बस में मिली राजस्थानी भाभी की चुदाई स्टोरी

(Bus Me Mili Rajsthani Bhabhi Ki Chudai Story)

वेन देसल 2019-09-07 Comments

नमस्कार दोस्तो, मेरी पिछली चुदाई स्टोरी
फुफेरी भाभी को दारू पिला कर चोदा
के लिए कई सारे ईमेल आए, जिसमें ज्यादातर ईमेल भाभी की पिक्चर मांगने के लिए थे. मैं माफ़ी चाहता हूं, मैं किसी की पर्सनल पिक्चर नहीं दे सकता. बाकी उस कहानी को लोगों ने पसंद किया उसके लिए धन्यवाद.

यह कहानी 20 दिन पहले की है. जैसा कि पिछली कहानी में मैंने बताया था कि मैं फाइनेंस कंपनी में हूं तो मुझे ज्यादातर बाहर ही घूमना-फिरना पड़ता है. मेरे पास में गाड़ी है, लेकिन उसका एक्सीडेंट होने की वजह से वो रिपेयर के लिए गैरिज में खड़ी है.

मुझे एक फ़ाइल के चक्कर में ब्यावर जाना जरूरी था तो मैंने बस से जाना फाइनल किया. ब्यावर जाते वक्त में राजस्थान रोडवेज की बस में गेट से आगे की 2 लोगों वाली सीट पर बैठा और पास वाली सीट पर अपना बैग रख दिया.

धीरे धीरे बस में सवारियां बढ़ने लगीं. कुछ देर बाद एक लेडी अन्दर आई और जगह फुल होने के कारण, वो मेरे पास आकर पूछने लगी कि यहां पर कोई आएगा?

मैंने कहा- नहीं.
तो उसने कहा कि अगर आपको कोई ऐतराज नहीं हो, तो मैं विंडो सीट पर बैठ जाऊं.
मैंने कहा- ठीक है.
उस लेडी को मैंने खिड़की वाली सीट दे दी.

अब मैं आपको उसके बारे में बता देता हूं. उसने राजपूताना पोशाक पहन रखी थी. उस पोशाक में वो बहुत ही खूबसूरत दिख रही थी. उसने अपने सर पर घूंघट ओढ़ रखा था. उसका फिगर 36-28-32 का था. बाद में उससे कुछ देर की बातचीत के बाद मुझे उसका नाम मालूम हुआ था. उसका नाम रीना था और उसको भी ब्यावर जाना था.

बस अजमेर बस स्टैंड से निकली, तो मैं अपने बैग को अपने हाथों में लेकर सोने का नाटक करने लगा. थोड़ी दूर चलने पर मैं धीरे से अपने हाथ को उसके हाथ से टच करने लगा. उसकी तरफ़ से कोई प्रतिक्रिया नहीं हो रही थी, तो मैंने धीरे से अपने पैरों को उसके पैरों पर टच किया और अपने पैर को उसके पैर पर रख कर धीरे धीरे सहलाने लगा.

वो कुछ बोल नहीं रही थी और इधर मेरी हिम्मत बढ़ रही थी. मैंने उससे काफी देर तक कोई बात नहीं की लेकिन अपने पैरों को उसके पैरों पर और अपने हाथों को उसके हाथों पर मसलना जारी रखा.
इस कारण उसने एक बार मुझे गुस्से वाली नजर से देखा, लेकिन बोली कुछ नहीं.

पहले तो उसकी इस नजर से मैं डर गया, लेकिन जब उसने कुछ बोला नहीं, तो मैंने वापस इस बार अपने हाथ को सीधा उसके बोबे पर रख दिया. उसने मुझसे ये उम्मीद नहीं की थी, लेकिन हां मेरे हाथ रखने पर उसकी सांसें तेज हो गयी थीं. मुझे फिर पता चला कि वो मेरे हाथ और पैरों को मसलने से ही गर्म हो गयी थी.

