हारा इन्तजार कर रहा था?
कीर्ति- मैं उस लड़के के साथ थोड़ा टाइम स्पेन्ड करने जा रही हूँ।
मैं- क्या?

मुझे कुछ समझ में ही नहीं आया.. जैसे सब स्थिर हो गया हो।

कीर्ति- उसके साथ सिटी की एक कार राइड के बाद वो मुझे होटल छोड़ देगा.. तुम्हें मैं होटल में मिलूंगी।
मैं- तुम ऐसा नहीं कर सकती.. आखिर मैंने ऐसी कौन सी गलती की कि ऐसा कर रही हो?
कीर्ति- तुम्हारी गलती तुम जानो..

मैं तो हक्का-बक्का था।
तभी वो लड़का कार लेकर आया.. अन्दर बैठे-बैठे उसने दरवाजा खोला.. कीर्ति को अन्दर आने का इशारा किया।
उसने पूछा- यह कौन है?

कीर्ति- पता नहीं.. वो टकरा कर ड्रिंक गिराई थी न.. उसके लिए फिर से माफी मांगने आया था।
यह कह कर वो उसके साथ बैठ गई और कार चल दी।

मैं तुंरत टैक्सी लेकर उसके पीछे चल दिया.. वो किसी छोटे से फार्म हाउस में घुसे।
मैंने टैक्सी वाले को आगे रोका और वहीं रुके रहने को बोला और कहा- तुम्हें पूरा भाड़ा मिल जाएगा।

मैं फार्म हाउस में घुसा.. क्योंकि जल्दी में गेट भी बंद नहीं किया गया था।

फार्म हाउस छोटा था.. पर सुंदर था, एक स्विमिंग पूल था.. काफी सारे पेड़ पौधे थे.. और बहुत ही सुंदर सजावटी मूर्तियाँ भी थीं।

फार्म हाउस पर शायद एक ही कमरे का घर था.. जिसकी विन्डो स्वीमिंग पूल की ओर थी। विन्डो काफी बड़ी और कांच की थी.. परदे थे.. पर विन्डो में लगे हुए नहीं थे।

अन्दर नाइट लाइट जल रही थी.. इसी लिए साफ दिख रहा था.. पर शायद अन्दर से बाहर कुछ नहीं दिखता था।
वो दोनों अन्दर पहुँचे।

मेरी बीवी और वो लड़का बिस्तर पर साथ बैठे थे। दोनों बातें कर रहे थे और वो लड़का मेरी बीवी के बालों को.. तो कभी हाथों को.. तो कभी जांघ को सहला रहा था।

फिर वो उठा और कुछ लेने गया.. मैं बाहर से सब कुछ देख रहा था।
तभी मैंने कीर्ति को कॉल किया.. उसने देखा और काट दिया।

फिर उसने मैसेज किया- क्या है.. बोलो?
मैंने रिप्लाई किया- कहाँ हो?
कीर्ति- रोड पर बैठ कर बातें कर रहे हैं घंटे भर में आ जाऊँगी।

तभी वो लड़का दो गिलास लेकर वापस आया और दोनों ने पी.. फिर जोरों से किस करने लगे।

मैंने मोबाइल से जूम करके फोटो खींची.. और कीर्ति को सेन्ड की।

‘मैं देख रहा हूँ कि तुम खुले आसमान का कितना मजा ले रही हो।’

इतने में वो लड़का कपड़े निकालने उठा.. तब कीर्ति ने फोटो देखी और बिस्तर पर बैठे-बैठे विन्डो की ओर देखा। विन्डो से थोड़ी दूर से मैं उन्हें देख रहा था।

फिर वो नॉर्मल हुई और लड़के की ओर देखने लगी।

अब तक वो लड़का अपने सब कपड़े निकाल कर बिस्तर पर लेट गया था।

कीर्ति ने वेस्टर्न ड्रेस पहना था.. वो खड़ी हुई.. फिर वो भी अपनी ड्रेस निकालने लगी। उसने मुझे दिखाने के लिए खड़े होकर ड्रेस निकाली।
फिर विन्डो की ओर परदे लगाने आई।

परदे लगाते समय पर उसकी आँखों में बदला ले लिया.. जैसी झलक देखने मिल रही थी। ईर्ष्या.. उसकी हल्की सी अभिमानी स्माइल जैसे मुझे चिल्ला कर कह रही हो कि तुम बेबस हो।

मेरी आँखों में से आंसू निकल रहे थे।
उसने परदा बंद कर दिया.. तभी कीर्ति का कॉल आया।
मैं- हैलो.. हैलो..
पर उसने चुदाई की आवाजें सुनाने के लिए कॉल किया था।

आखिरकार किसी स्त्री की ईर्ष्या इतनी हद तक जा सकती है.. कि उसका ऐसा बदला..!
फिर मैंने आंसू रोके हुए उसकी कामुक आवाजें सुन रहा था।

‘ओहहह.. उम.. मम.. अहह.. ओहह.. जोर से.. अइइइ..’
यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !

इस तरह की आवाजें सुन कर मेरा खड़ा हो गया.. मैं सोच रहा था कि ऐसे समय पर ये साला कैसे खड़ा हो सकता है।

पर ये सब समय और संयोग की बात है.. ऐसी स्थिति में भी खड़ा हो जाता है।

मैंने आवाजें फोन पर सुनते-सुनते मुठ मारी और झड़ गया।
फिर अकेला टैक्सी से वापस होटल के कमरे में आ गया और बिस्तर पर पीठ ऊपर करके सो गया।

कीर्ति दो घन्टे बाद आई.. वो लड़का छोड़ने आया होगा।

उसने मेरी वाइफ को दो घन्टे तक भोगा था.. काफी देर तक चुदाई करके कीर्ति आई।

मैं पीठ करके सोया हुआ था और वो पीछे चुपचाप कपड़े निकाल कर मेरे बाजू में सो गई।
हम दोनों साथ में हमेशा नंगे ही सोते हैं।

मैं उसकी ओर घूमा.. वो मेरी ओर ही मुँह करके लेटी हुई थी।

मेरी आंख भर आई थी। कीर्ति ने मुझे किस किया और फिर ‘सॉरी’ बोला.. तब उसकी भी आंखें भर आई थीं।

कीर्ति- जो भी हो.. पर आई लव यू.. वेरी मच..
मैं- आई लव यू टू हनी..

मैंने स्माइल दे कर जता दिया कि माफ किया।

कैसी लगी आपको कहानी.. मैंने कहा था ना.. कि ऐसी कहानी कहीं नहीं पढ़ी होगी.. क्योंकि सब कुछ रीयल है।

अब आप लोग ही बताइए.. गलती किसकी बड़ी थी और उसकी सजा ऐसी होनी चाहिए थी?

मैं अपनी बीवी से प्यार करता हूँ.. उसे जो पसंद वो मेरे लिए ठीक है।

आप मुझे [email protected] पर कहानी कैसी लगी बता सकते हैं। वादा है कि मेरा रिप्लाई जरूर मिलेगा।

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