मेरी प्यासी क्लाइंट ने घर बुला कर चुदवाया

(Meri Pyasi Client Ne Ghar Bula Kar Chudwaya)

मैं एक वकील हूँ. मैंने एक प्यासी क्लाइंट को चोदा था, उसकी चुदाई की कहानी मैं बताऊंगा।
हेलो फ्रेंड्स, मेरा नाम संजय है और मैं कानपुर उ०प्र० से हूँ। मेरा रंग साफ़ है और लौड़ा करीब 8 इंच बड़ा है। आज मैं आप को अपनी लाइफ का एक अच्छा अनुभव बताने जा रहा हूँ।

इस चुदाई की स्टोरी में जो औरत है उसका नाम संगीता (बदला हुआ नाम) वो 22-23 साल की छोटी छोटी चुचियों वाली और मस्त गांड वाली औरत है। उसके पति ने उसे छोड़ दिया था तो अपने पति पर मुकदमा दायर करने के लिए वो कचहरी में आयी थी. तभी उसको पहली नजर में देख कर उसे चोदने का ख्याल आया मेरे मन में!
साड़ी पहने हुयी पतली कमर, फूली हुयी गाण्ड, छोटी चुची मन तो किया कि अभी पटक कर चोद दूं।

फिर मैं उसके बताने पर उसके पति के खिलाफ मुकदमा दायर कर दिया और इस प्रकार वो हर तारीख पर कचहरी आने लगी।

एक दिन कचहरी आने पर उसने मेरा फोन नम्बर मांगा तो मैंने दे दिया. उस वक्त मेरे दिमाग में कुछ गलत ख्याल नहीं था.
फिर उसी रात को उसका फोन आया. मैंने सोचा कि इतनी रात को पता नहीं कौन है. मैंने फोन रिसीव किया तो उसी का फोन था.

फिर ऐसे हमारी बातें होने लगी‚ धीरे-धीरे सेक्सी बातें भी होने लगी।

एक दिन उसने मुझे अपने घर बुलाया. मैं उसके घर गया, उस वक्त उसके घर पर कोई नहीं था. मेरे पूछने पर उसने बताया कि सब लोग खेत पर गये हुए हैं.
उसने मुझे बैठने को कहा और फिर वो मेरे लिए चाय बना कर लायी.

हम दोनों चाय पीने लगे. चाय पीते-पीते मैं उससे बातें कर रहा था कि उसके पति और उसके बीच क्या क्या हुआ था कि बात अदालत तक पहुँच गयी.
तो वो बोली कि उसके पति का किसी दूसरी लड़की के साथ चक्कर चल रहा है‚ वो उसके पास ही ज्यादा रहते हैं.

यही सब बताते बताते वो रोने लगी तो मैंने उसको चुप कराया. मैं उसके आंसू पौंछ रहा था तो तभी वो मेरे गले लग गयी. तब मुझे लगा कि इस औरत के साथ चुदाई का चान्स है!
हमारे बीच फोन पर सेक्स सम्बन्धी बातें तो होती ही थी तो फिर चाय खत्म करने के बाद वो कुछ बोलती, उससे पहले ही मैंने उसको पकड़ा और किस करना चालू कर दिया.
कुछ मिनट तक मैं उसको किस करता रहा, किस करते करते उसने भी मुझे एक स्मूच दे दिया और इस स्मूच से पता चला कि वो अपनी चूत चुदाई के लिये तैयार ही थी।

मैंने भी उसे टाईट चुम्मी देकर उसके चुचियों के ऊपर हाथ दबाया। वो कुछ नहीं बोली। मैंने हाथ को उसकी मोटी गांड के ऊपर रख के दबाया।
वो जान गई कि जल्दी ही हम दोनों के बीच में संभोग होना है। उसने सीधे सीधे अपना टॉप खोल कर कहा- संजय चलो जो करना है, वो जल्दी जल्दी कर ही लेते हैं!