इस बार उसने कुछ भी नहीं बोला, तो इससे मेरी हिम्मत बढ़ गयी. मैंने उसके बोबे पर हाथ को सख्ती से रखा और धीरे धीरे उसको दबाने लगा. उसने मेरी हरकत का कोई विरोध नहीं किया बल्कि वो मेरा साथ देने लग गयी. उसने अपने हाथों से मेरा हाथ पकड़ा और अपने बोबे को जोर से दबवाने में लग गयी. अब उसकी सांसें तेज हो गयी थीं. वो इतनी गर्म हो गयी थी कि उसने मेरा हाथ पकड़ कर अपने कपड़ों के ऊपर से ही चूत पर रख दिया था.

अभी तक हमने एक दूसरे से सीट एक्सचेंज के अलावा बात तक नहीं की थी.

मैं उसकी चूत को उसकी लहंगे के ऊपर ही दबाने लगा. वो इतनी अधिक चुदासी हो गयी थी कि उसने धीरे से मेरे कानों के पास पप्पी करके कहा कि थोड़ा जोर जोर से दबाओ.

मैं भी उसकी बात को मान कर उसके कपड़ों के ऊपर से ही जोर जोर से चूत और कभी बोबे को दबाने लगा.
थोड़ी ही देर में उसका पानी छूट गया. अब वो बहुत ज्यादा खुश लग रही थी.

फिर उसको मैंने बोला- मेरा भी पकड़ लो.
वो बोली- जरूर … अब तो पकड़ूंगी ही नहीं बल्कि इसको खा जाऊंगी.
मैं बोला- खा भी जाना … लेकिन अभी तो कुछ करो … मेरा तो पेन्ट फाड़ कर बाहर आने की कोशिश कर रहा है.

उसने सीधा अपना हाथ मेरे लंड पर रखा और मैंने उसके ऊपर बैग रख दिया, जिससे ये खेल किसी को दिखे नहीं.

फिर उसने मेरे लंड को कपड़े के ऊपर से ही पकड़ा और दबाने में लग गयी. मुझे भी आनन्द की अनुभूति हुई. मेरी आंखें भी बन्द हो गईं और थोड़ी देर उसके मसलने के कारण लंड ने भी माल छोड़ दिया. मैं ठंडा हो गया.

अब मैंने उससे बातें शुरू की. पहले तो उसका नाम पूछा, तो उसने अपना नाम रीना बताया.
मैंने उससे पूछा कि आपकी शादी को कितने महीने हुए हैं?
उसने कहा- महीने … अरे साल हो गए हैं.
मैंने पूछा- कितने?
उसने कहा कि आप अपना नंबर दो, मैं आपको फ़ोन करके बताऊँगी कि कितने साल हुए हैं.

मैंने उसको नंबर दे दिया.

फिर मैंने उससे उसके फिगर के बारे में पूछा, तो उसने बताया कि ये सारी बातें हम लोग फ़ोन पर करेंगे. अभी तो अपना स्टॉप आने वाला है.
मैंने उसको कहा- मेरे साथ चलो मुझे आपके साथ और मस्ती करनी है.
तो वो बोली- आप ब्यावर से ही हो क्या?
मैंने कहा- नहीं … मैं अजमेर से हूं. यहां मेरे फ्रेंड का रूम है, उसके कमरे पर चलते हैं.
दो मिनट उसने सोचा और बोला- ठीक है … चलो.

मैंने अपने फ्रेंड को कॉल किया और उसको बोल दिया कि मुझे एक घंटे के लिए रूम चाहिए.
वो समझ गया था कि मुझको कोई चूत मिल गई है. वो झट से राजी हो गया … क्योंकि जब वो अजमेर आता है, तो मैं भी उसे किसी लौंडिया को चोदने के लिए उसको अपना रूम दे देता हूं.

इसी बीच उसने भी अपने घर फोन कर दिया था कि बस में बैठ गई हूँ. आने में कुछ देर लग जाएगी.

दोस्तो, वैसे तो ब्यावर 80 से 90 मिनट में आता है … लेकिन उस दिन तो बस के सफर का पता नहीं लगा. हम दोनों बस से उतर गए, ऑटो लिया और रूम के लिए निकल गए.

मेरे फ्रेंड ने मुझे रूम की चाभी दी और मेरे कान में बोला कि कुछ खाने और पीने का सामान मैंने अन्दर रख दिया है … साथ में कंडोम भी अन्दर दराज में पड़े हैं. तुम एन्जॉय करो, मैं आराम से आ जाऊंगा.
मैंने कहा- ठीक है.

मैं उस लेडी को लेकर अन्दर रूम में चला गया और रूम को बन्द कर लिया. अन्दर आते ही मैंने उनको कसके पकड़ लिया और किस करने लग गया. फिर धीरे धीरे मैंने उसके मम्मों को कपड़े के ऊपर से ही मसलना शुरू कर दिया. उसने भी मेरा साथ दिया और हम दोनों एक दूसरे में खो गए.

धीरे धीरे हम दोनों के जिस्म से कपड़े अलग होने शुरू हो गए. मैंने उसके सभी कपड़ों को उसके जिस्म से अलग किया और उसने भी मेरे कपड़ों को अलग कर दिया.

उसने मेरा लंड अपने हाथों में लिया और बोली- मेरे पति का लंड तो छोटा सा और पतला है. तुम्हारा लंड तो काफी मोटा और बड़ा है. ये मेरी चूत का भोसड़ा बना देगा.
मैंने उसके दूध दबाते हुए कहा- आज मैं तुम्हें खूब मस्त तरीके से चोदूंगा, तुम बस आगे देखती जाओ.

जैसे कि हमारे पास सिर्फ एक घण्टा ही था, तो मैं उसको सीधा बेड पर लिटाते हुए उसके ऊपर चढ़ गया. उसको किस करते हुए उसके बोबे को बहुत जोर से मसलने लगा. फिर धीरे धीरे मम्मों को चूसने लगा. मैंने उसके मम्मों को चूस चूस कर लाल कर दिया और धीरे धीरे काटने लगा. वो मादक सिसकारियां ले रही थी. साथ ही वो मेरा सर दबा रही थी कि मैं उसके मम्मों को और जोरों से चूसूं, जिससे उसकी चूत में चुदास बढ़ने लगे.

मैंने उसकी चूची के बाद उसकी कमर, फिर नाभि को भी खूब चूसा. इसके बाद मैंने उसकी चूत देखी, उस पर एक भी बाल नहीं था. मैंने उसकी तरफ देख कर चूत पर हाथ फेरा, तो वो बोली कि इधर के बाल कल सुबह ही साफ़ किये थे.

उसकी चूत को चाटने के पहले मैंने बगल की टेबल पर रखी बियर की कैन का ढक्कन खोला और उससे पूछा- चलेगी?
उसने ना में सर हिलाया, तो मैंने गट गट करके एक ही सांस में पूरी कैन खाली कर दी.

वो बोली- मुझे घर जाना है, अगली बार हम दोनों खुल कर मस्ती करेंगे.
मैं समझ गया कि ये पीती तो है, पर आज घर जाने की वजह से मना कर रही थी.

बियर तेज नशे वाली थी, तुरंत ही चटकने लगी.

अब मैंने उसकी चूत पर किस किया क्योंकि मुझे शराब के नशे में चूत चाटने में मजा आता है. मैंने कोई दो मिनट उसकी चूत चाटी. वो मस्त हो गई और एकदम से चुदासी हो गई.

उसने अपनी चूत हटाते हुए कहा- लंड से ही चोद कर झाड़ना … ऐसे नहीं.

ये सुनकर मैंने अपना लंड उसके सामने कर दिया. अब उसकी बारी थी. उसने मेरे लंड को बहुत मस्त तरीके से चूसा, मुझे तो जन्नत का मजा मिल रहा था.

मुझे लगा कि अब मैं बस इसके मुँह के अन्दर ही झड़ जाऊं लेकिन मैंने उसके मुँह से अपना लंड बाहर निकाल कर थोड़ा आराम किया ताकि दूसरी बार डिस्चार्ज होऊं, तो उसकी चूत में ही होऊं. पहली बार तो बस में ही हो गया था.