जब एक औरत चुदासी होती है तब आप के लिए मुश्किलें बढ़ जाती हैं क्यूंकि मर्द को उसकी प्यास बुझाने के लिए सक्षम होना खूब जरूरी है।

जैसे ही उसने अपना टॉप उतारा, मैंने उसकी ब्रा और लहंगे को निकाल दिया और मैं उसे हर जगह पर चूमने और बाईट देने लगा। मैंने उसे दीवार के पास खड़ा कर के उसकी पेंटी खींची और उसकी चुत को खाने लगा। उसकी चुत गुलाब के फूल के जैसी खिली हुई थी और उसके अन्दर से मस्त महक भी आ रही थी। चुदवाने के लिए उसने अपनी चुत एकदम साफ़ करके रखी हुई थी। उसकी चुत को खाने से जो मजा आ रहा था वो मैं आप को शब्डों में बता ही नहीं सकता दोस्तो!

मैं उसकी चुत को जोर जोर से चाटता गया, उसने भी अपने हाथों को मेरे सर के ऊपर दबा कर अपनी चुत को घिसा मेरे मुंह पर … और वो जोर जोर से सिस्कारियां भर रही थी अह्ह्ह उम्म्ह… अहह… हय… याह… अह्ह्ह खा जाओ मेरे भोसड़े को संजय … अह्ह्ह अह्ह्ह और जोर से करो प्लीज़!

मैंने अपनी पूरी जबान को उसकी चुत में डाली तो वो मचल सी गई। मैंने संगीता की चूत को अपनी जीभ से खूब चोदा और फिर उसकी चुत के रस ने मेरे मुख में बहना चालू कर दिया। मैं उसे पी गया।

फिर मैंने उसे अपना लौड़ा चूसने के लिए दे दिया। उसने मुझे ब्लोजोब देना चालू कर दिया। उसने जिस ढंग से लौड़ा चूसा, उससे मुझे बहुत मजा आने लगा था। वो लौड़ा चूसने की पक्की खिलाड़िन लग रही थी।
मैंने उसे कहा- आपके हसबंड को तो बहुत मजा आता होगा आपसे लौड़ा चुसवा के?
उसने कहा- मेरे हसबंड का तो मैंने मुंह में लिया ही नहीं कभी।
और फिर उसने कहा- मैं ये सब पोर्न मूवी देख देख कर ही सीखी हूँ!

अब मैं उसके साथ 69 पोजीशन में आ गया। और कसम से इस पोज में जो मजा है वो आधी चुदाई की फीलिंग जैसा है।

कुछ देर तक ऐसे मस्त चूत चूसने और लंड चुसवाने के बाद मैं उसके ऊपर मिशनरी पोज में आ गया। मैंने अपने लौड़े को उसकी चुत की दरार पर रखा, उसने मेरा लंड पकड़ कर अपनी चूत के छेद पर सही से टिकाया और अपने चूतड़ नीचे से उछाल कर मुझे इशारा किया कि मैं चुदाई शुरू कर दूँ. मैंने भी ऊपर से एक झटका उसकी चूत में लगाया और अपना पूरा लंड एक बार में ही उसकी चूत की गहराई में डाल दिया. मैंने उसकी चुत चाट चाट कर एकदम चिकनी कर दी थी इसलिए लौड़ा एकदम आराम से अंदर चला गया। और फिर कभी हल्के कभी तेज धक्के मार कर उसे चोदने लगा।

हम दोनों के बदन ऐसे चिपक गए जैसे एक दूसरे के अन्दर समा से गए, हमारी साँसों के साथ साँसें मिल गई और फिर हम दोनों चुदाई के दरिया में डूब गए।

संगीता को मैंने इन 5 घंटों में 3 बार चोदा.
और उसके बाद भी इसी तरह उसे जब भी मौका मिलता वो मुझे अपने घर बुला कर खूब मस्त होकर मजे ले ले कर चुदती थी. कई बार तो हमने बाहर होटल में जाकर भी खुब चुदाई की।

और एक बात जो मैं सभी पाठकों को ख़ास तौर से बताना चाहूँगा कि संगीता में एक बहुत बड़ा गुण था कि वो लण्ड को चूसना बहुत अच्छे से जानती थी।

आप लोगों को मेरी यह सेक्स कहानी कैसी लगी? प्लीज मुझे मेल करके बतायें और अगर कोई गलती हो तो मुझे क्षमा करें। मेरी कहानी पढ़ने के लिए धन्यवाद.
मेरी मेल आईडी है [email protected]

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