मैंने कंडोम लगाया और धीरे धीरे उसकी चूत पर रगड़ने लगा. उससे बर्दाश्त नहीं हो रहा था, तो उसने मेरा लंड पकड़ कर अपनी चूत पर लगा कर सीधा ही खुद को नीचे धक्का देने लग गयी, जिससे मेरा आधा लंड उसकी चूत में चला गया. वो सिसकारियां लेने लगी.

फिर मैंने फिर अपने लंड को सुपारे तक बाहर निकाला और एक जोर का झटका दे मारा.
मैंने इस बार के झटके में अपना पूरा लंड उसकी चूत में डाल दिया था. वो तेज दर्द से चिल्लाने लगी. मैं थोड़ा सा रुक कर उसके मम्मों को मसलने लगा और चूसने लगा.

थोड़ी ही देर में उसने चुदाई करने का इशारा किया, तो मैंने फिर अपनी स्पीड बढ़ा दी और धक्के पर धक्के लगाने लगा. वो मुँह से मादक सिसकारियां निकाल रही थी. उसकी सिसकारियों से मेरा जोश बढ़ रहा था. मैं अपने लंड को पूरा बाहर निकाल कर उसकी चूत की गहराइयों में वापस डाल रहा था. मैंने अपनी पूरी स्पीड उसको चोदने में लगा दी. वो दस मिनट की चुदाई में दो बार झड़ चुकी थी.

वो इस वक्त तीसरी बार गर्म हो चुकी थी. उसने मुझसे कहा कि मैं ऊपर आना चाहती हूं.

मैंने उसकी ये बात मान ली और सीधा लेट गया. वो मेरे खड़े लंड पर बैठ गयी. मेरा लंड सीधा उसकी चूत की गहराइयों में गोते लगाने लगा. वो उछल उछल कर मजे से चुद रही थी और उसके 36 इंच के दूध मस्ती से उछल रहे थे. मैं अपने हाथों से उसके मम्मों को दबाने लगा. हमें चुदाई करते हुए 25 मिनट से ज्यादा टाइम हो गया था.

मुझे लगा कि मैं अब झड़ने वाला हूं, तो मैंने कहा कि तुम अपनी स्पीड बढ़ा दो.
वो बोली कि हां मैं भी झड़ने वाली हूं.

वो जोर जोर से ऊपर नीचे होने लगी और दो मिनट के बाद हम दोनों ही झड़ गए. वो मेरे ऊपर ही लेट गयी. वो बोलने लगी- इतना मजा तो मुझे मेरे पति के साथ नहीं आया, जितना कि आज तुम्हारे साथ आया है.

मैं उसे अपने सीने से चिपकाए हुए ही उसके बालों को सहलाने लगा और उसके माथे पर किस करने लगा. मैंने उसकी चूत से अपना लंड निकाला और उसके ऊपर से कंडोम हटा कर दूसरी तरफ रख दिया.

मैं बोला- यार, मैंने भी कई भाभियों के साथ सेक्स किया है, लेकिन उन सबमें से तुम्हारे साथ सेक्स करने में बड़ा मजा आया. तुम्हारी चूत उन सभी की चुत से टाइट थी. सच में लंड को कुंवारी चूत चोदने मजा आ गया.
वो भी मेरे लंड की तारीफ़ करने लगी.

फिर मैंने टाइम देखा, तो मैंने सोचा कि दूसरा राउंड लेने की जगह अब चलना ठीक होगा … क्योंकि मुझे भी अपने काम पर जाना था और उसको भी अपने घर पर जाना था.

हमने अपने अपने कपड़े पहने और एक दूसरे को किस किया और वापस मिलने का वादा करके में उसको ऑटो से बस स्टैंड छोड़ कर अपने रास्ते चला गया.

उसने मुझसे मेरा फोन नम्बर ले लिया और मुझसे जल्दी ही चुदने के लिए वादा किया है.

दोस्तो, मेरी ये चुदाई स्टोरी आपको कैसे लगी, आप अपनी प्रतिक्रिया देने के लिए मुझे मेल जरूर करें.
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